एक बार फिर प्रदूषण में अव्वल दिल्ली, देश के चार फीसदी से भी कम शहरों में साफ है हवा

प्रदूषण के मामले में दिल्ली के लिए यह साल खराब ही रहा है, साल में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब वायु गुणवत्ता 'साफ' रही हो
भारत के कई शहरों में बढ़ते प्रदूषण से बड़े ही नहीं बच्चे भी प्रदूषित हवा में सांस लेने को मजबूर हैं; फोटो: आईस्टॉक
भारत के कई शहरों में बढ़ते प्रदूषण से बड़े ही नहीं बच्चे भी प्रदूषित हवा में सांस लेने को मजबूर हैं; फोटो: आईस्टॉक
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प्रदूषण के मामले में एक बार फिर दिल्ली पहले स्थान पर पहुंच गई है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 331 पर पहुंच गया है। मतलब की वहां हवा में घुला जहर लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है।

कल से दिल्ली के वायु गुणवत्ता सूचकांक में छह अंकों का उछाल आया है। बता दें कि कल दिल्ली प्रदूषण के मामले में तीसरे स्थान पर थी। वहीं बिहार शरीफ (348) की हवा सबसे ज्यादा खराब थी।

आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली की तरह ही हाजीपुर की भी हवा ‘बेहद खराब’ बनी हुई है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 312 दर्ज किया गया है। इसी तरह भिवानी और सोनीपत की भी स्थिति कुछ खास अच्छी नहीं है, जहां एक्यूआई 300 के करीब है। हालांकि राहत की बात यह रही की कल से देश में 'बेहद खराब' हवा वाले शहरों की संख्या में गिरावट दर्ज की गई है।

इसी तरह देश में छोटे बड़े 45 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'खराब' दर्ज किया गया है।

इन शहरों में अहमदनगर, अमृतसर, अंगुल, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), बहादुरगढ़, बारबिल, बेगूसराय, भिवाड़ी, भिवानी, बिहार शरीफ, बिलीपाड़ा, बक्सर, चरखी दादरी, छपरा, धनबाद, धारूहेड़ा, दुर्गापुर, गाजियाबाद, ग्रेटर एडा, गुम्मिडिपूंडी, गुरूग्राम, ग्वालियर, जींद, कैथल, खुर्जा, कुंजेमुरा, लखनऊ, लुधियाना, मानेसर, मुंगेर, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नारनौल, नोएडा, पटना, पीथमपुर, रोहतक, राउरकेला, समस्तीपुर, सासाराम, सीकर, सिंगरौली, सिरसा, सोनीपत शामिल हैं।

हालांकि कल से देश में 'खराब' हवा वाले शहरों की संख्या में भी 15 फीसदी से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई है।

वहीं दूसरी तरफ देश में एक बार फिर आइजोल की हवा सबसे साफ रही, जहां एक्यूआई 25 रिकॉर्ड किया गया है। ऐसे में यदि दिल्ली की तुलना आइजोल से करें तो वहां स्थिति करीब 13 गुणा ज्यादा खराब है।

आइजोल की तरह ही देश के छोटे बड़े नौ अन्य शहरों में भी वायु गुणवत्ता बेहतर बनी हुई है। इन शहरों में चामराजनगर, कलबुर्गी, कांचीपुरम, मदिकेरी, त्रिशूर, तिरुनेलवेली आदि शामिल हैं। कल के मुकाबले देखें तो देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 11 फीसदी से ज्यादा का उछाल आया है।

कुछ ऐसी ही स्थिति देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों में भी दर्ज की गई है, जिनकी संख्या में कल से 29 फीसदी से ज्यादा का इजाफा आया है। इसके बाद देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती बढ़कर 62 पर पहुंच गई है।

आज देश के जिन शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक दर्ज किया गया है, उनमें देहरादून, एलूर, फिरोजाबाद, गडग, गांधीनगर, गुवाहाटी, हनुमानगढ़, हावेरी, हुबली, इंदौर, जैसलमेर, झालावाड़, कन्नूर, करौली, कारवार, काशीपुर, क्योंझर, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, कोरबा आदि शामिल हैं।

फरीदाबाद में भी कल से प्रदूषण में इजाफा दर्ज किया गया है, जहां 25 अंकों के उछाल के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक 190 तक पहुंच गया। हालांकि वहां अब भी वायु गुणवत्ता मध्यम स्तर पर है। फरीदाबाद की तरह ही देश के 133 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम दर्ज किया गया है।

