दिल्ली में एक बार फिर 400 के करीब पहुंचा एक्यूआई, देश में बेहद खराब हवा वाले शहरों की गिनती में 300 फीसदी का इजाफा

देश में आइजोल की हवा सबसे साफ रही, जहां सूचकांक महज 12 रिकॉर्ड किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर दिल्ली की तुलना आइजोल से करें तो वहां स्थिति 31 गुणा ज्यादा खराब है
दिल्ली में एक बार फिर 400 के करीब पहुंचा एक्यूआई, देश में बेहद खराब हवा वाले शहरों की गिनती में 300 फीसदी का इजाफा
Published on

दिल्ली को अभी प्रदूषण से राहत मिलती नजर नहीं आ रही। हालात यह हैं कि दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 85 अंकों के उछाल से साथ 379 पर पहुंच गया है। दिसंबर में यह दूसरा मौका है जब वायु गुणवत्ता बेहद खराब दर्ज की गई है।

इससे पहले आठ दिसंबर को सूचकांक 300 के पार दर्ज किया गया था। बता दें कि आज दिल्ली देश का सबसे प्रदूषित शहर भी रही। दिल्ली के बाद बहादुरगढ़  की हवा सबसे प्रदूषित रही, जहां एक्यूआई 369 दर्ज किया गया है। देखा जाए तो दिल्ली ही नहीं एनसीआर के अन्य शहरों में भी प्रदूषण की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।

इसी तरह ग्रेटर नोएडा (358), गाजियाबाद (324), नोएडा (323), हाजीपुर (315), दुर्गापुर (309), और मेरठ (303) में प्रदूषण से हवा 'बेहद खराब' है। बता दें कि कल से देश में बेहद खराब हवा वाले शहरों की गिनती में 300 फीसदी का इजाफा हुआ है।

इसी तरह देश में अम्बाला सहित 50 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर खराब दर्ज किया गया है।

इन शहरों में अगरतला, आसनसोल, बद्दी, बागपत, बल्लभगढ़, बैरकपुर, भागलपुर, भरतपुर, भिवाड़ी, भिवंडी, भिवानी, बिहार शरीफ, बुलन्दशहर, बर्नीहाट, चंडीगढ़, चुरू, कटक, देहरादून, धारूहेड़ा, धौलपुर, गुम्मिडिपूंडी, गुरूग्राम, ग्वालियर, हावड़ा, झुंझुनूं, जींद, करनाल, कटिहार, खुर्जा, कुरूक्षेत्र, लखनऊ, मानेसर, मुजफ्फरनगर, नारनौल, परभनी, पटना, राजमहेंद्रवरम, रानीपेट, रोहतक, रूपनगर, सहरसा, सासाराम, सिंगरौली, सोनीपत, श्री गंगानगर, तालचेर, तिरुपति, टोंक, विरार, वृंदावन शामिल हैं।

चिंता की बात यह रही की कल से देश में 'खराब' हवा वाले शहरों की संख्या में भी करीब 42 फीसदी का इजाफा हुआ है।

वहीं दूसरी तरफ देश में आइजोल की हवा सबसे साफ रही, जहां सूचकांक महज 12 रिकॉर्ड किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर दिल्ली की तुलना आइजोल से करें तो वहां स्थिति 31 गुणा ज्यादा खराब है।

आइजोल की तरह ही देश के आठ अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता साफ बनी हुई है। इन शहरों में अनंतपुर, बागलकोट, मदिकेरी, मदुरै, सिलचर, तंजावुर, त्रिशूर, विजयपुरा शामिल हैं। चिंता की बात यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की संख्या में करीब 44 फीसदी की गिरावट आई है।

इसी तरह देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की संख्या में भी करीब दो फीसदी की गिरावट आई है। इसके बाद देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की संख्या घटकर 53 रह गई है। बता दें कि देश में प्रतापगढ़, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, सतना, शिलांग, शिवमोगा, सिलीगुड़ी, सिरोही, शिवसागर, सोलापुर, सूरत, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, वाराणसी आदि शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है।

दिल्ली के पड़ोसी शहर फरीदाबाद में भी प्रदूषण में इजाफा हुआ है। जहां 51 अंकों के उछाल के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक 194 पर पहुंच गया। हालांकि फरीदाबाद में अभी भी हवा मध्यम श्रेणी में बनी हुई है। फरीदाबाद की तरह ही देश के छोटे बड़े 123 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम रिकॉर्ड किया गया।

