दिल्ली-मुंबई को पीछे छोड़ मुजफ्फरपुर में बिगड़े हालात, हल्दिया-हावड़ा सहित 30 शहरों में 'खराब' है हवा

कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 25 अंकों की गिरावट आई है। इसके साथ ही वहां वायु गुणवत्ता का स्तर 174 पर पहुंच गया है
धुंध और प्रदुषण में लिपटा शहर; फोटो: आईस्टॉक
धुंध और प्रदुषण में लिपटा शहर; फोटो: आईस्टॉक
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भारत में प्रदूषण अब बड़े शहरों तक ही सीमित नहीं है और आंकड़े भी इसकी गवाही देते हैं। ताजा आंकड़ों से पता चला है कि आज देश में मुजफ्फरपुर की हवा सबसे ज्यादा खराब थी, जहां प्रदूषण लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी थी। बता दें कि मुजफ्फरपुर में वायु गुणवत्ता सूचकांक 306 दर्ज किया गया है।

राउरकेला में भी कमोबेश स्थिति ऐसी ही है, जहां एक्यूआई 282 रिकॉर्ड किया गया है।

प्रदूषण के मामले में सुआकाती (275) तीसरे स्थान पर है। वहीं हल्दिया चौथे स्थान पर रहा, जहां एक्यूआई 270 दर्ज किया गया है। इसी तरह हावड़ा में भी स्थिति 'खराब' बनी हुई है। आंकड़ों पर नजर डालें तो देश के छोटे बड़े करीब 30 शहरों में वायु गुणवत्ता 'खराब' दर्ज की गई है।

चिंता की बात यह है कि कल के मुकाबले देश में 'खराब' हवा वाले शहरों की संख्या में 11 फीसदी का इजाफा हुआ है। दूसरी तरफ आज देश में मदिकेरी की हवा सबसे साफ रही, जहां एक्यूआई 23 दर्ज किया गया है। ऐसे में यदि मुजफ्फरपुर की तुलना मदिकेरी से करें तो वहां स्थिति  13 गुणा खराब है।

बता दें कि देश में मदिकेरी सहित 22 अन्य शहरों की हवा साफ बनी हुई है। इन शहरों में मैहर, नंदेसरी, पालकलाईपेरुर, प्रयागराज, रामनाथपुरम, तंजावुर, थूथुकुडी, तिरुनेलवेली, वाराणसी आदि शामिल हैं। राहत की बात या है कि देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में कल से करीब 28 फीसदी का इजाफा हुआ है।

अहमदाबाद सहित देश के 86 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है।

इनमें कांचीपुरम, कन्नूर, कानपुर, करौली, करूर, क्योंझर, खन्ना, कोलार, कोल्हापुर, कोप्पल, लातूर, मदुरै, मेरठ, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, नोएडा, परभनी, पटियाला, प्रतापगढ़, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, रामनगर, रानीपेट, रतलाम, सलेम, सवाई माधोपुर, शिवमोगा, सिलीगुड़ी, सिरोही, शिवसागर, सोलापुर, श्री गंगानगर आदि शहर शामिल हैं।

कल से देखें तो देश में सन्तोषजनक हवा वाले शहरों की संख्या में करीब 10 फीसदी की गिरावट आई है।

दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो कल से प्रदूषण में गिरावट आई है, जहां 25 अंकों के सुधार के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक 174 पर पहुंच गया है। फरीदाबाद में भी कल से प्रदूषण में गिरावट दर्ज की गई है। इन दोनों ही शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम श्रेणी में बना हुआ है। दिल्ली-फरीदाबाद की तरह ही देश के 95 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम श्रेणी में बना हुआ है।

