बढ़ते प्रदूषण से ब्रजराजनगर-जैसलमेर में घुटने लगी सांसें, 300 के पार एक्यूआई

देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में से चार शहर राजस्थान के हैं। इनमें जैसलमेर, बाड़मेर, पाली, जालौर शामिल हैं
बढ़ते प्रदूषण के साथ हवा में घुला जहर लोगों को बहुत ज्यादा बीमार बना रहा है, बच्चे और बुजुर्ग इसका सबसे ज्यादा शिकार बन रहे हैं; फोटो: आईस्टॉक
बढ़ते प्रदूषण के साथ हवा में घुला जहर लोगों को बहुत ज्यादा बीमार बना रहा है, बच्चे और बुजुर्ग इसका सबसे ज्यादा शिकार बन रहे हैं; फोटो: आईस्टॉक
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देश में आज बढ़ते प्रदूषण से ओडिशा के ब्रजराजनगर में स्थिति सबसे खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 310 तक पहुंच गया है। चिंता की बात यह है कि कल से ब्रजराजनगर में प्रदूषण के स्तर में 217 अंकों का उछाल आया है, जिसके साथ ही वहां वायु गुणवत्ता संतोषजनक से सीधे बेहद खराब श्रेणी में पहुंच गई है।

बता दें कि आज ब्रजराजनगर की हवा में ओजोन हावी रहा।

गौरतलब है कि कल देश में बिहार के राजगीर की हवा सबसे प्रदूषित थी। हालांकि आज राजगीर में वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए गए हैं।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा 03 जून 2025 को जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि आज देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में से चार शहर राजस्थान के हैं। इनमें जैसलमेर, बाड़मेर, पाली, जालौर शामिल हैं। वहीं बिहार के दो, और ओडिशा एवं महाराष्ट्र का एक-एक शहर इस लिस्ट में शामिल है।

प्रदूषण के मामले में आज राजस्थान का जैसलमेर दूसरे जबकि बाड़मेर तीसरे स्थान पर है। जैसलमेर में जहां एक्यूआई 303 दर्ज किया गया। वहीं बाड़मेर में 269 रिकॉर्ड किया गया है। वहीं हाजीपुर (192) चौथे जबकि पाली (191) पांचवें स्थान पर है।

बिहार के समस्तीपुर में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो 190 अंकों के साथ छठे स्थान पर बना हुआ है। इसी तरह जलना, जालौर, बद्दी और मेरठ भी देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल हैं।

गौरतलब है कि आज देश के जहां दो शहरों में वायु गुणवत्ता 'बेहद खराब' रही। वहीं कल देश में एक भी शहर ऐसा नहीं था, जहां एक्यूआई 300 के पार पहुंचा हो। दूसरी तरफ कल से देश में 'खराब' हवा वाले शहरों की गिनती में कमी आई है।

आंकड़ों पर नजर डालें तो आज जहां ब्रजराजनगर, बद्दी आदि में ओजोन हावी रहा। वहीं जैसलमेर, बाड़मेर, पाली, समस्तीपुर, जालौर, मेरठ, श्रीगंगानगर, मोतिहारी, पटना, नोएडा, गुरूग्राम, उदयपुर, दिल्ली, जोधपुर, नागौर, सिरोही आदि शहरों में प्रदूषण के महीन कणों पीएम10 से स्थिति चिंताजनक रही। इसी तरह हाजीपुर, जलना, बर्नीहाट, सासाराम, मुजफ्फरपुर आदि में पीएम2.5 हावी था।

राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर गौर करें तो कल से प्रदूषण में गिरावट आई है। हालांकि दिल्ली में अभी भी वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में बनी हुई है।

दिल्ली की तरह ही देश के 54 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में बुलन्दशहर, बूंदी, ब्यासनगर, बर्नीहाट, चंडीगढ़, छपरा, कटक, धनबाद, दुर्गापुर, गाजियाबाद, गोरखपुर, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, हाजीपुर, हावड़ा, जलना, जालौर, जोधपुर, कल्याण, कटनी, कोटा आदि शामिल हैं।

राहत की खबर यह है कि कल से देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 20 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।

वहीं दूसरी तरफ आज देश में कोयंबटूर की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 25 दर्ज किया गया है। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर ब्रजराजनगर की तुलना कोयंबटूर से करें तो वहां स्थिति 11 गुणा अधिक खराब है।

