प्रदूषण में करौली रहा अव्वल, वहीं कल्याण में सबसे साफ रही हवा, जानिए सभी शहरों का हाल

दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो कल से प्रदूषण में गिरावट आई है। जहां 17 अंकों की गिरावट के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक 80 पर पहुंच गया है
फोटो: सम्राट मुखर्जी/ सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट
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देश में वायु प्रदूषण से करौली की स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई 212 दर्ज किया गया है। इसी तरह सवाई माधोपुर (204) में भी स्थिति दमघोंटू बनी हुई है। देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों की बात करें तो उनमें इंफाल, तुमिडीह, श्रीगंगानगर, ग्रेटर नोएडा, नंदेसरी, समस्तीपुर, जैसलमेर, सिरसा शामिल थे।

वहीं दूसरी तरफ देश में कल्याण की हवा सबसे साफ है, जहां एक्यूआई 12 दर्ज किया गया है। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर करौली की तुलना कल्याण से करें तो स्थिति 17 गुणा ज्यादा खराब है।

आंकड़ों के मुताबिक देश के 61 फीसदी से भी ज्यादा शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर दर्ज किया गया है। कल के मुकाबले देखें तो इन शहरों की संख्या में आठ फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है। इसके बाद इन शहरों का आंकड़ा बढ़कर 144 पर पहुंच गया है।

बता दें कि देश में बेहतर वायु गुणवत्ता वाले शहरों में गंगटोक, गया, गोरखपुर, ग्वालियर, हाजीपुर, हल्दिया, हापुड, हसन, हावड़ा, हुबली, हैदराबाद, जबलपुर, जालंधर, जलगांव, जलना, झांसी, कलबुर्गी, कल्याण, कांचीपुरम, कानपुर, करनाल, काशीपुर आदि शहर शामिल थे।

राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो कल से प्रदूषण में गिरावट आई है। जहां 17 अंकों की गिरावट के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक 80 पर पहुंच गया है। इसी तरह फरीदाबाद की हवा में भी मामूली सुधार आया है। इन दोनों शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है।

दिल्ली-फरीदाबाद की तरह ही देश के 79 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक दर्ज किया गया है। इन शहरों में हिसार, इंदौर, जयपुर, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, जींद, जोधपुर, कडपा, क्योंझर, कोहिमा, कोलार, कोल्लम, कोटा, कुरूक्षेत्र, लुधियाना आदि शामिल थे। हालांकि कल के मुकाबले देखें तो देश में संतोषजनक वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में नौ फीसदी की गिरावट आई है।

आंकड़ों में यह भी सामने आया है कि देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों में कल से 50 फीसदी की भारी गिरावट आई है, जिसके बाद इन शहरों की संख्या घटकर आठ पर पहुंच गई है। बता दें कि देश में ग्रेटर नोएडा, इंफाल, जैसलमेर, नंदेसरी, समस्तीपुर, सिरसा, श्रीगंगानगर, तुमिडीह की हवा मध्यम श्रेणी में है।

कुल मिलाकर देखें तो देश में कल से प्रदूषण के स्तर में गिरावट आई है। हालांकि सितम्बर में ही कई शहरों में स्थिति खराब होने से हालात चिंताजनक हैं। आंकड़े पुष्टि करते हैं कि देश के 61 फीसदी से ज्यादा शहरों में वायु गुणवत्ता बेहतर है, जबकि 34 फीसदी में स्थिति संतोषजनक है। वहीं चार फीसदी से ज्यादा शहरों में हालात चिंताजनक बने हुए हैं।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 27 सितम्बर 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 235 में से 144 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 81 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 26 सितम्बर 2024 यह आंकड़ा 89 दर्ज किया गया था। 8 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।

दूसरे शहरों की तुलना में करौली (212) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 220 के करीब पहुंच गया है। यदि दिल्ली (80) की बात करें तो वहां वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' श्रेणी में पहुंच गई है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स में कल से 17 अंकों का सुधार आया है।

दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 74, गाजियाबाद में 88, गुरुग्राम में 77, नोएडा में 85, ग्रेटर नोएडा में 111 पर पहुंच गया है।

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 34 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'बेहतर' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 49, चेन्नई में 67, चंडीगढ़ में 57, हैदराबाद में 49, जयपुर में 61 और पटना में 45 दर्ज किया गया।

इन शहरों की हवा रही सबसे साफ

देश के जिन 144 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आगरा, अजमेर, अकोला, अमरावती, अमरावती, अरियालूर, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बागलकोट, बांसवाड़ा, बारां, बारबिल, बरेली, बारीपदा, बैरकपुर, बेगूसराय, बेलगाम, भरतपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवंडी, भोपाल, भुवनेश्वर, बिहारशरीफ, बिलासपुर, बिलीपाड़ा, बोईसर, ब्रजराजनगर, बुलन्दशहर, बूंदी, ब्यासनगर, चामराजनगर, चंद्रपुर, चरखी दादरी, छाल, छपरा, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कुड्डालोर, कटक, दौसा, दावनगेरे, देहरादून, देवास, धारूहेड़ा, धुले, डिंडीगुल, डूंगरपुर, फिरोजाबाद, गडग, गांधीनगर, गंगटोक, गया, गोरखपुर, ग्वालियर, हाजीपुर, हल्दिया, हापुड, हसन, हावड़ा, हुबली, हैदराबाद, जबलपुर, जालंधर, जलगांव, जलना, झांसी, कलबुर्गी, कल्याण, कांचीपुरम, कानपुर, करनाल, काशीपुर, कटनी, खन्ना, कोल्हापुर, कोलकाता, कोप्पल, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, लखनऊ, मदिकेरी, महाड, मैहर, मालेगांव, मानेसर, मंगलौर, मेरठ, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंबई, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नागपुर, नाहरलगुन, नांदेड़, नारनौल, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, पालकलाईपेरुर, पंचकुला, पटियाला, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुणे, पूर्णिया, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, राजसमंद, रामनगर, रतलाम, ऋषिकेश, राउरकेला, सागर, सहरसा, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिंगरौली, शिवसागर, सुआकाती, टेन्सा, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुनेलवेली, तिरुपुर, तुमकुरु, उल्हासनगर, वापी, वाराणसी, विजयपुरा, विरार, विरुधुनगर, यादगीर, यमुनानगर शामिल रहे।

वहीं अगरतला, अहमदाबाद, आइजोल, अलवर, अमृतसर, अंगुल, अंकलेश्वर, बद्दी, बागपत, बहादुरगढ़, बालासोर, बल्लभगढ़, बाड़मेर, बठिंडा, बेंगलुरु, भागलपुर, भिवाड़ी, भिवानी, बीकानेर, बर्नीहाट, चंडीगढ़, चेंगलपट्टू, चेन्नई, चित्तौड़गढ़, चुरू, कोयंबटूर, दमोह, दिल्ली, धारवाड़, दुर्गापुर, एलूर, फरीदाबाद, फतेहाबाद, गाजियाबाद, गुम्मिडिपूंडी, गुरूग्राम, गुवाहाटी, हनुमानगढ़, हिसार, इंदौर, जयपुर, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, जींद, जोधपुर, कडपा, क्योंझर, कोहिमा, कोलार, कोल्लम, कोटा, कुरूक्षेत्र, लुधियाना, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मांडीखेड़ा, मुजफ्फरनगर, नगांव, नागौर, नलबाड़ी, नोएडा, पाली, पलवल, पीथमपुर, रोहतक, रूपनगर, सासाराम, सतना, सीकर, सिरोही, सोलापुर, ठाणे, थूथुकुडी, तिरुपति, उदयपुर, उज्जैन, वातवा, विजयवाड़ा, विशाखापत्तनम, वृंदावन आदि 81 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

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