गुजरात के नंदेसरी की हवा सबसे खराब, 167 अंकों के साथ दूसरे स्थान पर अमृतसर

दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो कल से प्रदूषण में इजाफा हुआ है, हालांकि राहत की बात है कि अभी भी वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है
बढ़ते प्रदूषण के साथ हवा में घुला जहर लोगों को बहुत ज्यादा बीमार बना रहा है, बच्चे और बुजुर्ग इसका सबसे ज्यादा शिकार बन रहे हैं; फोटो: आईस्टॉक
बढ़ते प्रदूषण के साथ हवा में घुला जहर लोगों को बहुत ज्यादा बीमार बना रहा है, बच्चे और बुजुर्ग इसका सबसे ज्यादा शिकार बन रहे हैं; फोटो: आईस्टॉक
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आज गुजरात के नंदेसरी शहर की हवा सबसे खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 190 दर्ज किया गया है। वहीं 167 अंकों के साथ अमृतसर दूसरे पायदान पर है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा 05 जुलाई 2025 को जारी रुझानों के विश्लेषण से पता चला है कि इन दोनों शहरों की हवा में प्रदूषण के महीन कण पीएम2.5 हावी हैं। 

विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी मानकों के लिहाज से देखें तो नंदेसरी में प्रदूषण का स्तर 1167 फीसदी अधिक है।

वहीं दूसरी तरफ आज देश में आइजोल की हवा सबसे साफ है, जहां एक्यूआई 10 दर्ज किया गया है। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर नंदेसरी की तुलना आइजोल से करें तो वहां स्थिति 18 गुणा खराब है।

प्रदूषण के मामले में भिवाड़ी (122) तीसरे जबकि छपरा (115) चौथे स्थान पर है। इसी तरह 114 अंकों के साथ बद्दी पांचवें स्थान पर है। देश में विशाखापत्तनम (107) और गुम्मिडिपूंडी (102) आदि शहरों में स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।

आंकड़ों में यह भी सामने आया है कि आज देश में भिवाड़ी, बद्दी, विशाखापत्तनम, गुम्मिडिपूंडी आदि शहरों की हवा में पीएम10 हावी है। वहीं छपरा में नाइट्रोजन डाइऑक्साइड से स्थिति चिंताजनक है।

रुझानों के विश्लेषण में सामने आया है कि आज जहां देश के करीब 54 फीसदी शहरों की हवा साफ है। वहीं 43 फीसदी शहरों में स्थिति सन्तोषजनक है, जबकि दूसरी तरफ तीन फीसदी से कुछ अधिक शहरों में हालात चिंताजनक हैं।

देश में आइजोल के साथ-साथ 116 शहरों  में हवा साफ है।

इन शहरों में जालौर, झांसी, जोधपुर, कल्याण, काशीपुर, कटनी, कोल्हापुर, कोलकाता, कुंजेमुरा, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, महाड, मंगलौर, मिलुपारा, मीरा-भायंदर, मोतिहारी, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नागपट्टिनम, नागपुर, नाहरलगुन, नलबाड़ी, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, पाली, पालकालाइपेरुर, पटियाला, पेरुंदुरई, पीथमपुर, प्रतापगढ़, पुदुचेरी, पुणे, पूर्णिया, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनगर, रामनाथपुरम, रतलाम, ऋषिकेश, सांगली, शिलांग, शिवमोगा, सीकर, सिलचर, सिलीगुड़ी आदि शामिल हैं।

चिंता की बात यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में करीब दो फीसदी की गिरावट आई है।

आंकड़ों से पता चला है कि आज देश में अलवर सहित छोटे बड़े 93 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है। इन शहरों में हापुड, हावड़ा, हैदराबाद, जबलपुर, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलना, झालावाड़, कडपा, कलबुर्गी, कांचीपुरम, कन्नूर, कानपुर, करौली, कटिहार, क्योंझर, खन्ना, खुर्जा, कोल्लम, कोरबा, कोटा, लखनऊ, लुधियाना, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मंगुराहा, मेरठ, मुरादाबाद, मुंबई, मुजफ्फरनगर, नगांव, नागौर, नोएडा, पंचगांव आदि शामिल हैं।

देश में साफ हवा वाले शहरों की तरह ही संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में भी चार फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।

देश में आज अमृतसर सहित सात शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में बद्दी, भिवाड़ी, छपरा, गुम्मिडिपूंडी, नंदेसरी, विशाखापत्तनम आदि शहरों में शामिल हैं। राहत की खबर यह है कि कल से देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 36 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।

