प्रदूषण का गणित: राजस्थान के बांसवाड़ा में घुटने लगी सांसें, दिल्ली में भी 220 पर एक्यूआई

विश्लेषण से पता चला है कि जहां देश के 11 फीसदी शहरों में हवा साफ है, वहीं करीब 33 फीसदी शहरों में प्रदूषण से हालात खराब हैं
फोटो: सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट
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आज देश में बड़े शहरों से ज्यादा छोटे शहरों की स्थिति कहीं ज्यादा खराब है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 16 अप्रैल 2025 को जारी आंकड़ों के मुताबिक देश में बांसवाड़ा की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित है, जहां एक्यूआई 300 के पार पहुंच गया है।

वहीं मेघालय का बर्नीहाट जो आज दूसरे स्थान पर है, वहां भी एक्यूआई 281 रिकॉर्ड किया गया है। आंकड़े दर्शाते हैं कि देश में प्रदूषण अब सिर्फ बड़े शहरों तक सीमित नहीं है। इसके चपेट में छोटे शहर और कस्बे भी आ रहे हैं।

इसी तरह प्रदूषण के मामले में आज गुरूग्राम तीसरे स्थान पर है, जहां एक्यूआई 257 दर्ज किया गया है। वहीं राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो कल से प्रदूषण में अच्छा खासा इजाफा हुआ है। दिल्ली में 40 अंकों के उछाल के साथ एक्यूआई 220 पर पहुंच गया। सवाई माधोपुर में भी स्थिति कोई खास अच्छी नहीं है, जो आज 202 अंकों के साथ प्रदूषण के मामले में पांचवे स्थान पर है।

देश के इन सभी चार शहरों में वायु गुणवत्ता खराब बनी हुई है। मतलब की हवा में घुला जहर लोगों को बीमार बना देने के लिए काफी है।

प्रदूषण के मामले में आज भिवाड़ी छठे स्थान पर है, जहां एक्यूआई 200 रिकॉर्ड किया गया। इसी तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में गाजियाबाद (198), बद्दी (192), श्रीगंगानगर (187) और नोएडा (186) भी शामिल हैं।

वहीं दूसरी तरफ देश में रूपनगर की हवा सबसे साफ रही, जहां एक्यूआई 15 दर्ज किया गया है। रूपनगर की तरह ही देश के 25 अन्य शहरों में हवा साफ है। इन शहरों में चामराजनगर, चेन्नई, चिक्कामगलुरु, कुड्डालोर, कोप्पल, मदिकेरी, मैहर, मीरा-भायंदर, नगांव, नयागढ़, पालकालाइपेरुर, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, रामनाथपुरम, रूपनगर, शिलांग, श्री विजया पुरम, सूरत शामिल हैं। कल से देखें तो देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में चार फीसदी का इजाफा हुआ है।

यदि रूपनगर की तुलना देश के सबसे प्रदूषित शहर बांसवाड़ा से करें तो वहां स्थिति 19 गुणा बेहतर है।

रुझानों में यह भी सामने आया है कि देश में अगरतला सहित 129 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है। इन शहरों में कोलकाता, कोल्लम, कोरबा, कुंजेमुरा, मदुरै, महाड, मंगलौर, मंगुराहा, मोतिहारी, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नागपुर, नाहरलगुन, नमक्कल, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, परभनी, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, प्रयागराज, पूर्णिया, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रानीपेट, ऋषिकेश, राउरकेला, सागर, सलेम, समस्तीपुर, सांगली, सासाराम, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिरोही, शिवसागर आदि शहर शामिल हैं।

राहत की खबर यह है कि कल से देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में 13 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

इसी तरह अमरावती सहित देश के छोटे बड़े 71 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इनमें भिवाड़ी, भिवंडी, भोपाल, बिहार शरीफ, बुलन्दशहर, बूंदी, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चित्तौड़गढ़, चुरू, दौसा, देहरादून, धनबाद, धुले, डूंगरपुर, दुर्गापुर, गांधीनगर, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, ग्वालियर, हाजीपुर, हनुमानगढ़, हापुड, इंफाल, जयपुर, जालंधर, जलगांव, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, जोधपुर, करौली, कटनी, खन्ना, खुर्जा, कोटा, लातूर, लखनऊ, लुधियाना, मालेगांव, मंडीदीप, मेरठ, मुरादाबाद  आदि शहर शामिल हैं।

