खराब वायु गुणवत्त्ता वाले शहरों में झालावाड़ अव्वल, प्रदूषण में अब छोटे शहर भी नहीं पीछे

देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में ग्रेटर नोएडा, मुजफ्फरनगर, बर्नीहाट, गाजियाबाद, हापुड, नोएडा, बेलापुर, गोरखपुर, बागपत शामिल हैं
भारत की 96 फीसदी आबादी यानी 133 करोड़ लोग ऐसी हवा में सांस लेने को मजबूर हैं जहां पीएम 2.5 का वार्षिक औसत स्तर डब्ल्यूएचओ द्वारा जारी मानकों से सात गुणा खराब है; फोटो: आईस्टॉक
भारत की 96 फीसदी आबादी यानी 133 करोड़ लोग ऐसी हवा में सांस लेने को मजबूर हैं जहां पीएम 2.5 का वार्षिक औसत स्तर डब्ल्यूएचओ द्वारा जारी मानकों से सात गुणा खराब है; फोटो: आईस्टॉक
Published on

देश में वायु प्रदूषण अब महज बड़े शहरों की समस्या नहीं है, छोटे शहरों में भी हालात तेजी से बिगड़ रहे हैं। इनकी झलक साफ तौर पर आंकड़ों में भी देखी जा सकती है।

ऐसा ही कुछ केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी ताजा रुझानों में भी सामने आया है, जिसके मुताबिक प्रदूषण से झालावाड़ में स्थिति सबसे खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 239 पर पहुंच गया है। मतलब की वहां हवा में घुला जहर लोगों को बीमार बना देने के लिए काफी है।

इसी तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में भी बड़े शहरों की तुलना में छोटे शहरों का बोलबाला रहा। गौरतलब है कि देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में ग्रेटर नोएडा, मुजफ्फरनगर, बर्नीहाट, गाजियाबाद, हापुड, नोएडा, बेलापुर, गोरखपुर, बागपत शामिल थे।

वहीं दूसरी तरफ देश में कुड्डालोर की हवा सबसे साफ रही, जहां एक्यूआई महज नौ दर्ज किया गया है। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर झालावाड़ की तुलना कुड्डालोर से करने तो स्थिति करीब 26 गुणा ज्यादा खराब है।

प्रदूषण के मामले में भी राजधानी दिल्ली में दिन प्रतिदिन स्थिति बिगड़ती जा रही है। कल के मुकाबले देखें तो वहां वायु गुणवत्ता सूचकांक में 23 अंकों का उछाल आया है। बता दें कि दिल्ली में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में बनी हुई है। इसी तरह फरीदाबाद में भी आठ अंकों के उछाल के साथ वायु गुणवत्ता का स्तर 96 पर पहुंच गया है। हालांकि वहां अभी भी स्थिति संतोषजनक बनी हुई है।

ताजा रुझानों के मुताबिक देश के 54 शहरों में अभी भी वायु गुणवत्ता बेहतर है। इन शहरों में कांचीपुरम, कारवार, कोलार, कोल्लम, कोप्पल, लातूर, मदिकेरी, मालेगांव, मंगलौर, मुंगेर, मैसूर, नाहरलगुन, ऊटी, पालकलाईपेरुर, पुदुचेरी आदि शहर शामिल थे। हालांकि कल के मुकाबले देखें तो देश में बेहतर वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में करीब 12 फीसदी की गिरावट आई है।

देश के करीब आधे शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है। हालांकि इन शहरों की गिनती में भी कल से छह फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है। बता दें कि फरीदाबाद सहित देश के 125 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है। इन शहरों में जोधपुर, कल्याण, करौली, करनाल, काशीपुर, क्योंझर, खन्ना, किशनगंज, कोहिमा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोरबा, कोटा, कुंजेमुरा, कुरूक्षेत्र, लुधियाना, महाड, मंडी गोबिंदगढ़, मंगुराहा, मिलुपारा, मोतिहारी, नगांव आदि शहर शामिल थे।

देश के 72 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी है। बता दें कि इन शहरों में बड़ी तेजी से इजाफा हो रहा है। कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में 38 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

आंकड़ों के मुताबिक देश में अगरतला, अंकलेश्वर, आसनसोल, बद्दी, बदलापुर, बागपत, बहादुरगढ़, बालासोर, बल्लभगढ़, बारबिल, बारीपदा, बठिंडा, बेलापुर, बेतिया, भरतपुर, भिवाड़ी, भिवंडी, भिवानी, बिलीपाड़ा, बोईसर, बुलन्दशहर, ब्यासनगर, बर्नीहाट, चंडीगढ़, चरखी दादरी, चित्तौड़गढ़, दिल्ली, धारूहेड़ा, गाजियाबाद, गोरखपुर, गुरूग्राम, ग्वालियर, हाजीपुर, हनुमानगढ़, हापुड, हिसार, हावड़ा, इंफाल, जयपुर, जलगांव, जलना, जींद, कैथल, कानपुर, कटनी, खुर्जा, लखनऊ, मंडीदीप, मांडीखेड़ा, मानेसर, मेरठ, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंबई, मुजफ्फरपुर, नवी मुंबई, नोएडा, पंचकुला, परभनी, पटना, पूर्णिया, रायचुर, राउरकेला, सागर, सवाई माधोपुर, सिंगरौली, सिवान, तालचेर, ठाणे, टोंक, उल्हासनगर, विरार आदि की हवा मध्यम श्रेणी में बनी हुई है।

