देश में बड़े शहरों को पीछे छोड़ सहरसा में जानलेवा हुई हवा, बर्नीहाट-श्री गंगानगर में भी दमघोंटू हुए हालात

सहरसा में वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 338 पर पहुंच गया है। मतलब कि वहां हवा में घुला जहर लोगों को बहुत ज्यादा बीमारी करने के लिए काफी है
प्रतीकात्मक तस्वीर; फोटो: आईस्टॉक
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देश में दिल्ली-मुंबई जैसे बड़े शहरों को पीछे छोड़ सहरसा में प्रदूषण सबसे ज्यादा है, जहां वायु गुणवत्ता जानलेवा स्तर पर पहुंच गई है। सहरसा में वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 338 पर पहुंच गया है। मतलब कि वहां हवा में घुला जहर लोगों को बहुत ज्यादा बीमारी करने के लिए काफी है। इसी तरह बर्नीहाट-श्री गंगानगर में भी हालात दमघोंटू हो चुके हैं। बता दें कि जहां बर्नीहाट में एक्यूआई 232 दर्ज किया गया है।

वहीं श्री गंगानगर (205) में भी स्थिति कोई खास अच्छी नहीं है। दूसरी तरफ देश में मदिकेरी में हवा सबसे ज्यादा साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 18 रिकॉर्ड किया गया है। सहरसा में व्याप्त प्रदूषण की तुलना मदिकेरी से करें तो हवा करीब 19 गुणा खराब है।

राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर गौर करें तो कल से प्रदूषण में आठ अंकों की गिरावट आई है, जिसके बाद वायु गुणवत्ता सूचकांक गिरकर 105 पर पहुंच गया। वहीं फरीदाबाद के प्रदूषण में भी 65 अंकों की भारी गिरावट आई है, हालांकि अभी भी इन दोनों शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम स्तर पर बनी हुई है। देश के 19 अन्य शहरों में भी वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम दर्ज किया गया है।

इन शहरों में अमृतसर, बद्दी, बागपत, चरखी दादरी, दमोह, दिल्ली, धनबाद, दुर्गापुर, फरीदाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुरुग्राम, इम्फाल, लुधियाना, मंडी गोविंदगढ़, मोतिहारी, मुजफ्फरनगर, नारनौल, रूपनगर, सिंगरौली, सीवान शामिल थे। कल की तुलना में देखें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले इन शहरों की संख्या में करीब पांच फीसदी की गिरावट आई है।

वहीं दूसरी तरफ देश के 104 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर बना हुआ है। कल से इन शहरों की संख्या में करीब तीन फीसदी का इजाफा हुआ है। बता दें कि देश में भोपाल, बिलासपुर, बूंदी, ब्यासनगर, चामराजनगर, चंद्रपुर, छाल, छपरा, चिक्कबल्लापुर, चिक्कमगलुरु, चुरू, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दावनगेरे, देहरादून, धारवाड़, धुले, गडग, गांधीनगर, गंगटोक, गया, गुवाहाटी, हल्दिया, हसन, हावेरी, इंदौर, जबलपुर, जालोर, झांसी, जोधपुर, कलबुर्गी आदि शहर शामिल थे।

आंकड़ों के मुताबिक देश के 89 शहरों में वायु गुणवत्ता सन्तोषजनक बनी हुई है। इन शहरों की संख्या में कल से 14 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है। कहीं न कहीं कुछ दिनों की गिरावट के बाद देश में प्रदूषण ने एक बार फिर करवट ली है। 

देश में अहमदाबाद, अजमेर, अलवर, अंबाला, अनंतपुर, अररिया, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), बागलकोट, बहादुरगढ़, बालासोर, बाड़मेर, बैरकपुर, बेलापुर, भागलपुर, भिवाड़ी, भिवंडी, भुवनेश्वर, बीकानेर, बिलीपदा, बोईसर, ब्रजराजनगर, बुलंदशहर, चंडीगढ़, चेन्नई, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, कटक, दौसा, धौलपुर, डूंगरपुर, फतेहाबाद, गाजियाबाद, गोरखपुर, गुम्मिडीपोंडी, ग्वालियर, हाजीपुर, हापुड़, हिसार, हावड़ा, हुबली, हैदराबाद, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, जलना, झालावाड़, झुंझुनू, जींद, कैथल, करनाल, काशीपुर, खन्ना, खुर्जा, कोलकाता, कोटा, कुरुक्षेत्र, मंगलौर, मेरठ, मुंबई, मुंगेर आदि शहर शामिल थे। 

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा एक जुलाई 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 216 में से 104 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 89 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 30 जून 2024 यह आंकड़ा 104 दर्ज किया गया था।

