पर्यावरण दिवस पर देश के कई शहरों में प्रदूषण से स्थिति बेहद खराब रही। बठिंडा, हनुमानगढ़, रोहतक, और श्री गंगानगर में तो हवा में घुला जहर जानलेवा स्तर तक पहुंच गया। इस दौरान बठिंडा में स्थिति सबसे ज्यादा खराब रही, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) बढ़कर 382 पर पहुंच गया। इसी तरह हनुमानगढ़, रोहतक, और श्री गंगानगर में भी हालात बेहद खराब रहे।
बता दें कि जहां कल इन बेहद खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या दो थी जो आज बढ़कर चार पर पहुंच गई है। इसी तरह देश के छोटे बड़े 27 शहरों में हवा दमघोंटू बनी हुई है। कल से तुलना करें तो इन शहरों की संख्या में भी करीब 69 फीसदी का इजाफा हुआ है। बता दें कि इन शहरों में गुरुग्राम (222), जैसलमेर (232), जींद (233), कैथल (252), कुरुक्षेत्र (246), लुधियाना (241), मानेसर (206), मुजफ्फरनगर (222), नोएडा (268), पंचकुला (280), रूपनगर (285), सिरसा (282), सोनीपत (227) आदि शामिल रहे। कुल मिलकर देखें तो देश में प्रदूषण अब केवल बड़े शहरों तक सीमित नहीं रह गया है। इससे छोटे शहर भी कम प्रभावित नहीं हैं।
राजधानी दिल्ली में भी प्रदूषण ने एक बार फिर करवट ली है। कल से तुलना करे तो 38 अंकों के उछाल के बाद दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 248 पर पहुंच गया है। इसी तरह फरीदाबाद में भी प्रदूषण के स्तर में 98 अंकों का उछाल आया है। वहीं दूसरी तरफ देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में कल से 24 फीसदी की गिरावट आई है। हालांकि इसके बावजूद इन शहरों का आंकड़ा 62 पर बना हुआ है।
इन शहरों में बांसवाड़ा, बारबिल, बाड़मेर, भिवानी, बिलीपाड़ा, बुलंदशहर, बूंदी, बक्सर, बर्नीहाट , चंडीगढ़, चित्तौड़गढ़, चूरू, दौसा, देहरादून, धनबाद, धारूहेड़ा, धौलपुर, डूंगरपुर, दुर्गापुर, गांधीनगर, ग्वालियर, हाजीपुर, हापुड़, जयपुर, जालंधर, जालोर, झुंझुनू, जोधपुर, कानपुर, करौली, करनाल, काशीपुर, खन्ना, खुर्जा, कोरबा, कोटा, कुंजेमुरा, लखनऊ, मंडी विंदगढ़, मंडीखेड़ा, मेरठ, मुरादाबाद, मुजफ्फरपुर, नागौर, पाली, पलवल, पानीपत, पटियाला, पटना, रतलाम, राउरकेला, सवाई माधोपुर, सीकर, टोंक, उदयपुर, उज्जैन आदि शहर शामिल रहे।
आंकड़ों के मुताबिक देश के 42 शहरों में हवा बेहतर बनी हुई है। इन शहरों में अरियालुर, बागलकोट, बरेली, बेलगाम, बेंगलुरु, बिलासपुर, चामराजनगर, चिक्काबल्लापुर, चिक्कमगलुरु, चित्तूर, कोयंबटूर, कुड्डालोर, देवास, धारवाड़, गडग, हल्दिया, हावेरी, कारवार, कटिहार, किशनगंज, कोलार, कोल्लम, कोप्पल, मदिकेरी, मैसूर आदि शामिल रहे। देश में सबसे साफ हवा वाले शहर की बात करें तो इस मामले में चित्तूर अव्वल रहा, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 20 दर्ज किया गया। यदि चित्तूर की तुलना देश के सबसे प्रदूषित शहर बठिंडा से करें तो वहां हवा 19 गुणा साफ है। वहीं कल से तुलना करें तो देश में बेहतर हवा वाले शहरों की संख्या में 35 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है। कुछ ऐसी ही स्थिति कमोबेश संतोषजनक हवा वाले शहरों की भी है, जिनकी संख्या में कल से छह फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। देश में इन संतोषजनक वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या 106 दर्ज की गई, जिनमें भोपाल, भुवनेश्वर, बीदर, बिहार शरीफ, बोईसर, चंद्रपुर, चेन्नई, छाल, छपरा, कटक, धुले, फिरोजाबाद, गंगटोक, गया, गोरखपुर, गुम्मिडीपोंडी, गुवाहाटी, हावड़ा, हुबली, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जलगांव, जलना, झालावाड़, कडपा आदि शामिल थे।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 05 जून 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 241 में से 42 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 106 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 04 जून 2024 यह आंकड़ा 100 दर्ज किया गया था।
