देश के सभी शहरों को पीछे छोड़ इंफाल में प्रदूषण आपात स्तर तक पहुंच गया है। वहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 424 तक पहुंच गया है। इसका मतलब है कि वहां प्रदूषण आपात स्थिति में पहुंच चुका है। इसी तरह देश में मुजफ्फरनगर में भी प्रदूषण दमघोंटू बना हुआ है, जहां एक्यूआई 230 दर्ज किया गया है।
देश के जिन दस शहरों में वायु गुणवत्ता की स्थिति सबसे खराब थी, उनमें विशाखापत्तनम, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, अंगुल, दुर्गापुर, जलना, मेरठ, पीथमपुर शामिल थे। वहीं दूसरी तरफ देश में एक बार फिर पालकलाईपेरुर की हवा सबसे साफ रही, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 11 दर्ज किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर इंफाल की तुलना पालकलाईपेरुर से करें तो वायु गुणवत्ता का स्तर 38 गुणा ज्यादा खराब है।
ताजा रुझानों पर नजर डालें तो देश में पालकलाईपेरुर की तरह ही 53 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर बना हुआ है। इन शहरों में गुवाहाटी, हल्दिया, हसन, हावेरी, हुबली, झांसी, कलबुर्गी, कांचीपुरम, किशनगंज, कोलार, कोल्लम, कोप्पल, मदिकेरी, मंगलौर, मुंगेर, मैसूर, नयागढ़ आदि शामिल थे। हालांकि कल से तुलना करें तो देश में बेहतर वायु गुणवत्ता वाले शहरों में दस फीसदी की गिरावट आई है।
राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों को देखें तो कल से प्रदूषण के स्तर में मामूली गिरावट आई है, जिसके बाद वायु गुणवत्ता सूचकांक दो अंकों की गिरावट के साथ 143 पर पहुंच गया। दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर अभी भी मध्यम बना हुआ है। वहीं पड़ोसी शहर फरीदाबाद में कल से वायु गुणवत्ता में पांच अंकों की गिरावट आई है, जिसके बाद वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 82 पर पहुंच गया। हालांकि फरीदाबाद की वायु गुणवत्ता अभी भी संतोषजनक बनी हुई है।
गौरतलब है कि देश में फरीदाबाद की तरह ही 135 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक बना हुआ है। इन शहरों में गोरखपुर, ग्वालियर, हाजीपुर, हिसार, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जैसलमेर, जालंधर, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, जींद, जोधपुर, कडपा, कैथल, कल्याण, करनाल, कटनी, क्योंझर, खन्ना, खुर्जा, कोहिमा, कोल्हापुर, कोलकाता आदि शहर शामिल थे। बता दें कि कल से देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की संख्या में भी छह फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।
वहीं राजधानी दिल्ली की तरह ही देश के 51 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम बना हुआ है।
इन शहरों में अहमदाबाद, अहमदनगर, अमरावती, अंगुल, औरंगाबाद (बिहार), बद्दी, बागपत, बहादुरगढ़, बल्लभगढ़, बारबिल, बठिंडा, भोपाल, बिलीपाड़ा, बोईसर, बुलन्दशहर, बूंदी, बर्नीहाट, चंडीगढ़, कटक, दमोह, दिल्ली, दुर्गापुर, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, गुरूग्राम, हनुमानगढ़, हापुड, जबलपुर, जयपुर, जलगांव, जलना, कानपुर, कुंजेमुरा, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मेरठ, मुरादाबाद, नागौर, नोएडा, पाली, परभनी, पीथमपुर, रायचुर, रूपनगर, समस्तीपुर, सुआकाती, टेन्सा, टोंक, उज्जैन, वाराणसी, विशाखापत्तनम शामिल थे।
हालांकि कल की तुलना में देखें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में 18 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।