इन शहरों में अकोला, अमरावती, अमृतसर, अंगुल, अररिया, आरा, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बागपत, बारां, बारीपदा, बेलापुर, भीलवाड़ा, भिवाड़ी, भिवंडी, भोपाल, बीकानेर, बोईसर, ब्रजराजनगर, बुलन्दशहर, ब्यासनगर, चंद्रपुर, चरखी दादरी, छपरा, चित्तौड़गढ़, चुरू, दौसा, दिल्ली, धनबाद, धुले, फरीदाबाद, गया, गोरखपुर, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, गुरूग्राम, ग्वालियर, इंफाल, जयपुर, जैसलमेर, जलना, झालावाड़, झुंझुनूं, जोधपुर, जोरापोखर, कटिहार, कटनी, किशनगंज, कोहिमा, कोलकाता, कोरबा, कोटा, कुंजेमुरा, लखनऊ, लुधियाना, महाड, मालेगांव, मंडीदीप, मंगलौर, मंगुराहा, मिलुपारा, मीरा-भायंदर, मोतिहारी, मुंबई, मुंगेर, नागौर, नागपुर, नलबाड़ी, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, पाली, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, पुणे, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, राजसमंद, रोहतक, रूपनगर, सागर, सांगली, सीकर, सिंगरौली, ठाणे, तिरुपुर, टोंक, तुमकुरु, तुमिडीह, उदयपुर, उल्हासनगर, विरार आदि शामिल हैं।

आंकड़ों की मानें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में करीब नौ फीसदी की गिरावट आई है।

रुझानों पर नजर डालें तो देश के जहां करीब दस फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं 54 फीसदी में हालात चिंताजनक बने हुए हैं। इसी तरह देश के करीब 37 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 25 जनवरी 2025 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 235 में से महज 23 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 86 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 24 जनवरी 2025 को यह आंकड़ा 95 दर्ज किया गया।

95 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में एक बार फिर मुजफ्फरपुर (306) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां आज एक्यूआई 310 के करीब पहुंच गया। वहीं कल राजगीर में हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 313 दर्ज किया गया।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 25 अंकों की गिरावट आई है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर आज 174 पर पहुंच गया, मतलब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता सुधार के बाद मध्यम स्तर पर पहुंच गई है।

गौरतलब है कि दिसंबर 2024 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली में हवा जहरीली न हो। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया था।

देखा जाए तो देश में प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। प्रदूषण के मामले में आज हल्दिया चौथे स्थान पर है, वहीं राउरकेला (282) दूसरे, जबकि सुआकाती (275) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो फरीदाबाद में इंडेक्स 103, गाजियाबाद में 98, गुरुग्राम में 156, नोएडा में 100, ग्रेटर नोएडा में 104 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 154 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 122, चेन्नई में 76, चंडीगढ़ में 210, हैदराबाद में 82, जयपुर में 123 और पटना में 236 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 23 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अमरावती, अनंतपुर, बागलकोट, बरेली, बठिंडा, चामराजनगर, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कुड्डालोर, गडग, हुबली, झांसी, मदिकेरी, मैहर, नंदेसरी, पालकलाईपेरुर, प्रयागराज, रामनाथपुरम, तंजावुर, थूथुकुडी, तिरुनेलवेली, वाराणसी, विजयपुरा शामिल हैं।

वहीं अगरतला, आगरा, अहमदाबाद, आइजोल, अजमेर, अलवर, अंकलेश्वर, अरियालूर, बांसवाड़ा, बाड़मेर, बेंगलुरु, भरतपुर, भिलाई, भुवनेश्वर, बिलासपुर, बूंदी, चेन्नई, कोयंबटूर, कटक, दमोह, दावनगेरे, देहरादून, देवास, धारवाड़, धौलपुर, डिंडीगुल, डूंगरपुर, एलूर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गाजियाबाद, हनुमानगढ़, हापुड, हसन, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जालंधर, जलगांव, जालौर, कलबुर्गी, कांचीपुरम, कन्नूर, कानपुर, करौली, करूर, क्योंझर, खन्ना, कोलार, कोल्हापुर, कोप्पल, लातूर, मदुरै, मेरठ, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, नोएडा, परभनी, पटियाला, प्रतापगढ़, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, रामनगर, रानीपेट, रतलाम, सलेम, सवाई माधोपुर, शिवमोगा, सिलीगुड़ी, सिरोही, शिवसागर, सोलापुर, श्री गंगानगर, सूरत, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, उडुपी, उज्जैन, वातवा, वेल्लोर, विजयवाड़ा, विरुधुनगर, वृंदावन, यादगीर आदि 86 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

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