मेघालय का बर्नीहाट प्रदूषण में बना अव्वल, दिल्ली में भी कल से बिगड़ी हवा

देश में समस्तीपुर में भी हवा 'बेहद खराब' बनी हुई है, जहां एक्यूआई 315 रिकॉर्ड किया गया है
दिल्ली की बढ़ती सर्दी में आग की मदद से अपने आप को गर्म रखने का प्रयास करते लोग; फोटो: आईस्टॉक
दिल्ली की बढ़ती सर्दी में आग की मदद से अपने आप को गर्म रखने का प्रयास करते लोग; फोटो: आईस्टॉक
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देश में प्रदूषण के मामले में आज मेघालय का एक शहर बर्नीहाट पहले  स्थान पर रहा, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 341 दर्ज किया गया। समस्तीपुर में भी हवा बेहद खराब बनी हुई है, जहां एक्यूआई 315 रिकॉर्ड किया गया है।

किशनगंज (284) प्रदूषण में तीसरे स्थान पर रहा, वहीं हाजीपुर 283 अंकों के साथ चौथे स्थान पर रहा। इसी तरह पूर्णिया और बालासोर में भी हवा 'खराब' बनी हुई है, जो प्रदूषण के मामले में पांचवे और छठे स्थान पर रहे। इसी तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में सहरसा, मुजफ्फरपुर, हल्दिया और पटना भी शामिल थे।

राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर गौर करें तो कल से प्रदूषण में अच्छा-खासा इजाफा दर्ज किया गया है। दिल्ली में 42 अंकों के उछाल के साथ एक्यूआई 216 पर पहुंच गया है। मतलब की दिल्ली में भी वायु गुणवत्ता 'खराब' हो चुकी है। दिल्ली सहित देश के कुल 29 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'खराब' दर्ज किया गया।

इन शहरों में अहमदनगर, अजमेर, अमृतसर, अररिया, बद्दी, बालासोर, बारीपदा, बेगूसराय, बेलापुर, भागलपुर, बिलीपाड़ा, चंडीगढ़, धनबाद, गोरखपुर, गुवाहाटी, हाजीपुर, हल्दिया, हावड़ा, झुंझुनूं, किशनगंज, मुजफ्फरपुर, नगांव, पटना, पूर्णिया, राउरकेला, सहरसा, सीकर, सुआकाती आदि शामिल हैं। कल से देखें तो देश में 'खराब' हवा वाले शहरों की गिनती में तीन फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

दूसरी तरफ देश में एक बार फिर मदिकेरी की हवा सबसे साफ रही, जहां एक्यूआई 23 दर्ज किया गया है। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर बर्नीहाट की तुलना मदिकेरी से करें तो वहां स्थिति 14 गुणा ज्यादा खराब है।

मदिकेरी की तरह ही देश के 22 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर साफ बना हुआ है। इन शहरों में झांसी, कारवार, मदिकेरी, मैहर, नंदेसरी, ऊटी, पालकालाइपेरुर, प्रयागराज, रामनाथपुरम, तंजावुर, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुमाला, तिरुनेलवेली, वाराणसी आदि शामिल थे। चिंता की बात यह रही कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में चार फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

आगरा सहित देश के 69 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक बना हुआ है।

इन शहरों में जालंधर, झालावाड़, कडपा, कांचीपुरम, कन्नूर, कानपुर, करौली, करूर, क्योंझर, खन्ना, कोलार, कोप्पल, कोरबा, लातूर, मदुरै, मंगलौर, मिलुपारा, मैसूर, परभनी, पटियाला, प्रतापगढ़, पुदुचेरी, राजसमंद, रामनगर, रानीपेट, सलेम, सासाराम, शिवमोगा, सिरोही, शिवसागर, सोलापुर, तिरुपुर, टोंक आदि शामिल थे।

चिंता की बात यह है कि कल से देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की संख्या में करीब 20 फीसदी की गिरावट आई है।

फरीदाबाद में भी 56 अंकों के उछाल के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक 159 पर पहुंच गया है। ताजा रुझानों मुताबिक देश के छोटे बड़े 112 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम बनी हुई है।