वहीं देश के तीन शहरों की हवा में घुला जहर लोगों को बहुत ज्यादा बीमार बना देने के लिए काफी है। यह शहर झालावाड़, ग्रेटर नोएडा, और मुजफ्फरनगर है।

कुल मिलकर देखें तो कल से देश में प्रदूषण के स्तर में इजाफा दर्ज किया गया है। यही वजह है कि देश के अब महज 21 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता बेहतर रह गई है, जबकि 49 फीसदी से ज्यादा शहरों मे हवा संतोषजनक है। वहीं करीब 30 फीसदी शहरों में प्रदूषण से हालात चिंताजनक बन गए हैं।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 02 अक्टूबर 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 254 में से 54 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 125 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 01 अक्टूबर 2024 यह आंकड़ा 133 दर्ज किया गया था। 72 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।

दूसरे शहरों की तुलना में झालावाड़ (239) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 250 के करीब पहुंच गया है। यदि दिल्ली (174) की बात करें तो वहां वायु गुणवत्ता 'मध्यम' श्रेणी में पहुंच गई है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स में कल से 23 अंकों का उछाल आया है।

दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 96, गाजियाबाद में 198, गुरुग्राम में 119, नोएडा में 194, ग्रेटर नोएडा में 216 पर पहुंच गया है।

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 101 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'मध्यम' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 133, चेन्नई में 55, चंडीगढ़ में 115, हैदराबाद में 61, जयपुर में 112 और पटना में 137 दर्ज किया गया।

इन शहरों की हवा रही सबसे साफ

देश के जिन 54 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल, अमरावती, अरियालूर, बागलकोट, बेगूसराय, बेलगाम, बीदर, बिलासपुर, चामराजनगर, चेंगलपट्टू, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कुड्डालोर, दावनगेरे, डिंडीगुल, डूंगरपुर, गडग, गंगटोक, हुबली, झांसी, कलबुर्गी, कांचीपुरम, कारवार, कोलार, कोल्लम, कोप्पल, लातूर, मदिकेरी, मालेगांव, मंगलौर, मुंगेर, मैसूर, नाहरलगुन, ऊटी, पालकलाईपेरुर, पुदुचेरी, राजमहेंद्रवरम, रामनगर, रामनाथपुरम, सलेम, सांगली, शिवमोगा, सिलीगुड़ी, सिरोही, शिवसागर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुनेलवेली, तुमकुरु, उडुपी, विजयपुरा, विरुधुनगर, यादगीर शामिल रहे।

वहीं आगरा, अहमदाबाद, अजमेर, अकोला, अलवर, अम्बाला, अमरावती, अमृतसर, अनंतपुर, अंगुल, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बांसवाड़ा, बारां, बरेली, बाड़मेर, बैरकपुर, बेंगलुरु, भागलपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भोपाल, भुवनेश्वर, बिहारशरीफ, बीकानेर, ब्रजराजनगर, बूंदी, बक्सर, चंद्रपुर, चेन्नई, छाल, चित्तूर, चुरू, कोयंबटूर, कटक, दमोह, दौसा, देहरादून, धारवाड़, धौलपुर, धुले, दुर्गापुर, एलूर, फरीदाबाद, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गया, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, हल्दिया, हसन, हावेरी, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जैसलमेर, जालंधर, जालौर, झुंझुनूं, जोधपुर, कल्याण, करौली, करनाल, काशीपुर, क्योंझर, खन्ना, किशनगंज, कोहिमा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोरबा, कोटा, कुंजेमुरा, कुरूक्षेत्र, लुधियाना, महाड, मंडी गोबिंदगढ़, मंगुराहा, मिलुपारा, मोतिहारी, नगांव, नागौर, नागपुर, नलबाड़ी, नारनौल, नासिक, नयागढ़, पाली, पलवल, पानीपत, पटियाला, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुणे, रायपुर, रायरंगपुर, राजगीर, राजसमंद, रतलाम, ऋषिकेश, रोहतक, रूपनगर, सहरसा, समस्तीपुर, सासाराम, सतना, सीकर, सिलचर, सिरसा, सोलापुर, सुआकाती, सूरत, टेन्सा, तिरुपुर, उदयपुर, उज्जैन, वापी, वाराणसी, वातवा, विजयवाड़ा, विशाखापत्तनम, वृंदावन, यमुनानगर आदि 125 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

Related Stories

No stories found.
Down to Earth- Hindi
hindi.downtoearth.org.in