देश के बाकी सभी शहरों को पीछे छोड़ दिल्ली में हवा बेहद जहरीली हो चुकी है, जहां कल से वायु गुणवत्ता सूचकांक में 33 अंकों का उछाल आया है। इसके बाद वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 310 तक पहुंच गया है। मतलब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता 'बेहद खराब' हो चुकी है।
गौरतलब है कि कल सिंगरौली की हवा सबसे ज्यादा खराब थी, जहां आज वायु गुणवत्ता सूचकांक दस अंक बढ़कर 300 पर पहुंच गया। इसी तरह देश के छोटे-बड़े 19 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर दमघोंटू बना हुआ है।
इन शहरों में हनुमानगढ़, भिवानी, रोहतक, जींद, गाजियाबाद, बहादुरगढ़, नोएडा, कैथल, हाजीपुर, चरखी दादरी, आसनसोल, राजगीर, पटना, दुर्गापुर, ब्यासनगर, गुरूग्राम, हल्दिया, बद्दी शामिल थे। गौरतलब है कि कल खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या 22 दर्ज की गई थी, जो आज करीब 14 फीसदी की गिरावट के साथ 19 पर पहुंच गई है।
वहीं दूसरी तरफ देश में मदुरै की हवा सबसे स्वच्छ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 22 दर्ज किया गया है। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर दिल्ली की मदुरै से तुलना करें तो स्थिति 13 गुणा ज्यादा खराब है। इसी तरह देश के 53 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर बना हुआ है।
इन शहरों में गांधीनगर, गंगटोक, कडपा, कलबुर्गी, कल्याण, करूर, कोल्लम, कोप्पल, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, मंगलौर, मीरा-भायंदर, मैसूर, नगांव, नागपट्टिनम, ऊटी, पालकलाईपेरुर, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, राजमहेंद्रवरम, रामनाथपुरम, रानीपेट, शिवमोगा आदि शहर शामिल थे। हालांकि कल के मुकाबले देखें तो देश में बेहतर वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में करीब 17 फीसदी की गिरावट आई है।
इसी तरह आंकड़ों के मुताबिक देश के 84 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक दर्ज किया गया है। इन शहरों में किशनगंज, कोहिमा, कोरबा, महाड, मालेगांव, मिलुपारा, मोतिहारी, मुंबई, नागपुर, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, पलवल, परभनी, पिंपरी-चिंचवाड़, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज आदि शहर शामिल थे। वहीं देश में कल से संतोषजनक वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में पांच फीसदी का इजाफा हुआ है।
फरीदाबाद से जुड़े आंकड़ों पर गौर करें तो कल से प्रदूषण में 22 अंकों का उछाल आया है, जिसके बाद वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 165 पर पहुंच गया है। बता दें कि देश में फरीदाबाद की तरह ही 80 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम बना हुआ है।
इन शहरों में अम्बाला, अमृतसर, अंगुल, अररिया, औरंगाबाद (बिहार), बागपत, बालासोर, बारबिल, बारीपदा, बैरकपुर, बेगूसराय, भागलपुर, भिवाड़ी, भुवनेश्वर, बिहारशरीफ, बिलीपाड़ा, बुलन्दशहर, बक्सर, चंडीगढ़, चित्तौड़गढ़, चुरू, दमोह, देहरादून, फरीदाबाद, फतेहाबाद, गया, गोरखपुर, ग्रेटर नोएडा, ग्वालियर, हापुड, हिसार, हावड़ा, इंफाल, जबलपुर, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जालौर, झुंझुनूं, जोधपुर, कानपुर, करनाल, काशीपुर, क्योंझर, खन्ना, खुर्जा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोटा, कुंजेमुरा, कुरूक्षेत्र, लखनऊ, लुधियाना, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मांडीखेड़ा, मानेसर, मेरठ, मुरादाबाद, मुंगेर, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नागौर, नारनौल, पंचकुला, पानीपत, पटियाला, रायरंगपुर, राउरकेला, सहरसा, सीकर, सिवान, श्रीगंगानगर, सुआकाती, तालचेर, टेन्सा, टोंक, उदयपुर, उज्जैन, यमुनानगर शामिल थे।
कुल मिलाकर देखें तो देश के करीब 23 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर दर्ज किया गया है। वहीं 35 फीसदी से ज्यादा शहरों में वायु गुणवत्ता की स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि 42 फीसदी से ज्यादा शहरों में हालात चिंताजनक हैं।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 21 अक्टूबर 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 246 में से 54 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 84 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 20 अक्टूबर 2024 यह आंकड़ा 80 दर्ज किया गया था। 80 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।
दूसरे शहरों की तुलना में दिल्ली (310) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 320 के करीब पहुंच गया है। गौरतलब है कि कल सिंगरौली में स्थिति सबसे खराब थी, जहां आज वायु गुणवत्ता सूचकांक दस अंक बढ़कर 300 तक पहुंच गया है। इसी तरह दिल्ली के एक्यूआई में भी 33 अंकों का उछाल आया है।
दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 165, गाजियाबाद में 257, गुरुग्राम में 210, नोएडा में 252, ग्रेटर नोएडा में 183 पर पहुंच गया है।
देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 51 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 169, चेन्नई में 44, चंडीगढ़ में 162, हैदराबाद में 69, जयपुर में 122 और पटना में 224 दर्ज किया गया।
इन शहरों की सबसे साफ रही हवा
देश के जिन 54 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल, अकोला, अमरावती, अनंतपुर, बागलकोट, बरेली, बेलगाम, बेंगलुरु, बीदर, चामराजनगर, चेंगलपट्टू, चेन्नई, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कोयंबटूर, डिंडीगुल, गडग, गांधीनगर, गंगटोक, कडपा, कलबुर्गी, कल्याण, करूर, कोल्लम, कोप्पल, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, मंगलौर, मीरा-भायंदर, मैसूर, नगांव, नागपट्टिनम, ऊटी, पालकलाईपेरुर, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, राजमहेंद्रवरम, रामनाथपुरम, रानीपेट, शिवमोगा, सिलचर, सोलापुर, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुनेलवेली, उडुपी, उल्हासनगर, वापी, वेल्लोर, विजयपुरा, विजयवाड़ा, विरार शामिल रहे।
वहीं आगरा, अहमदाबाद, अजमेर, अलवर, अमरावती, अंकलेश्वर, अरियालूर, आरा, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बांसवाड़ा, बारां, बाड़मेर, बठिंडा, भरतपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवंडी, भोपाल, बीकानेर, बिलासपुर, बोईसर, ब्रजराजनगर, छाल, कुड्डालोर, कटक, दौसा, देवास, धौलपुर, धुले, डूंगरपुर, फिरोजाबाद, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, हसन, हैदराबाद, इंदौर, जलगांव, जलना, झालावाड़, झांसी, करौली, कटनी, किशनगंज, कोहिमा, कोरबा, महाड, मालेगांव, मिलुपारा, मोतिहारी, मुंबई, नागपुर, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, पलवल, परभनी, पिंपरी-चिंचवाड़, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुणे, पूर्णिया, रायपुर, रतलाम, रूपनगर, सागर, सलेम, सासाराम, सतना, सवाई माधोपुर, सिलीगुड़ी, सिरोही, शिवसागर, सूरत, ठाणे, थूथुकुडी, तिरुपति, तिरुपुर, तुमकुरु, वाराणसी, वातवा, विशाखापत्तनम, वृंदावन आदि 84 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।