भारत में हवा का आपातकाल : 70 फीसदी शहरों में दमघोटूं हुई हवा, महज 11 फीसदी शहरों में साफ

देश में बहादुरगढ़ की स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 445 तक पहुंच गया है। इसी तरह दिल्ली, भिवानी, और बीकानेर में भी वायु गुणवत्ता आपात स्थिति में बनी हुई है
भारत की 96 फीसदी आबादी यानी 133 करोड़ लोग ऐसी हवा में सांस लेने को मजबूर हैं जहां पीएम 2.5 का वार्षिक औसत स्तर डब्ल्यूएचओ द्वारा जारी मानकों से सात गुणा खराब है; फोटो: आईस्टॉक
भारत की 96 फीसदी आबादी यानी 133 करोड़ लोग ऐसी हवा में सांस लेने को मजबूर हैं जहां पीएम 2.5 का वार्षिक औसत स्तर डब्ल्यूएचओ द्वारा जारी मानकों से सात गुणा खराब है; फोटो: आईस्टॉक
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भारत में बढ़ता प्रदूषण जानलेवा स्तर तक पहुंच गया है, स्थिति यह है कि देश के महज 11 फीसदी शहरों में हवा साफ है, जबकि करीब 70 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक बने हुए हैं। आंकड़ों पर नजर डालें तो दिल्ली सहित तीन अन्य शहरों में प्रदूषण से हालात गंभीर हैं।

आंकड़ों पर नजर डालें तो दिल्ली सहित तीन अन्य शहरों में प्रदूषण से हालात गंभीर हैं।  दिल्ली में जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 441 दर्ज किया गया है। वहीं बहादुरगढ़ में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 445 तक पहुंच गया है। इसी तरह भिवानी (415), और बीकानेर (403) में भी वायु गुणवत्ता आपात स्थिति में है। इन सभी शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 400 के पार पहुंच गया है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा मानकों के आधार पर देखें तो जहां बहादुरगढ़ में प्रदूषण का स्तर 2,867 फीसदी अधिक है। वहीं दिल्ली में भी प्रदूषण मानकों से 2,840 फीसदी अधिक दर्ज किया गया है। जो स्पष्ट तौर पर दर्शाता है कि भारतीय शहरों में हवा स्वास्थ्य के लिए बहुत ज्यादा खराब है।

इसी तरह ताजा रुझानों के मुताबिक देश के 21 शहरों में स्थिति 'बेहद खराब' है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 301 से 400 के बीच है।

इन शहरों में बल्लभगढ़, भिवाड़ी, बुलन्दशहर, चुरू, धारूहेड़ा, दुर्गापुर, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, हाजीपुर, हापुड, हिसार, झुंझुनूं, जींद, नागौर, नोएडा, पानीपत, पटना, रोहतक, सीकर और सोनीपत शामिल हैं। कल से तुलना करें तो देश में 'बेहद खराब' हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 24 फीसदी का इजाफा हुआ है।

इसी तरह देश के 46 शहरों में हवा 'खराब' बनी हुई है। इन शहरों में अगरतला, आसनसोल, बद्दी, बदलापुर, बागपत, बैरकपुर, बेगूसराय, भागलपुर, भिवंडी, भोपाल, बिहारशरीफ, बिलीपाड़ा, बोईसर, बक्सर, बर्नीहाट, चंडीगढ़, चरखी दादरी, छपरा, फरीदाबाद, हल्दिया, हावड़ा, जैसलमेर, जोधपुर, कैथल, कानपुर, खन्ना, खुर्जा, किशनगंज, कोलकाता, कुरूक्षेत्र, लखनऊ, लुधियाना, मंडीदीप, मानेसर, मेरठ, मुंगेर, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, पिंपरी-चिंचवाड, राजगीर, समस्तीपुर, सिंगरौली, तालचेर, टोंक, उल्हासनगर, विरार शामिल हैं।

हालांकि कल से तुलना करें तो देश में 'खराब' हवा वाले शहरों की संख्या में 22 फीसदी की गिरावट आई है।

वहीं दूसरी तरफ देश में रामनाथपुरम की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 19 रिकॉर्ड किया गया है। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर बहादुरगढ़ की तुलना रामनाथपुरम से करें तो वहां स्थिति करीब 22 गुणा ज्यादा खराब है।

रामनाथपुरम की तरह ही देश के 26 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता बेहतर बनी हुई है। इन शहरों में आइजोल, अरियालूर, बागलकोट, चामराजनगर, चिक्कामगलुरु, कोयंबटूर, डिंडीगुल, हसन, कलबुर्गी, कांचीपुरम, करूर, कोप्पल, मदिकेरी आदि शहर शामिल हैं। हालांकि चिंता की बात यह है कि देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में कल से 27 फीसदी की गिरावट आई है।