कुल मिलाकर देखें तो देश के 22 फीसदी से ज्यादा शहरों में वायु गुणवत्ता बेहतर बनी हुई है, जबकि करीब 56 फीसदी शहरों में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है। वहीं देश के 22 फीसदी से अधिक शहरों में वायु गुणवत्ता चिंताजनक बनी हुई है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 06 अक्टूबर 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 244 में से 54 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 136 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 05 अक्टूबर 2024 यह आंकड़ा 145 दर्ज किया गया था। 52 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।
दूसरे शहरों की तुलना में इंफाल (424) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 450 के करीब पहुंच गया है। यदि दिल्ली (143) की बात करें तो वहां वायु गुणवत्ता 'मध्यम' श्रेणी में पहुंच गई है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स में कल से 2 अंकों की गिरावट आई है।
दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 82, गाजियाबाद में 162, गुरुग्राम में 108, नोएडा में 144, ग्रेटर नोएडा में 172 पर पहुंच गया है।
देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 61 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'संतोषजनक' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 73, चेन्नई में 70, चंडीगढ़ में 105, हैदराबाद में 88, जयपुर में 111 और पटना में 58 दर्ज किया गया।
इन शहरों की हवा रही सबसे साफ
देश के जिन 54 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आगरा, आइजोल, अमृतसर, अररिया, अरियालूर, बागलकोट, बरेली, बेगूसराय, बेलगाम, बिलासपुर, चेंगलपट्टू, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कुड्डालोर, दावनगेरे, डिंडीगुल, गडग, गुवाहाटी, हल्दिया, हसन, हावेरी, हुबली, झांसी, कलबुर्गी, कांचीपुरम, किशनगंज, कोलार, कोल्लम, कोप्पल, मदिकेरी, मंगलौर, मुंगेर, मैसूर, नयागढ़, पालकलाईपेरुर, प्रयागराज, रामनाथपुरम, रोहतक, सलेम, सांगली, शिलांग, शिवमोगा, सिलीगुड़ी, शिवसागर, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुनेलवेली, तुमकुरु, उडुपी, उल्हासनगर, वापी, वेल्लोर, विजयपुरा, विरुधुनगर शामिल रहे।
वहीं अजमेर, अकोला, अलवर, अम्बाला, अमरावती, अनंतपुर, अंकलेश्वर, आरा, आसनसोल, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बालासोर, बांसवाड़ा, बारां, बारीपदा, बाड़मेर, बैरकपुर, बेलापुर, बेंगलुरु, बेतिया, भागलपुर, भरतपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवाड़ी, भिवंडी, भिवानी, भुवनेश्वर, बीदर, बिहारशरीफ, बीकानेर, ब्रजराजनगर, बक्सर, ब्यासनगर, चामराजनगर, चंद्रपुर, चरखी दादरी, चेन्नई, छाल, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, चुरू, कोयंबटूर, दौसा, देहरादून, देवास, धारूहेड़ा, धारवाड़, धौलपुर, धुले, डूंगरपुर, फरीदाबाद, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गया, गोरखपुर, ग्वालियर, हाजीपुर, हिसार, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जैसलमेर, जालंधर, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, जींद, जोधपुर, कडपा, कैथल, कल्याण, करनाल, कटनी, क्योंझर, खन्ना, खुर्जा, कोहिमा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोरबा, कोटा, कुरूक्षेत्र, लातूर, लखनऊ, लुधियाना, महाड, मालेगांव, मांडीखेड़ा, मंगुराहा, मीरा-भायंदर, मुंबई, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागपुर, नलबाड़ी, नांदेड़, नारनौल, नासिक, नवी मुंबई, पलवल, पानीपत, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, प्रतापगढ़, पुदुचेरी, पुणे, पूर्णिया, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रतलाम, ऋषिकेश, राउरकेला, सागर, सहरसा, सासाराम, सतना, सवाई माधोपुर, सीकर, सिलचर, सिरोही, सिवान, सोलापुर, श्रीगंगानगर, सूरत, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, तिरुपति, तिरुपुर, उदयपुर, वातवा, विजयवाड़ा, विरार, यमुनानगर आदि 136 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।