कोयंबटूर की तरह ही आज देश के 37 अन्य शहरों में हवा साफ बनी हुई है। इन शहरों में कोल्हापुर, मदिकेरी, मदुरै, मीरा-भायंदर, मुंगेर, मैसूर, नाहरलगुन, नलबाड़ी, नमक्कल, पालकालाइपेरुर, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, रामनाथपुरम, सलेम, सिलचर, सिलीगुड़ी, शिवसागर, सूरत, तिरुवनंतपुरम आदि शामिल हैं। अच्छी खबर यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 15 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

आंकड़ों के मुताबिक देश में अलवर सहित छोटे बड़े 125 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है। इन शहरों में लुधियाना, महाड, मैहर, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मंगुराहा, मुरादाबाद, मुंबई, मुजफ्फरनगर, नगांव, नागपुर, नंदेसरी, नासिक, नवी मुंबई, पंचगांव, पटियाला, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुणे, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रतलाम, ऋषिकेश आदि शामिल हैं।

साफ हवा वाले शहरों की तरह ही देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में भी 19 फीसदी का इजाफा हुआ है।

रुझानों के विश्लेषण से पता चला है कि आज देश के जहां 17 फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं 26 फीसदी से अधिक शहरों में हालात चिंताजनक हैं। करीब 57 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक दर्ज की गई है।

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 221 में से 38 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। 125 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 02 जून 2025 को यह आंकड़ा 105 दर्ज किया गया था।

55 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में ब्रजराजनगर (310) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 320 के करीब पहुंच गया। कल राजगीर में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब सूचकांक 237 रिकॉर्ड किया गया।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 15 अंकों की गिरावट आई है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक घटकर 143 पर पहुंच गया। मतलब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में बनी हुई है। वहीं आज फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं।

गौरतलब है कि पिछले चार महीनों जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।

आंकड़ों के अनुसार प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज हाजीपुर चौथे स्थान पर है, वहीं जैसलमेर (303) दूसरे, जबकि बाड़मेर (269) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 70, गाजियाबाद में 130, गुवाहाटी में 50, गुरूग्राम में 144, नोएडा में 145, ग्रेटर नोएडा में 109 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 66 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक’ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 114, चेन्नई में 68, चंडीगढ़ में 109, हैदराबाद में 72, जयपुर में 85 और पटना में 156 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 38 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें बागलकोट, भिलाई, बिलासपुर, चेंगलपट्टू, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कोयंबटूर, दावनगेरे, डिंडीगुल, गंगटोक, गुवाहाटी, हुबली, कोल्हापुर, मदिकेरी, मदुरै, मीरा-भायंदर, मुंगेर, मैसूर, नाहरलगुन, नलबाड़ी, नमक्कल, पालकालाइपेरुर, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, रामनाथपुरम, सलेम, सिलचर, सिलीगुड़ी, शिवसागर, सूरत, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुमाला, तिरुपुर, वेल्लोर, विजयपुरा, वृंदावन, यादगीर शामिल हैं।

वहीं आगरा, अहमदनगर, अजमेर, अकोला, अलवर, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अमरावती (महाराष्ट्र), अमृतसर, अनंतपुर, अंकलेश्वर, आरा, आसनसोल, औरंगाबाद बिहार), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बांसवाड़ा, बारां, बरेली, बैरकपुर, बेलापुर, बेंगलुरु, भागलपुर, भरतपुर, भीलवाड़ा, भिवंडी, भोपाल, भुवनेश्वर, बोईसर, चंद्रपुर, चेन्नई, छाल, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, चुरू, दमोह, देहरादून, धारवाड़, धौलपुर, धुले, डूंगरपुर, एलूर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गया, गुम्मिडिपूंडी, ग्वालियर, हल्दिया, हनुमानगढ़, हापुड, हसन, होसुर, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जयपुर, जालंधर, जलगांव, झालावाड़, झांसी, झुंझुनूं, जोरापोखर, कडपा, कलबुर्गी, कन्नूर, कानपुर, करौली, काशीपुर, खन्ना, खुर्जा, किशनगंज, कोहिमा, कोलकाता, कोल्लम, कोप्पल, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, लुधियाना, महाड, मैहर, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मंगुराहा, मुरादाबाद, मुंबई, मुजफ्फरनगर, नगांव, नागपुर, नंदेसरी, नासिक, नवी मुंबई, पंचगांव, पटियाला, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुणे, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रतलाम, ऋषिकेश, सागर, सहरसा, सांगली, सवाई माधोपुर, शिलांग, शिवमोगा, सीकर, सिंगरौली, सोलापुर, श्री विजया पुरम, टेन्सा, ठाणे, थूथुकुडी, तिरुपति, टोंक, तुमिडीह, उल्हासनगर, वाराणसी, वातवा, विजयवाड़ा, विरार आदि 125 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

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