कल से देखें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में करीब सात फीसदी की गिरावट आई है।

विश्लेषण से पता चला है कि देश के जहां 11 फीसदी शहरों में हवा साफ है, वहीं करीब 56 फीसदी शहरों में स्थिति संतोषजनक है। दूसरी तरफ करीब 33 फीसदी शहरों में प्रदूषण से हालात खराब हैं।

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 231 में से महज 26 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 129 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 15 अप्रैल 2025 को यह आंकड़ा 114 दर्ज किया गया था।

71 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में बांसवाड़ा (302) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 310 के करीब पहुंच गया। वहीं कल बर्नीहाट में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब एक्यूआई 305 रिकॉर्ड किया गया था।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में अच्छा खासा इजाफा हुआ है। इसके साथ ही 40 अंकों की गिरावट के साथ दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 220 पर पहुंच गया। मतलब कि दिल्ली में वायु गुणवत्ता मध्यम से खराब श्रेणी में पहुंच गई है। वहीं आज एक बार फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं। 

गौरतलब है कि पिछले तीन महीनों जनवरी, फरवरी और मार्च 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।

आंकड़ों के अनुसार प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज दिल्ली चौथे स्थान पर है, वहीं बर्नीहाट (281) दूसरे, जबकि गुरूग्राम (257) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 168, गाजियाबाद में 198, गुवाहाटी में 80, हापुड में 102, नोएडा में 186, ग्रेटर नोएडा में 168 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 69 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक’ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 139, चेन्नई में 50, चंडीगढ़ में 123, हैदराबाद में 69, जयपुर में 125 और पटना में 93 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 26 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल, अरियालूर, बागलकोट, चामराजनगर, चेन्नई, चिक्कामगलुरु, कुड्डालोर, कोप्पल, मदिकेरी, मैहर, मीरा-भायंदर, नगांव, नयागढ़, पालकालाइपेरुर, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, रामनाथपुरम, रूपनगर, शिलांग, श्री विजया पुरम, सूरत, ठाणे, तंजावुर, तिरुचिरापल्ली, वापी, विरार शामिल हैं।

वहीं अगरतला, आगरा, अहमदाबाद, अजमेर, अकोला, अलवर, अमरावती, अमृतसर, अनंतपुर, अंगुल, अंकलेश्वर, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद महाराष्ट्र), बदलापुर, बरेली, बैरकपुर, बठिंडा, बेलापुर, बेंगलुरु, बेतिया, भागलपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भुवनेश्वर, बिलासपुर, बिलीपाड़ा, बोईसर, ब्रजराजनगर, बक्सर, छाल, छपरा, चिकबलपुर, चित्तूर, कोयंबटूर, कटक, दमोह, दावनगेरे, देवास, धारवाड़, धौलपुर, डिंडीगुल, एलूर, फिरोजाबाद, गडग, गया, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, हल्दिया, होसुर, हावड़ा, हुबली, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जैसलमेर, जलना, झांसी, कडपा, कलबुर्गी, कल्याण, कांचीपुरम, कानपुर, काशीपुर, कटिहार, क्योंझर, किशनगंज, कोहिमा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, कोरबा, कुंजेमुरा, मदुरै, महाड, मंगलौर, मंगुराहा, मोतिहारी, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नागपुर, नाहरलगुन, नमक्कल, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, परभनी, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, प्रयागराज, पूर्णिया, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रानीपेट, ऋषिकेश, राउरकेला, सागर, सलेम, समस्तीपुर, सांगली, सासाराम, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिरोही, शिवसागर, सुआकाती, तालचेर, टेन्सा, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुमाला, तिरुपुर, टोंक, तुमिडीह, उज्जैन, उल्हासनगर, वाराणसी, वातवा, वेल्लोर, विजयवाड़ा, विरुधुनगर, वृंदावन, यादगीर आदि 129 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

