
दिवाली की रात दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बेहद खराब रहा, जिसमें वजीरपुर का एक्यूआई 423 तक पहुंच गया।
अधिकांश स्टेशनों पर वायु गुणवत्ता सूचकांक 300 से ऊपर था, जो गंभीर स्थिति दर्शाता है।
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का यह स्तर लोगों के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है, विशेषकर बच्चों और बुजुर्गों के लिए।
देश में इस दौरान 460 स्टेशनों के आंकड़े उपलब्ध थे, जिनमें भी वजीरपुर की स्थिति सबसे खराब थी। कुछ ऐसी ही स्थिति अशोक विहार की भी रही, जहां एक्यूआई 411 दर्ज किया गया।
आंकड़ों पर नजर डालें तो आज सुबह भी दिल्ली के 90 फीसदी से ज्यादा स्टेशनों पर वायु गुणवत्ता बेहद खराब या गंभीर स्तर पर है, जो साफ तौर पर दर्शाती है कि दिवाली पर एक बार फिर दिल्ली गैस चैम्बर में तब्दील हो चुकी है।
आज सुबह देश के 494 वायु गुणवत्ता स्टेशनों के उपलब्ध आंकड़ों में दिल्ली के बवाना की हवा सबसे ज्यादा खराब रही, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 427 दर्ज किया गया
दिवाली की रात दिल्ली के ज्यादातर हिस्सों में प्रदूषण का स्तर बेहद खराब रहा। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा रात 11 बजे के लिए जारी आंकड़ों से पता चला है कि इस दौरान वजीरपुर की हवा सबसे खराब रही, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 423 तक पहुंच गया। मतलब की वहां प्रदूषण बेहद चिंताजनक था।
देश में इस दौरान 460 स्टेशनों के आंकड़े उपलब्ध थे, जिनमें भी वजीरपुर की स्थिति सबसे खराब थी। कुछ ऐसी ही स्थिति अशोक विहार की भी रही, जहां एक्यूआई 411 दर्ज किया गया। इसी तरह द्वारका के एनएसआईटी में भी प्रदूषण का स्तर 410 तक पहुंच गया। बवाना में भी एक्यूआई 400 के पार था।
इसी तरह नेहरू नगर और जहांगीरपुरी में एक्यूआई 394 दर्ज किया गया। रोहिणी में 390, आर के पुरम में 388, पंजाबी बाग में 387, पूसा में 375, द्वारका-सेक्टर 8 में 372, आनंद विहार में 372, पटपड़गंज में 369, सिरीफोर्ट में 367, विवेक विहार में 364, ओखला फेज-2 में 358 तक पहुंच गया।
कुल मिलकर देखें तो दिल्ली के 37 में 35 स्टेशनों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 300 से ऊपर था। मतलब की इन स्टेशनों पर वायु गुणवत्ता या तो बेहद खराब या फिर गंभीर स्थिति में रही।
दूसरी तरफ इस दौरान दिल्ली में श्री अरबिंदो मार्ग पर प्रदूषण का स्तर सबसे कम रहा, जहां एक्यूआई 188 रिकॉर्ड किया गया था। दिल्ली-एनसीआर के अन्य हिस्सों को देखें तो इस दौरान जहां फरीदबाद के सेक्टर 30 में वायु गुणवत्ता का स्तर 147 दर्ज किया गया। वहीं गाजियाबाद के लोनी में एक्यूआई 306 तक पहुंच गया। वहीं नॉएडा के सेक्टर 116 स्टेशन पर सूचकांक 352 रिकॉर्ड किया गया।
गुरुग्राम के सेक्टर 51 में भी दिवाली की रात एक्यूआई 327 रिकॉर्ड किया गया था।
आज सुबह 21 अक्टूबर 2025 को आठ बजे जारी आंकड़ों को देखें तो दिल्ली-एनसीआर के ज्यादातर हिस्सों में प्रदूषण बरकरार है। इस दौरान जहां बवाना की स्थिति सबसे खराब है जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 427 रिकॉर्ड किया गया है। कमोबेश ऐसी ही हालात वजीरपुर, जहांगीरपुरी, और बुराड़ी क्रॉसिंग के भी हैं। इन सभी जगहों पर वायु गुणवत्ता सूचकांक 400 के ऊपर है।
आंकड़ों पर नजर डालें तो आज सुबह भी दिल्ली के 90 फीसदी से ज्यादा स्टेशनों पर वायु गुणवत्ता बेहद खराब या गंभीर स्तर पर है, जो साफ तौर पर दर्शाती है कि दिवाली पर एक बार फिर दिल्ली गैस चैम्बर में तब्दील हो चुकी है। यहां प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा है कि वो लोगों को बेहद बीमार बना सकता है।
रुझानों से यह भी पता चला है कि आज सुबह जहां शादीपुर में एक्यूआई 399 रिकॉर्ड किया गया। वहीं एनएसआईटी द्वारका में 394, अशोक विहार में 391
पंजाबी बाग में 376, विवेक विहार में 374, रोहिणी में 372, मुंडका में 372, सोनिया विहार में 368, मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम स्टेशन पर 367, नॉर्थ कैंपस, डीयू और नरेला में 363, जबकि डॉक्टर कर्णी सिंह शूटिंग रेंज के आसपास 361, आनंद विहार और नगर में 360, दिलशाद गार्डन में 357, चांदनी चौक में 356 और ओखला फेज-2 में एक्यूआई 353 रिकॉर्ड किया गया।
बता दें कि आज सुबह दिल्ली के महज तीन इलाके ऐसे थे, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 300 के नीचे रहा। इनमें सिरीफोर्ट (266), डीटीयू (252) और श्री अरबिंदो मार्ग (227) शामिल थे। मतलब की दिल्ली की ज्यादातर हवा ने केवल दिवाली की रात बल्कि अगले दिन भी जहरीली बनी हुई है।
एनसीआर की बात करें तो आज सुबह आठ बजे फरीदाबाद के सेक्टर 30 में एक्यूआई 209 दर्ज किया गया, जबकि गुरुग्राम की ग्वाल पहाड़ी पर यह बढ़कर 359 दर्ज किया गया है। वहीं सेक्टर 51 में 348 रिकॉर्ड किया गया है। गाजियाबाद को देखें तो वसुंधरा इलाके में स्थिति सबसे खराब है, जहां एक्यूआई 353 रिकॉर्ड किया गया है। वहीं लोनी में 333 एक्यूआई था।
आज सुबह देश के 494 वायु गुणवत्ता स्टेशनों के उपलब्ध आंकड़ों में दिल्ली के बवाना की हवा सबसे ज्यादा खराब रही, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 427 दर्ज किया गया
कुल मिलाकर कहें तो दिल्ली-एनसीआर सहित उत्तर भारत में एक बार फिर दिवाली की रात प्रदूषण का स्तर बेहद अधिक रहा। यह प्रदूषण लोगों के स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक है। खासकर बच्चों, बुजुर्गों और बीमार लोगों पर इस दौरान विशेष रूप से ध्यान देने की जरूरत है।