इन शहरों में अगरतला, आगरा, अहमदाबाद, अकोला, अलवर, अम्बाला, अमरावती, अंकलेश्वर, अररिया, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बद्दी, बदलापुर, बागपत, बालासोर, बल्लभगढ़, बांसवाड़ा, बारां, बारीपदा, बाड़मेर, बैरकपुर, बठिंडा, बेलापुर, बेतिया, भागलपुर, भरतपुर, भिलाई, भोपाल, भुवनेश्वर, बीकानेर, बोईसर, बुलन्दशहर, बूंदी, ब्यासनगर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चेन्नई, चिकबलपुर, चित्तौड़गढ़, चुरू, कोयंबटूर, कटक, दमोह, दौसा, दावनगेरे, देवास, धौलपुर, धुले, डूंगरपुर, फरीदाबाद, फतेहाबाद, गया, गोरखपुर, हल्दिया, हापुड, हावड़ा, हैदराबाद, जबलपुर, जयपुर, जालंधर, जलगांव, जालौर, झांसी, झुंझुनूं, जोधपुर, कल्याण, कानपुर, करनाल, करूर, कटिहार, कटनी, खन्ना, किशनगंज, कोटा, लातूर, महाड, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मांडीखेड़ा, मेरठ, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, नगांव, नागपट्टिनम, नागौर, नागपुर, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, पाली, पंचकुला, पानीपत, परभनी, पटियाला, पिंपरी-चिंचवाड, प्रयागराज, पुदुकोट्टई, पुणे, पूर्णिया, रायचुर, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, राजसमंद, रामनगर, रानीपेट, रतलाम, रूपनगर, सागर, सहरसा, सांगली, सवाई माधोपुर, सिवान, सोलापुर, श्री गंगानगर, सुआकाती, तालचेर, टेन्सा, ठाणे, टोंक, तुमिडीह, उदयपुर, उल्हासनगर, वापी, वातवा, विरार, विशाखापत्तनम, वृंदावन, यादगीर, यमुनानगर शामिल हैं। 

कुल मिलाकर देखें तो कल से देश में प्रदूषण के स्तर में गिरावट आई है। हालांकि इसके बावजूद महज चार फीसदी से भी कम शहरों में हवा साफ है। वहीं दूसरी तरफ देश के करीब 72 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 29 नवंबर 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 253 में से महज 10 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 62 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 28 नवंबर 2024 को यह आंकड़ा 48 दर्ज किया गया था। 134 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।

दूसरे शहरों की तुलना में दिल्ली (331) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां आज एक्यूआई 350 के करीब पहुंच गया। वहीं कल बिहार शरीफ में हवा सबसे ज्यादा खराब थी, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 348 दर्ज किया गया था।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से प्रदूषण दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में छह अंकों का उछाल आया है। इसका मतलब है कि दिल्ली में वायु गुणवत्ता अभी भी 'बेहद खराब' बनी हुई है। इस महीने में पिछले 28 दिनों से लगातार दिल्ली की हवा ‘जहरीली’ है, जो लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है।

इसी तरह नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया।

देखा जाए तो कहीं न कहीं देश में प्रदूषण के स्तर में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। बता दें कि प्रदूषण के मामले में आज दिल्ली पहले स्थान पर है, वहीं हाजीपुर (312) दूसरे, जबकि भिवानी (294) तीसरे स्थान पर है।   

दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 190, गाजियाबाद में 253, गुरुग्राम में 254, नोएडा में 259, ग्रेटर नोएडा में गिरकर 270 पर पहुंच गया है।

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 134 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 236, चेन्नई में 103, चंडीगढ़ में 183, हैदराबाद में 110, जयपुर में 153 और पटना में 253 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 10 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल, अनंतपुर, बागलकोट, चामराजनगर, कलबुर्गी, कांचीपुरम, मदिकेरी, त्रिशूर, तिरुनेलवेली, विजयपुरा शामिल हैं।

वहीं अजमेर, अमरावती, बरेली, बेलगाम, बेंगलुरु, भीलवाड़ा, बिलासपुर, ब्रजराजनगर, चेंगलपट्टू, छाल, चित्तूर, कुड्डालोर, देहरादून, एलूर, फिरोजाबाद, गडग, गांधीनगर, गुवाहाटी, हनुमानगढ़, हावेरी, हुबली, इंदौर, जैसलमेर, झालावाड़, कन्नूर, करौली, कारवार, काशीपुर, क्योंझर, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, कोरबा, मदुरै, मैहर, मंगुराहा, मैसूर, नाहरलगुन, नलबाड़ी, नंदेसरी, ऊटी, पालकलाईपेरुर, पलवल, प्रतापगढ़, पुदुचेरी, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिरोही, शिवसागर, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, तिरुचिरापल्ली, तिरुपति, उडुपी, उज्जैन, वाराणसी, विजयवाड़ा आदि 62 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

