प्रदूषण पर लगाम नहीं: श्रीगंगानगर टॉप पर, कल से खराब हुई दिल्ली की हवा

विश्लेषण के मुताबिक आज देश के जहां 40 फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं करीब 53 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि दूसरी तरफ 7 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं
बिहार की राजधानी पटना में साल में एक दिन भी हवा की गुणवत्ता अच्छी नहीं रही। फोटो: पुष्यमित्र
बिहार की राजधानी पटना में साल में एक दिन भी हवा की गुणवत्ता अच्छी नहीं रही। फोटो: पुष्यमित्र
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रुझानों से पता चला है कि आज देश में श्रीगंगानगर की हवा सबसे ज्यादा खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 155 दर्ज किया गया। इस दौरान के श्रीगंगानगर की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) हावी रहे।

विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा मानकों के लिहाज से देखें तो श्रीगंगानगर में प्रदूषण 933 फीसदी अधिक है। मतलब की वहां हवा में घुला जहर लोगों की बीमार बना देने के लिए काफी है। गौरतलब है कि कल भी प्रदूषण से श्री गंगानगर की स्थिति सबसे खराब थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 164 तक पहुंच गया था। हालांकि आज 9 अंकों के सुधार के साथ श्री गंगानगर में सूचकांक मध्यम श्रेणी में बना हुआ है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 11 अगस्त को जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि देश के जहां 40 फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं करीब 53 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि दूसरी तरफ 7 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं।

आज देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में औरंगाबाद (बिहार) (153) दूसरे जबकि झांसी (151) तीसरे स्थान पर है। कुछ ऐसे ही हालात सहरसा (151), बद्दी (124) और तालचेर (124) में भी हैं जो आज चौथे, पांचवें और छठे पायदान पर हैं। ग्रेटर नोएडा भी 122 अंकों के साथ सातवें स्थान पर है, जबकि 117 अंकों के साथ बारां आठवें स्थान पर है। इसी तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में छपरा (114) और गाजियाबाद (112) भी शामिल हैं।

आंकड़ों में यह भी सामने आया है कि आज जहां श्री गंगानगर, झांसी, तालचेर आदि शहरों की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) हावी है। वहीं औरंगाबाद (बिहार), सहरसा, बद्दी, ग्रेटर नोएडा, बारां, गाजियाबाद, नोएडा, मेरठ, चुरू, दिल्ली आदि में पीएम10 से स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। इसी तरह कुछ शहरों में ओजोन, जबकि कुछ में कार्बन हावी है।

इन शहरों के उलट आज देश में तंजावुर की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 16 रिकॉर्ड किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर श्री गंगानगर की तुलना तंजावुर से करें तो वहां स्थिति नौ गुणा खराब है।

तंजावुर की तरह ही आज देश के 89 शहरों में हवा साफ दर्ज की गई। इन शहरों में इंदौर, जबलपुर, जलगांव, जलना, कल्याण, करौली, काशीपुर, कटनी, कोल्हापुर, कोलकाता, कोप्पल, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, महाड, मंगुराहा, मिलुपारा, मुंबई, मैसूर, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, ऊटी, पंचगांव, पेरुंदुरई, प्रयागराज, पुदुचेरी आदि शामिल हैं।

हालांकि चिंता की बात यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में तीन फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।

देश में बेंगलुरु सहित 120 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है। इन शहरों में मुजफ्फरपुर, नगांव, नागौर, नागपुर, नलबाड़ी, नांदेड़, पाली, पालकालाइपेरुर, पटियाला, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़, पुणे, पूर्णिया, रायरंगपुर, राजगीर, रानीपेट, रतलाम, राउरकेला, रूपनगर, समस्तीपुर, सांगली, सासाराम, सवाई माधोपुर, शिवमोगा, सीकर, सिंगरौली आदि शामिल हैं। विश्लेषण में यह भी सामने आया है कि देश में साफ हवा वाले शहरों की तरह ही संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में भी चार फीसदी की गिरावट आई है।

राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो कल से प्रदूषण में 30 अंकों का इजाफा हुआ है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता गिरकर मध्यम श्रेणी में पहुंच गई है।

दिल्ली की तरफ ही आज देश के 15 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में औरंगाबाद (बिहार), बद्दी, बारां, बरेली, छपरा, चुरू, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, झांसी, मेरठ, नोएडा, राजसमंद, सहरसा, श्री गंगानगर, तालचेर शामिल हैं।