इन शहरों में आगरा, अहमदाबाद, अहमदनगर, अकोला, अमरावती, अमरावती, अमृतसर, अंगुल, अंकलेश्वर, अररिया, आरा, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बालासोर, बांसवाड़ा, बारां, बारबिल, बारीपदा, बठिंडा, बेगूसराय, बेलापुर, बेंगलुरु, बेतिया, भिलाई, भीलवाड़ा, भोपाल, भुवनेश्वर, बीकानेर, बिलीपाड़ा, बोईसर, ब्रजराजनगर, बूंदी, बक्सर, ब्यासनगर, चंद्रपुर, चरखी दादरी, चिकबलपुर, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दमोह, दौसा, दावनगेरे, धनबाद, डिंडीगुल, डूंगरपुर, फरीदाबाद, फिरोजाबाद, गया, गोरखपुर, गुवाहाटी, हल्दिया, हनुमानगढ़, हापुड, हैदराबाद, इंफाल, जबलपुर, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, जालौर, झालावाड़, झांसी, जोधपुर, जोरापोखर, कैथल, कल्याण, कानपुर, करौली, कटनी, कोल्हापुर, कोलकाता, कोटा, कुंजेमुरा, लातूर, लुधियाना, महाड, मालेगांव, मंगलौर, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागपट्टिनम, नागौर, नागपुर, नाहरलगुन, नलबाड़ी, नांदेड़, नासिक, नवी बई, पाली, पटियाला, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, पुणे, पूर्णिया, रायपुर, रायरंगपुर, राजगीर, राजसमंद, रतलाम, राउरकेला, सागर, समस्तीपुर, सवाई माधोपुर, सीकर, टेन्सा, उदयपुर, उज्जैन, उल्हासनगर, वापी, वेल्लोर, विशाखापत्तनम, यादगीर, यमुनानगर शामिल हैं। 

कल से देखें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में 12 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।

आंकड़ों पर नजर डालें तो देश के चार फीसदी से भी कम शहरों में हवा साफ है। वहीं दूसरी तरफ करीब 75 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं। इसी तरह देश के 22 फीसदी शहरों में हवा संतोषजनक बनी हुई है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 16 दिसंबर 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 245 में से महज 9 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 53 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 15 दिसंबर को यह आंकड़ा 54 दर्ज किया गया था।

124 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में दिल्ली (379) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां आज एक्यूआई 400 के करीब पहुंच गया। वहीं कल हाजीपुर में हवा सबसे ज्यादा खराब थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 341 दर्ज किया गया था।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 85 अंकों का इजाफा हुआ है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर ‘खराब’ से ‘बेहद खराब’ श्रेणी में पहुंच गया है।

गौरतलब है कि पिछले महीने नवंबर में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली में हवा जहरीली न हो। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया था। इसी तरह नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया।

देखा जाए तो देश में प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। बता दें कि प्रदूषण के मामले में आज गाजियाबाद चौथे स्थान पर है, वहीं बहादुरगढ़ (369) दूसरे, जबकि ग्रेटर नोएडा (358) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो फरीदाबाद में इंडेक्स 194, गाजियाबाद में 324, गुरुग्राम में 291, नोएडा में 323, ग्रेटर नोएडा में 358 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 158 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 241, चेन्नई में 99, चंडीगढ़ में 288, हैदराबाद में 115, जयपुर में 199 और पटना में 298 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन नौ शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल, अनंतपुर, बागलकोट, मदिकेरी, मदुरै, सिलचर, तंजावुर, त्रिशूर, विजयपुरा शामिल हैं।

वहीं अजमेर, अलवर, अरियालूर, बरेली, बाड़मेर, बेलगाम, चामराजनगर, चेंगलपट्टू, चेन्नई, छाल, चिक्कामगलुरु, देवास, धारवाड़, धुले, गडग, गांधीनगर, हसन, हुबली, इंदौर, कडपा, कलबुर्गी, कांचीपुरम, कन्नूर, करूर, काशीपुर, क्योंझर, खन्ना, कोलार, कोरबा, मैहर, मंडी गोबिंदगढ़, मांडीखेड़ा, मंगुराहा, मैसूर, पंचकुला, प्रतापगढ़, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, सतना, शिलांग, शिवमोगा, सिलीगुड़ी, सिरोही, शिवसागर, सोलापुर, सूरत, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, वाराणसी, वातवा, विजयवाड़ा, विरुधुनगर आदि 53 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

