देश में प्रदूषण के मामले में नंदेसरी की स्थिति सबसे खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 250 के करीब पहुंच गया है। मतलब की वहां की हवा में घुला हजार लोगों को बहुत ज्यादा बीमार बना देने के लिए काफी है।
इसी तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में जलना, चित्तौड़गढ़, चरखी दादरी, हनुमानगढ़, इंदौर, अररिया, श्रीगंगानगर, चुरू, भिवानी शामिल थे। वहीं दूसरी तरफ शिलांग की हवा सबसे साफ रही, जहां एक्यूआई का स्तर 17 दर्ज किया गया था। देश में सबसे साफ हवा वाले दस शहरों में गंगटोक, कारवार, तिरुनेलवेली, झांसी, कटनी, गडग, कुंजेमुरा, रामनगर, पालकालाइपेरुर शामिल थे। ऐसे में यदि नंदेसरी की तुलना देश के सबसे साफ हवा वाले शहर शिलांग से करें तो वहां स्थिति करीब 14 गुणा ज्यादा खराब है।
देखा जाए तो कल से देश में बेहतर वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में नौ फीसदी का इजाफा हुआ है, जिसके बाद इन शहरों की संख्या बढ़कर 73 पर पहुंच गई है। बता दें कि इन शहरों में काशीपुर, कटनी, कोप्पल, कोरबा, कुंजेमुरा, मदिकेरी, मंडीदीप, मुरादाबाद, मैसूर, नाहरलगुन, नयागढ़, पालकालाइपेरुर, पलवल, प्रयागराज, रायपुर, रायरंगपुर, रामनगर, रामनाथपुरम, ऋषिकेश आदि शहर शामिल थे।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी ताजा रिपोर्ट के मुताबिक बारिश के बाद राजधानी दिल्ली की वायु गुणवत्ता में भारी सुधार देखने को मिला है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 57 अंकों की गिरावट के साथ 115 पर पहुंच गया है।
इसी तरह फरीदाबाद की हवा में भी कल से सुधार दर्ज किया गया, जहां एक्यूआई 11 अंक गिरकर 81 पर पहुंच गया है। मतलब की इस गिरावट के साथ फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता मध्यम से संतोषजनक स्तर पर पहुंच गई है।
फरीदाबाद की तरह ही देश के 137 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक दर्ज किया गया है। इन शहरों में प्रतापगढ़, पुदुचेरी, पुणे, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रतलाम, राउरकेला, रूपनगर, सहरसा, सतना, सवाई माधोपुर, सिलीगुड़ी, सिंगरौली, सिरोही, सोलापुर, सोनीपत, ठाणे, थूथुकुडी, तिरुपति, टोंक, तुमकुरु, उदयपुर, उज्जैन, वापी, वाराणसी, वातवा, विजयवाड़ा, विरार, यादगीर, यमुनानगर आदि शहर शामिल थे।
कल से तुलना करें तो देश में संतोषजनक वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में छह फीसदी से ज्यादा का इजाफा दर्ज किया गया है।
आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली की तरह ही देश के 33 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम बना हुआ है। इन शहरों में अंगुल, अररिया, बहादुरगढ़, बांसवाड़ा, बठिंडा, भिवानी, बीकानेर, चरखी दादरी, छपरा, चित्तौड़गढ़, चुरू, दुर्गापुर, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, हनुमानगढ़, हिसार, इंदौर, जयपुर, जलना, जालौर, झुंझुनूं, जींद, लुधियाना, मुजफ्फरनगर, पाली, राजगीर, रोहतक, समस्तीपुर, सीकर, सिवान, श्रीगंगानगर, विशाखापत्तनम, वृंदावन शामिल थे। कल के मुकाबले इन शहरों की संख्या में करीब 28 फीसदी की गिरावट आई है।
कुल मिलकर देखें तो देश की वायु गुणवत्ता में सुधार देखा गया है। आंकड़ों के मुताबिक देश के करीब 30 फीसदी शहरों में स्थिति बेहतर बनी हुई है, जबकि 56 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है। वहीं 14 फीसदी से ज्यादा शहरों में हालात चिंताजनक हैं।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 18 सितम्बर 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 246 में से 73 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 138 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 17 सितम्बर 2024 यह आंकड़ा 130 दर्ज किया गया था। 34 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।