प्रदूषण के मामले में एक बार फिर दिल्ली पहले स्थान पर पहुंच गई है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 331 पर पहुंच गया है। मतलब की वहां हवा में घुला जहर लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है।

कल से दिल्ली के वायु गुणवत्ता सूचकांक में छह अंकों का उछाल आया है। बता दें कि कल दिल्ली प्रदूषण के मामले में तीसरे स्थान पर थी। वहीं बिहार शरीफ (348) की हवा सबसे ज्यादा खराब थी।

आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली की तरह ही हाजीपुर की भी हवा ‘बेहद खराब’ बनी हुई है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 312 दर्ज किया गया है। इसी तरह भिवानी और सोनीपत की भी स्थिति कुछ खास अच्छी नहीं है, जहां एक्यूआई 300 के करीब है। हालांकि राहत की बात यह रही की कल से देश में 'बेहद खराब' हवा वाले शहरों की संख्या में गिरावट दर्ज की गई है।

इसी तरह देश में छोटे बड़े 45 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'खराब' दर्ज किया गया है।

इन शहरों में अहमदनगर, अमृतसर, अंगुल, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), बहादुरगढ़, बारबिल, बेगूसराय, भिवाड़ी, भिवानी, बिहार शरीफ, बिलीपाड़ा, बक्सर, चरखी दादरी, छपरा, धनबाद, धारूहेड़ा, दुर्गापुर, गाजियाबाद, ग्रेटर एडा, गुम्मिडिपूंडी, गुरूग्राम, ग्वालियर, जींद, कैथल, खुर्जा, कुंजेमुरा, लखनऊ, लुधियाना, मानेसर, मुंगेर, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नारनौल, नोएडा, पटना, पीथमपुर, रोहतक, राउरकेला, समस्तीपुर, सासाराम, सीकर, सिंगरौली, सिरसा, सोनीपत शामिल हैं।

हालांकि कल से देश में 'खराब' हवा वाले शहरों की संख्या में भी 15 फीसदी से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई है।

वहीं दूसरी तरफ देश में एक बार फिर आइजोल की हवा सबसे साफ रही, जहां एक्यूआई 25 रिकॉर्ड किया गया है। ऐसे में यदि दिल्ली की तुलना आइजोल से करें तो वहां स्थिति करीब 13 गुणा ज्यादा खराब है।

आइजोल की तरह ही देश के छोटे बड़े नौ अन्य शहरों में भी वायु गुणवत्ता बेहतर बनी हुई है। इन शहरों में चामराजनगर, कलबुर्गी, कांचीपुरम, मदिकेरी, त्रिशूर, तिरुनेलवेली आदि शामिल हैं। कल के मुकाबले देखें तो देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 11 फीसदी से ज्यादा का उछाल आया है।

कुछ ऐसी ही स्थिति देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों में भी दर्ज की गई है, जिनकी संख्या में कल से 29 फीसदी से ज्यादा का इजाफा आया है। इसके बाद देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती बढ़कर 62 पर पहुंच गई है।

आज देश के जिन शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक दर्ज किया गया है, उनमें देहरादून, एलूर, फिरोजाबाद, गडग, गांधीनगर, गुवाहाटी, हनुमानगढ़, हावेरी, हुबली, इंदौर, जैसलमेर, झालावाड़, कन्नूर, करौली, कारवार, काशीपुर, क्योंझर, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, कोरबा आदि शामिल हैं।

फरीदाबाद में भी कल से प्रदूषण में इजाफा दर्ज किया गया है, जहां 25 अंकों के उछाल के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक 190 तक पहुंच गया। हालांकि वहां अब भी वायु गुणवत्ता मध्यम स्तर पर है। फरीदाबाद की तरह ही देश के 133 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम दर्ज किया गया है।

