
दिल्ली-फरीदाबाद सहित कई शहरों में बारिश के साथ प्रदूषण में भारी गिरावट दर्ज की गई है। आंकड़ों के मुताबिक जहां दिल्ली में 214 अंकों के सुधार के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक 139 पर पहुंच गया है। मतलब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता 'बेहद खराब' से सीधे मध्यम स्तर पर पहुंच गई है।
कमोबेश ऐसी ही स्थिति फरीदाबाद में भी देखने को मिली, जहां 190 आंकड़ों की गिरावट के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक 88 पर पहुंच गया। इसके साथ ही फरीदाबाद में हवा 'खराब' से संतोषजनक श्रेणी में पहुंच गई है।
दूसरी तरफ बर्नीहाट में वायु गुणवत्ता सूचकांक 362 तक पहुंच गया है, जहां वायु गुणवत्ता बेहद खराब बनी हुई है। इसी तरह वापी और सिवान में भी स्थिति बेहद खराब है। इन दोनों शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 320 से अधिक दर्ज किया गया है। बता दें कि प्रदूषण के मामले में आज जहां वापी दूसरे स्थान पर रहा वहीं सिवान तीसरे स्थान पर था।
देश के पांच अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'बेहद खराब' बना हुआ है। इन शहरों में सिंगरौली (313), पाली (310), जालौर (308), सिरोही (306) और हाजीपुर (303) शामिल हैं।
कल से तुलना करें तो देश में बेहद खराब हवा वाले शहरों की गिनती में 33 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।
अगरतला सहित देश के 30 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'खराब' बना हुआ है। इन शहरों में अगरतला, अंगुल, अंकलेश्वर, अररिया, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), बांसवाड़ा, बारबिल, बैरकपुर, भागलपुर, भीलवाड़ा, बिहारशरीफ, बिलीपाड़ा, बूंदी, धनबाद, डूंगरपुर, हल्दिया, हावड़ा, जोधपुर, कोटा, मुजफ्फरपुर, नागौर, नंदेसरी, पटना, राउरकेला, सहरसा, सूरत, तालचेर, टोंक, उदयपुर शामिल हैं।
राहत की बात यह रही कि देश में 'बेहद खराब' हवा वाले शहरों के साथ 'खराब' हवा वाले शहरों की संख्या में भी करीब 39 फीसदी की गिरावट आई है।
वहीं दूसरी तरफ देश में बेलगाम और ऋषिकेश की हवा सबसे साफ रही, जहां एक्यूआई 24 रिकॉर्ड किया गया। इसी तरह देश के छोटे बड़े 38 शहरों में वायु गुणवत्ता साफ बनी हुई है। इन शहरों में अमृतसर, अनंतपुर, बागलकोट, बरेली, बेलगाम, चामराजनगर, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कोयंबटूर, दावनगेरे, गडग, हसन, हावेरी, हुबली, कलबुर्गी, कारवार, काशीपुर, खन्ना, कोप्पल, मदिकेरी, मदुरै, मैहर, मुरादाबाद, मैसूर, पटियाला, ऋषिकेश, सलेम आदि शहर शामिल थे। वहीं कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की संख्या में 27 फीसदी का इजाफा हुआ है।
ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर बर्नीहाट की तुलना बेलगाम से करें तो वायु गुणवत्ता 14 गुणा ज्यादा खराब है।
ताजा रुझानों के मुताबिक देश में अलवर सहित 66 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक बना हुआ है।
इन शहरों में गुरूग्राम, हनुमानगढ़, हापुड, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जालंधर, जलगांव, कडपा, कन्नूर, कानपुर, कोहिमा, कोलार, कोल्हापुर, कोल्लम, लातूर, लखनऊ, लुधियाना, मंडी गोबिंदगढ़, मंगलौर, मंगुराहा, मेरठ, मुजफ्फरनगर, नागपुर, नांदेड़, नोएडा, प्रयागराज, पुदुचेरी आदि शामिल हैं।
कल से तुलना करें तो देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की संख्या में 38 फीसदी का इजाफा हुआ है।
आंकड़ों के मुताबिक अहमदाबाद सहित देश के 80 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम स्तर पर बनी हुई है।
इन शहरों में अहमदाबाद, अजमेर, अमरावती, बद्दी, बदलापुर, बालासोर, बारीपदा, बाड़मेर, बेलापुर, बेतिया, भिवंडी, भुवनेश्वर, बीकानेर, बिलासपुर, बोईसर, ब्रजराजनगर, ब्यासनगर, चंडीगढ़, छपरा, चित्तौड़गढ़, चुरू, कटक, दौसा, दिल्ली, धुले, दुर्गापुर, गांधीनगर, गया, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, ग्वालियर, इंफाल, जयपुर, जैसलमेर, जलना, झालावाड़, झांसी, झुंझुनूं, जोरापोखर, कल्याण, कटिहार, कटनी, क्योंझर, किशनगंज, कोलकाता, कोरबा, कुंजेमुरा, मालेगांव, मंडीदीप, मिलुपारा, मीरा-भायंदर, मोतिहारी, मुंबई, मुंगेर, नगांव, नाहरलगुन, नलबाड़ी, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़, पूर्णिया, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रतलाम, रूपनगर, सासाराम, सवाई माधोपुर, सीकर, सुआकाती, टेन्सा, ठाणे, तिरुपति, तुमकुरु, उल्हासनगर, विरार शामिल हैं।