दूसरे शहरों की तुलना में नंदेसरी (249) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 250 के करीब पहुंच गया है। यदि दिल्ली (115) की बात करें तो वहां वायु गुणवत्ता 'मध्यम' श्रेणी में पहुंच गई है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स में कल से 57 अंकों की गिरावट आई है।
दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 81, गाजियाबाद में 94, गुरुग्राम में 115, नोएडा में 98, ग्रेटर नोएडा में 107 पर पहुंच गया है।
देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 65 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'संतोषजनक' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 66, चेन्नई में 49, चंडीगढ़ में 77, हैदराबाद में 72, जयपुर में 110 और पटना में 85 दर्ज किया गया।
इन शहरों की हवा रही सबसे साफ
देश के जिन 73 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आगरा, अनंतपुर, अरियालूर, बारां, बरेली, बेगूसराय, बेलगाम, भिलाई, भुवनेश्वर, बिलासपुर, बिलीपाड़ा, ब्रजराजनगर, बुलन्दशहर, बक्सर, ब्यासनगर, चामराजनगर, चेंगलपट्टू, चेन्नई, छाल, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कुड्डालोर, दावनगेरे, देहरादून, धौलपुर, धुले, डिंडीगुल, फिरोजाबाद, गडग, गंगटोक, हल्दिया, हसन, हावेरी, हुबली, झांसी, कलबुर्गी, कांचीपुरम, कारवार, काशीपुर, कटनी, कोप्पल, कोरबा, कुंजेमुरा, मदिकेरी, मंडीदीप, मुरादाबाद, मैसूर, नाहरलगुन, नयागढ़, पालकालाइपेरुर, पलवल, प्रयागराज, रायपुर, रायरंगपुर, रामनगर, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, सागर, सलेम, सांगली, सासाराम, शिलांग, शिवमोगा, सिलचर, शिवसागर, टेन्सा, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुनेलवेली, उडुपी, वेल्लोर, विजयपुरा, विरुधुनगर शामिल रहे।
वहीं अहमदाबाद, अहमदनगर, आइजोल, अजमेर, अकोला, अलवर, अमरावती, अम्बाला, अमरावती, अमृतसर, आरा, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बद्दी, बागपत, बालासोर, बारबिल, बारीपदा, बाड़मेर, बैरकपुर, बेलापुर, बेंगलुरु, बेतिया, भागलपुर, भरतपुर, भीलवाड़ा, भिवाड़ी, भिवंडी, भोपाल, बीदर, बिहारशरीफ, बोईसर, बूंदी, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चित्तूर, कोयंबटूर, कटक, दमोह, दौसा, देवास, धारवाड़, डूंगरपुर, फरीदाबाद, गांधीनगर, गया, गाजियाबाद, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, ग्वालियर, हाजीपुर, हापुड, हावड़ा, हैदराबाद, जबलपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, झालावाड़, जोधपुर, कडपा, कैथल, कल्याण, कानपुर, करौली, करनाल, कटिहार, खन्ना, किशनगंज, कोहिमा, कोलार, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, कोटा, कुरूक्षेत्र, लातूर, लखनऊ, महाड, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मांडीखेड़ा, मानेसर, मंगलौर, मंगुराहा, मेरठ, मीरा-भायंदर, मोतिहारी, मुंबई, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागौर, नागपुर, नलबाड़ी, नांदेड़, नारनौल, नासिक, नवी मुंबई, नोएडा, ऊटी, पंचकुला, परभनी, पटियाला, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़, पुदुचेरी, पुणे, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रतलाम, राउरकेला, रूपनगर, सहरसा, सतना, सवाई माधोपुर, सिलीगुड़ी, सिंगरौली, सिरोही, सोलापुर, सोनीपत, ठाणे, थूथुकुडी, तिरुपति, टोंक, तुमकुरु, उदयपुर, उज्जैन, वापी, वाराणसी, वातवा, विजयवाड़ा, विरार, यादगीर, यमुनानगर आदि 138 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।