क्या कहते हैं आंकड़े

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 216 में से 116 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। 93 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 04 जुलाई 2025 को यह आंकड़ा 97 दर्ज किया गया था।

7 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में नंदेसरी (190) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 200 के करीब पहुंच गया। कल बेलापुर में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब सूचकांक 136 रिकॉर्ड किया गया।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 11 अंकों का उछाल आया है। इसके साथ दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 89 पर पहुंच गया। मतलब की दिल्ली में आज भी वायु गुणवत्ता संतोषजनक श्रेणी में बनी हुई है। वहीं आज फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं। 

गौरतलब है कि पिछले चार महीनों जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।

आंकड़ों के अनुसार प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज छपरा चौथे स्थान पर है, वहीं अमृतसर (167) दूसरे, जबकि भिवाड़ी (122) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 50, गाजियाबाद में 77, गुवाहाटी में 43, गांधीनगर में 47, नोएडा में 77, ग्रेटर नोएडा में 95 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 51 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक’ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 61, चेन्नई में 68, चंडीगढ़ में 55, हैदराबाद में 61, जयपुर में 99 और पटना में 57 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 116 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, आगरा, अहमदनगर, आइजोल, अकोला, आसनसोल, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बागलकोट, बालासोर, बांसवाड़ा, बारबिल, बरेली, बारीपदा, बाड़मेर, बठिंडा, बेलापुर, भागलपुर, भरतपुर, भिलाई, भिवंडी, भोपाल, बिलीपाड़ा, बोईसर, बक्सर, चामराजनगर, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, चित्तौड़गढ़, कुड्डालोर, दमोह, दावनगेरे, देवास, धौलपुर, धुले, डिंडीगुल, डूंगरपुर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गोरखपुर, गुवाहाटी, ग्वालियर, हल्दिया, हनुमानगढ़, हसन, हावेरी, हुबली, इंदौर, जलगांव, जालौर, झांसी, जोधपुर, कल्याण, काशीपुर, कटनी, कोल्हापुर, कोलकाता, कुंजेमुरा, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, महाड, मंगलौर, मिलुपारा, मीरा-भायंदर, मोतिहारी, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नागपट्टिनम, नागपुर, नाहरलगुन, नलबाड़ी, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, पाली, पालकालाइपेरुर, पटियाला, पेरुंदुरई, पीथमपुर, प्रतापगढ़, पुदुचेरी, पुणे, पूर्णिया, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनगर, रामनाथपुरम, रतलाम, ऋषिकेश, सांगली, शिलांग, शिवमोगा, सीकर, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिंगरौली, सिरोही, शिवसागर, सोलापुर, सुआकाती, टेन्सा, तंजावुर, त्रिशूर, तिरुमाला, तिरुनेलवेली, तिरुपुर, टोंक, तुमकुरु, तुमिडीह, वाराणसी, वातवा, वेल्लोर, विरार, यादगीर शामिल हैं।

वहीं अहमदाबाद, अजमेर, अलवर, अमरावती (आंध्रप्रदेश) , अंगुल, अंकलेश्वर, अररिया, अरियालूर, बदलापुर, बागपत, बारां, बैरकपुर, बेगूसराय, बेंगलुरु, भुवनेश्वर, ब्रजराजनगर, बुलन्दशहर, बूंदी, ब्यासनगर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चेंगलपट्टू, चेन्नई, चित्तूर, चुरू, कोयंबटूर, कटक, दिल्ली, धनबाद, धारवाड़, दुर्गापुर, एलूर, गया, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, हाजीपुर, हापुड, हावड़ा, हैदराबाद, जबलपुर, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलना, झालावाड़, कडपा, कलबुर्गी, कांचीपुरम, कन्नूर, कानपुर, करौली, कटिहार, क्योंझर, खन्ना, खुर्जा, कोल्लम, कोरबा, कोटा, लखनऊ, लुधियाना, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मंगुराहा, मेरठ, मुरादाबाद, मुंबई, मुजफ्फरनगर, नगांव, नागौर, नोएडा, पंचगांव, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, प्रयागराज, रायरंगपुर, राजसमंद, राउरकेला, सागर, सलेम, समस्तीपुर, सवाई माधोपुर, श्रीगंगानगर, तालचेर, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, तिरुचिरापल्ली, तिरुपति, उदयपुर, उल्हासनगर, वापी, विजयवाड़ा आदि 93 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

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