प्रदूषण का गणित: दिल्ली में घटा, गुरुग्राम में बढ़ा प्रदूषण, 300 के पार पहुंचा एक्यूआई

दूसरी तरफ देश में मोतिहारी की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 28 रिकॉर्ड किया गया है
गुरुग्राम में बढ़ते प्रदूषण से बिगड़े हालात, बीमार, बुजुर्गों और बच्चों के लिए सांस लेना हुआ दुश्वार; फोटो: आईस्टॉक
गुरुग्राम में बढ़ते प्रदूषण से बिगड़े हालात, बीमार, बुजुर्गों और बच्चों के लिए सांस लेना हुआ दुश्वार; फोटो: आईस्टॉक
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प्रदूषण के मामले में आज गुरूग्राम अव्वल है जहां ओजोन का स्तर खतरनाक तरीके से बढ़ गया है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 11 अप्रैल 2025 को जारी आंकड़ों के मुताबिक गुरुग्राम में वायु गुणवत्ता सूचकांक 305 रिकॉर्ड किया गया। ऐसे में यदि विश्व स्वास्थ्य संगठन के लिहाज से देखें तो प्रदूषण मानकों से पांच गुणा अधिक है।

बता दें कि गुरुग्राम देश का इकलौता ऐसा शहर है, जहां वायु गुणवत्ता 'बेहद खराब' है।

प्रदूषण के मामले में राजस्थान का शहर श्रीगंगानगर दूसरे स्थान पर है, जहां एक्यूआई 250 रिकॉर्ड किया गया है। वहीं सवाई माधोपुर 232 अंकों के साथ तीसरे स्थान पर है। नागौर में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जहां एक्यूआई 231 रिकॉर्ड किया गया। इसी तरह बर्नीहाट (218) पांचवें जबकि हनुमानगढ़ (201) छठे स्थान पर बना हुआ है। यह वो पांच शहर हैं जहां आज वायु गुणवत्ता 'खराब' दर्ज की गई है। मतलब कि इन सभी शहरों की हवा में घुला जहर लोगों को बीमार बना देने के लिए काफी है।

कल से तुलना करें तो देश में खराब हवा वाले शहरों की गिनती में 58 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है, जो स्वास्थ्य के नजरिए से अच्छी खबर है। इसी तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों की लिस्ट में आज दौसा (198), पाली (194), बीकानेर (191) और बाड़मेर (172) भी शामिल हैं।

दूसरी तरफ देश में मोतिहारी की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 28 रिकॉर्ड किया गया है।

मोतिहारी की तरह ही देश के 28 अन्य शहरों में हवा साफ है। इन शहरों में बरेली, भागलपुर, चामराजनगर, चिक्कामगलुरु, गडग, हल्दिया, हुबली, कोलकाता, मदुरै, मैहर, मंगलौर, मीरा-भायंदर, मोतिहारी, मुंगेर, नयागढ़, रामनाथपुरम, शिलांग, शिवमोगा, सिलचर आदि शामिल हैं। चिंता की बात यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में करीब सात फीसदी की गिरावट आई है।

रुझानों में यह भी सामने आया है कि देश में बालासोर सहित देश के 117 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है।

इन शहरों में मेरठ, मुरादाबाद, मुंबई, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नागपुर, नलबाड़ी, नमक्कल, नांदेड़, नंदेसरी, नासिक, नवी मुंबई, पालकालाइपेरुर, परभनी, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, प्रयागराज, पुदुचेरी, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनगर, ऋषिकेश, रूपनगर, सागर, सलेम, सासाराम, सतना, सिलीगुड़ी, सिरोही, सोलापुर, सुआकाती, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम आदि शामिल हैं। राहत की बात यह रही कि देश में कल से संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में छह फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो कल से प्रदूषण में भारी गिरावट दर्ज की गई। इसके साथ ही दिल्ली में 92 अंकों की गिरावट के साथ वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में पहुंच गई है।

