बड़े शहरों को पीछे छोड़ सिवान-दौसा में दमघोंटू रही हवा, जानिए कहां बिगड़े, कहां सुधरे हालात

दूसरी तरफ देश में सासाराम की हवा सबसे साफ रही, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई 18 दर्ज किया गया है
प्रतीकात्मक तस्वीर: सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट
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देश में दिल्ली-मुंबई जैसे बड़े शहरों को पीछे छोड़ सिवान, दौसा में स्थिति कहीं ज्यादा खराब है। जहां बढ़ता प्रदूषण लोगों को बीमार बना देने के लिए काफी है। गौरतलब है कि इन दोनों ही शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर दमघोंटू बना हुआ है। इसी तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में ग्रेटर नोएडा, भिवानी, सवाई माधोपुर, बिहारशरीफ, रायचुर, समस्तीपुर, विजयपुरा और इंफाल शामिल थे।

वहीं दूसरी तरफ देश में सासाराम की हवा सबसे साफ रही, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई 18 दर्ज किया गया है। ऐसे में यदि सिवान की तुलना सासाराम की हवा से करें तो स्थिति 11 गुणा खराब है।

वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी मानकों के लिहाज से देखें तो देश में एक भी शहर में हवा स्वास्थ्य के लिहाज से सुरक्षित नहीं है। बता दें कि देश में सासाराम की तरह ही 118 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर बना हुआ है।

इन शहरों में भरतपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवंडी, भुवनेश्वर, बिलासपुर, बिलीपाड़ा, ब्रजराजनगर, बक्सर, ब्यासनगर, चामराजनगर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चेंगलपट्टू, चेन्नई, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कुड्डालोर, दावनगेरे, देहरादून, धौलपुर, धुले, डिंडीगुल, डूंगरपुर, गडग, गांधीनगर, हल्दिया, हुबली, इंदौर, जलगांव, कैथल, कलबुर्गी, कल्याण, करौली, करनाल, कारवार, काशीपुर, कटिहार, कटनी, कोलार, कोल्हापुर, कोलकाता शामिल थे।

वहीं दूसरी तरफ कल की तुलना में देखें तो देश में बेहतर वायु गुणवत्ता वाले शहरों की तुलना में करीब दो फीसदी का इजाफा हुआ है। राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर गौर करें तो कल के मुकाबले प्रदूषण में मामूली इजाफा हुआ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक दो अंक बढ़कर 88 पर पहुंच गया।

दूसरी तरफ पड़ोसी शहर फरीदाबाद की वायु गुणवत्ता में पांच अंकों की गिरावट आई है। इसके बाद वहां वायु गुणवत्ता सूचकांक गिरकर 69 पर पहुंच गया है। हालांकि इन दोनों ही शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक बना हुआ है।

आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली, फरीदाबाद की तरह ही देश के 114 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक दर्ज किया गया है।

इन शहरों में गुवाहाटी, ग्वालियर, हाजीपुर, हनुमानगढ़, हापुड, हसन, हावेरी, हिसार, हावड़ा, हैदराबाद, जबलपुर, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलना, जालौर, झालावाड़, झांसी, झुंझुनूं, जींद, जोधपुर, कांचीपुरम, कानपुर, क्योंझर, खन्ना, खुर्जा, किशनगंज, कोहिमा, कोटा, लखनऊ, लुधियाना, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मानेसर, मेरठ, मुजफ्फरपुर, नागौर, नलबाड़ी, नारनौल, नोएडा, पाली आदि शामिल थे। वहीं कल से तुलना करें तो देश में संतोषजनक वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में करीब पांच फीसदी का इजाफा हुआ है।

आंकड़ों के मुताबिक देश के आठ शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम दर्ज किया गया है। इन शहरों में भिवानी, बिहारशरीफ, ग्रेटर नोएडा, इंफाल, रायचुर, समस्तीपुर, सवाई माधोपुर, विजयपुरा शामिल थे। कल की तुलना में देखें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में कल से 14 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

कुल मिलाकर देखे तो देश के 49 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर दर्ज किया गया है। इसी तरह देश के 47 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक दर्ज की गई है। वहीं चार फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम दर्जे की है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 03 सितम्बर 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 245 में से 119 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 116 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 02 सितम्बर 2024 यह आंकड़ा 111 दर्ज किया गया था। 8 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।