चिंता की बात यह है कि कल से देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में करीब 78 फीसदी का इजाफा हुआ है।

क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 225 में से 89 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) है। 120 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) रिकॉर्ड किया गया, गौरतलब है कि 10 अगस्त 2025 को यह आंकड़ा 125 दर्ज किया गया था।

16 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में श्रीगंगानगर (155) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 160 के करीब पहुंच गया। कल श्रीगंगानगर में वायु गुणवत्ता सूचकांक 164 रिकॉर्ड किया गया।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में इजाफा हुआ है। इसके साथ ही 30 अंकों के सुधार के साथ दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 106 पर पहुंच गया। मलतब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता संतोषजनक से मध्यम श्रेणी में पहुंच गई है। वहीं आज फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं।  

गौरतलब है कि पिछले चार महीनों जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।

प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज सहरसा चौथे स्थान पर है, वहीं औरंगाबाद (बिहार) (153) दूसरे, जबकि झांसी (151) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 63, गाजियाबाद में 112, गुवाहाटी में 48, गुरूग्राम में 92, नोएडा में 112, ग्रेटर नोएडा में 122 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 49 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘बेहतर‘ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 60, चेन्नई में 53, चंडीगढ़ में 64, हैदराबाद में 63, जयपुर में 92 और पटना में 62 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 89 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, अहमदनगर, अकोला, अनंतपुर, अरियालूर, आरा, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बागलकोट, बालासोर, बारीपदा, बैरकपुर, बेलापुर, भरतपुर, भिलाई, चामराजनगर, चिकबलपुर, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दमोह, देहरादून, डिंडीगुल, फिरोजाबाद, गंगटोक, गुवाहाटी, हल्दिया, हावेरी, होसुर, हुबली, इंदौर, जबलपुर, जलगांव, जलना, कल्याण, करौली, काशीपुर, कटनी, कोल्हापुर, कोलकाता, कोप्पल, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, महाड, मंगुराहा, मिलुपारा, मुंबई, मैसूर, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, ऊटी, पंचगांव, पेरुंदुरई, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनगर, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, सागर, सलेम, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिरोही, शिवसागर, सिवान, सोलापुर, सूरत, टेन्सा, ठाणे, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुमाला, तिरुनेलवेली, तिरुपुर, वाराणसी, वेल्लोर, विजयपुरा, विरार, विरुधुनगर, वृंदावन, यादगीर शामिल हैं।

वहीं आगरा, अहमदाबाद, अजमेर, अलवर, अमरावती, अमृतसर, अंगुल, अंकलेश्वर, अररिया, आसनसोल, बांसवाड़ा, बारबिल, बाड़मेर, बेंगलुरु, बेतिया, भागलपुर, भीलवाड़ा, भिवाड़ी, भिवंडी, भोपाल, भुवनेश्वर, बिहार शरीफ, बीकानेर, बिलासपुर, बोईसर, ब्रजराजनगर, बुलन्दशहर, बूंदी, बक्सर, ब्यासनगर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चेंगलपट्टू, चेन्नई, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, दौसा, देवास, धारवाड़, धुले, डूंगरपुर, दुर्गापुर, एलूर, गांधीनगर, गया, गुम्मिडिपूंडी, गुरूग्राम, ग्वालियर, हाजीपुर, हनुमानगढ़, हापुड, हावड़ा, हैदराबाद, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, जोधपुर, जोरापोखर, कडपा, कलबुर्गी, कांचीपुरम, कानपुर, करूर, क्योंझर, खन्ना, खुर्जा, कोहिमा, कोल्लम, कोटा, लखनऊ, लुधियाना, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मंगलौर, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंगेर, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागौर, नागपुर, नलबाड़ी, नांदेड़, पाली, पालकालाइपेरुर, पटियाला, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़, पुणे, पूर्णिया, रायरंगपुर, राजगीर, रानीपेट, रतलाम, राउरकेला, रूपनगर, समस्तीपुर, सांगली, सासाराम, सवाई माधोपुर, शिवमोगा, सीकर, सिंगरौली, सुआकाती, तिरुचिरापल्ली, तिरुपति, टोंक, तुमिडीह, उदयपुर, उल्हासनगर, वातवा, विजयवाड़ा, विशाखापत्तनम आदि 120 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

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