
बर्नीहाट में बढ़ता प्रदूषण थमने का नाम ही नहीं ले रहा। आलम यह है कि वहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 79 अंकों के उछाल के साथ बढ़कर 418 पर पहुंच गया है। मतलब की वहां वायु गुणवत्ता 'गंभीर' स्तर पर पहुंच गई है। ऐसे में वहां लोगों के लिए सांस लेना तक दुश्वार हो गया है।
हालांकि वहीं दूसरी तरफ दिल्ली-फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता में कल से सुधार आया है। दिल्ली में जहां 25 अंकों की गिरावट के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक 289 पर पहुंच गया। वहीं फरीदाबाद के एक्यूआई में भी 88 अंकों की भारी गिरावट आई है। इसके साथ ही फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता सुधरकर मध्यम श्रेणी में पहुंच गई। हालांकि दिल्ली में अभी भी वायु गुणवत्ता सूचकांक 'खराब' बना हुआ है।
गौरतलब है कि दिल्ली की तरह ही देश के छोटे बड़े 35 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'खराब' बना हुआ है।
इन शहरों में अगरतला, आरा, आसनसोल, बेगूसराय, भागलपुर, बीकानेर, चरखी दादरी, चुरू, दिल्ली, दुर्गापुर, गुरूग्राम, गुवाहाटी, ग्वालियर, हाजीपुर, हल्दिया, हावड़ा, जयपुर, जैसलमेर, झुंझुनूं, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मंगुराहा, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागौर, नलबाड़ी, पाली, पंचकुला, पटना, राजगीर, रोहतक, सीकर, तालचेर, तुमकुरु, विशाखापत्तनम शामिल हैं। हालांकि कल से तुलना करें तो देश में 'खराब' हवा वाले शहरों की संख्या में करीब 17 फीसदी का इजाफा हुआ है।
दूसरी तरफ देश में शिलांग की हवा सबसे साफ रही, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 23 दर्ज किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर बर्नीहाट की तुलना शिलांग से करें तो वहां स्थिति 18 गुणा ज्यादा खराब है।
गौरतलब है कि शिलांग की तरह ही देश के 14 शहरों में वायु गुणवत्ता बेहतर बनी हुई है। इन शहरों में हुबली, कोप्पल, मदिकेरी, मैहर, प्रयागराज, शिलांग, तंजावुर, तिरुनेलवेली, वाराणसी आदि शामिल हैं। चिंता की बात यह रही कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की संख्या में 44 फीसदी की गिरावट आई है।
ताजा रुझानों के मुताबिक आगरा सहित देश के 67 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है। इन शहरों में कोल्हापुर, कोल्लम, कोरबा, लातूर, लुधियाना, मंगलौर, मुरादाबाद, मैसूर, नागपट्टिनम, नंदेसरी, ऊटी, पालकलाईपेरुर, पटियाला, प्रतापगढ़, पुदुचेरी, रायरंगपुर, रामनगर, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, सागर, समस्तीपुर, सतना, शिवमोगा, सिलचर, शिवसागर आदि शामिल हैं। कल से देखें तो देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की संख्या में करीब 16 फीसदी का इजाफा हुआ है।
कुल मिलाकर देखें तो देश के करीब सात फीसदी शहरों में आज हवा साफ है। वहीं दूसरी तरफ दिल्ली सहित 62 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक है। इसी तरह 31 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक दर्ज की गई है।
आंकड़ों के मुताबिक देश में अजमेर के साथ-साथ 97 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में बनी हुई है।
इन शहरों में अहमदाबाद, अजमेर, अकोला, अमरावती, अमरावती, अंकलेश्वर, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बद्दी, बदलापुर, बागपत, बारां, बाड़मेर, बठिंडा, बेंगलुरु, बेतिया, भरतपुर, भिवाड़ी, भोपाल, बिहारशरीफ, ब्रजराजनगर, बुलन्दशहर, बूंदी, बक्सर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चेन्नई, छपरा, चित्तौड़गढ़, दौसा, देहरादून, धौलपुर, डिंडीगुल, फरीदाबाद, गांधीनगर, गया, गाजियाबाद, गोरखपुर, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, हनुमानगढ़, हापुड, हैदराबाद, जबलपुर, जलगांव, झालावाड़, जोधपुर, कल्याण, काशीपुर, कटनी, खुर्जा, कोलकाता, कोटा, लखनऊ, महाड, मेरठ, मोतिहारी, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरनगर, नागपुर, नाहरलगुन, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, नोएडा, परभनी, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, पुणे, पूर्णिया, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रानीपेट, रतलाम, राउरकेला, रूपनगर, सहरसा, सांगली, सवाई माधोपुर, सिलीगुड़ी, सिंगरौली, सिरोही, सोलापुर, श्री गंगानगर, टेन्सा, ठाणे, तिरुमाला, तिरुपुर, टोंक, उदयपुर, उज्जैन, वातवा, वेल्लोर, विजयवाड़ा, वृंदावन शामिल हैं।
वहीं कल से देखें तो देश मे मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में करीब 19 फीसदी की गिरावट आई है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 21 जनवरी 2025 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 214 में से महज 14 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 67 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 20 जनवरी 2025 को यह आंकड़ा 58 दर्ज किया गया।
97 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में एक बार फिर बर्नीहाट (418) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां आज एक्यूआई 420 के करीब पहुंच गया। वहीं कल भी बर्नीहाट में हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 339 दर्ज किया गया था।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली के प्रदूषण के स्तर में 25 अंकों की गिरावट आई है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर आज 289 पर पहुंच गया, मतलब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता अभी भी ‘खराब’ बनी हुई है।
गौरतलब है कि दिसंबर 2024 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली में हवा जहरीली न हो। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया था।
देखा जाए तो देश में प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। प्रदूषण के मामले में आज गुवाहाटी चौथे स्थान पर है, वहीं दिल्ली (289) दूसरे, जबकि चुरू (281) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो फरीदाबाद में इंडेक्स 154, गाजियाबाद में 150, गुरुग्राम में 212, नोएडा में 151, ग्रेटर नोएडा में 165 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 138 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 174, चेन्नई में 112, चंडीगढ़ में 188, हैदराबाद में 104, जयपुर में 210 और पटना में 254 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 14 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल, बागलकोट, बरेली, चामराजनगर, चिक्कामगलुरु, हुबली, कोप्पल, मदिकेरी, मैहर, प्रयागराज, शिलांग, तंजावुर, तिरुनेलवेली, वाराणसी शामिल हैं।
वहीं आगरा, अलवर, अमृतसर, अनंतपुर, अरियालूर, बांसवाड़ा, बारीपदा, बेलगाम, भिलाई, बिलासपुर, छाल, चिकबलपुर, कोयंबटूर, कुड्डालोर, देवास, धारवाड़, एलूर, फिरोजाबाद, गडग, गंगटोक, हसन, इंदौर, जालंधर, जलना, झांसी, कलबुर्गी, कन्नूर, कानपुर, करौली, कटिहार, क्योंझर, खन्ना, कोलार, कोल्हापुर, कोल्लम, कोरबा, लातूर, लुधियाना, मंगलौर, मुरादाबाद, मैसूर, नागपट्टिनम, नंदेसरी, ऊटी, पालकलाईपेरुर, पटियाला, प्रतापगढ़, पुदुचेरी, रायरंगपुर, रामनगर, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, सागर, समस्तीपुर, सतना, शिवमोगा, सिलचर, शिवसागर, सुआकाती, सूरत, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुपति, उडुपी, यादगीर आदि 67 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।