बढ़ते प्रदूषण के साथ हवा में घुला जहर लोगों को बहुत ज्यादा बीमार बना रहा है, बच्चे और बुजुर्ग इसका सबसे ज्यादा शिकार बन रहे हैं; फोटो: आईस्टॉक
बढ़ते प्रदूषण के साथ हवा में घुला जहर लोगों को बहुत ज्यादा बीमार बना रहा है, बच्चे और बुजुर्ग इसका सबसे ज्यादा शिकार बन रहे हैं; फोटो: आईस्टॉक

प्रदूषण से गुरुग्राम की स्थिति सबसे खराब, दिल्ली-अमृतसर में भी 200 के पार एक्यूआई

विश्लेषण से पता चला है कि आज देश के जहां 29 फीसदी से अधिक शहरों में हवा साफ है। वहीं दिल्ली सहित 25 फीसदी शहरों में प्रदूषण से हालात चिंताजनक है
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वायु प्रदूषण से आज देश में गुरूग्राम की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित हैं, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 288 दर्ज किया गया है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा 21 मई 2025 को जारी आंकड़ों के मुताबिक गुरूग्राम में कल से प्रदूषण की स्थिति जस की तस बनी हुई है। इस दौरान गुरुग्राम की हवा में प्रदूषण के महीन कण पीएम10 हावी हैं।

राजधानी दिल्ली में भी स्थिति कोई खास अच्छी नहीं, जो आज प्रदूषण के मामले में दूसरे स्थान पर है, जहां एक्यूआई 213 दर्ज किया गया है। इस दौरान दिल्ली की हवा में पीएम10 और ओजोन का स्तर चिंताजनक रहा। रुझानों पर नजर डालें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में नौ अंकों का उछाल आया है।

कल से देखें तो देश में खराब हवा वाले शहरों की गिनती में मामूली इजाफा हुआ है।

इन शहरों के उलट आज देश में आइजोल की हवा सबसे साफ रही, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 13 दर्ज किया गया है। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर गुरूग्राम की तुलना आइजोल से करें तो वहां स्थिति 21 गुणा खराब है।

आइजोल की तरह ही देश के 64 अन्य शहरों में हवा साफ है। इन शहरों में कटक, दावनगेरे, डिंडीगुल, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, हल्दिया, हुबली, कोल्हापुर, कोलकाता, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, महाड, मंगलौर, मीरा-भायंदर, मोतिहारी, मुंगेर, मैसूर, नगांव, नागपट्टिनम, नाहरलगुन, नमक्कल, पिंपरी-चिंचवाड आदि शामिल हैं। कल से देखें तो देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में करीब पांच फीसदी का इजाफा हुआ है।

गुरु की नगरी अमृतसर आज देश का तीसरा सबसे प्रदूषित शहर रहा, जहां एक्यूआई 204 दर्ज किया गया है। अमृतसर में भी पीएम10 से स्थिति खराब है। बता दें कि आज देश के तीन शहरों में वायु गुणवत्ता 'खराब' बनी हुई है।

वहीं सिवान (197) चौथे, जबकि मुजफ्फरनगर (191) पांचवें स्थान पर है। इसी तरह 179 अंकों के साथ बद्दी देश का छठा सबसे प्रदूषित शहर रहा। कडपा में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जहां एक्यूआई 171 दर्ज किया गया है।

इसी तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में दौसा (170), खन्ना (169) और मंडी गोबिंदगढ़ (163) शामिल हैं। आंकड़ों से पता चला है कि देश में खन्ना, धौलपुर और हाजीपुर की हवा में ओजोन हावी रहा। वहीं श्रीगंगानगर, बागपत, खुर्जा, भरतपुर, झुंझुनूं, बीकानेर, भिवाड़ी आदि में पीएम10 से स्थिति चिंताजनक है। इसी तरह पटियाला, लुधियाना, राजगीर, बर्नीहाट, बठिंडा में पीएम2.5 से स्थिति बेहद चिंताजनक है।

रुझानों में यह भी सामने आया है कि अहमदाबाद सहित देश के 101 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है। इन शहरों में मुंबई, मुजफ्फरपुर, नागपुर, नांदेड़, नंदेसरी, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, पटना, प्रतापगढ़, पुणे, रायपुर, राजसमंद, ऋषिकेश, राउरकेला, सागर, सहरसा, सलेम, समस्तीपुर, सांगली, सासाराम, सिरोही, तालचेर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुपति, तुमिडीह, उदयपुर, वाराणसी आदि शामिल हैं। कल से देखें तो देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में करीब दो फीसदी की गिरावट आई है।