दिल्ली की तरह ही 60 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में अजमेर, अमृतसर, अंगुल, बद्दी, बांसवाड़ा, बारां, बाड़मेर, बठिंडा, भरतपुर, भीलवाड़ा, भोपाल, बीकानेर, बिलीपाड़ा, बुलन्दशहर, बूंदी, चंद्रपुर, चुरू, दौसा, दिल्ली, देवास, धौलपुर, धुले, डूंगरपुर, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुवाहाटी, ग्वालियर, इंफाल, जबलपुर आदि शामिल हैं। कल से देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में भी तीन फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

विश्लेषण से पता चला है कि देश के जहां करीब 14 फीसदी शहरों में हवा साफ है, जबकि 55 फीसदी में स्थिति संतोषजनक है। दूसरी तरफ देश के 31 फीसदी से अधिक शहरों में हालात चिंताजनक बने हुए हैं।

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 212 में से महज 29 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 117 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 10 अप्रैल 2025 को यह आंकड़ा 110 दर्ज किया गया था।

60 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।दूसरे शहरों की तुलना में गुरूग्राम (305) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 300 के करीब पहुंच गया। वहीं कल बर्नीहाट में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब एक्यूआई 298 रिकॉर्ड किया गया था।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में अच्छी खासी गिरावट आई है। इसके साथ ही वहां 92 अंकों के सुधार के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक 164 पर पहुंच गया। मतलब कि दिल्ली में वायु गुणवत्ता खराब से मध्यम श्रेणी में पहुंच गई है। वहीं आज एक बार फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं। 

गौरतलब है कि पिछले तीन महीनों जनवरी, फरवरी और मार्च 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया था।

आंकड़ों के अनुसार प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर जारी है। प्रदूषण के मामले में आज नागौर चौथे स्थान पर है, वहीं श्रीगंगानगर (250) दूसरे, जबकि सवाई माधोपुर (232) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 127, गाजियाबाद में 110, गुवाहाटी में 104, हापुड में 83, नोएडा में 106, ग्रेटर नोएडा में 148 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 58 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक’ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 101, चेन्नई में 67, चंडीगढ़ में 92, हैदराबाद में 70, जयपुर में 135 और पटना में 67 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 29 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, आइजोल, बागलकोट, बरेली, भागलपुर, चामराजनगर, चिक्कामगलुरु, गडग, हल्दिया, हुबली, कोलकाता, मदुरै, मैहर, मंगलौर, मीरा-भायंदर, मोतिहारी, मुंगेर, नयागढ़, रामनाथपुरम, शिलांग, शिवमोगा, सिलचर, शिवसागर, श्री विजया पुरम, सूरत, ठाणे, तिरुचिरापल्ली, तिरुनेलवेली, वाराणसी शामिल हैं।

वहीं आगरा, अहमदाबाद, अकोला, अलवर, अमरावती, अमरावती, अनंतपुर, अरियालूर, आसनसोल, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बालासोर, बारबिल, बारीपदा, बैरकपुर, बेलापुर, बेंगलुरु, बेतिया, भिलाई, भिवाड़ी, भिवंडी, भुवनेश्वर, बिलासपुर, बोईसर, ब्रजराजनगर, चंडीगढ़, चेंगलपट्टू, चेन्नई, चिकबलपुर, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, कोयंबटूर, कुड्डालोर, कटक, दमोह, दावनगेरे, देहरादून, धारवाड़, डिंडीगुल, दुर्गापुर, एलूर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गया, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, हाजीपुर, हापुड, होसुर, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जलना, झालावाड़, कलबुर्गी, कल्याण, कांचीपुरम, कन्नूर, कानपुर, काशीपुर, क्योंझर, खन्ना, कोल्हापुर, कोल्लम, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, लुधियाना, महाड, मेरठ, मुरादाबाद, मुंबई, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नागपुर, नलबाड़ी, नमक्कल, नांदेड़, नंदेसरी, नासिक, नवी मुंबई, पालकालाइपेरुर, परभनी, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, प्रयागराज, पुदुचेरी, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनगर, ऋषिकेश, रूपनगर, सागर, सलेम, सासाराम, सतना, सिलीगुड़ी, सिरोही, सोलापुर, सुआकाती, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुमाला, तिरुपुर, उल्हासनगर, वापी, वातवा, वेल्लोर, विजयवाड़ा, विरार, विरुधुनगर, विशाखापत्तनम, वृंदावन आदि 117 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

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