
ग्रेटर नोएडा, विशाखापत्तनम को पीछे छोड़ते हुए देश का सबसे प्रदूषित शहर बन गया है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 212 रिकॉर्ड किया गया।
दिल्ली में भी प्रदूषण बढ़ा है, जहां सूचकांक 121 पर है।
प्रदूषण के मामले में आज नोएडा चौथे स्थान पर है, वहीं छपरा (193) दूसरे, जबकि कांचीपुरम (166) तीसरे स्थान पर है।
देश के 42.5 फीसदी शहरों में हवा साफ है, जबकि 51 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है।
मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 53 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक‘ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 51, चेन्नई में 70, चंडीगढ़ में 58, हैदराबाद में 63, जयपुर में 84 और पटना में 66 दर्ज किया गया।
कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की संख्या में 7.6 फीसदी का इजाफा हुआ है, जबकि मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में कोई बदलाव नहीं हुआ है और स्थिति जस की तस बनी हुई है।
आज देश में ग्रेटर नोएडा की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 212 दर्ज किया गया है। गौरतलब है कि कल से ग्रेटर नोएडा में प्रदूषण के स्तर में 11 अंकों का उछाल आया है। हालांकि वहां वायु गुणवत्ता अभी भी खराब बनी हुई है।
मतलब कि वहां फिजाओं में घुला जहर लोगों को बीमार बना देने के लिए काफी है। बता दें कि इस दौरान ग्रेटर नोएडा की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम10) हावी रहे। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी मानकों के लिहाज से देखें तो ग्रेटर नोएडा में प्रदूषण का स्तर सुरक्षित सीमा से 371 फीसदी अधिक है।
पिछले तीन दिनों से विशाखापत्तनम लगातार देश का सबसे प्रदूषित शहर बना हुआ था। हालांकि आज वहां वायु गुणवत्ता में 169 अंकों का भारी सुधार दर्ज किया गया है। इसके साथ ही विशाखापत्तनम में वायु गुणवत्ता 'खराब' से मध्यम श्रेणी में पहुंच गई है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 16 सितम्बर 2025 को जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि आज देश के जहां 42.5 फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं 51 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि दूसरी तरफ करीब 6.4 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं। मतलब की देश के ज्यादातर शहरों में आज भी हवा संतोषजनक है।
हालांकि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की संख्या में 7.6 फीसदी का इजाफा हुआ है, जबकि मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में कोई बदलाव नहीं हुआ है और स्थिति जस की तस बनी हुई है। दूसरी तरफ देश में शिलांग की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 9 रिकॉर्ड किया गया।
ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर ग्रेटर नोएडा की तुलना शिलांग से करें तो वहां स्थिति 23 गुणा खराब है।
राजधानी दिल्ली की बात करें तो वहां भी कल से प्रदूषण में इजाफा हुआ है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 121 पर पहुंच गया है।
देश के सबसे प्रदूषित शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो छपरा (193) दूसरे जबकि कांचीपुरम (166) तीसरे पायदान पर है। इसी तरह 148 अंकों के साथ नोएडा चौथे स्थान पर है। गाजियाबाद में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है जो 134 अंकों के साथ देश का पांचवां सबसे प्रदूषित शहर है। आज देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में बद्दी (126), नंदेसरी (124), दिल्ली (121), बुलन्दशहर (120) और हावेरी (118) भी शामिल हैं।
रुझानों में यह भी सामने आया है कि जहां छपरा, नंदेसरी, बिहार शरीफ, भिवाड़ी आदि शहरों की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) हावी है। वहीं ग्रेटर नोएडा, कांचीपुरम, नोएडा, गाजियाबाद, बद्दी, दिल्ली, बुलन्दशहर, विशाखापत्तनम, मेरठ आदि शहरों में पीएम10 से स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।
दूसरी तरफ आज देश के छोटे-बड़े 99 शहरों की हवा साफ है। इन शहरों में कोलकाता, कोल्लम, कुंजेमुरा, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, महाड, मंगलौर, मंगुराहा, मिलुपारा, मीरा-भायंदर, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नागपट्टिनम, नाहरलगुन, नासिक, नयागढ़, ऊटी, पालकालाइपेरुर, परभनी, पटियाला, पेरुंदुरई, पिंपरी-चिंचवाड, प्रयागराज, पुडुकोट्टई, पूर्णिया आदि शामिल हैं।
अच्छी खबर यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में करीब आठ फीसदी का इजाफा हुआ है। इसी तरह देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में भी चार फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है।
आज देश में आगरा सहित 119 शहरों में संतोषजनक है। इन शहरों में गांधीनगर, गया, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, गुरूग्राम, ग्वालियर, हनुमानगढ़, हापुड, होसुर, हैदराबाद, जयपुर, जैसलमेर, जलगांव, जालौर, झालावाड़, झांसी, झुंझुनूं, जोधपुर, कडपा, कल्याण, कन्नूर, कानपुर, करौली, कटिहार, कटनी, क्योंझर, खुर्जा, किशनगंज, कोहिमा, कोरबा, कोटा, लखनऊ, लुधियाना, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मुरादाबाद, मुंबई, मुजफ्फरनगर, नगांव, नागौर, नागपुर, नलबाड़ी, नांदेड़, नवी मुंबई, पाली, पंचगांव, पटना, पीथमपुर, प्रतापगढ़ आदि शामिल हैं।
