प्रदूषण में गिरावट के बावजूद दिल्ली में बह रही 'जहरीली' हवा, 21 अन्य शहरों में भी हालात बेहद खराब

ताजा रुझानों पर नजर डालें तो दिल्ली में 28 अंकों की गिरावट के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक 396 पर पहुंच गया है
फोटो: आईस्टॉक
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दिल्ली में कल से प्रदूषण में गिरावट जरूर आई है, लेकिन इसके बावजूद हवा जहरीली बनी हुई है। ताजा रुझानों पर नजर डालें तो दिल्ली में 28 अंकों की गिरावट के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक 396 पर पहुंच गया है। हालांकि कल दिल्ली में एक्यूआई 424 रिकॉर्ड किया गया था।

बता दें कि दिल्ली की तरह ही देश के छोटे-बड़े 22 शहरों में वायु गुणवत्ता 'बेहद खराब' है। इन शहरों में भिवानी (365), हापुड (355), गाजियाबाद (341), मुजफ्फरनगर (338) और हाजीपुर (334) में स्थिति ज्यादा खराब है। इसी तरह बहादुरगढ़, जींद, मेरठ, रोहतक, दुर्गापुर, भिवाड़ी, कैथल, नोएडा, बद्दी, चंडीगढ़, बुलन्दशहर, करनाल, सहरसा, गुरूग्राम, सोनीपत, बर्नीहाट में वायु गुणवत्ता सूचकांक 300 के पार है।

बता दें कि कल से देश में 'बेहद खराब' हवा वाले शहरों की गिनती में 100 फीसदी का इजाफा हुआ है। कल इन शहरों की संख्या 11 दर्ज की गई थी।

फरीदाबाद की स्थिति भी अच्छी नहीं है, जहां कल से प्रदूषण में 14 अंकों का उछाल आया है। इसके बाद वहां एक्यूआई बढ़कर 284 पर पहुंच गया है। बता दें कि देश में फरीदाबाद की तरह ही छोटे बड़े 43 शहरों में वायु गुणवत्ता 'खराब' है।

इन शहरों में अमृतसर, आसनसोल, बदलापुर, बागपत, बल्लभगढ़, भोपाल, बीकानेर, बूंदी, बक्सर, चरखी दादरी, चित्तौड़गढ़, चुरू, धारूहेड़ा, फरीदाबाद, ग्रेटर नोएडा, हल्दिया, हिसार, हावड़ा, जालंधर, झुंझुनूं, कानपुर, कटनी, खुर्जा, किशनगंज, कोलकाता, कुरूक्षेत्र, लखनऊ, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मानेसर, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, पंचकुला, पानीपत, पटना, राजगीर, समस्तीपुर, सिंगरौली, सिवान, सूरत, तालचेर, टोंक, यमुनानगर शामिल हैं।

कल की तुलना में देखें तो देश में 'खराब' हवा वाले शहरों की संख्या में 25 फीसदी की गिरावट आई है। कल इन शहरों की संख्या 57 दर्ज की गई थी।

इन शहरों के विपरीत देश में मदिकेरी की हवा सबसे साफ थी, जहां एक्यूआई 11 दर्ज की गई। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर दिल्ली की मदिकेरी से तुलना करें तो वहां स्थिति 35 गुणा ज्यादा खराब है।

मदिकेरी की तरह ही देश के छोटे बड़े 37 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता साफ बनी हुई है। इन शहरों में पुदुचेरी, रामनगर, रामनाथपुरम, रानीपेट, शिवमोगा, सिलचर, तंजावुर, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुनेलवेली, तिरुपति आदि शहर शामिल हैं। हालांकि कल से तुलना करें तो देश में बेहतर हवा वाले शहरों की संख्या में करीब तीन फीसदी का इजाफा हुआ है।

आंकड़ों के मुताबिक देश के 42 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है।

इन शहरों में गंगटोक, गुवाहाटी, हावेरी, कडपा, कलबुर्गी, क्योंझर, कोलार, कोल्हापुर, कोल्लम, कोप्पल, कोरबा, कुंजेमुरा, मिलुपारा, नाहरलगुन, नलबाड़ी, नंदेसरी, नयागढ़, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज आदि शहर शामिल हैं। चिंता की बात यह है कि कल से संतोषजनक हवा वाले शहरों की संख्या में करीब पांच फीसदी की गिरावट आई है।