ताजा रुझानों के मुताबिक देश के छोटे-बड़े 51 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक बना हुआ है। इन शहरों में प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुदुचेरी, पूर्णिया, रामनगर, रानीपेट, ऋषिकेश, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिरोही, शिवसागर, तिरुपुर, वाराणसी, वेल्लोर, विजयवाड़ा आदि शहर शामिल हैं।

राहत की बात यह रही कि देश में कल से संतोषजनक हवा वाले शहरों की संख्या में 21 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

अहमदाबाद की तरह ही देश के 103 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम बना हुआ है।

इन शहरों में आगरा, अहमदाबाद, अहमदनगर, अकोला, अमरावती, अम्बाला, अमरावती, अमृतसर, अंगुल, अंकलेश्वर, आरा, औरंगाबाद (बिहार), बालासोर, बांसवाड़ा, बारां, बारबिल, बारीपदा, बाड़मेर, बठिंडा, बेलापुर, भिलाई, भुवनेश्वर, बूंदी, ब्यासनगर, चंद्रपुर, चेन्नई, छाल, चित्तौड़गढ़, कटक, दौसा, देहरादून, देवास, धुले, डूंगरपुर, गांधीनगर, गया, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, ग्वालियर, हनुमानगढ़, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जयपुर, जालंधर, जलगांव, जलना, जालौर, झालावाड़, करौली, करनाल, काशीपुर, कटनी, कोल्हापुर, कोटा, कुंजेमुरा, लातूर, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मांडीखेड़ा, मंगुराहा, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, नागपुर, नांदेड़, नारनौल, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, पाली, पलवल, पंचकुला, पटियाला, पुणे, रायचुर, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रतलाम, राउरकेला, रूपनगर, सागर, सहरसा, सासाराम, सवाई माधोपुर, सिवान, सोलापुर, श्रीगंगानगर, सूरत, टेन्सा, ठाणे, तिरुपति, उदयपुर, उज्जैन, वापी, वातवा, विशाखापत्तनम, वृंदावन, यादगीर, यमुनानगर शामिल हैं।

वहीं कल के मुकाबले देखें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में चार फीसदी की गिरावट आई है।

कुल मिलाकर देखें तो देश में 11 फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं 20 फीसदी से ज्यादा शहरों में स्थिति सन्तोषजनक है, जबकि करीब 70 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक बने हुए हैं।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 17 नवंबर 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 252 में से 27 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 51 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 16 नवंबर 2024 को भी यह आंकड़ा 42 दर्ज किया गया था। 103 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।

दूसरे शहरों की तुलना में बहादुरगढ़ (445) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां आज एक्यूआई 450 के करीब पहुंच गया है। हालांकि कल दिल्ली में हवा बेहद खराब थी। जब एक्यूआई 417 दर्ज किया गया था। इसका मतलब है कि कल से दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक में 24 अंकों का उछाल आया है, जिसके बाद आज भी वायु गुणवत्ता 'गंभीर' स्तर पर पहुंच गई। मतलब की इस महीने में लगातार 18 दिन से हवा ‘जहरीली’ बनी हुई है, जो लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है।

दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 275, गाजियाबाद में 362, गुरुग्राम में 310, नोएडा में 316, ग्रेटर नोएडा में 362 पर पहुंच गया है।

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 179 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 239, चेन्नई में 124, चंडीगढ़ में 287, हैदराबाद में 115, जयपुर में 179 और पटना में 305 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 27 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल, अरियालूर, बागलकोट, चामराजनगर, चिक्कामगलुरु, कोयंबटूर, डिंडीगुल, हसन, कलबुर्गी, कांचीपुरम, करूर, कोप्पल, मदिकेरी, मदुरै, मैहर, मैसूर, नगांव, पुदुकोट्टई, रामनाथपुरम, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुनेलवेली, उडुपी, विजयपुरा शामिल रहे।

वहीं अजमेर, अलवर, अनंतपुर, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बरेली, बेलगाम, बेंगलुरु, भरतपुर, भीलवाड़ा, बिलासपुर, चिकबलपुर, चित्तूर, कुड्डालोर, दमोह, दावनगेरे, धारवाड़, धौलपुर, एलूर, फिरोजाबाद, गडग, गंगटोक, गुवाहाटी, हावेरी, हुबली, झांसी, कल्याण, क्योंझर, कोहिमा, कोल्लम, कोरबा, मंगलौर, नलबाड़ी, नंदेसरी, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुदुचेरी, पूर्णिया, रामनगर, रानीपेट, ऋषिकेश, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिरोही, शिवसागर, तिरुपुर, वाराणसी, वेल्लोर, विजयवाड़ा आदि 51 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

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