कल के मुकाबले देखें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में दो फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।
कुल मिलाकर देखें तो देश के जहां 17 फीसदी से ज्यादा शहरों में हवा साफ बनी हुई है। वहीं 53 फीसदी में हालात चिंताजनक हैं। दूसरी तरफ देश के करीब 30 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर चिंताजनक दर्ज किया गया है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 28 दिसंबर 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 222 में से महज 38 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 66 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 27 दिसंबर को यह आंकड़ा 48 दर्ज किया गया था।
80 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में बर्नीहाट (362) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां आज एक्यूआई 370 के करीब पहुंच गया। वहीं कल दिल्ली में हवा सबसे ज्यादा खराब थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 353 दर्ज किया गया था।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 214 अंकों की भारी गिरावट आई है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर आज ‘मध्यम’ बना हुआ है।
गौरतलब है कि पिछले महीने नवंबर में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली में हवा जहरीली न हो। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया था। इसी तरह नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया।
देखा जाए तो देश में प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। प्रदूषण के मामले में आज सिंगरौली चौथे स्थान पर है, वहीं वापी (329) दूसरे, जबकि सिवान (325) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो फरीदाबाद में इंडेक्स 88, गाजियाबाद में 76, गुरुग्राम में 94, नोएडा में 88, ग्रेटर नोएडा में 92 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 188 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 100, चेन्नई में 55, चंडीगढ़ में 144, हैदराबाद में 78, जयपुर में 190 और पटना में 266 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 38 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल, अकोला, अमरावती, अमृतसर, अनंतपुर, बागलकोट, बरेली, बेलगाम, चामराजनगर, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कोयंबटूर, दावनगेरे, गडग, हसन, हावेरी, हुबली, कलबुर्गी, कारवार, काशीपुर, खन्ना, कोप्पल, मदिकेरी, मदुरै, मैहर, मुरादाबाद, मैसूर, पटियाला, ऋषिकेश, सलेम, शिवमोगा, सिलचर, थूथुकुडी, त्रिशूर, उडुपी, वाराणसी, विजयपुरा, विरुधुनगर शामिल हैं।
वहीं आगरा, अहमदनगर, अलवर, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बेंगलुरु, भरतपुर, भिलाई, भिवाड़ी, भोपाल, बुलन्दशहर, चंद्रपुर, चरखी दादरी, चेन्नई, छाल, चित्तूर, दमोह, धारवाड़, फरीदाबाद, फिरोजाबाद, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, हनुमानगढ़, हापुड, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जालंधर, जलगांव, कडपा, कन्नूर, कानपुर, कोहिमा, कोलार, कोल्हापुर, कोल्लम, लातूर, लखनऊ, लुधियाना, मंडी गोबिंदगढ़, मंगलौर, मंगुराहा, मेरठ, मुजफ्फरनगर, नागपुर, नांदेड़, नोएडा, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुणे, रायपुर, रामनगर, रोहतक, सागर, समस्तीपुर, सांगली, सतना, सिलीगुड़ी, शिवसागर, सोलापुर, श्रीगंगानगर, तिरुवनंतपुरम, उज्जैन, विजयवाड़ा, वृंदावन, यादगीर आदि 66 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।