20 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही। दूसरे शहरों की तुलना में सहरसा (338) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 300 के पार पहुंच गया है। 

 यदि दिल्ली की बात करें तो यहां वायु गुणवत्ता 'मध्यम' श्रेणी में है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स आठ अंक गिरकर 105 पर पहुंच गया। दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 131, गाजियाबाद में 96, गुरुग्राम में 112, नोएडा में 72, ग्रेटर नोएडा में 124 पर पहुंच गया है। 

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 60 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'संतोषजनक' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 42, चेन्नई में 57, चंडीगढ़ में 92, हैदराबाद में 65, जयपुर में 62 और पटना में 58 दर्ज किया गया।

इन शहरों की हवा रही सबसे साफ 

देश के जिन 104 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला 44, आगरा 29, अकोला 37, अमरावती 39, अमरावती 34, अरियालुर 34, आरा 32, औरंगाबाद (महाराष्ट्र) 45, बदलापुर 50, बांसवाड़ा 40, बारबिल 34, बरेली 20, बारीपदा 48, बेंगलुरु 44, भरतपुर 48, भिलाई 34, भीलवाड़ा 27, भोपाल 35, बिलासपुर 36, बूंदी 36, ब्यासनगर 46, चामराजनगर 41, चंद्रपुर 33, छाल 36, छपरा 43, चिक्कबल्लापुर 35, चिक्कमगलुरु 40, चुरू 39, कोयंबटूर 39, कुड्डालोर 22, दावनगेरे 28, देहरादून 38, धारवाड़ 41, धुले 48, गडग 47, गांधीनगर 43, गंगटोक 24, गया 36, गुवाहाटी 43, हल्दिया 47, हसन 38, हावेरी 43, इंदौर 46, जबलपुर 39, जालोर 49, झांसी 35, जोधपुर 46, कलबुर्गी 31, कल्याण 41, कानपुर 47, कारवार 28, कटिहार 46, कटनी 34, क्योंझर 39, कोल्हापुर 50, कोप्पल 46, कोरबा 29, कुंजेमुरा 27, लातूर 50, लखनऊ 42, मदिकेरी 18, महाद 35, मैहर 48, मालेगांव 46, मंडीदीप 40, मंडीखेड़ा 35, मानेसर 49, मीरा-भयंदर 46, मुरादाबाद 45, मैसूरु 31, नागौर 50, नागपुर 46, नासिक 32, नयागढ़ 33, पिंपरी-चिंचवाड़ 33, पीथमपुर 47, प्रतापगढ़ 35, प्रयागराज 26, पुदुचेरी 39, पुणे 48, रायपुर 44, रायरंगपुर 48, राजमहेंद्रवरम 44, रतलाम 50, सागर 50, सांगली 29, सवाई माधोपुर 47, शिवमोगा 42, सिलचर 48, सिलीगुड़ी 38, सिरोही 22, शिवसागर 47, सोलापुर 42, सुआकाती 39, टेन्सा 38, तिरुवनंतपुरम 40, त्रिशूर 46, तिरुपुर 38, टोंक 39, उडुपी 50, वापी 48, वाराणसी 30, विजयपुरा 42, यादगीर 33 शामिल रहे।

वहीं अहमदाबाद, अजमेर, अलवर, अंबाला, अनंतपुर, अररिया, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), बागलकोट, बहादुरगढ़, बालासोर, बाड़मेर, बैरकपुर, बेलापुर, भागलपुर, भिवाड़ी, भिवंडी, भुवनेश्वर, बीकानेर, बिलीपदा, बोईसर, ब्रजराजनगर, बुलंदशहर, चंडीगढ़, चेन्नई, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, कटक, दौसा, धौलपुर, डूंगरपुर, फतेहाबाद, गाजियाबाद, गोरखपुर, गुम्मिडीपोंडी, ग्वालियर, हाजीपुर, हापुड़, हिसार, हावड़ा, हुबली, हैदराबाद, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, जलना, झालावाड़, झुंझुनू, जींद, कैथल, करनाल, काशीपुर, खन्ना, खुर्जा, कोलकाता, कोटा, कुरुक्षेत्र, मंगलौर, मेरठ, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नांदेड़, नवी मुंबई, नोएडा, पाली, पलवल, पानीपत, पटियाला, पटना, रायचुर, राजसमंद, राउरकेला, सासाराम, सतना, सीकर, सिरसा, सोनीपत, तालचेर, ठाणे, थूथुकुडी, तिरुपति, तुमकुरु, उदयपुर, उल्हासनगर, वातवा , विजयवाड़ा, विशाखापत्तनम आदि 101 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया। 

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है। इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है।

वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है। यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है।

इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है। 

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