इन शहरों में अगरतला, अहमदाबाद, अकोला, अमरावती, अंगुल, अंकलेश्वर, आरा, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बागपत, बांसवाड़ा, बारां, बारबिल, बैरकपुर, भीलवाड़ा, भिवाड़ी, भिवंडी, भोपाल, बीकानेर, बोईसर, बुलन्दशहर, बक्सर, ब्यासनगर, चंद्रपुर, छपरा, चित्तौड़गढ़, चुरू, कटक, दौसा, देहरादून, देवास, डूंगरपुर, दुर्गापुर, फरीदाबाद, गया, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, गुरूग्राम, ग्वालियर, हापुड, जयपुर, जैसलमेर, जलगांव, जलना, जालौर, जोधपुर, कलबुर्गी, कल्याण, कटिहार, कटनी, खुर्जा, कोहिमा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोटा, कुंजेमुरा, लखनऊ, लुधियाना, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मंगुराहा, मेरठ, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरनगर, नागौर, नागपुर, नलबाड़ी, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई,नयागढ़, नोएडा, पाली, पंचकुला, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, पुणे, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, रतलाम, रोहतक, रूपनगर, सागर, सवाई माधोपुर, सिलीगुड़ी, सिंगरौली, सिवान, श्री गंगानगर, तालचेर, टेन्सा, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, तुमकुरु, तुमिडीह, उदयपुर, उल्हासनगर, वापी, वातवा, विरार, विरुधुनगर, विशाखापत्तनम, वृंदावन शामिल हैं।

कल से देखें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में करीब 18 फीसदी का इजाफा हुआ है।

कुल मिलाकर देखें तो देश के नौ फीसदी से ज्यादा शहरों में हवा साफ है। वहीं 61 फीसदी से ज्यादा शहरों में हालात चिंताजनक बने हुए है। इसी तरह देश के 29 फीसदी शहरों में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है। 

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 26 जनवरी 2025 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 234 में से महज 22 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 69 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 25 जनवरी 2025 को यह आंकड़ा 86 दर्ज किया गया।

112 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में बर्नीहाट (341) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां आज एक्यूआई 350 के करीब पहुंच गया। वहीं कल मुजफ्फरपुर में हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 306 दर्ज किया गया।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 42 अंकों का इजाफा हुआ है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर आज बढ़कर 216 पर पहुंच गया, मतलब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता बिगड़कर ‘मध्यम’ से ‘खराब’ स्तर पर पहुंच गई है।

गौरतलब है कि दिसंबर 2024 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली में हवा जहरीली न हो। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया था।

देखा जाए तो देश में प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। प्रदूषण के मामले में आज हाजीपुर चौथे स्थान पर है, वहीं समस्तीपुर (315) दूसरे, जबकि किशनगंज (284) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो फरीदाबाद में इंडेक्स 159, गाजियाबाद में 120, गुरुग्राम में 182, नोएडा में 170, ग्रेटर नोएडा में 118 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 159 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 148, चेन्नई में 67, चंडीगढ़ में 234, हैदराबाद में 88, जयपुर में 166 और पटना में 257 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 22 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें बागलकोट, बठिंडा, चामराजनगर, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, गडग, हुबली, झांसी, कारवार, मदिकेरी, मैहर, नंदेसरी, ऊटी, पालकालाइपेरुर, प्रयागराज, रामनाथपुरम, तंजावुर, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुमाला, तिरुनेलवेली, वाराणसी शामिल हैं।

वहीं आगरा, आइजोल, अलवर, अमरावती, अरियालूर, बरेली, बाड़मेर, बेंगलुरु, भरतपुर, भिलाई, भुवनेश्वर, बिलासपुर, ब्रजराजनगर, बूंदी, चेंगलपट्टू, चेन्नई, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दमोह, दावनगेरे, धारवाड़, धौलपुर, धुले, डिंडीगुल, एलूर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, हनुमानगढ़, हसन, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जालंधर, झालावाड़, कडपा, कांचीपुरम, कन्नूर, कानपुर, करौली, करूर, क्योंझर, खन्ना, कोलार, कोप्पल, कोरबा, लातूर, मदुरै, मंगलौर, मिलुपारा, मैसूर, परभनी, पटियाला, प्रतापगढ़, पुदुचेरी, राजसमंद, रामनगर, रानीपेट, सलेम, सासाराम, शिवमोगा, सिरोही, शिवसागर, सोलापुर, तिरुपुर, टोंक, उडुपी, उज्जैन, वेल्लोर, विजयवाड़ा आदि 69 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

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