मुंगेर में प्रदूषण से दमघोंटू रही हवा, साफ हवा वाले शहरों में हुआ 19 फीसदी का इजाफा
देश में कल से साफ हवा वाले शहरों की संख्या में 19 फीसदी का इजाफा हुआ है, जिसके बाद इन शहरों की संख्या बढ़कर 125 पर पहुंच गई है। बता दें की देश के जिन शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर बना हुआ है, उनमें देहरादून, देवास, धुले, फिरोजाबाद, गडग, गांधीनगर, गंगटोक, गया, गोरखपुर, गुवाहाटी, हाजीपुर, हल्दिया, हापुड, हसन, हावेरी, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जलगांव, झालावाड़, झांसी, कडप्पा, कलबुर्गी, करनाल, कारवार, कटनी, कोहिमा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोप्पल, कोटा, कुंजेमुरा, कुरूक्षेत्र, लातूर, मदिकेरी, महाड, मैहर, मालेगांव, मंडीदीप, मैंगलोर, मेरठ आदि शहर शामिल रहे।
वहीं दूसरी तरफ देश के अन्य शहरों को पीछे छोड़ मुंगेर में हवा सबसे ज्यादा दूषित रही, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 207 दर्ज किया गया है। उसके विपरीत देश में आइजोल की हवा सबसे ज्यादा स्वच्छ थी, जहां एक्यूआई 15 पर बना हुआ है। यदि इन दोनों शहरों में वायु गुणवत्ता की तुलना करें तो मुंगेर की हवा करीब 14 गुणा खराब है। राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर गौर करें तो वहां वायु गुणवत्ता में कल से चार अंकों का इजाफा हुआ है।
हालांकि इसके बावजूद वहां वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक बना हुआ है। फरीदाबाद में भी स्थिति कुछ ऐसी ही है, जहां प्रदूषण के स्तर में कल से 13 अंकों का इजाफा हुआ है, लेकिन वहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर मध्यम स्तर पर बना हुआ है।
दिल्ली, फरीदाबाद की तरह ही देश के दस अन्य शहरों में भी वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम बना हुआ है। इन शहरों में औरंगाबाद(बिहार), बालासोर, बरेली, भिवाड़ी, धनबाद, फरीदाबाद, ग्रेटर नोएडा, इम्फाल, खुर्जा, रोहतक, समस्तीपुर, और श्रीगंगानगर शामिल हैं।
आंकड़ों के मुताबिक देश के छोटे बड़े 96 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक दर्ज किया गया है। इन शहरों में छपरा, चित्तूर, चुरू, दौसा, धारूहेड़ा, धारवाड़, धौलपुर, डूंगरपुर, दुर्गापुर, एलूर, गाजियाबाद, गुम्मिडीपूंडी, गुरुग्राम, ग्वालियर, हनुमानगढ़, हिसार, हुबली, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलना, जालौर, झुंझुनू, जोधपुर, कैथल, कन्नूर, कानपुर, काशीपुर, क्योंझर, खन्ना, कोलार, कोरबा, लखनऊ, लुधियाना, मांडीखेरा, मानेसर, मंगुराहा, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नागांव, नारनौल, नोएडा, पाली, पलवल, पानीपत, पटियाला, पुणे, रायचुर, राजसमंद, रूपनगर, सिलचर, सिंगरौली आदि शहर शामिल थे।
कल से तुलना करें तो देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की संख्या में 18.5 फीसदी का इजाफा हुआ है। कुल मिलाकर देखें तो देश में वायु गुणवत्ता के स्तर में सुधार आया है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 24 जुलाई 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 234 में से 125 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 96 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 23 जुलाई 2024 यह आंकड़ा 81 दर्ज किया गया था। 12 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।
दूसरे शहरों की तुलना में मुंगेर (207) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 350 के करीब पहुंच गया है। यदि दिल्ली (97) की बात करें तो वहां वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' श्रेणी में बनी हुई है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स में कल से चार अंकों का इजाफा हुआ है।
दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 118, गाजियाबाद में 87, गुरुग्राम में 88, नोएडा में 76, ग्रेटर नोएडा में 134 पर पहुंच गया है। देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 42 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'बेहतर' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 59, चेन्नई में 69, चंडीगढ़ में 61, हैदराबाद में 46, जयपुर में 62 और पटना में 50 दर्ज किया गया।
इन शहरों की हवा रही सबसे साफ
देश के जिन 125 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला 45, अहमदाबाद 46, अहमदनगर 49, आइजोल 15, अकोला 34, अमरावती 30, अमरावती 19, अरियालुर 36, औरंगाबाद(महाराष्ट्र) 44, बागपत 47, बांसवाड़ा 37, बारां 38, बारबिल 29, बाड़मेर 48, बेलापुर 35, बेंगलुरु 49, भिलाई 49, भीलवाड़ा 39, भिवंडी 35, भिवानी 48, भोपाल 34, भुवनेश्वर 34, बीदर 49, बिहारशरीफ 42, बिलासपुर 47, बिलीपाड़ा 42, ब्रजराजनगर 36, बक्सर 43, ब्यासनगर 34, चामराजनगर 40, चंद्रपुर 32, चिक्कबल्लापुर 25, चिक्कमगलुरु 30, चित्तौड़गढ़ 47, कुड्डालोर 26, कटक 24, दावनगेरे 21, देहरादून 30, देवास 49, धुले 45, फिरोजाबाद 32, गडग 48, गांधीनगर 35, गंगटोक 19, गया 48, गोरखपुर 44, गुवाहाटी 48, हाजीपुर 35, हल्दिया 30, हापुड 44, हसन 38, हावेरी 38, हावड़ा 47, हैदराबाद 46, इंदौर 45, जबलपुर 36, जलगांव 40, झालावाड़ 36, झांसी 35, कडप्पा 45, कलबुर्गी 34, करनाल 44, कारवार 25, कटनी 24, कोहिमा 40, कोल्हापुर 32, कोलकाता 40, कोप्पल 48, कोटा 44, कुंजेमुरा 20, कुरूक्षेत्र 43, लातूर 20, मदिकेरी 19, महाड 32, मैहर 50, मालेगांव 37, मंडीदीप 25, मैंगलोर 48, मेरठ 45, मीरा-भायंदर 35, मुरादाबाद 50, मोतिहारी 31, मुंबई 42, मैसूरु 32, नागौर 44, नागपुर 35, नाहरलागुन 29, नासिक 42, नवीमुंबई 48, नयागढ़ 25, पलकलईपेरुर 25, पटना 50, पिंपरी-चिंचवाड़ 26, पीथमपुर 38, प्रतापगढ़ 33, प्रयागराज 33, पुदुचेरी 42, पूर्णिया 37, रायपुर 17, रायरंगपुर 45, राजमहेंद्रवरम 32, राजगीर 38, रामनगर 29, रामनाथपुरम 26, रतलाम 33, ऋषिकेश 32, राउरकेला 34, सागर 32, सांगली 41, सासाराम 44, सतना 34, शिवमोगा 43, सीकर 41, सिलीगुड़ी 38, सिरोही 31, सोलापुर 47, टेन्सा 27, ठाणे 37, तिरुवनंतपुरम 40, थूथुकुडी 34, उदयपुर 49, वाराणसी 43, विजयपुरा 40, विजयवाड़ा 42, यादगीर 28 शामिल रहे।
वहीं आगरा, अजमेर, अलवर, अंबाला, अमृतसर, अनंतपुर, अररिया, आसनसोल, बद्दी, बदलापुर, बागलकोट, बल्लभगढ़, बारीपदा, बैरकपुर, बठिंडा, बेलगाम, भागलपुर, भरतपुर, बीकानेर, बोईसर, बुलन्दशहर, चंडीगढ़, चरखीदादरी, चेन्नई, छाल, छपरा, चित्तूर, चुरू, दौसा, दिल्ली, धारूहेड़ा, धारवाड़, धौलपुर, डूंगरपुर, दुर्गापुर, एलूर, गाजियाबाद, गुम्मिडीपूंडी, गुरुग्राम, ग्वालियर, हनुमानगढ़, हिसार, हुबली, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलना, जालौर, झुंझुनू, जोधपुर, कैथल, कन्नूर, कानपुर, काशीपुर, क्योंझर, खन्ना, कोलार, कोरबा, लखनऊ, लुधियाना, मांडीखेरा, मानेसर, मंगुराहा, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नागांव, नारनौल, नोएडा, पाली, पलवल, पानीपत, पटियाला, पुणे, रायचुर, राजसमंद, रूपनगर, सिलचर, सिंगरौली, सिरसा, शिवसागर, सीवान, सूरत, तालचेर, तिरूपति, टोंक, तुमकुरु, उडुपी, उज्जैन, उल्हासनगर, वापी, वातवा, विरार, विरुधुनगर, विशाखापत्तनम, वृन्दावन, यमुनानगर आदि 96 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।