मुंगेर को पीछे छोड़ मंडी गोबिंदगढ़ बना देश का सबसे प्रदूषित शहर, दिल्ली में 48 अंक सुधरा एक्यूआई

मौसम के साथ देश में प्रदूषण का स्तर हर दिन बदल रहा है। दिल्ली में भी बारिश के बाद वायु गुणवत्ता में 48 अंकों का सुधार देखा गया है
फोटो: सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (सीएसई)
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देश में मुंगेर को पीछे छोड़ मंडी गोबिंदगढ़ देश का सबसे प्रदूषित शहर बन गया है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 210 पर पहुंच गया है। गौरतलब है कि कल मुंगेर में हवा सबसे ज्यादा खराब थी। मंडी गोबिंदगढ़ के बाद रोहतक में हवा सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 182 दर्ज किया गया है। वहीं दूसरी तरफ आइजोल में हवा सबसे ज्यादा साफ है, जहां वायु गुणवत्ता 12 दर्ज की गई है।

यदि मंडी गोबिंदगढ़ की तुलना आइजोल से करें तो देश में एक्यूआई करीब 18 गुणा ज्यादा है। इसी तरह श्रीगंगानगर, दौसा, औरंगाबाद (बिहार), धनबाद, जालौर, कोटा, फतेहाबाद, और धौलपुर देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल रहे। वहीं दूसरी तरफ देश के 105 शहरों में वायु गुणवत्ता बेहतर बनी हुई है।

इन शहरों में कोहिमा, कोलार, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, कोप्पल, कोरबा, कोटा, कुंजेमुरा, कुरूक्षेत्र, लातूर, लखनऊ, लुधियाना, मदिकेरी, महाड, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मांडीखेड़ा, मानेसर, मैंगलोर, मेरठ, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, मैसूरु, नागांव, नागौर, नागपुर, नलबाड़ी, नारनौल, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, नोएडा, पाली, पालकलीपेरूर, पलवल, पंचकुला, पानीपत, पटियाला, पटना, पिंपरी-चिंचवाड़, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुणे, पूर्णिया, रायचुर, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रामनगर, रामनाथपुरम, आदि शहर शामिल थे।

कल से देखें तो देश में बेहतर वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में तीन फीसदी का इजाफा हुआ है।

राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर गौर करें तो वहां प्रदूषण के स्तर 48 अंकों की गिरावट आई है, जिसके बाद वहां वायु गुणवत्ता सूचकांक घटकर 83 पर पहुंच गया है। मतलब की वहां वायु गुणवत्ता संतोषजनक स्तर पर पहुंच गई है। इसी तरह फरीदाबाद की वायु गुणवत्ता में भी कल से पांच अंकों की गिरावट देखी गई है। बता दें कि फरीदाबाद में भी वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है।

दिल्ली-फरीदाबाद की तरह ही देश के 102 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है। इन शहरों में कल से छह फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।

बता दें कि जालंधर, झुंझुनू, जोधपुर, कल्याण, कानपुर, करनाल, काशीपुर, कटिहार, क्योंझर, खन्ना, खुर्जा, कोलार, लखनऊ, लुधियाना, मालेगांव, मांडीखेड़ा, मानेसर, मेरठ, मुरादाबाद, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नागौर, नलबाड़ी, नारनौल, नवी मुंबई, नोएडा, पाली, पानीपत, पटना, पीथमपुर, पुदुचेरी, राजसमंद, सिंगरौली, सिरोही, सिरसा, शिवसागर, सोलापुर, सोनीपत, सूरत, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरूपति, तुमकुरु, उडुपी, उज्जैन, उल्हासनगर, वापी, वातवा, विरार आदि में हवा संतोषजनक है।

आंकड़ों के मुताबिक देश के 18 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम है। मतलब की वहां वायु गुणवत्ता 101 से 200 के बीच है। इन शहरों में औरंगाबाद (बिहार), बठिंडा, भिवाड़ी, दौसा, धनबाद, धौलपुर, डूंगरपुर, फतेहाबाद, ग्रेटर नोएडा, इम्फाल, जालौर, कोटा, रायचुर, रोहतक, रूपनगर, समस्तीपुर, श्रीगंगानगर, विशाखापत्तनम शामिल हैं। कल की तुलना में देखें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में पांच फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 28 जुलाई 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 226 में से 105 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 102 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 27 जुलाई 2024 यह आंकड़ा 109 दर्ज किया गया था। 18 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।

दूसरे शहरों की तुलना में मंडी गोबिंदगढ़ (210) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 250 के करीब पहुंच गया है। यदि दिल्ली (83) की बात करें तो वहां वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' श्रेणी में बनी हुई है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स में कल से 48 अंकों का सुधार आया है।

दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 89, गाजियाबाद में 80, गुरुग्राम में 75, नोएडा में 57, ग्रेटर नोएडा में 106 पर पहुंच गया है। देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 62 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'संतोषजनक' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 54, चेन्नई में 78, चंडीगढ़ में 45, हैदराबाद में 51, जयपुर में 56 और पटना में 61 दर्ज किया गया।

इन शहरों की हवा रही सबसे साफ

देश के जिन 105 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला 50, आगरा 26, आइजोल 12, अकोला 35, अमरावती 43, अमरावती 29, अंगुल 36, अंकलेश्वर 50, बदलापुर 48, बारां 40, बारबिल 37, बरेली 19, बेलापुर 44, बेतिया 29, भरतपुर 30, भिलाई 29, भीलवाड़ा 45, भिवानी 42, भोपाल 36, भुवनेश्वर 50, बिलीपाड़ा 33, ब्रजराजनगर 49, बुलन्दशहर 47, बूंदी 31, बक्सर 43, ब्यासनगर 34, चामराजनगर 38, चंडीगढ़ 45, चंद्रपुर 26, छाल 34, चिक्कमगलुरु 30, कोयंबटूर 25, कुड्डालोर 22, कटक 36, दमोह 44, दावनगेरे 23, देहरादून 27, धुले 49, एलूर 48, फिरोजाबाद 26, गडग 46, गंगटोक 22, हाजीपुर 47, हल्दिया 36, हापुड 50, हावड़ा 35, हुबली 33, जबलपुर 41, जलगांव 40, झालावाड़ 45, कडपा 50, कलबुर्गी 47, करौली 35, कारवार 28, कटनी 46, कोहिमा 44, कोल्हापुर 42, कोलकाता 42, कोल्लम 43, कोप्पल 33, कोरबा 48, कुंजेमुरा 19, कुरूक्षेत्र 44, लातूर 41, मदिकेरी 26, महाड 38, मंडीदीप 25, मैंगलोर 42, मीरा-भायंदर 46, मैसूरु 37, नागांव 50, नागपुर 27, नासिक 45, नयागढ़ 21, पालकलीपेरूर 25, पलवल 49, पंचकुला 37, पटियाला 48, पिंपरी-चिंचवाड़ 36, प्रतापगढ़ 41, प्रयागराज 38, पुणे 50, पूर्णिया 31, रायपुर 20, राजमहेंद्रवरम 35, रामनगर 34, रामनाथपुरम 32, रतलाम 48, राउरकेला 28, सागर 42, सांगली 37, सासाराम 38, सतना 36, शिलांग 37, शिवमोगा 46, सीकर 48, सिलचर 49, सिलीगुड़ी 38, सुआकाती 31, थूथुकुडी 39, तिरुपुर 41, उदयपुर 50, वाराणसी 48, विजयवाड़ा 50, वृन्दावन 34शामिल रहे।

वहीं अगरतला, आगरा, आइजोल, अकोला, अमरावती, अमरावती, अंगुल, अंकलेश्वर, बदलापुर, बारां, बारबिल, बरेली, बेलापुर, बेतिया, भरतपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवानी, भोपाल, भुवनेश्वर, बिलीपाड़ा, ब्रजराजनगर, बुलन्दशहर, बूंदी, बक्सर, ब्यासनगर, चामराजनगर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, छाल, चिक्कमगलुरु, कोयंबटूर, कुड्डालोर, कटक, दमोह, दावनगेरे, देहरादून, धुले, एलूर, फिरोजाबाद, गडग, गंगटोक, हाजीपुर, हल्दिया, हापुड, हावड़ा, हुबली, जबलपुर, जलगांव, झालावाड़, कडपा, कलबुर्गी, करौली, कारवार, कटनी, कोहिमा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, कोप्पल, कोरबा, कुंजेमुरा, कुरूक्षेत्र, लातूर, मदिकेरी, महाड, मंडीदीप, मैंगलोर, मीरा-भायंदर, मैसूरु, नागांव, नागपुर, नासिक, नयागढ़, पालकलीपेरूर, पलवल, पंचकुला, पटियाला, पिंपरी-चिंचवाड़, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुणे, पूर्णिया, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनगर, रामनाथपुरम, रतलाम, राउरकेला, सागर, सांगली, सासाराम, सतना, शिलांग, शिवमोगा, सीकर, सिलचर, सिलीगुड़ी, सुआकाती, थूथुकुडी, तिरुपुर, उदयपुर, वाराणसी, विजयवाड़ा, वृन्दावन आदि 102 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

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