इसी तरह दिल्ली सहित आज देश के 14 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम श्रेणी में दर्ज किया किया गया है।
इन शहरों में बद्दी, भिवाड़ी, बिहार शरीफ, बुलन्दशहर, छपरा, गाजियाबाद, हावेरी, कांचीपुरम, मेरठ, नंदेसरी, नोएडा, तालचेर, विशाखापत्तनम आदि शामिल हैं। कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में कोई बदलाव नहीं हुआ है।
क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 233 में से 99 (+7.6 फीसदी) शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) है। 119 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) रिकॉर्ड किया गया, गौरतलब है कि 15 सितम्बर 2025 को यह आंकड़ा 114 दर्ज किया गया था।
14 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में ग्रेटर नोएडा (212) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 220 के करीब पहुंच गया। कल विशाखापत्तनम में वायु गुणवत्ता सूचकांक 283 रिकॉर्ड किया गया था।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में इजाफा हुआ है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 9 अंकों के उछाल के साथ बढ़कर 121 पर पहुंच गया। मलतब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता अभी भी मध्यम श्रेणी में बनी हुई है। वहीं आज फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं।
गौरतलब है कि पिछले दो-तीन महीनों में जून, जुलाई और अगस्त के दौरान दिल्ली की वायु गुणवत्ता ज्यादातर दिन संतोषजनक रही। वहीं जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।
प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज नोएडा चौथे स्थान पर है, वहीं छपरा (193) दूसरे, जबकि कांचीपुरम (166) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 64, गाजियाबाद में 134, गुवाहाटी में 40, गुरूग्राम में 90, नोएडा में 148, ग्रेटर नोएडा में 212 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 53 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक‘ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 51, चेन्नई में 70, चंडीगढ़ में 58, हैदराबाद में 63, जयपुर में 84 और पटना में 66 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 99 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, अकोला, अमरावती (महाराष्ट्र), अरियालूर, आसनसोल, बागलकोट, बालासोर, बारबिल, बरेली, बैरकपुर, बेगूसराय, बेलापुर, भिलाई, भोपाल, भुवनेश्वर, बिलासपुर, बिलीपाड़ा, बोईसर, ब्रजराजनगर, बूंदी, ब्यासनगर, चामराजनगर, चंद्रपुर, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कुड्डालोर, दमोह, दावनगेरे, देहरादून, धारवाड़, डिंडीगुल, फिरोजाबाद, गंगटोक, गुवाहाटी, हाजीपुर, हल्दिया, हसन, हावड़ा, हुबली, इंदौर, जबलपुर, जालंधर, जलना, कलबुर्गी, करूर, कारवार, काशीपुर, खन्ना, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, कुंजेमुरा, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, महाड, मंगलौर, मंगुराहा, मिलुपारा, मीरा-भायंदर, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नागपट्टिनम, नाहरलगुन, नासिक, नयागढ़, ऊटी, पालकालाइपेरुर, परभनी, पटियाला, पेरुंदुरई, पिंपरी-चिंचवाड, प्रयागराज, पुडुकोट्टई, पूर्णिया, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, रूपनगर, सलेम, सांगली, शिलांग, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिंगरौली, शिवसागर, सोलापुर, सूरत, टेन्सा, ठाणे, तंजावुर, तिरुनेलवेली, तिरुपुर, वाराणसी, विजयपुरा, विरुधुनगर शामिल हैं।
वहीं आगरा, अहमदाबाद, अहमदनगर, अजमेर, अलवर, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अमृतसर, अनंतपुर, अंगुल, अंकलेश्वर, आरा, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बागपत, बांसवाड़ा, बारां, बाड़मेर, बठिंडा, बेंगलुरु, बेतिया, भागलपुर, भरतपुर, भीलवाड़ा, बीकानेर, बक्सर, चंडीगढ़, चेंगलपट्टू, चेन्नई, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, चुरू, कोयंबटूर, दौसा, देवास, धनबाद, धौलपुर, धुले, डूंगरपुर, दुर्गापुर, एलूर, गांधीनगर, गया, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, गुरूग्राम, ग्वालियर, हनुमानगढ़, हापुड, होसुर, हैदराबाद, जयपुर, जैसलमेर, जलगांव, जालौर, झालावाड़, झांसी, झुंझुनूं, जोधपुर, कडपा, कल्याण, कन्नूर, कानपुर, करौली, कटिहार, कटनी, क्योंझर, खुर्जा, किशनगंज, कोहिमा, कोरबा, कोटा, लखनऊ, लुधियाना, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मुरादाबाद, मुंबई, मुजफ्फरनगर, नगांव, नागौर, नागपुर, नलबाड़ी, नांदेड़, नवी मुंबई, पाली, पंचगांव, पटना, पीथमपुर, प्रतापगढ़, पुणे, राजगीर, राजसमंद, रतलाम, राउरकेला, सागर, समस्तीपुर, सासाराम, सतना, सवाई माधोपुर, सीकर, सिरोही, सिवान, श्री गंगानगर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुपति, टोंक, तुमिडीह, उदयपुर, उल्हासनगर, वापी, वातवा, विजयवाड़ा, विरार, वृंदावन आदि 119 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।