फोटो: सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (सीएसई)
फोटो: सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (सीएसई)

दिल्ली-फरीदाबाद में सुधरी हवा, साफ हवा वाले शहरों में भी 14 फीसदी का इजाफा

देश के करीब 33 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर बना हुआ है। वहीं करीब 54 फीसदी में स्थिति संतोषजनक है
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राजधानी दिल्ली में कल से प्रदूषण के स्तर में भारी सुधार देखा गया है। जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 59 अंक गिरकर 56 पर पहुंच गया है। इसी तरह फरीदाबाद में भी कल से प्रदूषण में गिरावट आई है, जहां 29 अंकों की गिरावट के साथ एक्यूआई 52 पर पहुंच गया। इन दोनों ही शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक बना हुआ है।

आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली-फरीदाबाद की तरह ही देश के 134 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक दर्ज किया गया।

इनमें कोहिमा, कोलार, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, कोरबा, कोटा, कुरूक्षेत्र, लातूर, लखनऊ, लुधियाना, महाड, मंडीदीप, मांडीखेड़ा, मंगलौर, मंगुराहा, मेरठ, मीरा-भायंदर, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, मैसूर आदि शहर शामिल थे। हालांकि कल के मुकाबले देखें तो देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की संख्या में कल से करीब डेढ़ फीसदी की गिरावट आई है।

दूसरी तरफ देश में कल से साफ हवा वाले शहरों की संख्या में भी करीब 14 फीसदी का इजाफा हुआ है, जोकि पर्यावरण और स्वास्थ्य के लिहाज से अच्छा है। ताजा आंकड़ों के मुताबिक देश में चरखी दादरी की हवा सबसे स्वच्छ है, जहां वायु गुणवत्ता का स्तर 18 दर्ज किया गया है।

इसी तरह देश में दस सबसे साफ हवा वाले शहरों में चरखी दादरी, शिलांग, देहरादून, धौलपुर, कारवार, दौसा, फिरोजाबाद, बुलन्दशहर, गंगटोक और सासाराम शामिल थे।

आंकड़ों पर नजर डाले तो देश के 83 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर बना हुआ है, जिनमें प्रयागराज, रायरंगपुर, रामनगर, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, रोहतक, सागर, सांगली, सासाराम, शिलांग, शिवमोगा, सीकर, सिलचर, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुनेलवेली, तिरुपति आदि शहर शामिल थे।

वहीं दूसरी तरफ देश में अररिया की हवा सबसे ज्यादा दूषित है, जहां वायु गुणवत्ता का स्तर 264 रिकॉर्ड किया गया है। इसी तरह देश में नंदेसरी (217) की स्थिति भी खराब बनी हुई है। देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में अररिया, नंदेसरी, जलना, कटिहार, विशाखापत्तनम, चित्तौड़गढ़, आसनसोल, सिवान, पटना और भागलपुर शामिल थे। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर अररिया की तुलना चरखी दादरी से करें तो स्थिति करीब 14 गुणा खराब है।

रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि देश के 32 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम बना हुआ है। इन शहरों में आसनसोल, बदलापुर, बारबिल, बैरकपुर, भागलपुर, भिवंडी, बिहारशरीफ, बिलीपाड़ा, बर्नीहाट, छपरा, चित्तौड़गढ़, दुर्गापुर, गुम्मिडिपूंडी, हाजीपुर, इंफाल, जैसलमेर, जलना, जालौर, कल्याण, कटिहार, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, नगांव, नांदेड़, ऊटी, पाली, पटना, राजगीर, सिरसा, सिवान, तुमकुरु, विशाखापत्तनम शामिल थे। वहीं कल की तुलना में देखें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों में करीब छह फीसदी की गिरावट आई है।

कुल मिलाकर देखें तो देश की वायु गुणवत्ता में सुधार आया है, जहां करीब 33 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर है। वहीं करीब 54 फीसदी में स्थिति संतोषजनक है, जबकि 13 फीसदी से ज्यादा शहरों में हालात चिंताजनक बने हुए हैं।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 19 सितम्बर 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 253 में से 83 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 136 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 18 सितम्बर 2024 यह आंकड़ा 138 दर्ज किया गया था। 32 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।