इसी तरह देश में बुलन्दशहर सहित 52 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में छपरा, चुरू, दौसा, देवास, धनबाद, धौलपुर, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, ग्वालियर, हाजीपुर, हनुमानगढ़, इंफाल, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, झुंझुनूं, कडपा, क्योंझर, खन्ना, खुर्जा, लखनऊ, लुधियाना आदि शामिल हैं। कल से मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 18 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

विश्लेषण से पता चला है कि आज देश के जहां 29 फीसदी से अधिक शहरों में हवा साफ है। वहीं 46 फीसदी में स्थिति संतोषजनक है। दूसरी तरफ दिल्ली सहित 25 फीसदी शहरों में प्रदूषण से हालात चिंताजनक है।

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 221 में से 65 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। 101 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 20 मई 2025 को यह आंकड़ा 103 दर्ज किया गया था।

52 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में गुरूग्राम (288) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 300 के करीब पहुंच गया। कल सिवान में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब सूचकांक 338 रिकॉर्ड किया गया।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में इजाफा हुआ है। इसके साथ ही 9 अंकों के उछाल के साथ दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 213 पर पहुंच गया। मतलब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता खराब श्रेणी में बनी हुई है। वहीं आज एक बार फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं।

गौरतलब है कि पिछले चार महीनों जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।

आंकड़ों के अनुसार प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज सिवान चौथे स्थान पर है, वहीं दिल्ली (213) दूसरे, जबकि अमृतसर (204) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 130, गाजियाबाद में 137, गुवाहाटी में 37, गुरूग्राम में 288, नोएडा में 161, ग्रेटर नोएडा में 128 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 65 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक’ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 105, चेन्नई में 47, चंडीगढ़ में 150, हैदराबाद में 70, जयपुर में 126 और पटना में 91 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 65 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, आइजोल, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अरियालूर, आरा, बालासोर, बारीपदा, बेलगाम, बेंगलुरु, भीलवाड़ा, बक्सर, चामराजनगर, चेन्नई, छाल, चिकबलपुर, कोयंबटूर, कुड्डालोर, कटक, दावनगेरे, डिंडीगुल, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, हल्दिया, हुबली, कोल्हापुर, कोलकाता, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, महाड, मंगलौर, मीरा-भायंदर, मोतिहारी, मुंगेर, मैसूर, नगांव, नागपट्टिनम, नाहरलगुन, नमक्कल, पिंपरी-चिंचवाड, पुडुकोट्टई, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनाथपुरम, शिलांग, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, शिवसागर, सोलापुर, श्री विजया पुरम, सुआकाती, सूरत, टेन्सा, ठाणे, तंजावुर, तिरुमाला, तिरुनेलवेली, तिरुपुर, वेल्लोर, विजयपुरा, विरुधुनगर, विशाखापत्तनम, यादगीर शामिल हैं।

वहीं अहमदाबाद, अजमेर, अकोला, अलवर, अमरावती (महाराष्ट्र), अनंतपुर, अंगुल, आसनसोल, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बारां, बारबिल, बरेली, बाड़मेर, बैरकपुर, बेगूसराय, बेलापुर, बेतिया, भागलपुर, भिलाई, भिवंडी, भुवनेश्वर, बिलासपुर, बिलीपाड़ा, बोईसर, ब्रजराजनगर, बूंदी, ब्यासनगर, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, दमोह, देहरादून, धारवाड़, डूंगरपुर, दुर्गापुर, एलूर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गया, हापुड, होसुर, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जलगांव, जालौर, झालावाड़, जोधपुर, जोरापोखर, कलबुर्गी, कांचीपुरम, कानपुर, करौली, कटनी, किशनगंज, कोहिमा, कोल्लम, कोरबा, कोटा, कुंजेमुरा, मैहर, मालेगांव, मंडीदीप, मुरादाबाद, मुंबई, मुजफ्फरपुर, नागपुर, नांदेड़, नंदेसरी, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, पटना, प्रतापगढ़, पुणे, रायपुर, राजसमंद, ऋषिकेश, राउरकेला, सागर, सहरसा, सलेम, समस्तीपुर, सांगली, सासाराम, सिरोही, तालचेर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुपति, तुमिडीह, उदयपुर, वाराणसी, वातवा, विजयवाड़ा, विरार, वृंदावन आदि 101 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

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