दूसरे शहरों की तुलना में सिवान दौसा (206) और सिवान (214) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 200 के पार पहुंच गया है। यदि दिल्ली (88) की बात करें तो वहां वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' श्रेणी में बनी हुई है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स में कल से दो अंकों का इजाफा हुआ है।

दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 69, गाजियाबाद में 86, गुरुग्राम में 81, नोएडा में 74, ग्रेटर नोएडा में 129 पर पहुंच गया है।

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 43 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'बेहतर' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 55, चेन्नई में 50, चंडीगढ़ में 44, हैदराबाद में 53, जयपुर में 68 और पटना में 87 दर्ज किया गया।

इन शहरों की हवा रही सबसे साफ

देश के जिन 119 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आगरा, अहमदाबाद, आइजोल, अकोला, अलवर, अमरावती, अमरावती, अंकलेश्वर, अरियालूर, आरा, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बागलकोट, बल्लभगढ़, बांसवाड़ा, बारां, बरेली, बाड़मेर, बेलापुर, भरतपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवंडी, भुवनेश्वर, बिलासपुर, बिलीपाड़ा, ब्रजराजनगर, बक्सर, ब्यासनगर, चामराजनगर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चेंगलपट्टू, चेन्नई, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कुड्डालोर, दावनगेरे, देहरादून, धौलपुर, धुले, डिंडीगुल, डूंगरपुर, गडग, गांधीनगर, हल्दिया, हुबली, इंदौर, जलगांव, कैथल, कलबुर्गी, कल्याण, करौली, करनाल, कारवार, काशीपुर, कटिहार, कटनी, कोलार, कोल्हापुर, कोलकाता, कोप्पल, कोरबा, कुंजेमुरा, कुरूक्षेत्र, लातूर, मदिकेरी, महाड, मालेगांव, मांडीखेड़ा, मंगलौर, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरनगर, मैसूर, नगांव, नागपुर, नाहरलगुन, नासिक, नवी मुंबई, ऊटी, पालकलाईपेरुर, पलवल, पंचकुला, परभनी, पटियाला, पिंपरी-चिंचवाड, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुणे, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रामनगर, रतलाम, ऋषिकेश, सागर, सांगली, सासाराम, सिलीगुड़ी, सोलापुर, टेन्सा, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुनेलवेली, तिरुपति, टोंक, उडुपी, वापी, वेल्लोर, विजयवाड़ा, विरार, यमुनानगर शामिल रहे।

वहीं अहमदनगर, अजमेर, अम्बाला, अमृतसर, अंगुल, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), बद्दी, बागपत, बहादुरगढ़, बालासोर, बारबिल, बारीपदा, बैरकपुर, बेलगाम, बेंगलुरु, बेतिया, भागलपुर, भिवाड़ी, भोपाल, बीकानेर, बोईसर, बुलन्दशहर, बूंदी, बर्नीहाट, चरखी दादरी, छाल, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, चुरू, कोयंबटूर, कटक, दमोह, दिल्ली, देवास, धारूहेड़ा, धारवाड़, दुर्गापुर, फरीदाबाद, फतेहाबाद, फिरोजाबाद, गया, गाजियाबाद, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, गुरूग्राम, गुवाहाटी, ग्वालियर, हाजीपुर, हनुमानगढ़, हापुड, हसन, हावेरी, हिसार, हावड़ा, हैदराबाद, जबलपुर, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलना, जालौर, झालावाड़, झांसी, झुंझुनूं, जींद, जोधपुर, कांचीपुरम, कानपुर, क्योंझर, खन्ना, खुर्जा, किशनगंज, कोहिमा, कोटा, लखनऊ, लुधियाना, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मानेसर, मेरठ, मुजफ्फरपुर, नागौर, नलबाड़ी, नारनौल, नोएडा, पाली, पानीपत, पटना, पीथमपुर, पुदुचेरी, राजगीर, रोहतक, राउरकेला, रूपनगर, सहरसा, सतना, शिवमोगा, सीकर, सिलचर, सिंगरौली, सिरसा, शिवसागर, सोनीपत, सुआकाती, सूरत, तालचेर, तुमकुरु, उदयपुर, उज्जैन, उल्हासनगर, वाराणसी, वातवा, विशाखापत्तनम, वृंदावन, यादगीर आदि 116 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

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