
प्रदूषण के मामले में लगातार तीसरे दिन बर्नीहाट की स्थिति सबसे ज्यादा खराब रही, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 296 तक पहुंच गया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 03 अप्रैल 2025 को जारी आंकड़ों के लिहाज से देखें तो बर्नीहाट की हवा विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी मानकों की तुलना में 19 गुणा खराब है।
राजधानी दिल्ली में भी स्थिति कोई खास अच्छी नहीं जहां हवा मानकों से 14 गुणा खराब रही। प्रदूषण के मामले में राजधानी दिल्ली आज देश में पांचवे स्थान पर है। बता दें कि दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 219 रिकॉर्ड किया गया है।
प्रदूषण के मामले में सिलीगुड़ी दूसरे स्थान पर है, जहां एक्यूआई 257 दर्ज किया गया। कमोबेश गाजियाबाद में भी ऐसे ही स्थिति है जो 252 अंकों के साथ तीसरे स्थान पर है। 246 अंकों के साथ ग्रेटर नोएडा चौथे, जबकि सवाई माधोपुर (208) छठे स्थान पर बना हुआ है। गुवाहाटी (204) और हाजीपुर (202) में भी हवा खराब है, जो आज सातवें और आठवें स्थान पर हैं।
इसी तरह कटक (196) और सासाराम (187) भी देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल हैं। आंकड़ों के मुताबिक आज देश के आठ शहरों में हवा खराब रही। हालांकि राहत रही कि कल से इन शहरों की गिनती में 20 फीसदी की गिरावट आई है।
दूसरी तरफ देश में मदिकेरी की हवा सबसे साफ रही, जहां एक्यूआई 14 रिकॉर्ड किया गया है। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर बर्नीहाट से मदिकेरी की तुलना करें तो वहां स्थिति 20 गुणा बेहतर है। मदिकेरी की तरह ही देश के 36 अन्य शहरों में हवा साफ है।
इन शहरों में कोप्पल, मदिकेरी, मैहर, मंगलौर, मीरा-भायंदर, मैसूर, नागपट्टिनम, नमक्कल, ऊटी, पालकालाइपेरुर, परभनी, पुदुचेरी, रामनाथपुरम, सलेम, शिवमोगा, श्री विजया पुरम, सूरत, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम आदि शामिल हैं। अच्छी खबर यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में करीब नौ फीसदी का इजाफा हुआ है।
रुझानों पर नजर डालें तो गुरु की नगरी अमृतसर सहित देश के 89 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है।
इनमें बेंगलुरु, भागलपुर, भिलाई, भिवंडी, बिलीपाड़ा, बोईसर, ब्रजराजनगर, चेंगलपट्टू, चेन्नई, देहरादून, धारवाड़, धुले, डूंगरपुर, एलूर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गया, गुम्मिडिपूंडी, हल्दिया, होसुर, हैदराबाद, जबलपुर, जलगांव, झालावाड़, कडपा, कलबुर्गी, कल्याण, कांचीपुरम, करूर, काशीपुर, कटिहार, क्योंझर, खन्ना, कोल्हापुर, कोलकाता, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, महाड, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मुजफ्फरपुर, नागपुर, नवी मुंबई, नयागढ़, पिंपरी-चिंचवाड, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रामनगर, ऋषिकेश, सागर, सहरसा आदि शहर शामिल हैं।
कल से देखें तो देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में भी एक फीसदी का मामूली इजाफा हुआ है।
गौरतलब है कि पिछले तीन महीनों जनवरी, फरवरी और मार्च 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया था।
आंकड़ों के अनुसार प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर जारी है। प्रदूषण के मामले में आज ग्रेटर नोएडा चौथे स्थान पर है, वहीं सिलीगुड़ी (257) दूसरे, जबकि गाजियाबाद (252) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो गंगटोक में इंडेक्स 154, गाजियाबाद में 252, गुवाहाटी में 204, गुरूग्राम में 118, नोएडा में 164, ग्रेटर नोएडा में 246 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 71 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक’ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 172, चेन्नई में 56, चंडीगढ़ में 106, हैदराबाद में 58, जयपुर में 110 और पटना में 147 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 37 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, अरियालूर, बागलकोट, चामराजनगर, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, चित्तूर, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दावनगेरे, डिंडीगुल, गडग, हुबली, कोप्पल, मदिकेरी, मैहर, मंगलौर, मीरा-भायंदर, मैसूर, नागपट्टिनम, नमक्कल, ऊटी, पालकालाइपेरुर, परभनी, पुदुचेरी, रामनाथपुरम, सलेम, शिवमोगा, श्री विजया पुरम, सूरत, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, तिरुमाला, तिरुनेलवेली, वेल्लोर, विरुधुनगर शामिल हैं।
