बुनियादी सुविधाओं की कमी से कैसे आएगी भारतीय शहरों में साइकिल क्रांति

विश्व साइकिल दिवस: यह दिन वायु प्रदूषण, भीड़ और जलवायु परिवर्तन जैसे दुनिया के जरूरी मुद्दों को हल करने के लिए यातायात के एक स्थायी साधन के रूप में साइकिल चलाने के महत्व पर प्रकाश डालता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, पैदल चलने और साइकिल चलाने के लिए सुरक्षित बुनियादी ढांचा भी अधिक स्वास्थ्य समानता हासिल करने का एक मार्ग है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, पैदल चलने और साइकिल चलाने के लिए सुरक्षित बुनियादी ढांचा भी अधिक स्वास्थ्य समानता हासिल करने का एक मार्ग है। फोटो साभार: आईस्टॉक
Published on

हर साल तीन जून को विश्व साइकिल दिवस मनाया जाता है। यह गतिशीलता और संस्कृति पर साइकिल के प्रभाव की दो शताब्दियों से अधिक की याद दिलाता है। दुनिया भर में यह दिन लोगों को साइकिल चलाने को एक स्वस्थ, टिकाऊ और किफायती तरीका मानने के लिए प्रोत्साहित करता है, जिससे मनुष्य और ग्रह दोनों को फायदा होता है।

इस महीने की शुरुआत में, पेरिस ने स्वच्छ शहर अभियान द्वारा जारी साइकिल-फ्रेंडली सिटी रैंकिंग 2025 में शीर्ष स्थान हासिल किया। एक समय ट्रैफिक जाम और दम घोंटने वाले प्रदूषण के लिए बदनाम, फ्रांस की राजधानी में एक भारी बदलाव आया है। यह अब साइकिलिंग की बुनियादी सुविधाओं और टिकाऊ शहरी गतिशीलता के लिए एक वैश्विक उदाहरण के रूप में उभर कर आया है।

यह भी पढ़ें
बदलाव: ग्रामीण भारत की लड़कियों में बढ़ा साइकिल का चलन
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, पैदल चलने और साइकिल चलाने के लिए सुरक्षित बुनियादी ढांचा भी अधिक स्वास्थ्य समानता हासिल करने का एक मार्ग है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, पैदल चलने और साइकिल चलाने के लिए सुरक्षित बुनियादी ढांचा भी अधिक स्वास्थ्य समानता हासिल करने का एक मार्ग है। सबसे गरीब शहरी क्षेत्र के लिए, जो अक्सर निजी वाहन नहीं खरीद सकते, पैदल चलना और साइकिल चलाना हृदय रोग, स्ट्रोक, कुछ कैंसर, मधुमेह और यहां तक कि मृत्यु के खतरे को कम करते हुए यातायात का एक साधन प्रदान कर सकता है। तदनुसार, बेहतर सक्रिय परिवहन न केवल स्वस्थ है, यह न्यायसंगत और किफायती भी है।

विश्व साइकिल दिवस के इतिहास की बात करें तो 2018 में, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने आधिकारिक तौर पर तीन जून को विश्व साइकिल दिवस के रूप में घोषित किया। इस दिन की शुरुआत पोलिश-अमेरिकी सामाजिक वैज्ञानिक और प्रोफेसर लेस्जेक सिबिल्स्की ने की थी, जिन्होंने अपने छात्रों के साथ मिलकर 2015 में साइकिल को पर्यावरण के अनुकूल यातायात के साधन के रूप में जागरूकता बढ़ाने के लिए एक अभियान शुरू किया था।

यह भी पढ़ें
भारतीय वैज्ञानिकों ने विकसित की किफायती और तेजी से चार्ज होने वाली ई-साइकिल
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, पैदल चलने और साइकिल चलाने के लिए सुरक्षित बुनियादी ढांचा भी अधिक स्वास्थ्य समानता हासिल करने का एक मार्ग है।

इस पहल को सबसे पहले तुर्कमेनिस्तान ने आगे बढ़ाया और बाद में 56 अन्य देशों ने इसका समर्थन किया। आज, विश्व साइकिल दिवस दुनिया भर में साइकिलिंग कार्यक्रमों, गतिविधियों और जागरूकता अभियानों के साथ मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य लोगों को स्वच्छ, स्वस्थ भविष्य के लिए साइकिल चुनने के लिए प्रोत्साहित करना है।