दूसरे शहरों की तुलना में अररिया (264) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 270 के करीब पहुंच गया है। यदि दिल्ली (56) की बात करें तो वहां वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' श्रेणी में पहुंच गई है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स में कल से 59 अंकों की गिरावट आई है।

दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 52, गाजियाबाद में 45, गुरुग्राम में 74, नोएडा में 54, ग्रेटर नोएडा में 50 पर पहुंच गया है।

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 66 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'संतोषजनक' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 55, चेन्नई में 72, चंडीगढ़ में 74, हैदराबाद में 78, जयपुर में 49 और पटना में 131 दर्ज किया गया।

इन शहरों की हवा रही सबसे साफ

देश के जिन 83 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आगरा, अजमेर, अलवर, अम्बाला, अरियालूर, बागपत, बहादुरगढ़, बल्लभगढ़, बरेली, बेगूसराय, बेलगाम, भरतपुर, ब्रजराजनगर, बुलन्दशहर, ब्यासनगर, चामराजनगर, चंद्रपुर, चरखी दादरी, चेंगलपट्टू, चिक्कामगलुरु, कुड्डालोर, दौसा, दावनगेरे, देहरादून, धारूहेड़ा, धौलपुर, डिंडीगुल, फिरोजाबाद, गडग, गंगटोक, गया, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, हापुड, हसन, हावेरी, हुबली, जयपुर, जालंधर, झालावाड़, झांसी, झुंझुनूं, कलबुर्गी, कांचीपुरम, करौली, कारवार, काशीपुर, कोप्पल, कुंजेमुरा, मदिकेरी, मानेसर, मिलुपारा, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, नागौर, नाहरलगुन, नारनौल, नयागढ़, पालकालाइपेरुर, पलवल, पंचकुला, पटियाला, प्रयागराज, रायरंगपुर, रामनगर, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, रोहतक, सागर, सांगली, सासाराम, शिलांग, शिवमोगा, सीकर, सिलचर, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुनेलवेली, तिरुपति, टोंक, उडुपी, विजयपुरा, विरुधुनगर शामिल रहे।

वहीं अगरतला, अहमदाबाद, अहमदनगर, आइजोल, अकोला, अमरावती, अमरावती, अमृतसर, अनंतपुर, अंगुल, अंकलेश्वर, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद महाराष्ट्र), बद्दी, बागलकोट, बालासोर, बांसवाड़ा, बारां, बारीपदा, बठिंडा, बेलापुर, बेंगलुरु, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवाड़ी, भिवानी, भोपाल, भुवनेश्वर, बीदर, बीकानेर, बिलासपुर, बोईसर, बूंदी, बक्सर, चंडीगढ़, चेन्नई, छाल, चिकबलपुर, चित्तूर, चुरू, कोयंबटूर, कटक, दमोह, दिल्ली, धारवाड़, धुले, डूंगरपुर, फरीदाबाद, गांधीनगर, गोरखपुर, गुरूग्राम, गुवाहाटी, ग्वालियर, हल्दिया, हनुमानगढ़, हिसार, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जलगांव, जींद, जोधपुर, कडपा, कानपुर, करनाल, कटनी, क्योंझर, खन्ना, खुर्जा, किशनगंज, कोहिमा, कोलार, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, कोरबा, कोटा, कुरूक्षेत्र, लातूर, लखनऊ, लुधियाना, महाड, मंडीदीप, मांडीखेड़ा, मंगलौर, मंगुराहा, मेरठ, मीरा-भायंदर, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नागपुर, नलबाड़ी, नासिक, नवी मुंबई, नोएडा, परभनी, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़, पुदुचेरी, पुणे, पूर्णिया, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रतलाम, राउरकेला, रूपनगर, सहरसा, सलेम, समस्तीपुर, सतना, सवाई माधोपुर, सिलीगुड़ी, सिरोही, शिवसागर, सोलापुर, श्रीगंगानगर, सुआकाती, टेन्सा, ठाणे, थूथुकुडी, उदयपुर, उज्जैन, उल्हासनगर, वापी, वाराणसी, वातवा, वेल्लोर, विरार, वृंदावन, यादगीर, यमुनानगर आदि 136 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

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