वहीं आगरा, अहमदनगर, अकोला, अलवर, अमरावती, अमरावती, अमृतसर, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बरेली, बैरकपुर, बठिंडा, बेलापुर, बेलगाम, बेंगलुरु, भागलपुर, भिलाई, भिवंडी, बिलीपाड़ा, बोईसर, ब्रजराजनगर, चेंगलपट्टू, चेन्नई, देहरादून, धारवाड़, धुले, डूंगरपुर, एलूर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गया, गुम्मिडिपूंडी, हल्दिया, होसुर, हैदराबाद, जबलपुर, जलगांव, झालावाड़, कडपा, कलबुर्गी, कल्याण, कांचीपुरम, करूर, काशीपुर, कटिहार, क्योंझर, खन्ना, कोल्हापुर, कोलकाता, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, महाड, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मुजफ्फरपुर, नागपुर, नवी मुंबई, नयागढ़, पिंपरी-चिंचवाड, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रामनगर, ऋषिकेश, सागर, सहरसा, सांगली, सतना, सिलचर, शिवसागर, सोलापुर, टेन्सा, ठाणे, त्रिशूर, तिरुपुर, उदयपुर, उज्जैन, उल्हासनगर, वापी, वाराणसी, वातवा, विजयवाड़ा, विरार, विशाखापत्तनम, वृंदावन, यादगीर आदि 89 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।
प्रदूषण के मामले में लगातार तीसरे दिन बर्नीहाट की स्थिति सबसे ज्यादा खराब रही, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 296 तक पहुंच गया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 03 अप्रैल 2025 को जारी आंकड़ों के लिहाज से देखें तो बर्नीहाट की हवा विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी मानकों की तुलना में 19 गुणा खराब है।
राजधानी दिल्ली में भी स्थिति कोई खास अच्छी नहीं जहां हवा मानकों से 14 गुणा खराब रही। प्रदूषण के मामले में राजधानी दिल्ली आज देश में पांचवे स्थान पर है। बता दें कि दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 219 रिकॉर्ड किया गया है।
प्रदूषण के मामले में सिलीगुड़ी दूसरे स्थान पर है, जहां एक्यूआई 257 दर्ज किया गया। कमोबेश गाजियाबाद में भी ऐसे ही स्थिति है जो 252 अंकों के साथ तीसरे स्थान पर है। 246 अंकों के साथ ग्रेटर नोएडा चौथे, जबकि सवाई माधोपुर (208) छठे स्थान पर बना हुआ है। गुवाहाटी (204) और हाजीपुर (202) में भी हवा खराब है, जो आज सातवें और आठवें स्थान पर हैं।
इसी तरह कटक (196) और सासाराम (187) भी देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल हैं। आंकड़ों के मुताबिक आज देश के आठ शहरों में हवा खराब रही। हालांकि राहत रही कि कल से इन शहरों की गिनती में 20 फीसदी की गिरावट आई है।
दूसरी तरफ देश में मदिकेरी की हवा सबसे साफ रही, जहां एक्यूआई 14 रिकॉर्ड किया गया है। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर बर्नीहाट से मदिकेरी की तुलना करें तो वहां स्थिति 20 गुणा बेहतर है। मदिकेरी की तरह ही देश के 36 अन्य शहरों में हवा साफ है।
इन शहरों में कोप्पल, मदिकेरी, मैहर, मंगलौर, मीरा-भायंदर, मैसूर, नागपट्टिनम, नमक्कल, ऊटी, पालकालाइपेरुर, परभनी, पुदुचेरी, रामनाथपुरम, सलेम, शिवमोगा, श्री विजया पुरम, सूरत, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम आदि शामिल हैं। अच्छी खबर यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में करीब नौ फीसदी का इजाफा हुआ है।
रुझानों पर नजर डालें तो गुरु की नगरी अमृतसर सहित देश के 89 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है।
इनमें बेंगलुरु, भागलपुर, भिलाई, भिवंडी, बिलीपाड़ा, बोईसर, ब्रजराजनगर, चेंगलपट्टू, चेन्नई, देहरादून, धारवाड़, धुले, डूंगरपुर, एलूर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गया, गुम्मिडिपूंडी, हल्दिया, होसुर, हैदराबाद, जबलपुर, जलगांव, झालावाड़, कडपा, कलबुर्गी, कल्याण, कांचीपुरम, करूर, काशीपुर, कटिहार, क्योंझर, खन्ना, कोल्हापुर, कोलकाता, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, महाड, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मुजफ्फरपुर, नागपुर, नवी मुंबई, नयागढ़, पिंपरी-चिंचवाड, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रामनगर, ऋषिकेश, सागर, सहरसा आदि शहर शामिल हैं।
कल से देखें तो देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में भी एक फीसदी का मामूली इजाफा हुआ है।
आंकड़ों के मुताबिक चित्तौड़गढ़-चुरू सहित 95 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है।