62 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही। वहीं 27 शहरों बद्दी, बागपत, बहादुरगढ़, बल्लभगढ़, भिवाड़ी, बीकानेर, ब्रजराजनगर, ब्यासनगर, चरखी दादरी, दिल्ली, फरीदाबाद, फतेहाबाद, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुरुग्राम, जैसलमेर, जींद, कैथल, कुरुक्षेत्र, लुधियाना, मानेसर, मुजफ्फरनगर, नोएडा, पंचकुला, रूपनगर, सिरसा, सोनीपत में स्थिति दमघोंटू है। वहीं बठिंडा (382), हनुमानगढ़ (321), रोहतक (311), श्री गंगानगर (373) में स्थिति जानलेवा है। दूसरे शहरों की तुलना में बठिंडा (382) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 400 के करीब पहुंच गया है।
यदि दिल्ली की बात करें तो यहां वायु गुणवत्ता 'खराब' श्रेणी में है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स 38 अंक बढ़कर 248 पर पहुंच गया। दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 268, गाजियाबाद में 219, गुरुग्राम में 222, नोएडा में 268, ग्रेटर नोएडा में 300 पर पहुंच गया है।
देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 69 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'संतोषजनक' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 116, चेन्नई में 59, चंडीगढ़ में 182, हैदराबाद में 63, जयपुर में 128 और पटना में 108 दर्ज किया गया।
इन शहरों की हवा रही सबसे साफ
आगरा (44) सहित देश के जिन 42 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल 34, अमरावती 49, अनंतपुर 46, अररिया 47, अरियालुर 31, बागलकोट 42, बरेली 34, बेलगाम 48, बेंगलुरु 46, बिलासपुर 42, चामराजनगर 41, चिक्काबल्लापुर 25, चिक्कमगलुरु 40, चित्तूर 20, कोयंबटूर 38, कुड्डालोर 45, देवास 41, धारवाड़ 45, गडग 40, हल्दिया 50, हावेरी 38, कारवार 24, कटिहार 35, किशनगंज 44, कोलार 34, कोल्लम 40, कोप्पल 50, मदिकेरी 39, मैसूर 42, नलबाड़ी 47, नारनौल 50, पिंपरी-चिंचवाड़ 50, रामनगर 30, रामनाथपुरम 32, सांगली 33, सतना 50, सिलचर 44, सिलीगुड़ी 44, तिरुवनंतपुरम 42, तिरुपति 46, और वाराणसी 41 शामिल रहे।
वहीं अगरतला, अहमदनगर, अजमेर, अकोला, अलवर, अमरावती, अंगुल, अंकलेश्वर, आरा, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बालासोर, बारां, बारीपदा, बैरकपुर, बेलापुर, बेतिया, भागलपुर, भरतपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवंडी, भोपाल, भुवनेश्वर, बीदर, बिहार शरीफ, बोईसर, चंद्रपुर, चेन्नई, छाल, छपरा, कटक, धुले, फिरोजाबाद, गंगटोक, गया, गोरखपुर, गुम्मिडीपोंडी, गुवाहाटी, हावड़ा, हुबली, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जलगांव, जलना, झालावाड़, कडपा, कलबुर्गी, कल्याण, कन्नूर, कटनी, क्योंझर, कोहिमा, कोल्हापुर, कोलकाता, लातूर, महाद, मैहर, मालेगांव, मंडीदीप, मंगलौर, मोतिहारी, मुंबई, मुंगेर, नागांव, नागपुर, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुणे, रायचूर, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, सागर, सहरसा, सलेम, सासाराम, शिवमोगा, सिंगरौली, सिरोही, शिवसागर, सोलापुर, सुआकाती, सूरत, तालचेर, टेन्सा, ठाणे, थूथुकुडी, त्रिशूर, तुमकुरु, उडुपी, उल्हासनगर, वापी, वातवा , विजयपुरा, विजयवाड़ा, विरार आदि 106 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है। इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है।
वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है। यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है।
इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।