देश के ज्यादातर शहरों में प्रदूषण में गिरावट के बावजूद बर्नीहाट में वायु गुणवत्ता दमघोंटू बनी हुई है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 234 दर्ज किया गया है। इसी तरह चुरू (206) और श्रीगंगानगर (231) में भी प्रदूषण का स्तर 'खराब' बना हुआ है। वहीं दूसरी तरफ कुड्डालोर में हवा सबसे ज्यादा साफ है, जहां एक्यूआई 21 दर्ज किया गया है। यदि बर्नीहाट में मौजूद प्रदूषण की तुलना कुड्डालोर से करें तो स्थिति 11 गुणा खराब है।
वहीं दिल्ली-फरीदाबाद की बात करें तो वहां कल से प्रदूषण के स्तर में गिरावट जरूर आई है। गौरतलब है कि जहां दिल्ली में 15 अंकों की गिरावट के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 109 पर पहुंच गया है। वहीं फरीदाबाद की वायु गुणवत्ता में भी 34 अंकों की कमी आई है। इसके बावजूद इन दोनों ही शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम स्तर पर बनी हुई है।
दिल्ली, फरीदाबाद की तरह ही देश के 26 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम बना हुआ है। इन शहरों में आइजोल, औरंगाबाद(महाराष्ट्र), बद्दी, बालासोर, बठिंडा, भिवाड़ी, बिहारशरीफ, बीकानेर, चित्तौड़गढ़, धनबाद, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, हनुमानगढ़, इम्फाल, कैथल, खुर्जा, कोटा, कुरूक्षेत्र, मंडी गोबिंदगढ़, मुजफ्फरनगर, रायचुर, रोहतक, रूपनगर, समस्तीपुर, सिंगरौली, विजयपुरा, आदि शहर शामिल थे। कल की तुलना में देखें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में करीब 22 फीसदी का इजाफा हुआ है।
आंकड़ों के मुताबिक देश के 109 शहरों में वायु गुणवत्ता बेहतर बनी हुई है। कल से तुलना करें तो देश में बेहतर वायु गुणवत्ता वाले शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो उनमें करीब तीन फीसदी का इजाफा हुआ है।
इन शहरों में बेलगाम, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवंडी, बिलासपुर, बिलीपाड़ा, बोईसर, ब्यासनगर, चंद्रपुर, छाल, चिक्कबल्लापुर, कोयंबटूर, कुड्डालोर, कटक, दमोह, दावनगेरे, देहरादून, देवास, दुर्गापुर, फिरोजाबाद, गडग, गांधीनगर, गंगटोक, हल्दिया, हावेरी, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जलगांव, जालौर, झांसी, जोधपुर, कडपा, कलबुर्गी, कल्याण, कानपुर, कारवार, कटिहार, कोहिमा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोप्पल, कोरबा, लातूर, मदिकेरी, महाड, मंडीदीप, मानेसर, मैंगलोर, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, आदि शामिल हैं।
देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की संख्या में करीब छह फीसदी की गिरावट आई है, हालांकि इन शहरों की संख्या 96 दर्ज की गई है।
बता दें कि देश में भरतपुर, भिवानी, भोपाल, भुवनेश्वर, बीदर, बुलंदशहर, बूंदी, बक्सर, चंडीगढ़, चरखीदादरी, चेन्नई, छपरा, दौसा, धारवाड़, धौलपुर, धुले, एलूर, गया, गोरखपुर, गुम्मिडीपूंडी, गुरुग्राम, गुवाहाटी, ग्वालियर, हाजीपुर, हापुड, हसन, हुबली, जबलपुर, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलना, झालावाड़, झुंझुनू, जोरापोखर, कन्नूर, करनाल, काशीपुर, कटनी, क्योंझर, खन्ना, किशनगंज, कोल्लम, लखनऊ, लुधियाना, मालेगांव, मांडीखेड़ा, मेरठ, मुजफ्फरपुर, नलबाड़ी, नारनौल, नोएडा, पाली, पंचकुला, पानीपत, पटियाला, पटना आदि में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 20 जुलाई 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 236 में से 109 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 96 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 19 जुलाई 2024 यह आंकड़ा 102 दर्ज किया गया था। 28 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।
