
देश में आज एक बार फिर अगरतला की हवा सबसे खराब रही, जहां सात अंकों के उछाल के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक 339 पर पहुंच गया है। हालांकि आज देश में सिर्फ अगरतला ही ऐसा नहीं जहां वायु गुणवत्ता बेहद खराब है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 24 अप्रैल 2025 को जारी आंकड़ों के मुताबिक देश में त्रिपुरा के इस शहर के साथ-साथ सिंगरौली (326) और बागपत (308) में भी वायु गुणवत्ता 'बेहद खराब' है। मतलब की इन शहरों की हवा में घुला जहर लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है। कल की तरह आज भी अगरतला की हवा में ओजोन हावी रहा। वहीं दिल्ली में प्रदूषण के महीन कण पीएम10 की अधिकता रही
बता दें कि प्रदूषण के मामले में आज मध्य प्रदेश का सिंगरौली जहां दूसरे जबकि बागपत तीसरे स्थान पर है। इसी तरह 246 अंकों के साथ कुंजेमुरा चौथे जबकि दौसा (242) पांचवें स्थान पर है। सासाराम में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जहां एक्यूआई 230 रिकॉर्ड किया गया है।
राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो वो आज प्रदूषित शहरों की लिस्ट में सातवें स्थान पर है, जहां मामूली इजाफे के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक 227 पर पहुंच गया है। इसी तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में औरंगाबाद (बिहार), गाजियाबाद और हनुमानगढ़ भी शामिल हैं।
रुझानों के मुताबिक आज भी देश के दस शहरों में वायु गुणवत्ता खराब है। इन शहरों में हनुमानगढ़, बारबिल, मेरठ, और भिवाड़ी भी शामिल हैं।
वहीं दूसरी तरफ आज देश में शिवसागर की हवा सबसे साफ रही, जहां एक्यूआई 27 दर्ज किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर अगरतला की तुलना शिवसागर से करें तो वहां स्थिति 12 गुणा खराब है।
शिवसागर की तरह ही देश के 18 अन्य शहरों में हवा साफ है। इनमें हुबली, कलबुर्गी, मदिकेरी, मैसूर, नगांव, नागपट्टिनम, नाहरलगुन, पुदुचेरी, राजमहेंद्रवरम, शिवसागर, श्री विजया पुरम आदि शहर शामिल हैं। परेशानी की बात यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 14 फीसदी की गिरावट आई है।
आंकड़ों के मुताबिक देश में बरेली सहित 91 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक दर्ज की गई है। इन शहरों में झांसी, कल्याण, कन्नूर, कटिहार, किशनगंज, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, लुधियाना, मदुरै, मैहर, मंगलौर, मीरा-भायंदर, मुंबई, नमक्कल, नांदेड़, ऊटी, पालकालाइपेरुर, परभनी, प्रतापगढ़, पुदुकोट्टई, पूर्णिया, रायपुर, राजसमंद, रामनगर, रानीपेट, ऋषिकेश, सागर, सलेम, शिलांग, शिवमोगा, सीकर, सिलचर, सिरोही, सोलापुर, तालचेर, टेन्सा, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, तिरुमाला, तिरुपति आदि शामिल हैं।
हालांकि साफ हवा वाले शहरों के विपरीत देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में कल से करीब पांच फीसदी का इजाफा हुआ है।
भोपाल सहित देश के 102 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में चित्तौड़गढ़, चुरू, दमोह, देवास, धनबाद, धौलपुर, दुर्गापुर, गांधीनगर, गया, गोरखपुर, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, गुवाहाटी, ग्वालियर, हापुड, इंफाल, जबलपुर, जयपुर, जालंधर, जलगांव, झुंझुनूं, जोधपुर, कानपुर, करौली, काशीपुर, कटनी, क्योंझर, खन्ना, कोहिमा, कोरबा, कोटा, लातूर, लखनऊ, महाड, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मंगुराहा, मिलुपारा, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंगेर, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नागौर, नागपुर आदि शामिल हैं।
देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में भी कल से सात फीसदी से अधिक की गिरावट आई है।
विश्लेषण से पता चला है कि देश के जहां आठ फीसदी से कुछ अधिक शहरों में हवा साफ है। वहीं दूसरी तरफ 51 फीसदी से अधिक में हालात चिंताजनक हैं, जबकि 40 फीसदी शहरों में स्थिति अभी भी संतोषजनक है।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 225 में से महज 19 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। 91 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 23 अप्रैल 2025 को यह आंकड़ा 87 दर्ज किया गया था।
102 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में अगरतला (339) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 340 के करीब पहुंच गया। कल भी अगरतला में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब एक्यूआई 332 रिकॉर्ड किया गया।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में मामूली इजाफा हुआ है। इसके साथ ही तीन अंकों के उछाल के साथ दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 227 पर पहुंच गया। हालांकि दिल्ली में अभी भी वायु गुणवत्ता खराब श्रेणी में बनी हुई है। आज एक बार फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं।
गौरतलब है कि पिछले तीन महीनों जनवरी, फरवरी और मार्च 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।
आंकड़ों के अनुसार प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज कुंजेमुरा चौथे स्थान पर है, वहीं सिंगरौली (326) दूसरे, जबकि बागपत (308) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 106, गाजियाबाद में 210, गुवाहाटी में 112, गुरूग्राम में 169, नोएडा में 187, ग्रेटर नोएडा में 175 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 87 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक’ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 169, चेन्नई में 50, चंडीगढ़ में 109, हैदराबाद में 91, जयपुर में 137 और पटना में 186 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 19 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अनंतपुर, बागलकोट, चेन्नई, कुड्डालोर, गडग, हुबली, कलबुर्गी, मदिकेरी, मैसूर, नगांव, नागपट्टिनम, नाहरलगुन, पुदुचेरी, राजमहेंद्रवरम, शिवसागर, श्री विजया पुरम, तंजावुर, तिरुचिरापल्ली, तिरुनेलवेली शामिल हैं।
वहीं आइजोल, अजमेर, अकोला, अलवर, अमरावती, अमरावती, अरियालूर, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बरेली, बारीपदा, बैरकपुर, बेलापुर, बेंगलुरु, भागलपुर, भिलाई, भिवंडी, भुवनेश्वर, बिलासपुर, बोईसर, चामराजनगर, चिक्कामगलुरु, कोयंबटूर, कटक, दावनगेरे, देहरादून, धारवाड़, डूंगरपुर, फिरोजाबाद, गुम्मिडिपूंडी, हल्दिया, होसुर, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जैसलमेर, जलना, जालौर, झालावाड़, झांसी, कल्याण, कन्नूर, कटिहार, किशनगंज, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, लुधियाना, मदुरै, मैहर, मंगलौर, मीरा-भायंदर, मुंबई, नमक्कल, नांदेड़, ऊटी, पालकालाइपेरुर, परभनी, प्रतापगढ़, पुदुकोट्टई, पूर्णिया, रायपुर, राजसमंद, रामनगर, रानीपेट, ऋषिकेश, सागर, सलेम, शिलांग, शिवमोगा, सीकर, सिलचर, सिरोही, सोलापुर, तालचेर, टेन्सा, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, तिरुमाला, तिरुपति, तिरुपुर, उदयपुर, उल्हासनगर, वापी, वाराणसी, वेल्लोर, विजयवाड़ा, विरार, विरुधुनगर, वृंदावन, यादगीर आदि 91 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।