प्रदूषण में अव्वल गुरूग्राम, दिल्ली-फरीदाबाद में भी बिगड़ रही स्थिति

दिल्ली में 103 अंकों के उछाल के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक 294 तक पहुंच गया है
प्रदूषण में अव्वल गुरूग्राम, दिल्ली-फरीदाबाद में भी बिगड़ रही स्थिति
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केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 16 फरवरी 2025 को जारी आंकड़ों के मुताबिक देश में गुरुग्राम की स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 304 दर्ज किया गया। वहीं 15 फरवरी 2025 को बर्नीहाट में वायु गुणवत्ता सूचकांक 332 तक पहुंच गया था।

राजधानी दिल्ली में भी स्थिति दिन प्रतिदिन बिगड़ रही है। हालात यह हैं कि 103 अंकों के उछाल के साथ दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 294 तक पहुंच गया है। बता दें कि प्रदूषण के मामले में आज दिल्ली दूसरे स्थान पर है। वहीं हाजीपुर भी इस मामले में ज्यादा पीछे नहीं है, जहां एक्यूआई 276 दर्ज किया गया है। इसी तरह प्रदूषण के मामले में पटना (266) चौथे, जबकि भिवाड़ी (254) पांचवें स्थान पर है।

दिल्ली के पड़ोसी शहर फरीदाबाद से जुड़े आंकड़ों पर गौर करें तो कल (15 फरवरी 2025) से वहां भी प्रदूषण के स्तर में 85 अंकों का इजाफा हुआ है। इसके साथ ही फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 215 पर पहुंच गया है।

दिल्ली-फरीदाबाद की तरह ही देश के 17 शहरों में वायु गुणवत्ता खराब बनी हुई है। इन शहरों में बागपत, भिवाड़ी, बक्सर, चरखी दादरी, दिल्ली, दुर्गापुर, फरीदाबाद, गाजियाबाद, हाजीपुर, मेरठ, मुजफ्फरपुर, नोएडा, पाली, पटना, सहरसा, सासाराम, तालचेर शामिल हैं। वहीं 15 फरवरी 2025 को जारी आंकड़ों से तुलना करें तो इन शहरों की गिनती में करीब 42 फीसदी का इजाफा हुआ है।

वहीं दूसरी तरफ देश में रामनाथपुरम की हवा सबसे साफ है, जहां एक्यूआई 20 दर्ज किया गया है। ऐसी में यदि गुरुग्राम की तुलना रामनाथपुरम से करें तो वहां स्थिति 14 गुणा ज्यादा खराब है। रामनाथपुरम की तरह ही देश में आज भी 16 शहरों में हवा साफ बनी हुई है।

इन शहरों में हुबली, झांसी, कांचीपुरम, मैहर, मंगलौर, पालकालाइपेरुर, पुदुचेरी, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, तंजावुर, थूथुकुडी, तिरुनेलवेली आदि शामिल हैं।

बरेली सहित देश के 83 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है। इन शहरों में कानपुर, करूर, कारवार, कटिहार, खन्ना, कोलार, कोल्हापुर, कोल्लम, मदिकेरी, मदुरै, मंगुराहा, मिलुपारा, मैसूर, नगांव, नाहरलगुन, नासिक, ऊटी, पटियाला, प्रयागराज, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रामनगर, सागर, सतना, शिवमोगा आदि शामिल हैं।

15 फरवरी को जारी आंकड़ों से तुलना करें तो इन शहरों की गिनती में 16 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।

रुझानों में यह भी सामने आया है कि अहमदाबाद सहित 115 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में बनी हुई है। इन शहरों में बुलन्दशहर, बूंदी, ब्यासनगर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चित्तौड़गढ़, चुरू, कटक, दौसा, देवास, धनबाद, धौलपुर, डूंगरपुर, गांधीनगर, गया, गोरखपुर, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, ग्वालियर, हल्दिया, हापुड आदि शामिल हैं। वहीं कल (15 फरवरी 2025) से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में करीब दो फीसदी का इजाफा हुआ है।

कुल मिलाकर देखें तो देश के करीब सात फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं 57 फीसदी से ज्यादा में हालात चिंताजनक बने हुए हैं। देश के करीब 36 फीसदी शहरों में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 16 फरवरी 2025 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 232 में से महज 16 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 83 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 15 फरवरी 2025 को यह आंकड़ा 99 दर्ज किया गया।

