अब आसनसोल की हवा हुई 'जहरीली', पांच फीसदी से भी कम शहरों की हवा है साफ

प्रदूषण के मामले में आज सातवें स्थान पर है दिल्ली, जहां एक्यूआई 303 रिकॉर्ड किया गया
फोटो: आईस्टॉक
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देश में बड़े शहरों को पीछे छोड़ एक बार फिर छोटे शहरों में स्थिति कहीं ज्यादा खराब है। इसका जीता जागता उदाहरण आसनसोल है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 344 तक पहुंच गया है। इसी तरह दुर्गापुर (337), हाजीपुर (335), भागलपुर (333) में भी स्थिति बेहद खराब है।

कुछ ऐसी ही स्थिति सिरसा (322), समस्तीपुर (314), हावड़ा (303) और तालचेर (302) की भी है, जहां एक्यूआई 300 के पार बना हुआ है। वहीं राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर गौर करें तो आज वो प्रदूषण के मामले में सातवें स्थान पर है, जहां एक्यूआई 303 रिकॉर्ड किया गया है। हालांकि कल के मुकाबले देखें तो दिल्ली की वायु गुणवत्ता में 40 अंकों का सुधार जरूर आया है, लेकिन इसके बावजूद वहां हवा अभी भी जहरीली बनी हुई है, जो बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है।

देखा जाए तो इस महीने एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली में वायु गुणवत्ता साफ रही हो, वहीं पिछले 27 दिनों से यहां वायु गुणवत्ता या तो गंभीर या तो बेहद खराब है।

राहत की बात यह रही की कल से देश में 'बेहद खराब' हवा वाले शहरों की गिनती में 18 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आइ है। 

आंकड़ों के मुताबिक बैरकपुर में वायु गुणवत्ता सूचकांक 285 दर्ज किया गया है। मतलब की वहां वायु गुणवत्ता 'खराब' बनी हुई है। इसी तरह देश के छोटे बड़े 47 अन्य शहरों में भी वायु गुणवत्ता का स्तर 'खराब' दर्ज किया गया है।

इन शहरों में अररिया, औरंगाबाद (बिहार), बालासोर, बल्लभगढ़, बैरकपुर, बेगूसराय, भिवाड़ी, भिवंडी, भुवनेश्वर, बिहार शरीफ, बक्सर, बर्नीहाट, कटक, धारूहेड़ा, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, गुरूग्राम, ग्वालियर, हल्दिया, हनुमानगढ़, हापुड, हिसार, झुंझुनूं, जींद, किशनगंज, कोलकाता, लखनऊ, लुधियाना, मंगुराहा, मेरठ, मोतिहारी, मुंगेर, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नागौर, नोएडा, पानीपत, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, पूर्णिया, राजगीर, रोहतक, सहरसा, सीकर, सोनीपत, श्री गंगानगर, टोंक शामिल हैं।

बेहद खराब हवा वाले शहरों की तरह ही देश में 'खराब' हवा वाले शहरों की संख्या में भी छह फीसदी की गिरावट आई है।

दूसरी तरफ देश में आइजोल की हवा सबसे साफ है, जहां एक्यूआई 28 दर्ज किया गया है। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर आसनसोल की तुलना आइजोल से करें तो वहां स्थिति 12 गुणा ज्यादा खराब है। बता दें कि देश में आइजोल की तरह ही 11 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'बेहतर' बना हुआ है। इन शहरों में मदिकेरी, मदुरै, रामनाथपुरम, शिलांग, शिवसागर, थूथुकुडी, त्रिशूर, विजयपुरा शामिल हैं।

वहीं कल से तुलना करें तो देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में नौ फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

आंकड़ों के मुताबिक देश के 55 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक बना हुआ है। इन शहरों में शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिरोही, तिरुवनंतपुरम, तिरुचिरापल्ली, तिरुपुर, उडुपी, वाराणसी, विजयवाड़ा आदि शामिल हैं। अच्छी खबर यह है कि देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की संख्या में कल से 22 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

दिल्ली के पड़ोसी शहर फरीदाबाद की बात करें तो कल से वहां स्थिति में सुधार हुआ है, जहां 29 अंकों के सुधार के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक 186 पर पहुंच गया है। मतलब की फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता 'खराब' से मध्यम श्रेणी में पहुंच गई है।

फरीदाबाद की तरह ही देश के छोटे बड़े 126 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम श्रेणी में बना हुआ है।

