देश के छोटे बड़े सभी शहरों को पीछे छोड़ हाजीपुर और श्रीगंगानगर में प्रदूषण का स्तर दमघोंटू हो गया है। आंकड़ों के मुताबिक जहां हाजीपुर में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 220 दर्ज किया गया है। वहीं श्रीगंगानगर में भी सूचकांक 212 तक पहुंच गया है। वहीं देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में बर्नीहाट, चंडीगढ़, बेगूसराय, ग्रेटर नोएडा, रूपनगर, छपरा, गाजियाबाद, सिंगरौली शामिल थे।
वहीं दूसरी तरफ देश में सासाराम की हवा सबसे ज्यादा साफ रही, जहां एक्यूआई 16 दर्ज किया गया। ऐसे में यदि हाजीपुर की हवा में घुले जहर की तुलना सासाराम से करें तो स्थिति 13 गुणा ज्यादा खराब है। बता दें कि देश में सासाराम की तरह ही 102 अन्य शहरों में स्थिति बेहतर बनी हुई है।
गौरतलब है कि देश में बेहतर वायु गुणवत्ता वाले शहरों में देहरादून, डिंडीगुल, फतेहाबाद, फिरोजाबाद, गडग, गंगटोक, हल्दिया, हसन, हिसार, हुबली, जबलपुर, जयपुर, झालावाड़, झुंझुनूं, जोधपुर, कैथल, कलबुर्गी, कल्याण, कांचीपुरम, करौली, करनाल, कोलार, कोल्हापुर, कोप्पल, कोरबा, कुरूक्षेत्र, लातूर, लुधियाना आदि शहर शामिल थे।
कल की तुलना में देखें तो देश में बेहतर वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में करीब नौ फीसदी की गिरावट आई है।
राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों को देखें तो वहां भी कल की तुलना में प्रदूषण में इजाफा हुआ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 21 अंकों के उछाल के साथ 91 पर पहुंच गया है।
कुछ ऐसी ही स्थिति पड़ोसी शहर फरीदाबाद की भी है, जहां प्रदूषण में 32 अंकों का इजाफा हुआ है। इसके बाद फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता का स्तर 75 पर पहुंच गया। हालांकि अभी भी इन दोनों शहरों में हवा संतोषजनक बनी हुई है।
दिल्ली-फरीदाबाद की तरह ही देश के 102 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक बना हुआ है। इन शहरों में इंदौर, जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, जलना, झांसी, जींद, कानपुर, काशीपुर, कटनी, खन्ना, खुर्जा, किशनगंज, कोहिमा, कोलकाता, कोल्लम, कोटा, कुंजेमुरा, लखनऊ, मंडीदीप, मेरठ, मिलुपारा, मुरादाबाद, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागौर, पाली, पंचकुला, पानीपत, पटना, पीथमपुर, प्रयागराज, पूर्णिया, रायपुर, रतलाम, रोहतक, राउरकेला, सागर, सहरसा, सलेम, सतना, सिलचर, सिरसा, शिवसागर, सोनीपत, सुआकाती, सूरत आदि शहर शामिल थे।
वहीं कल से तुलना करें तो देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की संख्या में आठ फीसदी की गिरावट आई है।
आंकड़ों के मुताबिक देश के 12 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम बना हुआ है। हालांकि कल से इन शहरों की संख्या में 20 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। इस तरह देश में बेगूसराय, बर्नीहाट, चंडीगढ़, छपरा, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, इंफाल, मांडीखेड़ा, नोएडा, रूपनगर, समस्तीपुर, सिंगरौली आदि में वायु प्रदूषण मध्यम स्तर पर बना हुआ है।
कुल मिलाकर देखें तो देश के करीब 47 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर बना हुआ है। वहीं 47 फीसदी में स्थिति संतोषजनक है, जबकि छह फीसदी से ज्यादा शहरों में स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 08 सितम्बर 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 221 में से 103 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 104 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 07 सितम्बर 2024 यह आंकड़ा 113 दर्ज किया गया था। 12 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।