दूसरे शहरों की तुलना में बर्नीहाट (234) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 200 के पार पहुंच गया है। यदि दिल्ली (109) की बात करें तो वहां वायु गुणवत्ता 'मध्यम' श्रेणी में बनी हुई है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स में कल से 15 अंकों की गिरावट आई है।
दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 125, गाजियाबाद में 143, गुरुग्राम में 92, नोएडा में 86, ग्रेटर नोएडा में 128 पर पहुंच गया है। देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 32 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'बेहतर' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 54, चेन्नई में 69, चंडीगढ़ में 84, हैदराबाद में 46, जयपुर में 54 और पटना में 85 दर्ज किया गया।
इन शहरों की हवा रही सबसे साफ
देश के जिन 109 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला 48, आगरा 46, अहमदनगर 43, अकोला 41, अमरावती 25, अमरावती 26, अंगुल 32, अंकलेश्वर 44, अरियालुर 36, आरा 44, बदलापुर 32, बांसवाड़ा 35, बारां 44, बारबिल 37, बरेली 22, बाड़मेर 50, बैरकपुर 39, बेलापुर 36, बेलगाम 42, भिलाई 39, भीलवाड़ा 47, भिवंडी 40, बिलासपुर 45, बिलीपाड़ा 45, बोईसर 34, ब्यासनगर 34, चंद्रपुर 25, छाल 30, चिक्कबल्लापुर 24, कोयंबटूर 40, कुड्डालोर 21, कटक 23, दमोह 43, दावनगेरे 21, देहरादून 31, देवास 42, दुर्गापुर 44, फिरोजाबाद 46, गडग 50, गांधीनगर 44, गंगटोक 24, हल्दिया 30, हावेरी 38, हावड़ा 40, हैदराबाद 46, इंदौर 45, जलगांव 25, जालौर 41, झांसी 41, जोधपुर 38, कडपा 44, कलबुर्गी 38, कल्याण 30, कानपुर 46, कारवार 29, कटिहार 32, कोहिमा 40, कोल्हापुर 32, कोलकाता 33, कोप्पल 49, कोरबा 22, कुंजेमुरा 39, लातूर 22, मदिकेरी 22, महाड 26, मंडीदीप 45, मानेसर 42, मैंगलोर 50, मीरा-भायंदर 37, मुरादाबाद 48, मुंबई 32, मैसूर 31, नागांव 41, नागौर 47, नागपुर 34, नाहरलागुन 41, नांदेड़ 25, नासिक 43, नवी मुंबई 33, नयागढ़ 30, पिंपरी-चिंचवाड़ 36, प्रयागराज 42, पुदुचेरी 43, रायरंगपुर 40, राजमहेंद्रवरम 39, रामनगर 29, रामनाथपुरम 36, रतलाम 32, राउरकेला 38, सासाराम 28, सतना 40, सवाईमाधोपुर 50, शिलांग 37, शिवमोगा 42, सिलीगुड़ी 40, सिरोही 48, शिवसागर 45, टेन्सा 36, ठाणे 23, तिरुवनंतपुरम 49, त्रिशूर 46, तिरूपति 29, तुमिडीह 34, उल्हासनगर 43, वातवा 44, विजयवाड़ा 36, विरार 49, विशाखापत्तनम 42, यादगीर 23 शामिल रहे।
वहीं अहमदाबाद, अजमेर, अलवर, अंबाला, अमृतसर, अनंतपुर, आसनसोल, बागलकोट, बागपत, बहादुरगढ़, बल्लभगढ़, बारीपदा, बेंगलुरु, भागलपुर, भरतपुर, भिवानी, भोपाल, भुवनेश्वर, बीदर, बुलंदशहर, बूंदी, बक्सर, चंडीगढ़, चरखीदादरी, चेन्नई, छपरा, दौसा, धारवाड़, धौलपुर, धुले, एलूर, गया, गोरखपुर, गुम्मिडीपूंडी, गुरुग्राम, गुवाहाटी, ग्वालियर, हाजीपुर, हापुड, हसन, हुबली, जबलपुर, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलना, झालावाड़, झुंझुनू, जोरापोखर, कन्नूर, करनाल, काशीपुर, कटनी, क्योंझर, खन्ना, किशनगंज, कोल्लम, लखनऊ, लुधियाना, मालेगांव, मांडीखेड़ा, मेरठ, मुजफ्फरपुर, नलबाड़ी, नारनौल, नोएडा, पाली, पंचकुला, पानीपत,पटियाला, पटना, पीथमपुर, प्रतापगढ़, पुणे, रायपुर, राजगीर, राजसमंद, सागर, सीकर, सिलचर, सिरसा, सोलापुर, सोनीपत, सुआकाती, सूरत, तालचेर, थूथुकुडी, टोंक, तुमकुरु, उदयपुर, उडुपी, उज्जैन, वापी, वाराणसी, वृन्दावन, यमुनानगर आदि 96 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।