इन शहरों में अगरतला, आगरा, अहमदाबाद, अहमदनगर, अकोला, अलवर, अमरावती, अमृतसर, अंगुल, अंकलेश्वर, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बद्दी, बदलापुर, बागपत, बारां, बारबिल, बारीपदा, बाड़मेर, बेलापुर, बेतिया, भरतपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवानी, भोपाल, बीकानेर, बिलीपाड़ा, बोईसर, बुलन्दशहर, बूंदी, ब्यासनगर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चरखी दादरी, चेन्नई, चिकबलपुर, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, चुरू, दमोह, दौसा, दावनगेरे, देहरादून, धनबाद, धुले, डूंगरपुर, फरीदाबाद, फतेहाबाद, गांधीनगर, गया, गोरखपुर, गुवाहाटी, हुबली, जबलपुर, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, जालौर, झालावाड़, झांसी, जोधपुर, जोरापोखर, कैथल, कल्याण, कानपुर, करनाल, काशीपुर, कटिहार, कटनी, खन्ना, खुर्जा, कोटा, कुंजेमुरा, कुरूक्षेत्र, लातूर, महाड, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मांडीखेड़ा, मानेसर, मुरादाबाद, मुंबई, नागपुर, नलबाड़ी, नांदेड़, नारनौल, नासिक, नवी मुंबई, पाली, पंचकुला, परभनी, पटियाला, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुणे, रायचुर, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनगर, रतलाम, राउरकेला, रूपनगर, सागर, सांगली, सासाराम, सवाई माधोपुर, सिंगरौली, सिवान, सोलापुर, सुआकाती, टेन्सा, ठाणे, तिरुपति, उदयपुर, उज्जैन, उल्हासनगर, वापी, वातवा, विरार, विशाखापत्तनम, वृंदावन, यादगीर, यमुनानगर शामिल हैं। 

कल से तुलना करें जिन शहरों में हवा मध्यम श्रेणी में है उनकी संख्या में करीब सात फीसदी की गिरावट आई है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 27 नवंबर 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 251 में से महज 12 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 55 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 26 नवंबर 2024 को यह आंकड़ा 45 दर्ज किया गया था। 127 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।

दूसरे शहरों की तुलना में आसनसोल (344) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां आज एक्यूआई 350 के करीब पहुंच गया। वहीं कल दुर्गापुर में हवा सबसे ज्यादा खराब थी, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 392 दर्ज किया गया था।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से प्रदूषण दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 40 अंकों की गिरावट आई है, जिसके बाद वायु गुणवत्ता सूचकांक गिरकर 303 पर पहुंच गया। हालांकि इसके बावजूद दिल्ली में वायु गुणवत्ता अभी भी 'बेहद खराब' बनी हुई है। मतलब की इस महीने में पिछले 27 दिनों से लगातार दिल्ली की हवा ‘जहरीली’ है, जो लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है।

इस महीने दिल्ली में आठ दिन वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया।

कहीं न कहीं देश में प्रदूषण के स्तर में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। बता दें कि प्रदूषण के मामले में आज दिल्ली सातवें स्थान पर है, वहीं दुर्गापुर (337) दूसरे, जबकि हाजीपुर (335) तीसरे स्थान पर है।     

दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 186, गाजियाबाद में 215, गुरुग्राम में 217, नोएडा में 207, ग्रेटर नोएडा में गिरकर 230 पर पहुंच गया है।

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 137 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 214, चेन्नई में 133, चंडीगढ़ में 167, हैदराबाद में 100, जयपुर में 170 और पटना में 226 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 12 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल, बागलकोट, चामराजनगर, कलबुर्गी, मदिकेरी, मदुरै, रामनाथपुरम, शिलांग, शिवसागर, थूथुकुडी, त्रिशूर, विजयपुरा शामिल हैं।

वहीं अजमेर, अम्बाला, अमरावती, बांसवाड़ा, बरेली, बठिंडा, बेलगाम, बेंगलुरु, बिलासपुर, ब्रजराजनगर, चेंगलपट्टू, छाल, चिक्कामगलुरु, कोयंबटूर, देवास, धारवाड़, धौलपुर, डिंडीगुल, एलूर, फिरोजाबाद, गडग, हावेरी, हैदराबाद, इंदौर, कडपा, कन्नूर, करौली, करूर, कारवार, क्योंझर, कोहिमा, कोल्हापुर, कोल्लम, कोरबा, मैहर, मैसूर, नगांव, नाहरलगुन, नंदेसरी, पलवल, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, राजसमंद, ऋषिकेश, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिरोही, तिरुवनंतपुरम, तिरुचिरापल्ली, तिरुपुर, उडुपी, वाराणसी, विजयवाड़ा आदि 55 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

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