प्रदूषण के मामले में दिल्ली आज भी अव्वल रही, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 304 दर्ज किया गया। हालांकि कल के मुकाबले देखें तो दिल्ली की वायु गुणवत्ता में 52 अंकों का सुधार जरूर आया है। इसके बावजूद दिल्ली में हवा लोगों को बहुत ज्यादा बीमार बना देने के लिए काफी है।
दिल्ली के साथ-साथ देश में बहादुरगढ़ (280), बेगूसराय (263), चंडीगढ़ (261), हाजीपुर (259), सोनीपत (256) आदि शहरों में भी स्थित 'खराब' बनी हुई है। बता दें कि देश के 30 शहरों में प्रदूषण से हवा दमघोंटू हो चुकी है। इन शहरों में बद्दी, भिवानी, नोएडा, हिसार, सूरत, मुजफ्फरनगर, ग्रेटर नोएडा, पंचकुला, गाजियाबाद, टोंक, मांडीखेड़ा, खुर्जा, बर्नीहाट, चरखी दादरी, जींद, हापुड, जयपुर, बुलन्दशहर, जालंधर, पूर्णिया, यमुनानगर, गोरखपुर, कुरूक्षेत्र, नांदेड़ शामिल हैं।
वहीं कल से तुलना करें तो देश में 'खराब' वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में दस फीसदी का इजाफा दर्ज किया गया है।
दिल्ली की तरह ही पड़ोसी शहर फरीदाबाद में भी स्थिति 'खराब' बनी हुई है। हालांकि कल से फरीदाबाद की वायु गुणवत्ता में भी मामूली सुधार जरूर आया है, लेकिन इसके बावजूद वहां एक्यूआई का स्तर 204 दर्ज किया गया है।
दूसरी तरफ देश के 29 शहरों में वायु गुणवत्त बेहतर बनी हुई है। इन शहरों में हसन, कलबुर्गी, कांचीपुरम, कोरबा, मदिकेरी, मदुरै, मिलुपारा, नगांव, नागपट्टिनम, नाहरलगुन, नलबाड़ी, पालकलाईपेरुर, रामनाथपुरम, सहरसा आदि शहर शामिल हैं। हालांकि कल से तुलना करें तो देश में बेहतर वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में 58 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।
गौरतलब है कि देश में एक बार फिर नाहरलगुन की हवा सबसे साफ रही, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 10 दर्ज किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर दिल्ली की नाहरलगुन से तुलना करें तो वहां स्थिति 30 गुणा ज्यादा खराब है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी ताजा रुझानों के मुताबिक देश के 80 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक बना हुआ है। इन शहरों में बेलगाम, भागलपुर, भिलाई, भुवनेश्वर, ब्यासनगर, चेंगलपट्टू, छाल, चिकबलपुर, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दावनगेरे, देहरादून, धारवाड़, डिंडीगुल, डूंगरपुर, फिरोजाबाद, गडग, गया, गुवाहाटी, ग्वालियर, हल्दिया, हुबली, जबलपुर आदि शहर शामिल थे।
वहीं कल से तुलना करें तो देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में कोई बदलाव नहीं हुआ है, और इनकी संख्या जस की तस बनी हुई है।
आंकड़ों के मुताबिक देश में 113 शहरों की वायु गुणवत्ता मध्यम दर्जे की है। मतलब की वहां प्रदूषण का स्तर 100 से 200 के बीच है। बता दें कि कल इन शहरों की संख्या 95 दर्ज की गई थी।
इन शहरों में अगरतला, अहमदाबाद, अजमेर, अकोला, अलवर, अम्बाला, अमृतसर, अनंतपुर, अंगुल, अररिया, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बागपत, बालासोर, बल्लभगढ़, बांसवाड़ा, बारां, बाड़मेर, बेलापुर, बेंगलुरु, बेतिया, भरतपुर, भीलवाड़ा, भिवाड़ी, भिवंडी, भोपाल, बीदर, बिहारशरीफ, बीकानेर, बिलीपाड़ा, बोईसर, बूंदी, चंद्रपुर, चेन्नई, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, चुरू, दौसा, देवास, धारूहेड़ा, धौलपुर, धुले, दुर्गापुर, फतेहाबाद, गांधीनगर, गुरूग्राम, हनुमानगढ़, हावेरी, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जैसलमेर, जलगांव, झालावाड़, झुंझुनूं, जोधपुर, कैथल, कल्याण, करौली, करनाल, काशीपुर, कटिहार, खन्ना, किशनगंज, कोल्हापुर, कोटा, लातूर, लखनऊ, लुधियाना, महाड, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मानेसर, मेरठ, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंबई, मुजफ्फरपुर, नागौर, नंदेसरी, नासिक, नवी मुंबई, पाली, पलवल, पानीपत, पटियाला, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़, पुणे, रायचुर, रतलाम, रूपनगर, सलेम, सवाई धोपुर, सीकर, सिरसा, सिवान, सोलापुर, श्रीगंगानगर, ठाणे, तिरुपति, उदयपुर, उज्जैन, उल्हासनगर, वापी, वातवा, वेल्लोर, विरार शामिल हैं।