आज देश में बड़े शहरों से ज्यादा छोटे शहरों की स्थिति कहीं ज्यादा खराब है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 16 अप्रैल 2025 को जारी आंकड़ों के मुताबिक देश में बांसवाड़ा की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित है, जहां एक्यूआई 300 के पार पहुंच गया है।

वहीं मेघालय का बर्नीहाट जो आज दूसरे स्थान पर है, वहां भी एक्यूआई 281 रिकॉर्ड किया गया है। आंकड़े दर्शाते हैं कि देश में प्रदूषण अब सिर्फ बड़े शहरों तक सीमित नहीं है। इसके चपेट में छोटे शहर और कस्बे भी आ रहे हैं।

इसी तरह प्रदूषण के मामले में आज गुरूग्राम तीसरे स्थान पर है, जहां एक्यूआई 257 दर्ज किया गया है। वहीं राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो कल से प्रदूषण में अच्छा खासा इजाफा हुआ है। दिल्ली में 40 अंकों के उछाल के साथ एक्यूआई 220 पर पहुंच गया। सवाई माधोपुर में भी स्थिति कोई खास अच्छी नहीं है, जो आज 202 अंकों के साथ प्रदूषण के मामले में पांचवे स्थान पर है।

देश के इन सभी चार शहरों में वायु गुणवत्ता खराब बनी हुई है। मतलब की हवा में घुला जहर लोगों को बीमार बना देने के लिए काफी है।

प्रदूषण के मामले में आज भिवाड़ी छठे स्थान पर है, जहां एक्यूआई 200 रिकॉर्ड किया गया। इसी तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में गाजियाबाद (198), बद्दी (192), श्रीगंगानगर (187) और नोएडा (186) भी शामिल हैं।

वहीं दूसरी तरफ देश में रूपनगर की हवा सबसे साफ रही, जहां एक्यूआई 15 दर्ज किया गया है। रूपनगर की तरह ही देश के 25 अन्य शहरों में हवा साफ है। इन शहरों में चामराजनगर, चेन्नई, चिक्कामगलुरु, कुड्डालोर, कोप्पल, मदिकेरी, मैहर, मीरा-भायंदर, नगांव, नयागढ़, पालकालाइपेरुर, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, रामनाथपुरम, रूपनगर, शिलांग, श्री विजया पुरम, सूरत शामिल हैं। कल से देखें तो देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में चार फीसदी का इजाफा हुआ है।

यदि रूपनगर की तुलना देश के सबसे प्रदूषित शहर बांसवाड़ा से करें तो वहां स्थिति 19 गुणा बेहतर है।

रुझानों में यह भी सामने आया है कि देश में अगरतला सहित 129 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है। इन शहरों में कोलकाता, कोल्लम, कोरबा, कुंजेमुरा, मदुरै, महाड, मंगलौर, मंगुराहा, मोतिहारी, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नागपुर, नाहरलगुन, नमक्कल, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, परभनी, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, प्रयागराज, पूर्णिया, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रानीपेट, ऋषिकेश, राउरकेला, सागर, सलेम, समस्तीपुर, सांगली, सासाराम, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिरोही, शिवसागर आदि शहर शामिल हैं।

राहत की खबर यह है कि कल से देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में 13 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

इसी तरह अमरावती सहित देश के छोटे बड़े 71 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इनमें भिवाड़ी, भिवंडी, भोपाल, बिहार शरीफ, बुलन्दशहर, बूंदी, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चित्तौड़गढ़, चुरू, दौसा, देहरादून, धनबाद, धुले, डूंगरपुर, दुर्गापुर, गांधीनगर, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, ग्वालियर, हाजीपुर, हनुमानगढ़, हापुड, इंफाल, जयपुर, जालंधर, जलगांव, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, जोधपुर, करौली, कटनी, खन्ना, खुर्जा, कोटा, लातूर, लखनऊ, लुधियाना, मालेगांव, मंडीदीप, मेरठ, मुरादाबाद  आदि शहर शामिल हैं।