115 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में गुरूग्राम (304) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां आज एक्यूआई 310 के करीब पहुंच गया। वहीं कल बर्नीहाट में हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 332 दर्ज किया गया था।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 103 अंकों का भारी इजाफा हुआ है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर बढ़कर 294 पर पहुंच गया, इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता मध्यम से खराब श्रेणी में पहुंच गई है।

गौरतलब है कि जनवरी 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली में हवा जहरीली न हो। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया था।

देखा जाए तो देश में प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। प्रदूषण के मामले में आज पटना चौथे स्थान पर है, वहीं दिल्ली (294) दूसरे, जबकि हाजीपुर (276) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो फरीदाबाद में इंडेक्स 215, गाजियाबाद में 207, गुरुग्राम में 304, नोएडा में 229, ग्रेटर नोएडा में 198 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 127 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 198, चेन्नई में 68, चंडीगढ़ में 115, हैदराबाद में 89, जयपुर में 134 और पटना में 266 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 16 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अरियालूर, चामराजनगर, हुबली, झांसी, कांचीपुरम, मैहर, मंगलौर, पालकालाइपेरुर, पुदुचेरी, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, तंजावुर, थूथुकुडी, तिरुनेलवेली, वाराणसी, विजयपुरा शामिल हैं।

वहीं अगरतला, आगरा, आइजोल, अजमेर, अलवर, अमरावती, अमृतसर, अनंतपुर, बरेली, बारीपदा, बेंगलुरु, भिलाई, भीलवाड़ा, बिलासपुर, चेन्नई, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, चित्तूर, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दमोह, दावनगेरे, देहरादून, धुले, डिंडीगुल, एलूर, फिरोजाबाद, गडग, हसन, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जालंधर, जलना, झालावाड़, जोधपुर, कलबुर्गी, कल्याण, कानपुर, करूर, कारवार, कटिहार, खन्ना, कोलार, कोल्हापुर, कोल्लम, मदिकेरी, मदुरै, मंगुराहा, मिलुपारा, मैसूर, नगांव, नाहरलगुन, नासिक, ऊटी, पटियाला, प्रयागराज, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रामनगर, सागर, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिरोही, शिवसागर, श्रीगंगानगर, सूरत, टेन्सा, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, उदयपुर, उडुपी, उज्जैन, वेल्लोर, विजयवाड़ा, विरार, विरुधुनगर, यादगीर आदि 83 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 16 फरवरी 2025 को जारी आंकड़ों के मुताबिक देश में गुरुग्राम की स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 304 दर्ज किया गया। वहीं 15 फरवरी 2025 को बर्नीहाट में वायु गुणवत्ता सूचकांक 332 तक पहुंच गया था।

राजधानी दिल्ली में भी स्थिति दिन प्रतिदिन बिगड़ रही है। हालात यह हैं कि 103 अंकों के उछाल के साथ दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 294 तक पहुंच गया है। बता दें कि प्रदूषण के मामले में आज दिल्ली दूसरे स्थान पर है। वहीं हाजीपुर भी इस मामले में ज्यादा पीछे नहीं है, जहां एक्यूआई 276 दर्ज किया गया है। इसी तरह प्रदूषण के मामले में पटना (266) चौथे, जबकि भिवाड़ी (254) पांचवें स्थान पर है।

दिल्ली के पड़ोसी शहर फरीदाबाद से जुड़े आंकड़ों पर गौर करें तो कल (15 फरवरी 2025) से वहां भी प्रदूषण के स्तर में 85 अंकों का इजाफा हुआ है। इसके साथ ही फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 215 पर पहुंच गया है।

दिल्ली-फरीदाबाद की तरह ही देश के 17 शहरों में वायु गुणवत्ता खराब बनी हुई है। इन शहरों में बागपत, भिवाड़ी, बक्सर, चरखी दादरी, दिल्ली, दुर्गापुर, फरीदाबाद, गाजियाबाद, हाजीपुर, मेरठ, मुजफ्फरपुर, नोएडा, पाली, पटना, सहरसा, सासाराम, तालचेर शामिल हैं। वहीं 15 फरवरी 2025 को जारी आंकड़ों से तुलना करें तो इन शहरों की गिनती में करीब 42 फीसदी का इजाफा हुआ है।