हालांकि कल की तुलना में देखें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में 16 फीसदी का इजाफा हुआ है।
कुल मिलाकर कहें तो देश में जहां साफ हवा वाले शहरों की संख्या में भारी गिरावट आई है, जिसके बाद देश के महज 11 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता साफ रह गई है। वहीं करीब 32 फीसदी शहरों में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि करीब 57 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक बने हुए हैं।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 28 अक्टूबर 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 253 में से 29 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 80 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 27 अक्टूबर 2024 यह आंकड़ा 80 दर्ज किया गया था। 113 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।
दूसरे शहरों की तुलना में दिल्ली (304) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 320 के करीब पहुंच गया है। कल भी दिल्ली में स्थिति सबसे खराब थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 356 तक पहुंच गया था। इसी तरह बहादुरगढ़ (280) और बेगूसराय (263) में भी स्थिति जानलेवा बनी हुई है।
गौरतलब है कि प्रदूषण में गिरावट के बावजूद दिल्ली में प्रदूषण का स्तर जानलेवा बना हुआ है, जहां आज वायु गुणवत्ता सूचकांक 52 अंकों की भारी गिरावट आई है।
दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 204, गाजियाबाद में 228, गुरुग्राम में 187, नोएडा में 248, ग्रेटर नोएडा में 233 पर पहुंच गया है।
देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 132 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 125, चेन्नई में 131, चंडीगढ़ में 261, हैदराबाद में 112, जयपुर में 210 और पटना में 159 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 29 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल, बागलकोट, ब्रजराजनगर, चामराजनगर, चिक्कामगलुरु, दमोह, हसन, कलबुर्गी, कांचीपुरम, कोरबा, मदिकेरी, मदुरै, मिलुपारा, नगांव, नागपट्टिनम, नाहरलगुन, नलबाड़ी, पालकलाईपेरुर, रामनाथपुरम, सहरसा, शिवमोगा, शिवसागर, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, तिरुचिरापल्ली, तिरुनेलवेली, तुमकुरु, वाराणसी, विरुधुनगर शामिल रहे।
वहीं आगरा, अमरावती, अमरावती, अंकलेश्वर, अरियालूर, बारबिल, बरेली, बारीपदा, बैरकपुर, बठिंडा, बेलगाम, भागलपुर, भिलाई, भुवनेश्वर, ब्यासनगर, चेंगलपट्टू, छाल, चिकबलपुर, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दावनगेरे, देहरादून, धारवाड़, डिंडीगुल, डूंगरपुर, फिरोजाबाद, गडग, गया, गुवाहाटी, ग्वालियर, हल्दिया, हुबली, जबलपुर, झांसी, कडपा, कानपुर, करूर, कारवार, कटनी, कोलार, कोलकाता, कोल्लम, मंगलौर, मंगुराहा, मोतिहारी, मुंगेर, मैसूर, नागपुर, ऊटी, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रामनगर, रानीपेट, ऋषिकेश, राउरकेला, सागर, समस्तीपुर, सांगली, सासाराम, सतना, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिंगरौली, सिरोही, सुआकाती, तालचेर, टेन्सा, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुपुर, उडुपी, विजयपुरा, विजयवाड़ा, विशाखापत्तनम, यादगीर आदि 80 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।