
मेघालय के बर्नीहाट में जहां पिछले तीन दिनों से हवा सबसे ज्यादा खराब थी। वहीं आज अगरतला, बर्नीहाट को पीछे छोड़ पहले स्थान पर पहुंच गया है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 05 अप्रैल 2025 को जारी आंकड़ों के मुताबिक त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 314 तक पहुंच गया है। मतलब की हवा में घुला जहर अगरतला के लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है।
आंकड़ों के मुताबिक प्रदूषण के मामले में बर्नीहाट दूसरे स्थान पर है, जहां एक्यूआई 300 रिकॉर्ड किया गया है। हालांकि कल से बर्नीहाट में प्रदूषण के स्तर में इजाफा हुआ है।
इसी तरह देश के सबसे प्रदूषित शहरों की लिस्ट में कटक (239) तीसरे, जबकि हाजीपुर (232) चौथे स्थान पर है। असम के गुवाहाटी में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो 228 अंकों के साथ पांचवा सबसे प्रदूषित शहर है। इसी तरह कटनी (214), छठे जबकि नलबाड़ी (212) सातवें स्थान पर है। वहीं सिलीगुड़ी (212), ब्यासनगर (209) और राउरकेला (209) भी देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल हैं।
रुझानों पर नजर डालें तो देश के दस शहरों की हवा खराब है। इन शहरों में सवाई माधोपुर भी शामिल हैं, जहां एक्यूआई 201 रिकॉर्ड किया गया है। कल से देखें तो देश में खराब हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 25 फीसदी का इजाफा हुआ है।
वहीं दूसरी तरफ देश में नंदेसरी की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 16 रिकॉर्ड किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर अगरतला की तुलना यदि नंदेसरी से करें तो वहां स्थिति 19 गुणा खराब है।
नंदेसरी की तरह ही देश के 34 अन्य शहरों में हवा साफ बनी हुई है। इन शहरों में मैसूर, नागपट्टिनम, ऊटी, पालकालाइपेरुर, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, राजमहेंद्रवरम, रामनाथपुरम, शिवमोगा, श्री विजया पुरम, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, तिरुनेलवेली आदि शामिल हैं। चिंता की बात यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में पांच फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।
देश में आइजोल सहित 70 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है। इन शहरों में हल्दिया, होसुर, हैदराबाद, जालंधर, जलगांव, कलबुर्गी, कल्याण, कांचीपुरम, कन्नूर, कटिहार, क्योंझर, खन्ना, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, कुंजेमुरा, मैहर, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नाहरलगुन, नासिक, नयागढ़, परभनी, पटियाला, रायपुर, राजगीर, राजसमंद, रानीपेट, ऋषिकेश, सागर, सतना, सिलचर, सिरोही आदि शामिल हैं।
चिंता की बात है कि साफ हवा वाले शहरों की तरह ही देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में 21 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।
राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो कल से प्रदूषण में अच्छी खासी गिरावट आई है। जहां 56 अंकों के सुधार के साथ सूचकांक 163 पर पहुंच गया। मतलब की वायु गुणवत्ता 'खराब' से मध्यम श्रेणी में पहुंच गई है।
दिल्ली की तरह ही देश के 119 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में धनबाद, धौलपुर, दुर्गापुर, गांधीनगर, गंगटोक, गया, गाजियाबाद, गोरखपुर, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, ग्वालियर, हनुमानगढ़, हापुड, हावड़ा, इंफाल, इंदौर, जबलपुर, जयपुर, जैसलमेर, जलना, जालौर, झालावाड़, झांसी, झुंझुनूं, जोधपुर, कानपुर, करौली, काशीपुर, किशनगंज, कोहिमा, कोरबा, कोटा, लातूर, लखनऊ, लुधियाना, महाड, मालेगांव आदि शामिल हैं।
हालांकि मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में कल से 26 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।
कुल मिलाकर देखें तो देश के जहां करीब 15 फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं दूसरी तरफ करीब 56 फीसदी में हालात चिंताजनक बने हुए हैं। इसी तरह 30 फीसदी शहरों में स्थिति संतोषजनक है।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 236 में से महज 35 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 70 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 04 अप्रैल 2025 को यह आंकड़ा 89 दर्ज किया गया।
120 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में अगरतला (314) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 320 के करीब पहुंच गया। वहीं कल बर्नीहाट में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब एक्यूआई 296 रिकॉर्ड किया गया था।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में भारी गिरावट आई है, जहां 56 अंकों के सुधार के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक घटकर 163 पर पहुंच गया। मतलब की वायु गुणवत्ता खराब से मध्यम श्रेणी में पहुंच गई है। वहीं कल की तरह आज भी सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं।