इन शहरों में अगरतला, आगरा, अहमदाबाद, अकोला, अलवर, अम्बाला, अमरावती, अंकलेश्वर, अररिया, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बद्दी, बदलापुर, बागपत, बालासोर, बल्लभगढ़, बांसवाड़ा, बारां, बारीपदा, बाड़मेर, बैरकपुर, बठिंडा, बेलापुर, बेतिया, भागलपुर, भरतपुर, भिलाई, भोपाल, भुवनेश्वर, बीकानेर, बोईसर, बुलन्दशहर, बूंदी, ब्यासनगर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चेन्नई, चिकबलपुर, चित्तौड़गढ़, चुरू, कोयंबटूर, कटक, दमोह, दौसा, दावनगेरे, देवास, धौलपुर, धुले, डूंगरपुर, फरीदाबाद, फतेहाबाद, गया, गोरखपुर, हल्दिया, हापुड, हावड़ा, हैदराबाद, जबलपुर, जयपुर, जालंधर, जलगांव, जालौर, झांसी, झुंझुनूं, जोधपुर, कल्याण, कानपुर, करनाल, करूर, कटिहार, कटनी, खन्ना, किशनगंज, कोटा, लातूर, महाड, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मांडीखेड़ा, मेरठ, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, नगांव, नागपट्टिनम, नागौर, नागपुर, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, पाली, पंचकुला, पानीपत, परभनी, पटियाला, पिंपरी-चिंचवाड, प्रयागराज, पुदुकोट्टई, पुणे, पूर्णिया, रायचुर, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, राजसमंद, रामनगर, रानीपेट, रतलाम, रूपनगर, सागर, सहरसा, सांगली, सवाई माधोपुर, सिवान, सोलापुर, श्री गंगानगर, सुआकाती, तालचेर, टेन्सा, ठाणे, टोंक, तुमिडीह, उदयपुर, उल्हासनगर, वापी, वातवा, विरार, विशाखापत्तनम, वृंदावन, यादगीर, यमुनानगर शामिल हैं। 

कुल मिलाकर देखें तो कल से देश में प्रदूषण के स्तर में गिरावट आई है। हालांकि इसके बावजूद महज चार फीसदी से भी कम शहरों में हवा साफ है। वहीं दूसरी तरफ देश के करीब 72 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 29 नवंबर 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 253 में से महज 10 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 62 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 28 नवंबर 2024 को यह आंकड़ा 48 दर्ज किया गया था। 134 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।

दूसरे शहरों की तुलना में दिल्ली (331) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां आज एक्यूआई 350 के करीब पहुंच गया। वहीं कल बिहार शरीफ में हवा सबसे ज्यादा खराब थी, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 348 दर्ज किया गया था।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से प्रदूषण दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में छह अंकों का उछाल आया है। इसका मतलब है कि दिल्ली में वायु गुणवत्ता अभी भी 'बेहद खराब' बनी हुई है। इस महीने में पिछले 28 दिनों से लगातार दिल्ली की हवा ‘जहरीली’ है, जो लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है।

इसी तरह नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया।

देखा जाए तो कहीं न कहीं देश में प्रदूषण के स्तर में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। बता दें कि प्रदूषण के मामले में आज दिल्ली पहले स्थान पर है, वहीं हाजीपुर (312) दूसरे, जबकि भिवानी (294) तीसरे स्थान पर है।   

दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 190, गाजियाबाद में 253, गुरुग्राम में 254, नोएडा में 259, ग्रेटर नोएडा में गिरकर 270 पर पहुंच गया है।

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 134 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 236, चेन्नई में 103, चंडीगढ़ में 183, हैदराबाद में 110, जयपुर में 153 और पटना में 253 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 10 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल, अनंतपुर, बागलकोट, चामराजनगर, कलबुर्गी, कांचीपुरम, मदिकेरी, त्रिशूर, तिरुनेलवेली, विजयपुरा शामिल हैं।

वहीं अजमेर, अमरावती, बरेली, बेलगाम, बेंगलुरु, भीलवाड़ा, बिलासपुर, ब्रजराजनगर, चेंगलपट्टू, छाल, चित्तूर, कुड्डालोर, देहरादून, एलूर, फिरोजाबाद, गडग, गांधीनगर, गुवाहाटी, हनुमानगढ़, हावेरी, हुबली, इंदौर, जैसलमेर, झालावाड़, कन्नूर, करौली, कारवार, काशीपुर, क्योंझर, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, कोरबा, मदुरै, मैहर, मंगुराहा, मैसूर, नाहरलगुन, नलबाड़ी, नंदेसरी, ऊटी, पालकलाईपेरुर, पलवल, प्रतापगढ़, पुदुचेरी, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिरोही, शिवसागर, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, तिरुचिरापल्ली, तिरुपति, उडुपी, उज्जैन, वाराणसी, विजयवाड़ा आदि 62 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

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