दिल्ली-फरीदाबाद सहित कई शहरों में बारिश के साथ प्रदूषण में भारी गिरावट दर्ज की गई है। आंकड़ों के मुताबिक जहां दिल्ली में 214 अंकों के सुधार के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक 139 पर पहुंच गया है। मतलब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता 'बेहद खराब' से सीधे मध्यम स्तर पर पहुंच गई है।
कमोबेश ऐसी ही स्थिति फरीदाबाद में भी देखने को मिली, जहां 190 आंकड़ों की गिरावट के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक 88 पर पहुंच गया। इसके साथ ही फरीदाबाद में हवा 'खराब' से संतोषजनक श्रेणी में पहुंच गई है।
दूसरी तरफ बर्नीहाट में वायु गुणवत्ता सूचकांक 362 तक पहुंच गया है, जहां वायु गुणवत्ता बेहद खराब बनी हुई है। इसी तरह वापी और सिवान में भी स्थिति बेहद खराब है। इन दोनों शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 320 से अधिक दर्ज किया गया है। बता दें कि प्रदूषण के मामले में आज जहां वापी दूसरे स्थान पर रहा वहीं सिवान तीसरे स्थान पर था।
देश के पांच अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'बेहद खराब' बना हुआ है। इन शहरों में सिंगरौली (313), पाली (310), जालौर (308), सिरोही (306) और हाजीपुर (303) शामिल हैं।
कल से तुलना करें तो देश में बेहद खराब हवा वाले शहरों की गिनती में 33 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।
अगरतला सहित देश के 30 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'खराब' बना हुआ है। इन शहरों में अगरतला, अंगुल, अंकलेश्वर, अररिया, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), बांसवाड़ा, बारबिल, बैरकपुर, भागलपुर, भीलवाड़ा, बिहारशरीफ, बिलीपाड़ा, बूंदी, धनबाद, डूंगरपुर, हल्दिया, हावड़ा, जोधपुर, कोटा, मुजफ्फरपुर, नागौर, नंदेसरी, पटना, राउरकेला, सहरसा, सूरत, तालचेर, टोंक, उदयपुर शामिल हैं।
राहत की बात यह रही कि देश में 'बेहद खराब' हवा वाले शहरों के साथ 'खराब' हवा वाले शहरों की संख्या में भी करीब 39 फीसदी की गिरावट आई है।
वहीं दूसरी तरफ देश में बेलगाम और ऋषिकेश की हवा सबसे साफ रही, जहां एक्यूआई 24 रिकॉर्ड किया गया। इसी तरह देश के छोटे बड़े 38 शहरों में वायु गुणवत्ता साफ बनी हुई है। इन शहरों में अमृतसर, अनंतपुर, बागलकोट, बरेली, बेलगाम, चामराजनगर, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कोयंबटूर, दावनगेरे, गडग, हसन, हावेरी, हुबली, कलबुर्गी, कारवार, काशीपुर, खन्ना, कोप्पल, मदिकेरी, मदुरै, मैहर, मुरादाबाद, मैसूर, पटियाला, ऋषिकेश, सलेम आदि शहर शामिल थे। वहीं कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की संख्या में 27 फीसदी का इजाफा हुआ है।
ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर बर्नीहाट की तुलना बेलगाम से करें तो वायु गुणवत्ता 14 गुणा ज्यादा खराब है।
ताजा रुझानों के मुताबिक देश में अलवर सहित 66 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक बना हुआ है।
इन शहरों में गुरूग्राम, हनुमानगढ़, हापुड, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जालंधर, जलगांव, कडपा, कन्नूर, कानपुर, कोहिमा, कोलार, कोल्हापुर, कोल्लम, लातूर, लखनऊ, लुधियाना, मंडी गोबिंदगढ़, मंगलौर, मंगुराहा, मेरठ, मुजफ्फरनगर, नागपुर, नांदेड़, नोएडा, प्रयागराज, पुदुचेरी आदि शामिल हैं।
कल से तुलना करें तो देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की संख्या में 38 फीसदी का इजाफा हुआ है।
आंकड़ों के मुताबिक अहमदाबाद सहित देश के 80 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम स्तर पर बनी हुई है।
इन शहरों में अहमदाबाद, अजमेर, अमरावती, बद्दी, बदलापुर, बालासोर, बारीपदा, बाड़मेर, बेलापुर, बेतिया, भिवंडी, भुवनेश्वर, बीकानेर, बिलासपुर, बोईसर, ब्रजराजनगर, ब्यासनगर, चंडीगढ़, छपरा, चित्तौड़गढ़, चुरू, कटक, दौसा, दिल्ली, धुले, दुर्गापुर, गांधीनगर, गया, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, ग्वालियर, इंफाल, जयपुर, जैसलमेर, जलना, झालावाड़, झांसी, झुंझुनूं, जोरापोखर, कल्याण, कटिहार, कटनी, क्योंझर, किशनगंज, कोलकाता, कोरबा, कुंजेमुरा, मालेगांव, मंडीदीप, मिलुपारा, मीरा-भायंदर, मोतिहारी, मुंबई, मुंगेर, नगांव, नाहरलगुन, नलबाड़ी, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़, पूर्णिया, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रतलाम, रूपनगर, सासाराम, सवाई माधोपुर, सीकर, सुआकाती, टेन्सा, ठाणे, तिरुपति, तुमकुरु, उल्हासनगर, विरार शामिल हैं।
