बदली हवा: साफ हवा वाले शहरों में आया 42 फीसदी का उछाल, दिल्ली-गुरुग्राम में घटा प्रदूषण

विश्लेषण से पता चला है कि देश के जहां करीब 21 फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं दूसरी तरफ करीब 30 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं
बदली हवा: साफ हवा वाले शहरों में आया 42 फीसदी का उछाल, दिल्ली-गुरुग्राम में घटा प्रदूषण
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देश के कई शहरों में कल से प्रदूषण में गिरावट आई है, इनमें दिल्ली-गुरुग्राम भी शामिल हैं। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 29 अप्रैल 2025 को जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 42 फीसदी का इजाफा हुआ है। इसके साथ ही इन शहरों की गिनती बढ़कर 47 पर पहुंच गई है।

रुझानों से पता चला है कि आज देश में कुड्डालोर, नलबाड़ी, और पुदुचेरी की हवा सबसे साफ रही, इन शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 22 दर्ज किया गया है।

इसी तरह देश के 44 अन्य शहरों में हवा साफ है। इन शहरों में किशनगंज, कुंजेमुरा, मदिकेरी, मदुरै, मीरा-भायंदर, मोतिहारी, नागपट्टिनम, नाहरलगुन, नलबाड़ी, नमक्कल, पालकालाइपेरुर, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनाथपुरम, रानीपेट, सलेम, समस्तीपुर, शिलांग, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, शिवसागर आदि शामिल हैं।

वहीं दूसरी तरफ देश में राजस्थान के बारां की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित है, जहां एक्यूआई 298 दर्ज किया गया है। ऐसे में यदि बारां की तुलना देश के सबसे साफ हवा वाले शहर कुड्डालोर से करें तो वहां स्थिति 13 गुणा खराब है।

वहीं प्रदूषण के मामले में आज बठिंडा दूसरे स्थान पर है, जहां एक्यूआई 278 दर्ज किया गया है। झुंझुनूं में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जहां एक्यूआई 253 दर्ज किया गया है। वहीं बद्दी (231) चौथे, जबकि श्रीगंगानगर (229) पांचवें स्थान पर है।

देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में चुरू, सवाई माधोपुर, बागपत, बीकानेर और दिल्ली भी शामिल हैं। इन सभी शहरों में हवा खराब बनी हुई है। आंकड़ों से पता चला है कि देश के 11 शहरों में हवा खराब है। इन शहरों में करौली भी शामिल हैं। कल से देखें तो देश में खराब हवा वाले शहरों की गिनती में मामूली इजाफा हुआ है।

देश में अजमेर सहित 111 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है।

इनमें कोहिमा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोप्पल, लातूर, लुधियाना, महाड, मंगुराहा, मुरादाबाद, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नगांव, नागपुर, नांदेड़, नवी मुंबई, ऊटी, परभनी, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, प्रयागराज, पूर्णिया, रायरंगपुर, राजसमंद, रामनगर, सागर, सांगली, सासाराम, सिरोही, सिवान, सोलापुर, श्री विजया पुरम, सुआकाती, तालचेर, टेन्सा, ठाणे, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुपति, तिरुपुर, तुमिडीह, उदयपुर, उज्जैन, उल्हासनगर, वाराणसी, वातवा आदि शामिल हैं।

अच्छी खबर यह है कि साफ हवा वाले शहरों की तरह ही देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में भी करीब 28 फीसदी का इजाफा हुआ है।

वहीं अहमदनगर सहित देश के 56 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में भोपाल, बुलन्दशहर, बूंदी, चंडीगढ़, चित्तौड़गढ़, दौसा, देहरादून, देवास, धनबाद, धौलपुर, डूंगरपुर, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, ग्वालियर, हापुड, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, जालौर, झांसी, जोधपुर, खन्ना, खुर्जा, कोरबा, कोटा, लखनऊ, मालेगांव, मंडीदीप, मेरठ, मुजफ्फरनगर, नागौर, नासिक, नयागढ़, नोएडा, पाली, पटियाला आदि शामिल हैं।

कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 11 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।

विश्लेषण से पता चला है कि देश के जहां करीब 21 फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं 49 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है। दूसरी तरफ करीब 30 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं।

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 225 में से 47 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। 111 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 28 अप्रैल 2025 को यह आंकड़ा 87 दर्ज किया गया था।

56 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में बारां (298) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 300 के करीब पहुंच गया। कल गुरूग्राम में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब एक्यूआई 295 रिकॉर्ड किया गया।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में अच्छी-खासी गिरावट आई है। इसके साथ ही 57 अंकों के सुधार के साथ दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक घटकर 209 पर पहुंच गया। हालांकि दिल्ली में वायु गुणवत्ता खराब श्रेणी में बनी हुई है। वहीं आज एक बार फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं।  

गौरतलब है कि पिछले तीन महीनों जनवरी, फरवरी और मार्च 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।

आंकड़ों के अनुसार प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज बद्दी चौथे स्थान पर है, वहीं बठिंडा (278) दूसरे, जबकि झुंझुनूं (253) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 159, गाजियाबाद में 164, गुवाहाटी में 34, गुरूग्राम में 191, नोएडा में 149, ग्रेटर नोएडा में 148 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 75 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक’ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 136, चेन्नई में 42, चंडीगढ़ में 143, हैदराबाद में 71, जयपुर में 199 और पटना में 62 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 47 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल, अरियालूर, आरा, बागलकोट, भिलाई, बीदर, बिलासपुर, बक्सर, चामराजनगर, चेन्नई, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दमोह, गुवाहाटी, हल्दिया, कलबुर्गी, किशनगंज, कुंजेमुरा, मदिकेरी, मदुरै, मीरा-भायंदर, मोतिहारी, नागपट्टिनम, नाहरलगुन, नलबाड़ी, नमक्कल, पालकालाइपेरुर, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनाथपुरम, रानीपेट, सलेम, समस्तीपुर, शिलांग, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, शिवसागर, सूरत, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, तिरुमाला, तिरुनेलवेली, वापी, वेल्लोर शामिल हैं।

वहीं अजमेर, अकोला, अलवर, अमरावती (आंध्र प्रदेश) , अमरावती (महाराष्ट्र), अनंतपुर, अंगुल, अंकलेश्वर, अररिया, आसनसोल, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बालासोर, बरेली, बारीपदा, बैरकपुर, बेगूसराय, बेलापुर, बेंगलुरु, बेतिया, भीलवाड़ा, भिवंडी, भुवनेश्वर, बोईसर, ब्रजराजनगर, ब्यासनगर, बर्नीहाट, चंद्रपुर, चिकबलपुर, चित्तूर, कटक, दावनगेरे, धारवाड़, डिंडीगुल, दुर्गापुर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गया, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, हाजीपुर, हावेरी, होसुर, हावड़ा, हुबली, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जलना, झालावाड़, कडपा, कल्याण, कांचीपुरम, कानपुर, काशीपुर, कटिहार, कटनी, क्योंझर, कोहिमा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोप्पल, लातूर, लुधियाना, महाड, मंगुराहा, मुरादाबाद, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नगांव, नागपुर, नांदेड़, नवी मुंबई, ऊटी, परभनी, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, प्रयागराज, पूर्णिया, रायरंगपुर, राजसमंद, रामनगर, सागर, सांगली, सासाराम, सिरोही, सिवान, सोलापुर, श्री विजया पुरम, सुआकाती, तालचेर, टेन्सा, ठाणे, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुपति, तिरुपुर, तुमिडीह, उदयपुर, उज्जैन, उल्हासनगर, वाराणसी, वातवा, विजयवाड़ा, विरार, विशाखापत्तनम, वृंदावन, यादगीर आदि 111 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

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