यह दिन वायु प्रदूषण, यातायात की भीड़ और जलवायु परिवर्तन जैसे दुनिया के जरूरी मुद्दों को हल करने के लिए यातायात के एक स्थायी साधन के रूप में साइकिल चलाने के महत्व पर प्रकाश डालता है। यह लोगों को जब भी संभव हो ईंधन से चलने वाले वाहनों की बजाय साइकिल चुनने के लिए प्रोत्साहित करता है।

यह भी पढ़ें
भारत में सार्वजनिक परिवहन का सबसे ज्यादा उपयोग करती हैं महिलाएं: रिपोर्ट
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, पैदल चलने और साइकिल चलाने के लिए सुरक्षित बुनियादी ढांचा भी अधिक स्वास्थ्य समानता हासिल करने का एक मार्ग है।

एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए साइकिल का उपयोग करना पर्यावरण की दृष्टि से सही, सुरक्षित और स्वस्थ तरीका है। यदि हम दुनिया को भारी कार्बन डाइऑक्साइड (सीओ2) के उत्पादन के विनाश से बचाना चाहते हैं, तो हमें इसे और अधिक करने की जरूरत है।

इसके अलावा यह दिन साइकिल चलाने से स्वास्थ्य को होने वाले फायदों पर जोर देता है, एक सक्रिय जीवनशैली को प्रोत्साहित करता है, जो आज की मुख्य रूप से गतिहीन दुनिया में विशेष रूप से महत्वपूर्ण है।

यह भी पढ़ें
भारत में आवाजाही: अहमदाबाद में आने-जाने का साधन न होने से रोजगार गंवा रहे हैं लोग
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, पैदल चलने और साइकिल चलाने के लिए सुरक्षित बुनियादी ढांचा भी अधिक स्वास्थ्य समानता हासिल करने का एक मार्ग है।

साइकिल के बारे में रोचक तथ्य

शब्द "साइकिल" ग्रीक शब्द "बाय" से आया है, जिसका अर्थ है दो, और लैटिन शब्द "सिकल" जिसका अर्थ है वृत्त या गोला है। यह 19वीं सदी के मध्य में पेडल से चलने वाली शुरुआती मशीनों के विकास के दौरान उभरा। इससे पहले साइकिलों को आमतौर पर वेलोसिपिड्स कहा जाता था।

शुरुआती साइकिलों में, जैसे कि पेनी-फ़ार्थिंग में ब्रेक नहीं होते थे। सवार अपने पैरों को जमीन पर रखकर या आगे के पहिये के हैंडलबार का इस्तेमाल करके रुकते थे। इससे कई दुर्घटनाएं हुईं, खासकर ढलान पर सवारी करते समय।

यह भी पढ़ें
विश्व साइकिल दिवस: क्या हमारी सड़कें साइकिल चलाने के लिए सुरक्षित हैं?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, पैदल चलने और साइकिल चलाने के लिए सुरक्षित बुनियादी ढांचा भी अधिक स्वास्थ्य समानता हासिल करने का एक मार्ग है।

विश्व साइकिल दिवस पर भारत और डेनमार्क जैसे देशों में साइकिल परेड लोकप्रिय है। ये आयोजन एकता, स्थिरता और साइकिल चलाने के आनंद का प्रतीक हैं। सजी हुई साइकिलें अक्सर स्थानीय परंपराओं या वैश्विक पर्यावरण संदेशों को दर्शाती हैं।

19वीं सदी के अंत में साइकिल महिलाओं की आजादी का प्रतीक बन गई। साइकिल चलाने से कोर्सेट जैसे प्रतिबंधात्मक कपड़ों के मानदंडों को चुनौती मिली और लैंगिक समानता को बढ़ावा मिला। सुसान बी. एंथनी जैसे नेताओं ने महिलाओं को स्वतंत्र रूप से यात्रा करने के लिए सशक्त बनाने के लिए साइकिल की प्रशंसा की।

आपातकालीन स्थितियों में, साइकिलें दुर्गम क्षेत्रों में तुरंत सहायता पहुंचाती हैं। वर्ल्ड बाइसिकल रिलीफ जैसे संगठन चिकित्सा आपूर्ति और भोजन के लिए मजबूत बाइक प्रदान करते हैं। उनकी गतिशीलता और कम लागत उन्हें संकट के समय जीवन रक्षक बनाती है।

Related Stories

No stories found.
Down to Earth- Hindi
hindi.downtoearth.org.in