दिल्ली को अभी प्रदूषण से राहत मिलती नजर नहीं आ रही। हालात यह हैं कि दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 85 अंकों के उछाल से साथ 379 पर पहुंच गया है। दिसंबर में यह दूसरा मौका है जब वायु गुणवत्ता बेहद खराब दर्ज की गई है।

इससे पहले आठ दिसंबर को सूचकांक 300 के पार दर्ज किया गया था। बता दें कि आज दिल्ली देश का सबसे प्रदूषित शहर भी रही। दिल्ली के बाद बहादुरगढ़  की हवा सबसे प्रदूषित रही, जहां एक्यूआई 369 दर्ज किया गया है। देखा जाए तो दिल्ली ही नहीं एनसीआर के अन्य शहरों में भी प्रदूषण की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।

इसी तरह ग्रेटर नोएडा (358), गाजियाबाद (324), नोएडा (323), हाजीपुर (315), दुर्गापुर (309), और मेरठ (303) में प्रदूषण से हवा 'बेहद खराब' है। बता दें कि कल से देश में बेहद खराब हवा वाले शहरों की गिनती में 300 फीसदी का इजाफा हुआ है।

इसी तरह देश में अम्बाला सहित 50 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर खराब दर्ज किया गया है।

इन शहरों में अगरतला, आसनसोल, बद्दी, बागपत, बल्लभगढ़, बैरकपुर, भागलपुर, भरतपुर, भिवाड़ी, भिवंडी, भिवानी, बिहार शरीफ, बुलन्दशहर, बर्नीहाट, चंडीगढ़, चुरू, कटक, देहरादून, धारूहेड़ा, धौलपुर, गुम्मिडिपूंडी, गुरूग्राम, ग्वालियर, हावड़ा, झुंझुनूं, जींद, करनाल, कटिहार, खुर्जा, कुरूक्षेत्र, लखनऊ, मानेसर, मुजफ्फरनगर, नारनौल, परभनी, पटना, राजमहेंद्रवरम, रानीपेट, रोहतक, रूपनगर, सहरसा, सासाराम, सिंगरौली, सोनीपत, श्री गंगानगर, तालचेर, तिरुपति, टोंक, विरार, वृंदावन शामिल हैं।

चिंता की बात यह रही की कल से देश में 'खराब' हवा वाले शहरों की संख्या में भी करीब 42 फीसदी का इजाफा हुआ है।

वहीं दूसरी तरफ देश में आइजोल की हवा सबसे साफ रही, जहां सूचकांक महज 12 रिकॉर्ड किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर दिल्ली की तुलना आइजोल से करें तो वहां स्थिति 31 गुणा ज्यादा खराब है।

आइजोल की तरह ही देश के आठ अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता साफ बनी हुई है। इन शहरों में अनंतपुर, बागलकोट, मदिकेरी, मदुरै, सिलचर, तंजावुर, त्रिशूर, विजयपुरा शामिल हैं। चिंता की बात यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की संख्या में करीब 44 फीसदी की गिरावट आई है।

इसी तरह देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की संख्या में भी करीब दो फीसदी की गिरावट आई है। इसके बाद देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की संख्या घटकर 53 रह गई है। बता दें कि देश में प्रतापगढ़, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, सतना, शिलांग, शिवमोगा, सिलीगुड़ी, सिरोही, शिवसागर, सोलापुर, सूरत, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, वाराणसी आदि शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है।

दिल्ली के पड़ोसी शहर फरीदाबाद में भी प्रदूषण में इजाफा हुआ है। जहां 51 अंकों के उछाल के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक 194 पर पहुंच गया। हालांकि फरीदाबाद में अभी भी हवा मध्यम श्रेणी में बनी हुई है। फरीदाबाद की तरह ही देश के छोटे बड़े 123 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम रिकॉर्ड किया गया।