वहीं दूसरी तरफ देश में रामनाथपुरम की हवा सबसे साफ है, जहां एक्यूआई 20 दर्ज किया गया है। ऐसी में यदि गुरुग्राम की तुलना रामनाथपुरम से करें तो वहां स्थिति 14 गुणा ज्यादा खराब है। रामनाथपुरम की तरह ही देश में आज भी 16 शहरों में हवा साफ बनी हुई है।

इन शहरों में हुबली, झांसी, कांचीपुरम, मैहर, मंगलौर, पालकालाइपेरुर, पुदुचेरी, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, तंजावुर, थूथुकुडी, तिरुनेलवेली आदि शामिल हैं।

बरेली सहित देश के 83 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है। इन शहरों में कानपुर, करूर, कारवार, कटिहार, खन्ना, कोलार, कोल्हापुर, कोल्लम, मदिकेरी, मदुरै, मंगुराहा, मिलुपारा, मैसूर, नगांव, नाहरलगुन, नासिक, ऊटी, पटियाला, प्रयागराज, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रामनगर, सागर, सतना, शिवमोगा आदि शामिल हैं।

15 फरवरी को जारी आंकड़ों से तुलना करें तो इन शहरों की गिनती में 16 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।

रुझानों में यह भी सामने आया है कि अहमदाबाद सहित 115 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में बनी हुई है। इन शहरों में बुलन्दशहर, बूंदी, ब्यासनगर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चित्तौड़गढ़, चुरू, कटक, दौसा, देवास, धनबाद, धौलपुर, डूंगरपुर, गांधीनगर, गया, गोरखपुर, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, ग्वालियर, हल्दिया, हापुड आदि शामिल हैं। वहीं कल (15 फरवरी 2025) से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में करीब दो फीसदी का इजाफा हुआ है।

कुल मिलाकर देखें तो देश के करीब सात फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं 57 फीसदी से ज्यादा में हालात चिंताजनक बने हुए हैं। देश के करीब 36 फीसदी शहरों में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 16 फरवरी 2025 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 232 में से महज 16 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 83 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 15 फरवरी 2025 को यह आंकड़ा 99 दर्ज किया गया।

115 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में गुरूग्राम (304) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां आज एक्यूआई 310 के करीब पहुंच गया। वहीं कल बर्नीहाट में हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 332 दर्ज किया गया था।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 103 अंकों का भारी इजाफा हुआ है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर बढ़कर 294 पर पहुंच गया, इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता मध्यम से खराब श्रेणी में पहुंच गई है।

गौरतलब है कि जनवरी 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली में हवा जहरीली न हो। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया था।

देखा जाए तो देश में प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। प्रदूषण के मामले में आज पटना चौथे स्थान पर है, वहीं दिल्ली (294) दूसरे, जबकि हाजीपुर (276) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो फरीदाबाद में इंडेक्स 215, गाजियाबाद में 207, गुरुग्राम में 304, नोएडा में 229, ग्रेटर नोएडा में 198 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 127 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 198, चेन्नई में 68, चंडीगढ़ में 115, हैदराबाद में 89, जयपुर में 134 और पटना में 266 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 16 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अरियालूर, चामराजनगर, हुबली, झांसी, कांचीपुरम, मैहर, मंगलौर, पालकालाइपेरुर, पुदुचेरी, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, तंजावुर, थूथुकुडी, तिरुनेलवेली, वाराणसी, विजयपुरा शामिल हैं।

वहीं अगरतला, आगरा, आइजोल, अजमेर, अलवर, अमरावती, अमृतसर, अनंतपुर, बरेली, बारीपदा, बेंगलुरु, भिलाई, भीलवाड़ा, बिलासपुर, चेन्नई, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, चित्तूर, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दमोह, दावनगेरे, देहरादून, धुले, डिंडीगुल, एलूर, फिरोजाबाद, गडग, हसन, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जालंधर, जलना, झालावाड़, जोधपुर, कलबुर्गी, कल्याण, कानपुर, करूर, कारवार, कटिहार, खन्ना, कोलार, कोल्हापुर, कोल्लम, मदिकेरी, मदुरै, मंगुराहा, मिलुपारा, मैसूर, नगांव, नाहरलगुन, नासिक, ऊटी, पटियाला, प्रयागराज, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रामनगर, सागर, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिरोही, शिवसागर, श्रीगंगानगर, सूरत, टेन्सा, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, उदयपुर, उडुपी, उज्जैन, वेल्लोर, विजयवाड़ा, विरार, विरुधुनगर, यादगीर आदि 83 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

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