कल से देखें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में करीब सात फीसदी की गिरावट आई है।

विश्लेषण से पता चला है कि देश के जहां 11 फीसदी शहरों में हवा साफ है, वहीं करीब 56 फीसदी शहरों में स्थिति संतोषजनक है। दूसरी तरफ करीब 33 फीसदी शहरों में प्रदूषण से हालात खराब हैं।

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 231 में से महज 26 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 129 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 15 अप्रैल 2025 को यह आंकड़ा 114 दर्ज किया गया था।

71 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में बांसवाड़ा (302) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 310 के करीब पहुंच गया। वहीं कल बर्नीहाट में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब एक्यूआई 305 रिकॉर्ड किया गया था।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में अच्छा खासा इजाफा हुआ है। इसके साथ ही 40 अंकों की गिरावट के साथ दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 220 पर पहुंच गया। मतलब कि दिल्ली में वायु गुणवत्ता मध्यम से खराब श्रेणी में पहुंच गई है। वहीं आज एक बार फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं। 

गौरतलब है कि पिछले तीन महीनों जनवरी, फरवरी और मार्च 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।

आंकड़ों के अनुसार प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज दिल्ली चौथे स्थान पर है, वहीं बर्नीहाट (281) दूसरे, जबकि गुरूग्राम (257) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 168, गाजियाबाद में 198, गुवाहाटी में 80, हापुड में 102, नोएडा में 186, ग्रेटर नोएडा में 168 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 69 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक’ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 139, चेन्नई में 50, चंडीगढ़ में 123, हैदराबाद में 69, जयपुर में 125 और पटना में 93 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 26 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल, अरियालूर, बागलकोट, चामराजनगर, चेन्नई, चिक्कामगलुरु, कुड्डालोर, कोप्पल, मदिकेरी, मैहर, मीरा-भायंदर, नगांव, नयागढ़, पालकालाइपेरुर, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, रामनाथपुरम, रूपनगर, शिलांग, श्री विजया पुरम, सूरत, ठाणे, तंजावुर, तिरुचिरापल्ली, वापी, विरार शामिल हैं।

वहीं अगरतला, आगरा, अहमदाबाद, अजमेर, अकोला, अलवर, अमरावती, अमृतसर, अनंतपुर, अंगुल, अंकलेश्वर, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद महाराष्ट्र), बदलापुर, बरेली, बैरकपुर, बठिंडा, बेलापुर, बेंगलुरु, बेतिया, भागलपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भुवनेश्वर, बिलासपुर, बिलीपाड़ा, बोईसर, ब्रजराजनगर, बक्सर, छाल, छपरा, चिकबलपुर, चित्तूर, कोयंबटूर, कटक, दमोह, दावनगेरे, देवास, धारवाड़, धौलपुर, डिंडीगुल, एलूर, फिरोजाबाद, गडग, गया, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, हल्दिया, होसुर, हावड़ा, हुबली, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जैसलमेर, जलना, झांसी, कडपा, कलबुर्गी, कल्याण, कांचीपुरम, कानपुर, काशीपुर, कटिहार, क्योंझर, किशनगंज, कोहिमा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, कोरबा, कुंजेमुरा, मदुरै, महाड, मंगलौर, मंगुराहा, मोतिहारी, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नागपुर, नाहरलगुन, नमक्कल, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, परभनी, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, प्रयागराज, पूर्णिया, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रानीपेट, ऋषिकेश, राउरकेला, सागर, सलेम, समस्तीपुर, सांगली, सासाराम, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिरोही, शिवसागर, सुआकाती, तालचेर, टेन्सा, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुमाला, तिरुपुर, टोंक, तुमिडीह, उज्जैन, उल्हासनगर, वाराणसी, वातवा, वेल्लोर, विजयवाड़ा, विरुधुनगर, वृंदावन, यादगीर आदि 129 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

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