गौरतलब है कि पिछले तीन महीनों जनवरी, फरवरी और मार्च 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया था।
आंकड़ों के अनुसार प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर जारी है। प्रदूषण के मामले में आज हाजीपुर चौथे स्थान पर है, वहीं बर्नीहाट (300) दूसरे, जबकि कटक (239) तीसरे स्थान पर है। अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो गंगटोक में इंडेक्स 150, गाजियाबाद में 147, गुवाहाटी में 228, गुरूग्राम में 184, नोएडा में 107, ग्रेटर नोएडा में 178 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 110 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 144, चेन्नई में 48, चंडीगढ़ में 101, हैदराबाद में 72, जयपुर में 128 और पटना में 169 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 35 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अमरावती, अरियालूर, बागलकोट, भिलाई, चामराजनगर, चेन्नई, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कोयंबटूर, कुड्डालोर, एलूर, हुबली, कडपा, करूर, कोप्पल, मदिकेरी, मदुरै, मैसूर, नागपट्टिनम, नंदेसरी, ऊटी, पालकालाइपेरुर, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, राजमहेंद्रवरम, रामनाथपुरम, शिवमोगा, श्री विजया पुरम, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, तिरुनेलवेली, विरुधुनगर शामिल हैं।
वहीं आइजोल, अजमेर, अकोला, अलवर, अमरावती, अमृतसर, अनंतपुर, अंकलेश्वर, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बरेली, बेलगाम, बेंगलुरु, बिलासपुर, बोईसर, ब्रजराजनगर, चेंगलपट्टू, छाल, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, दमोह, धारवाड़, धुले, डूंगरपुर, फिरोजाबाद, गुम्मिडिपूंडी, हल्दिया, होसुर, हैदराबाद, जालंधर, जलगांव, कलबुर्गी, कल्याण, कांचीपुरम, कन्नूर, कटिहार, क्योंझर, खन्ना, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, कुंजेमुरा, मैहर, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नाहरलगुन, नासिक, नयागढ़, परभनी, पटियाला, रायपुर, राजगीर, राजसमंद, रानीपेट, ऋषिकेश, सागर, सतना, सिलचर, सिरोही, शिवसागर, सोलापुर, सूरत, त्रिशूर, वाराणसी, वेल्लोर, विजयवाड़ा, विरार, वृंदावन, यादगीर आदि 70 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।
मेघालय के बर्नीहाट में जहां पिछले तीन दिनों से हवा सबसे ज्यादा खराब थी। वहीं आज अगरतला, बर्नीहाट को पीछे छोड़ पहले स्थान पर पहुंच गया है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 05 अप्रैल 2025 को जारी आंकड़ों के मुताबिक त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 314 तक पहुंच गया है। मतलब की हवा में घुला जहर अगरतला के लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है।
आंकड़ों के मुताबिक प्रदूषण के मामले में बर्नीहाट दूसरे स्थान पर है, जहां एक्यूआई 300 रिकॉर्ड किया गया है। हालांकि कल से बर्नीहाट में प्रदूषण के स्तर में इजाफा हुआ है।
इसी तरह देश के सबसे प्रदूषित शहरों की लिस्ट में कटक (239) तीसरे, जबकि हाजीपुर (232) चौथे स्थान पर है। असम के गुवाहाटी में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो 228 अंकों के साथ पांचवा सबसे प्रदूषित शहर है। इसी तरह कटनी (214), छठे जबकि नलबाड़ी (212) सातवें स्थान पर है। वहीं सिलीगुड़ी (212), ब्यासनगर (209) और राउरकेला (209) भी देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल हैं।
रुझानों पर नजर डालें तो देश के दस शहरों की हवा खराब है। इन शहरों में सवाई माधोपुर भी शामिल हैं, जहां एक्यूआई 201 रिकॉर्ड किया गया है। कल से देखें तो देश में खराब हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 25 फीसदी का इजाफा हुआ है।
वहीं दूसरी तरफ देश में नंदेसरी की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 16 रिकॉर्ड किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर अगरतला की तुलना यदि नंदेसरी से करें तो वहां स्थिति 19 गुणा खराब है।
नंदेसरी की तरह ही देश के 34 अन्य शहरों में हवा साफ बनी हुई है। इन शहरों में मैसूर, नागपट्टिनम, ऊटी, पालकालाइपेरुर, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, राजमहेंद्रवरम, रामनाथपुरम, शिवमोगा, श्री विजया पुरम, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, तिरुनेलवेली आदि शामिल हैं। चिंता की बात यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में पांच फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।