देश में 96 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम बना हुआ है।

इन शहरों में अगरतला, आगरा, अहमदाबाद, अहमदनगर, अकोला, अलवर, अम्बाला, अंकलेश्वर, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बांसवाड़ा, बारां, बारीपदा, बाड़मेर, बठिंडा, बेगूसराय, भागलपुर, भरतपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, बीदर, बिहारशरीफ, बिलीपाड़ा, चंद्रपुर, छाल, दमोह, दौसा, देहरादून, देवास, धौलपुर, धुले, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गया, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, ग्वालियर, हनुमानगढ़, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जयपुर, जैसलमेर, जलगांव, जलना, झालावाड़, झांसी, जोधपुर, कल्याण, काशीपुर, खन्ना, कोटा, लातूर, लुधियाना, महाड, मालेगांव, मांडीखेड़ा, मंगुराहा, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, नागौर, नागपुर, नांदेड़, नारनौल, नासिक, नवी मुंबई, पाली, पलवल, परभनी, पटियाला, पिंपरी-चिंचवाड, पुणे, रायरंगपुर, राजसमंद, रतलाम, राउरकेला, रूपनगर, सागर, सासाराम, सवाई माधोपुर, सीकर, सिरोही, सोलापुर, श्रीगंगानगर, टेन्सा, ठाणे, तिरुपुर, तुमकुरु, उदयपुर, उज्जैन, वापी, वाराणसी, वातवा, विशाखापत्तनम, वृंदावन शामिल हैं।

वहीं कल से तुलना करें तो देश में मध्यम हवा वाले शहरों की संख्या में दो फीसदी की गिरावट आई है। कुल मिलाकर देखें तो देश के करीब 16 फीसदी शहरों में हवा साफ है, वहीं 17 फीसदी शहरों में स्थिति संतोषजनक बनी है। दूसरी तरफ देश के करीब 71 फीसदी शहरों में प्रदूषण से हालात चिंताजनक बने हुए हैं।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 15 नवंबर 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 241 में से 38 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 42 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 14 नवंबर 2024 यह आंकड़ा 44 दर्ज किया गया था। 96 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।

दूसरे शहरों की तुलना में दिल्ली (396) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 400 के करीब बना हुआ है। कल दिल्ली में प्रदूषण से हालात गंभीर थे, जब एक्यूआई 424 दर्ज किया गया था। इसका मतलब दिल्ली में आज भी हवा ‘जहरीली’ बनी हुई है, जो लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है।

दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 284, गाजियाबाद में 341, गुरुग्राम में 304, नोएडा में 316, ग्रेटर नोएडा में 261 पर पहुंच गया है।

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 133 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 269, चेन्नई में 45, चंडीगढ़ में 309, हैदराबाद में 101, जयपुर में 153 और पटना में 242 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 38 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल, अनंतपुर, अरियालूर, बागलकोट, बेंगलुरु, चामराजनगर, चेन्नई, चिकबलपुर, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दावनगेरे, डिंडीगुल, गडग, हसन, हुबली, कांचीपुरम, करूर, मदिकेरी, मदुरै, मैहर, मैसूर, नगांव, ऊटी, पालकलाईपेरुर, पुदुचेरी, रामनगर, रामनाथपुरम, रानीपेट, शिवमोगा, सिलचर, तंजावुर, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुनेलवेली, तिरुपति, वेल्लोर, विजयपुरा शामिल रहे।

वहीं अजमेर, अमरावती, अमरावती, आरा, बरेली, बेलगाम, बिलासपुर, ब्रजराजनगर, चेंगलपट्टू, चित्तूर, धारवाड़, एलूर, गंगटोक, गुवाहाटी, हावेरी, कडपा, कलबुर्गी, क्योंझर, कोलार, कोल्हापुर, कोल्लम, कोप्पल, कोरबा, कुंजेमुरा, मिलुपारा, नाहरलगुन, नलबाड़ी, नंदेसरी, नयागढ़, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, ऋषिकेश, सांगली, सिलीगुड़ी, शिवसागर, तिरुवनंतपुरम, उडुपी, विजयवाड़ा, यादगीर आदि 42 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

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