देश में प्रदूषण के मामले में छोटे शहर भी पीछे नहीं है, यह एक बार फिर आंकड़ों से साबित हो गया जब दिल्ली को पीछे छोड़ हनुमानगढ़ प्रदूषण के मामले में पहले स्थान पर पहुंच गया।
ताजा रुझानों से पता चला है कि हनुमानगढ़ में वायु गुणवत्ता सूचकांक 277 तक पहुंच गया है। वहीं कल यह सूचकांक 255 दर्ज किया गया था। वहीं 36 अंकों के सुधार के बावजूद दिल्ली देश का दूसरा सबसे प्रदूषित शहर रही, जहां एक्यूआई 270 रिकॉर्ड किया गया। मतलब की प्रदूषण में गिरावट के बावजूद दिल्ली की हवा अभी भी दमघोंटू बनी हुई है।
इसी तरह देश के छोटे-बड़े 24 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'खराब' बना हुआ है।
इन शहरों में बागपत, भिवानी, बीकानेर, बुलन्दशहर, चंद्रपुर, दिल्ली, हनुमानगढ़, हापुड, जालौर, कैथल, करनाल, खन्ना, खुर्जा, कुरूक्षेत्र, मंडी गोबिंदगढ़, मेरठ, मुजफ्फरनगर, नोएडा, पाली, पीथमपुर, रोहतक, सीकर, सूरत, विशाखापत्तनम शामिल हैं।
हालांकि कल की तुलना में देखें तो देश में खराब हवा वाले शहरों की गिनती में 17 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।
वहीं दूसरी तरफ देश के 60 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर बना हुआ है। इन शहरों में छाल, छपरा, चिक्कामगलुरु, कोयंबटूर, कुड्डालोर, कटक, डिंडीगुल, दुर्गापुर, गंगटोक, गुवाहाटी, हाजीपुर, हल्दिया, कांचीपुरम, करूर, क्योंझर, किशनगंज, कोलकाता आदि शहर शामिल थे। वहीं कल से तुलना करें तो देश में बेहतर वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में 11 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।
बता दें कि देश में पालकालाइपेरुर की हवा सबसे साफ रही, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 15 दर्ज किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर हनुमानगढ़ की पालकालाइपेरुर से करें तो वहां स्थिति 18 गुणा ज्यादा खराब है।
आंकड़ों से यह भी पता चला है कि देश के 58 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक बना हुआ है। इन शहरों में हुबली, झांसी, कडपा, कलबुर्गी, कल्याण, कानपुर, काशीपुर, कटनी, कोहिमा, कोलार, कोप्पल, कोरबा, कुंजेमुरा, लखनऊ, मंगुराहा, मुंगेर, नागपुर, ऊटी, पटना, प्रयागराज, पुदुचेरी, रायपुर, राजसमंद आदि शहर शामिल थे। हालांकि कल से देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की संख्या में भी मामूली इजाफा हुआ है।
दूसरी तरफ देश के 102 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम बना हुआ है, इनमें फरीदाबाद भी शामिल है।
आंकड़ों से यह भी पता चला है कि देश के 58 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक बना हुआ है। इन शहरों में हुबली, झांसी, कडपा, कलबुर्गी, कल्याण, कानपुर, काशीपुर, कटनी, कोहिमा, कोलार, कोप्पल, कोरबा, कुंजेमुरा, लखनऊ, मंगुराहा, मुंगेर, नागपुर, ऊटी, पटना, प्रयागराज, पुदुचेरी, रायपुर, राजसमंद आदि शहर शामिल थे। हालांकि कल से देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की संख्या में भी मामूली इजाफा हुआ है।
दूसरी तरफ देश के 102 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम बना हुआ है, इनमें फरीदाबाद भी शामिल है। हालांकि कल की तुलना में फरीदाबाद की वायु गुणवत्ता में 11 अंकों का उछाल आया है, जिसके बाद एक्यूआई बढ़कर 153 पर पहुंच गया है।