दूसरे शहरों की तुलना में हाजीपुर (220) और श्रीगंगानगर (212) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 250 के करीब पहुंच गया है। यदि दिल्ली (91) की बात करें तो वहां वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' श्रेणी में बनी हुई है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स में कल से 21 अंकों का इजाफा हुआ है।
दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 75, गाजियाबाद में 109, गुरुग्राम में 98, नोएडा में 107, ग्रेटर नोएडा में 131 पर पहुंच गया है।
देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 34 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'बेहतर' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 69, चेन्नई में 48, चंडीगढ़ में 134, हैदराबाद में 52, जयपुर में 45 और पटना में 97 दर्ज किया गया।
इन शहरों की हवा रही सबसे साफ
देश के जिन 103 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आगरा, आइजोल, अकोला, अलवर, अमरावती, अमरावती, अमृतसर, अनंतपुर, अरियालूर, औरंगाबाद (बिहार), बागलकोट, बल्लभगढ़, बारां, बरेली, बेंगलुरु, भरतपुर, भीलवाड़ा, भिवानी, बीदर, बिलासपुर, ब्रजराजनगर, बूंदी, चामराजनगर, चंद्रपुर, चरखी दादरी, चेंगलपट्टू, चेन्नई, छाल, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कुड्डालोर, दावनगेरे, देहरादून, डिंडीगुल, फतेहाबाद, फिरोजाबाद, गडग, गंगटोक, हल्दिया, हसन, हिसार, हुबली, जबलपुर, जयपुर, झालावाड़, झुंझुनूं, जोधपुर, कैथल, कलबुर्गी, कल्याण, कांचीपुरम, करौली, करनाल, कोलार, कोल्हापुर, कोप्पल, कोरबा, कुरूक्षेत्र, लातूर, लुधियाना, मदिकेरी, महाड, मंगलौर, मुंबई, मुंगेर, मैसूर, नागपुर, नांदेड़, नारनौल, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, पालकलाईपेरुर, परभनी, पटियाला, पिंपरी-चिंचवाड, प्रतापगढ़, पुदुचेरी, पुणे, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रामनगर, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, सांगली, सासाराम, सवाई माधोपुर, शिवमोगा, सीकर, सिलीगुड़ी, सोलापुर, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, तिरुनेलवेली, तिरुपति, तिरुपुर, टोंक, वेल्लोर, विजयपुरा, वृंदावन, यमुनानगर, शामिल रहे।
वहीं अगरतला, अहमदाबाद, अजमेर, अम्बाला, अंकलेश्वर, आसनसोल, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बद्दी, बागपत, बहादुरगढ़, बांसवाड़ा, बारीपदा, बाड़मेर, बठिंडा, भागलपुर, भिलाई, भिवाड़ी, भोपाल, बिहारशरीफ, बीकानेर, बिलीपाड़ा, बुलन्दशहर, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, चुरू, कोयंबटूर, दमोह, दौसा, दिल्ली, देवास, धारवाड़, धौलपुर, दुर्गापुर, फरीदाबाद, गांधीनगर, गया, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी,गुरूग्राम, गुवाहाटी, ग्वालियर, हनुमानगढ़, हापुड, हावेरी, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, जलना, झांसी, जींद, कानपुर, काशीपुर, कटनी, खन्ना, खुर्जा, किशनगंज, कोहिमा, कोलकाता, कोल्लम, कोटा, कुंजेमुरा, लखनऊ, मंडीदीप, मेरठ, मिलुपारा, मुरादाबाद, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागौर, पाली, पंचकुला, पानीपत, पटना, पीथमपुर, प्रयागराज, पूर्णिया, रायपुर, रतलाम, रोहतक, राउरकेला, सागर, सहरसा, सलेम, सतना, सिलचर, सिरसा, शिवसागर, सोनीपत, सुआकाती, सूरत, तालचेर, टेन्सा , तुमकुरु, तुमिडीह, उदयपुर, उडुपी, उज्जैन, वापी, वाराणसी, वातवा, विशाखापत्तनम आदि 104 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।