इन शहरों में आगरा, अहमदाबाद, अहमदनगर, अकोला, अमरावती, अमरावती, अमृतसर, अंगुल, अंकलेश्वर, अररिया, आरा, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बालासोर, बांसवाड़ा, बारां, बारबिल, बारीपदा, बठिंडा, बेगूसराय, बेलापुर, बेंगलुरु, बेतिया, भिलाई, भीलवाड़ा, भोपाल, भुवनेश्वर, बीकानेर, बिलीपाड़ा, बोईसर, ब्रजराजनगर, बूंदी, बक्सर, ब्यासनगर, चंद्रपुर, चरखी दादरी, चिकबलपुर, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दमोह, दौसा, दावनगेरे, धनबाद, डिंडीगुल, डूंगरपुर, फरीदाबाद, फिरोजाबाद, गया, गोरखपुर, गुवाहाटी, हल्दिया, हनुमानगढ़, हापुड, हैदराबाद, इंफाल, जबलपुर, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, जालौर, झालावाड़, झांसी, जोधपुर, जोरापोखर, कैथल, कल्याण, कानपुर, करौली, कटनी, कोल्हापुर, कोलकाता, कोटा, कुंजेमुरा, लातूर, लुधियाना, महाड, मालेगांव, मंगलौर, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागपट्टिनम, नागौर, नागपुर, नाहरलगुन, नलबाड़ी, नांदेड़, नासिक, नवी बई, पाली, पटियाला, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, पुणे, पूर्णिया, रायपुर, रायरंगपुर, राजगीर, राजसमंद, रतलाम, राउरकेला, सागर, समस्तीपुर, सवाई माधोपुर, सीकर, टेन्सा, उदयपुर, उज्जैन, उल्हासनगर, वापी, वेल्लोर, विशाखापत्तनम, यादगीर, यमुनानगर शामिल हैं। 

कल से देखें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में 12 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।

आंकड़ों पर नजर डालें तो देश के चार फीसदी से भी कम शहरों में हवा साफ है। वहीं दूसरी तरफ करीब 75 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं। इसी तरह देश के 22 फीसदी शहरों में हवा संतोषजनक बनी हुई है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 16 दिसंबर 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 245 में से महज 9 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 53 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 15 दिसंबर को यह आंकड़ा 54 दर्ज किया गया था।

124 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में दिल्ली (379) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां आज एक्यूआई 400 के करीब पहुंच गया। वहीं कल हाजीपुर में हवा सबसे ज्यादा खराब थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 341 दर्ज किया गया था।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 85 अंकों का इजाफा हुआ है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर ‘खराब’ से ‘बेहद खराब’ श्रेणी में पहुंच गया है।

गौरतलब है कि पिछले महीने नवंबर में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली में हवा जहरीली न हो। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया था। इसी तरह नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया।

देखा जाए तो देश में प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। बता दें कि प्रदूषण के मामले में आज गाजियाबाद चौथे स्थान पर है, वहीं बहादुरगढ़ (369) दूसरे, जबकि ग्रेटर नोएडा (358) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो फरीदाबाद में इंडेक्स 194, गाजियाबाद में 324, गुरुग्राम में 291, नोएडा में 323, ग्रेटर नोएडा में 358 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 158 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 241, चेन्नई में 99, चंडीगढ़ में 288, हैदराबाद में 115, जयपुर में 199 और पटना में 298 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन नौ शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल, अनंतपुर, बागलकोट, मदिकेरी, मदुरै, सिलचर, तंजावुर, त्रिशूर, विजयपुरा शामिल हैं।

वहीं अजमेर, अलवर, अरियालूर, बरेली, बाड़मेर, बेलगाम, चामराजनगर, चेंगलपट्टू, चेन्नई, छाल, चिक्कामगलुरु, देवास, धारवाड़, धुले, गडग, गांधीनगर, हसन, हुबली, इंदौर, कडपा, कलबुर्गी, कांचीपुरम, कन्नूर, करूर, काशीपुर, क्योंझर, खन्ना, कोलार, कोरबा, मैहर, मंडी गोबिंदगढ़, मांडीखेड़ा, मंगुराहा, मैसूर, पंचकुला, प्रतापगढ़, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, सतना, शिलांग, शिवमोगा, सिलीगुड़ी, सिरोही, शिवसागर, सोलापुर, सूरत, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, वाराणसी, वातवा, विजयवाड़ा, विरुधुनगर आदि 53 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

Related Stories

No stories found.
Down to Earth- Hindi
hindi.downtoearth.org.in