
भारत के 132 शहरों में हवा साफ है, जबकि गुम्मिडिपूंडी सबसे प्रदूषित शहर बना हुआ है।
देश में मदिकेरी की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 19 रिकॉर्ड किया गया है।
दिल्ली में कल से प्रदूषण में मामूली इजाफा हुआ, लेकिन स्थिति संतोषजनक बनी हुई है।
68 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है, जबकि 18 शहरों में मध्यम श्रेणी में है।
गौरतलब है कि कल गुम्मिडिपूंडी में वायु गुणवत्ता सूचकांक 169 रिकॉर्ड किया गया था, मतलब की कल से वहां प्रदूषण में 46 अंको की गिरावट आई है।
दूसरी तरफ आज मदिकेरी की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 19 रिकॉर्ड किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर गुम्मिडिपूंडी की तुलना मदिकेरी से करें तो वहां स्थिति पांच गुणा खराब है।
आंकड़ों के मुताबिक कल सिंगरौली में प्रदूषण से स्थिति सबसे ज्यादा खराब थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 204 तक पहुंच गया। हालांकि आज सरकार ने वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं।
रुझानों से पता चला है कि आज प्रदूषण के मामले में वापी दूसरे जबकि विशाखापत्तनम तीसरे स्थान पर है, वहां एक्यूआई 122 रिकॉर्ड किया गया है। इसी तरह 118 अंकों के साथ थूथुकुडी चौथे जबकि बांसवाड़ा (116) पांचवें पायदान पर है। छपरा-गोरखपुर में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो आज 114 अंकों के साथ देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल हैं। इसी तरह आज देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में जैसलमेर (113), नोएडा (112) और धनबाद (109) भी शामिल हैं।
विश्लेषण से पता चला है कि आज जहां गुम्मिडिपूंडी की हवा में प्रदूषण के महीन कण हावी हैं। वहीं वापी, विशाखापत्तनम, बांसवाड़ा, जैसलमेर, पाली, गांधीनगर, बाड़मेर, नागौर, जोधपुर, श्री गंगानगर आदि में पीएम10 से हालात चिंताजनक हैं। थूथुकुडी, नोएडा, एलूर की हवा में इस दौरान जहां कार्बन हावी था। वहीं कुछ शहरों में बढ़ते ओजोन से परेशानी बढ़ी है।
इन शहरों के उलट आज देश में अहमदनगर सहित 132 शहरों की हवा साफ है। इन साफ हवा वाले शहरों में दुर्गापुर, फिरोजाबाद, गंगटोक, गया, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, गुवाहाटी, ग्वालियर, हल्दिया, हापुड, हावड़ा, हुबली, इंदौर, जबलपुर, जालंधर, जलगांव, जालौर, झांसी, झुंझुनूं, जोरापोखर, कलबुर्गी, कांचीपुरम, कानपुर, करौली, करूर, कारवार, काशीपुर, कटनी, क्योंझर, खन्ना, खुर्जा, कोल्हापुर, कोलकाता, कुंजेमुरा, लातूर, लखनऊ, मदिकेरी, मदुरै, महाड, मंगलौर, मंगुराहा, मेरठ आदि शामिल हैं।
अच्छी खबर यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 13 फीसदी का इजाफा हुआ है।
राजधानी दिल्ली की बात करें तो बारिश के बावजूद प्रदूषण में मामूली इजाफा हुआ है। हालांकि वहां अभी भी स्थिति संतोषजनक है।
वहीं दूसरी तरफ कल से संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 27 फीसदी की गिरावट आई है, जिसने चिंताएं बढ़ा दी हैं। आंकड़ों से पता चला है कि आज छोटे बड़े 68 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है। इन शहरों में कटिहार, कोल्लम, कोटा, लुधियाना, मालेगांव, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, नगांव, नांदेड़, पंचगांव, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़, पुणे, पूर्णिया, राजसमंद, रतलाम, सागर, सलेम आदि शामिल हैं।
विश्लेषण से यह भी पता चला है कि आज देश के 18 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में बांसवाड़ा, बाड़मेर, बक्सर, छपरा, धनबाद, एलूर, गांधीनगर, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, जैसलमेर, जोधपुर, नागौर, नोएडा, पाली, श्री गंगानगर, थूथुकुडी, वापी, विशाखापत्तनम शामिल हैं।
बुरी खबर यह है कि कल से देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 125 फीसदी का इजाफा हुआ है।
क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 218 में से 132 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) है। 68 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) रिकॉर्ड किया गया, गौरतलब है कि 02 सितम्बर 2025 को यह आंकड़ा 93 दर्ज किया गया था।