इन शहरों में बेगूसराय, भरतपुर, भीलवाड़ा, भिवाड़ी, भोपाल, भुवनेश्वर, बिहार शरीफ, बीकानेर, बुलन्दशहर, बूंदी, बक्सर, ब्यासनगर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चित्तौड़गढ़, चुरू, कटक, दौसा, देवास, धनबाद, धौलपुर, दुर्गापुर, गंगटोक, गोरखपुर, गुरूग्राम, ग्वालियर, हनुमानगढ़, हापुड, हावड़ा, इंफाल, इंदौर, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जालौर, झांसी, झुंझुनूं, जोधपुर, कन्नूर, कानपुर, करौली, कटनी, किशनगंज, कोहिमा, कोटा, लखनऊ, लुधियाना आदि शामिल हैं। कल से देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में करीब नौ फीसदी की गिरावट आई है।
कुल मिलाकर देखें तो स्थिति मिली जुली है, जहां देश के 16 फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं दूसरी तरफ 45 फीसदी में हालात चिंताजनक बने हुए हैं। इसी तरह करीब 39 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 229 में से महज 37 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 89 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 03 अप्रैल 2025 को यह आंकड़ा 88 दर्ज किया गया।
95 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में एक बार फिर बर्नीहाट (296) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 300 के करीब पहुंच गया। कल भी बर्नीहाट में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब एक्यूआई 268 रिकॉर्ड किया गया था।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में मामूली इजाफा हुआ है, जहां दो अंकों के इजाफे के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 219 पर पहुंच गया। वहीं कल की तरह आज भी सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं।
गौरतलब है कि पिछले तीन महीनों जनवरी, फरवरी और मार्च 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया था।
आंकड़ों के अनुसार प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर जारी है। प्रदूषण के मामले में आज ग्रेटर नोएडा चौथे स्थान पर है, वहीं सिलीगुड़ी (257) दूसरे, जबकि गाजियाबाद (252) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो गंगटोक में इंडेक्स 154, गाजियाबाद में 252, गुवाहाटी में 204, गुरूग्राम में 118, नोएडा में 164, ग्रेटर नोएडा में 246 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 71 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक’ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 172, चेन्नई में 56, चंडीगढ़ में 106, हैदराबाद में 58, जयपुर में 110 और पटना में 147 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 37 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, अरियालूर, बागलकोट, चामराजनगर, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, चित्तूर, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दावनगेरे, डिंडीगुल, गडग, हुबली, कोप्पल, मदिकेरी, मैहर, मंगलौर, मीरा-भायंदर, मैसूर, नागपट्टिनम, नमक्कल, ऊटी, पालकालाइपेरुर, परभनी, पुदुचेरी, रामनाथपुरम, सलेम, शिवमोगा, श्री विजया पुरम, सूरत, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, तिरुमाला, तिरुनेलवेली, वेल्लोर, विरुधुनगर शामिल हैं।
वहीं आगरा, अहमदनगर, अकोला, अलवर, अमरावती, अमरावती, अमृतसर, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बरेली, बैरकपुर, बठिंडा, बेलापुर, बेलगाम, बेंगलुरु, भागलपुर, भिलाई, भिवंडी, बिलीपाड़ा, बोईसर, ब्रजराजनगर, चेंगलपट्टू, चेन्नई, देहरादून, धारवाड़, धुले, डूंगरपुर, एलूर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गया, गुम्मिडिपूंडी, हल्दिया, होसुर, हैदराबाद, जबलपुर, जलगांव, झालावाड़, कडपा, कलबुर्गी, कल्याण, कांचीपुरम, करूर, काशीपुर, कटिहार, क्योंझर, खन्ना, कोल्हापुर, कोलकाता, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, महाड, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मुजफ्फरपुर, नागपुर, नवी मुंबई, नयागढ़, पिंपरी-चिंचवाड, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रामनगर, ऋषिकेश, सागर, सहरसा, सांगली, सतना, सिलचर, शिवसागर, सोलापुर, टेन्सा, ठाणे, त्रिशूर, तिरुपुर, उदयपुर, उज्जैन, उल्हासनगर, वापी, वाराणसी, वातवा, विजयवाड़ा, विरार, विशाखापत्तनम, वृंदावन, यादगीर आदि 89 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।