कल से तुलना करें तो देश में आगरा, अहमदाबाद, अहमदनगर, अजमेर, अकोला, अलवर, अमरावती, अम्बाला, अमरावती, अमृतसर, अंकलेश्वर, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बद्दी, बल्लभगढ़, बांसवाड़ा, बारां, भरतपुर, भीलवाड़ा, भिवाड़ी, भिवंडी, भोपाल, बोईसर, बूंदी, चंडीगढ़, चरखी दादरी, चेन्नई, चिकबलपुर, चुरू, दमोह, दौसा, धारूहेड़ा, धौलपुर, डूंगरपुर, फरीदाबाद, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गाजियाबाद, गोरखपुर, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, गुरूग्राम, ग्वालियर, हिसार, हैदराबाद, इंफाल, इंदौर, जबलपुर, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, जलना, झालावाड़, झुंझुनूं, जींद, जोधपुर, करौली, कोल्हापुर, कोटा, लातूर, लुधियाना, महाड, मालेगांव, मंडीदीप, मानेसर, मुरादाबाद, मुंबई, नागौर, नारनौल, नासिक, नवी मुंबई, पलवल, पंचकुला, पानीपत, परभनी, पटियाला, पिंपरी-चिंचवाड, प्रतापगढ़, पुणे, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, रतलाम, रूपनगर, समस्तीपुर, सांगली, सवाई माधोपुर, सिरोही, सिरसा, सिवान, सोलापुर, श्रीगंगानगर, ठाणे, टोंक, उदयपुर, उज्जैन, उल्हासनगर, वापी, वातवा, विरार, वृंदावन, यादगीर, यमुनानगर में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम बना हुआ है।
कुल मिलाकर देखें तो देश में 25 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर है, जबकि करीब 24 फीसदी में स्थिति संतोषजनक हैं। वहीं देश के करीब 52 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक बने हुए हैं।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 25 अक्टूबर 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 244 में से 60 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 58 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 24 अक्टूबर 2024 यह आंकड़ा 57 दर्ज किया गया था। 102 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।
दूसरे शहरों की तुलना में हनुमानगढ़ (277) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 300 के करीब पहुंच गया है। इसी तरह मेरठ (269) और करनाल (264) में भी स्थिति जानलेवा बनी हुई है। गौरतलब है कि कल दिल्ली में स्थिति सबसे ज्यादा खराब थी, जहां आज वायु गुणवत्ता सूचकांक 36 अंकों की गिरावट के साथ 270 तक पहुंच गया है।
दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 153, गाजियाबाद में 200, गुरुग्राम में 162, नोएडा में 222, ग्रेटर नोएडा में 199 पर पहुंच गया है।
देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 124 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 90, चेन्नई में 102, चंडीगढ़ में 149, हैदराबाद में 101, जयपुर में 186 और पटना में 62 दर्ज किया गया।
इन शहरों की सबसे साफ रही हवा
देश के जिन 60 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल, अंगुल, अररिया, आरा, आसनसोल, बागलकोट, बालासोर, बारबिल, बिलीपाड़ा, ब्रजराजनगर, बक्सर, ब्यासनगर, बर्नीहाट, चामराजनगर, छाल, छपरा, चिक्कामगलुरु, कोयंबटूर, कुड्डालोर, कटक, डिंडीगुल, दुर्गापुर, गंगटोक, गुवाहाटी, हाजीपुर, हल्दिया, कांचीपुरम, करूर, क्योंझर, किशनगंज, कोलकाता, कोल्लम, मदिकेरी, मंगलौर, मोतिहारी, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नगांव, नागपट्टिनम, नाहरलगुन, नलबाड़ी, नयागढ़, पालकालाइपेरुर, राजगीर, रानीपेट, ऋषिकेश, सहरसा, शिवमोगा, सिलीगुड़ी, शिवसागर, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुनेलवेली, तुमिडीह, उडुपी, वाराणसी, विजयपुरा, विरुधुनगर शामिल रहे।
वहीं अगरतला, बरेली, बारीपदा, बाड़मेर, बैरकपुर, बठिंडा, बेगूसराय, बेंगलुरु, बेतिया, भिलाई, भुवनेश्वर, बिहारशरीफ, बिलासपुर, चेंगलपट्टू, चित्तूर, देहरादून, धारवाड़, धुले, एलूर, गडग, गया, हसन, हावड़ा, हुबली, झांसी, कडपा, कलबुर्गी, कल्याण, कानपुर, काशीपुर, कटनी, कोहिमा, कोलार, कोप्पल, कोरबा, कुंजेमुरा, लखनऊ, मंगुराहा, मुंगेर, नागपुर, ऊटी, पटना, प्रयागराज, पुदुचेरी, रायपुर, राजसमंद, रामनगर, राउरकेला, सागर, सासाराम, सतना, सिलचर, सिंगरौली, तिरुपति, तिरुपुर, तुमकुरु, वेल्लोर, विजयवाड़ा आदि 58 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।