18 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में गुम्मिडिपूंडी (123) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 130 के करीब पहुंच गया। कल सिंगरौली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 204 रिकॉर्ड किया गया।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में इजाफा हुआ है। इसके साथ दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 57 पर पहुंच गया। मलतब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता संतोषजनक श्रेणी में बनी हुई है। वहीं आज फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं।
गौरतलब है कि पिछले दो-तीन महीनों में जून, जुलाई और अगस्त के दौरान दिल्ली की वायु गुणवत्ता ज्यादातर दिन संतोषजनक रही। वहीं जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।
प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज थूथुकुडी चौथे स्थान पर है, वहीं वापी (122) दूसरे, जबकि विशाखापत्तनम (122) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 40, गाजियाबाद में 54, गुवाहाटी में 48, गुरूग्राम में 45, नोएडा में 112, ग्रेटर नोएडा में 42 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 54 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक‘ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 49, चेन्नई में 67, चुरू में 46, हैदराबाद में 66, जयपुर में 72 और पटना में 64 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 132 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, अहमदनगर, अकोला, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अमरावती (महाराष्ट्र), अंगुल, अंकलेश्वर, आरा, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बागलकोट, बालासोर, बारबिल, बरेली, बारीपदा, बैरकपुर, बठिंडा, बेगूसराय, बेलापुर, बेंगलुरु, भरतपुर, भिलाई, भिवाड़ी, भोपाल, बिलासपुर, बिलीपाड़ा, बुलन्दशहर, बूंदी, ब्यासनगर, चामराजनगर, चंद्रपुर, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, चुरू, कोयंबटूर, कुड्डालोर, कटक, दमोह, दौसा, दावनगेरे, देहरादून, देवास, धौलपुर, डिंडीगुल, दुर्गापुर, फिरोजाबाद, गंगटोक, गया, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, गुवाहाटी, ग्वालियर, हल्दिया, हापुड, हावड़ा, हुबली, इंदौर, जबलपुर, जालंधर, जलगांव, जालौर, झांसी, झुंझुनूं, जोरापोखर, कलबुर्गी, कांचीपुरम, कानपुर, करौली, करूर, कारवार, काशीपुर, कटनी, क्योंझर, खन्ना, खुर्जा, कोल्हापुर, कोलकाता, कुंजेमुरा, लातूर, लखनऊ, मदिकेरी, मदुरै, महाड, मंगलौर, मंगुराहा, मेरठ, मीरा-भायंदर, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नागपुर, नाहरलगुन, नलबाड़ी, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, ऊटी, पालकालाइपेरुर, परभनी, पटियाला, पेरुंदुरई, प्रयागराज, पुडुकोट्टई, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनाथपुरम, राउरकेला, रूपनगर, सहरसा, सांगली, सासाराम, सवाई माधोपुर, शिवमोगा, सिलीगुड़ी, शिवसागर, सोलापुर, सुआकाती, सूरत, टेन्सा, ठाणे, तंजावुर, तिरुनेलवेली, तिरुपुर, तुमिडीह, वाराणसी, विजयपुरा, विरार, विरुधुनगर, वृंदावन, यादगीर शामिल हैं।
वहीं आगरा, अहमदाबाद, अजमेर, अलवर, अमृतसर, अनंतपुर, अरियालूर, बद्दी, बदलापुर, बारां, बेतिया, भागलपुर, भीलवाड़ा, भिवंडी, बिहार शरीफ, बीकानेर, बोईसर, ब्रजराजनगर, चेंगलपट्टू, चेन्नई, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, दिल्ली, धुले, डूंगरपुर, गाजियाबाद, हनुमानगढ़, होसुर, हैदराबाद, जयपुर, झालावाड़, कन्नूर, कटिहार, कोल्लम, कोटा, लुधियाना, मालेगांव, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, नगांव, नांदेड़, पंचगांव, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़, पुणे, पूर्णिया, राजसमंद, रतलाम, सागर, सलेम, समस्तीपुर, सतना, सीकर, सिलचर, सिरोही, सिवान, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, तिरुपति, टोंक, उदयपुर, उल्हासनगर, विजयवाड़ा आदि 68 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।