कल के मुकाबले देखें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में दो फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।
कुल मिलाकर देखें तो देश के जहां 17 फीसदी से ज्यादा शहरों में हवा साफ बनी हुई है। वहीं 53 फीसदी में हालात चिंताजनक हैं। दूसरी तरफ देश के करीब 30 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर चिंताजनक दर्ज किया गया है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 28 दिसंबर 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 222 में से महज 38 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 66 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 27 दिसंबर को यह आंकड़ा 48 दर्ज किया गया था।
80 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में बर्नीहाट (362) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां आज एक्यूआई 370 के करीब पहुंच गया। वहीं कल दिल्ली में हवा सबसे ज्यादा खराब थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 353 दर्ज किया गया था।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 214 अंकों की भारी गिरावट आई है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर आज ‘मध्यम’ बना हुआ है।
गौरतलब है कि पिछले महीने नवंबर में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली में हवा जहरीली न हो। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया था। इसी तरह नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया।
देखा जाए तो देश में प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। प्रदूषण के मामले में आज सिंगरौली चौथे स्थान पर है, वहीं वापी (329) दूसरे, जबकि सिवान (325) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो फरीदाबाद में इंडेक्स 88, गाजियाबाद में 76, गुरुग्राम में 94, नोएडा में 88, ग्रेटर नोएडा में 92 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 188 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 100, चेन्नई में 55, चंडीगढ़ में 144, हैदराबाद में 78, जयपुर में 190 और पटना में 266 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 38 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल, अकोला, अमरावती, अमृतसर, अनंतपुर, बागलकोट, बरेली, बेलगाम, चामराजनगर, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कोयंबटूर, दावनगेरे, गडग, हसन, हावेरी, हुबली, कलबुर्गी, कारवार, काशीपुर, खन्ना, कोप्पल, मदिकेरी, मदुरै, मैहर, मुरादाबाद, मैसूर, पटियाला, ऋषिकेश, सलेम, शिवमोगा, सिलचर, थूथुकुडी, त्रिशूर, उडुपी, वाराणसी, विजयपुरा, विरुधुनगर शामिल हैं।
वहीं आगरा, अहमदनगर, अलवर, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बेंगलुरु, भरतपुर, भिलाई, भिवाड़ी, भोपाल, बुलन्दशहर, चंद्रपुर, चरखी दादरी, चेन्नई, छाल, चित्तूर, दमोह, धारवाड़, फरीदाबाद, फिरोजाबाद, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, हनुमानगढ़, हापुड, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जालंधर, जलगांव, कडपा, कन्नूर, कानपुर, कोहिमा, कोलार, कोल्हापुर, कोल्लम, लातूर, लखनऊ, लुधियाना, मंडी गोबिंदगढ़, मंगलौर, मंगुराहा, मेरठ, मुजफ्फरनगर, नागपुर, नांदेड़, नोएडा, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुणे, रायपुर, रामनगर, रोहतक, सागर, समस्तीपुर, सांगली, सतना, सिलीगुड़ी, शिवसागर, सोलापुर, श्रीगंगानगर, तिरुवनंतपुरम, उज्जैन, विजयवाड़ा, वृंदावन, यादगीर आदि 66 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।