देश में आइजोल सहित 70 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है। इन शहरों में हल्दिया, होसुर, हैदराबाद, जालंधर, जलगांव, कलबुर्गी, कल्याण, कांचीपुरम, कन्नूर, कटिहार, क्योंझर, खन्ना, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, कुंजेमुरा, मैहर, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नाहरलगुन, नासिक, नयागढ़, परभनी, पटियाला, रायपुर, राजगीर, राजसमंद, रानीपेट, ऋषिकेश, सागर, सतना, सिलचर, सिरोही आदि शामिल हैं।
चिंता की बात है कि साफ हवा वाले शहरों की तरह ही देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में 21 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।
राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो कल से प्रदूषण में अच्छी खासी गिरावट आई है। जहां 56 अंकों के सुधार के साथ सूचकांक 163 पर पहुंच गया। मतलब की वायु गुणवत्ता 'खराब' से मध्यम श्रेणी में पहुंच गई है।
दिल्ली की तरह ही देश के 119 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में धनबाद, धौलपुर, दुर्गापुर, गांधीनगर, गंगटोक, गया, गाजियाबाद, गोरखपुर, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, ग्वालियर, हनुमानगढ़, हापुड, हावड़ा, इंफाल, इंदौर, जबलपुर, जयपुर, जैसलमेर, जलना, जालौर, झालावाड़, झांसी, झुंझुनूं, जोधपुर, कानपुर, करौली, काशीपुर, किशनगंज, कोहिमा, कोरबा, कोटा, लातूर, लखनऊ, लुधियाना, महाड, मालेगांव आदि शामिल हैं।
हालांकि मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में कल से 26 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।
कुल मिलाकर देखें तो देश के जहां करीब 15 फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं दूसरी तरफ करीब 56 फीसदी में हालात चिंताजनक बने हुए हैं। इसी तरह 30 फीसदी शहरों में स्थिति संतोषजनक है।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 236 में से महज 35 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 70 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 04 अप्रैल 2025 को यह आंकड़ा 89 दर्ज किया गया।
120 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में अगरतला (314) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 320 के करीब पहुंच गया। वहीं कल बर्नीहाट में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब एक्यूआई 296 रिकॉर्ड किया गया था।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में भारी गिरावट आई है, जहां 56 अंकों के सुधार के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक घटकर 163 पर पहुंच गया। मतलब की वायु गुणवत्ता खराब से मध्यम श्रेणी में पहुंच गई है। वहीं कल की तरह आज भी सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं।
गौरतलब है कि पिछले तीन महीनों जनवरी, फरवरी और मार्च 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया था।
आंकड़ों के अनुसार प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर जारी है। प्रदूषण के मामले में आज हाजीपुर चौथे स्थान पर है, वहीं बर्नीहाट (300) दूसरे, जबकि कटक (239) तीसरे स्थान पर है। अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो गंगटोक में इंडेक्स 150, गाजियाबाद में 147, गुवाहाटी में 228, गुरूग्राम में 184, नोएडा में 107, ग्रेटर नोएडा में 178 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 110 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 144, चेन्नई में 48, चंडीगढ़ में 101, हैदराबाद में 72, जयपुर में 128 और पटना में 169 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 35 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अमरावती, अरियालूर, बागलकोट, भिलाई, चामराजनगर, चेन्नई, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कोयंबटूर, कुड्डालोर, एलूर, हुबली, कडपा, करूर, कोप्पल, मदिकेरी, मदुरै, मैसूर, नागपट्टिनम, नंदेसरी, ऊटी, पालकालाइपेरुर, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, राजमहेंद्रवरम, रामनाथपुरम, शिवमोगा, श्री विजया पुरम, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, तिरुनेलवेली, विरुधुनगर शामिल हैं।
वहीं आइजोल, अजमेर, अकोला, अलवर, अमरावती, अमृतसर, अनंतपुर, अंकलेश्वर, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बरेली, बेलगाम, बेंगलुरु, बिलासपुर, बोईसर, ब्रजराजनगर, चेंगलपट्टू, छाल, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, दमोह, धारवाड़, धुले, डूंगरपुर, फिरोजाबाद, गुम्मिडिपूंडी, हल्दिया, होसुर, हैदराबाद, जालंधर, जलगांव, कलबुर्गी, कल्याण, कांचीपुरम, कन्नूर, कटिहार, क्योंझर, खन्ना, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, कुंजेमुरा, मैहर, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नाहरलगुन, नासिक, नयागढ़, परभनी, पटियाला, रायपुर, राजगीर, राजसमंद, रानीपेट, ऋषिकेश, सागर, सतना, सिलचर, सिरोही, शिवसागर, सोलापुर, सूरत, त्रिशूर, वाराणसी, वेल्लोर, विजयवाड़ा, विरार, वृंदावन, यादगीर आदि 70 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।