
प्रदूषण में हर दिन उठा पटक का दौर जारी है। आज सभी शहरों में बर्नीहाट की हवा सबसे ज्यादा खराब है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 15 अप्रैल 2025 को जारी आंकड़ों के मुताबिक मेघालय के इस शहर में वायु गुणवत्ता सूचकांक 305 दर्ज किया गया है। इस दौरान बर्नीहाट की हवा में प्रदूषण के महीन कण पीएम2.5 हावी रहे।
वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी मानकों के लिहाज से देखें तो बर्नीहाट में वायु गुणवत्ता 19 गुणा खराब है।
कल प्रदूषण में अव्वल रहा गुरुग्राम आज दूसरे स्थान पर है, जहां कल से वायु गुणवत्ता में अच्छा खासा सुधार देखने को मिला है। गुरुग्राम में 78 अंकों के सुधार के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक 236 पर पहुंच गया है।
सवाई माधोपुर (224) तीसरे, जबकि दौसा (214) चौथे स्थान पर है। हनुमानगढ़ में भी वायु गुणवत्ता खराब बनी हुई है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 205 रिकॉर्ड किया गया है। बता दें कि आज हनुमानगढ़ प्रदूषित शहरों की लिस्ट में पांचवें स्थान पर है।
इसी तरह पाली (198) छठे, जबकि करौली (193) सातवें स्थान पर है। भिवाड़ी में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जहां एक्यूआई 192 रिकॉर्ड किया गया है। देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों की लिस्ट में आज नागौर और बागपत भी शामिल हैं।
आंकड़ों पर नजर डालें तो आज देश के चार शहरों में हवा खराब रही।
राजधानी दिल्ली की बात करें तो कल से प्रदूषण में गिरावट आई है। हालांकि इसके बावजूद वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में बनी हुई है। दिल्ली में एक्यूआई 180 दर्ज किया गया।
दिल्ली की तरह ही देश के छोटे बड़े 76 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में चुरू, देहरादून, डूंगरपुर, दुर्गापुर, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुवाहाटी, ग्वालियर, हावड़ा, इंफाल, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, जोधपुर, करौली, कटनी, खन्ना, खुर्जा, कोरबा, कोटा, लातूर, लखनऊ, लुधियाना, मदिकेरी, महाड, मालेगांव, मंडीदीप, मेरठ, मुजफ्फरनगर, नागौर, नागपुर, नलबाड़ी, नवी मुंबई आदि शामिल हैं।
कल से देखें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 10 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।
वहीं दूसरी तरफ देश में रूपनगर की हवा सबसे साफ रही, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 15 दर्ज किया गया है। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर बर्नीहाट की तुलना रूपनगर से करें तो वहां स्थिति 20 गुणा खराब है।
रूपनगर की तरह ही देश के 25 शहरों में हवा साफ है। इन शहरों में कटिहार, कोप्पल, मैहर, मंगलौर, मुंगेर, नागपट्टिनम, नयागढ़, पालकालाइपेरुर, पुदुचेरी, रामनाथपुरम, रूपनगर, सागर, शिवमोगा, तालचेर, तिरुचिरापल्ली आदि शामिल हैं। चिंता की बात यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 11 फीसदी की गिरावट आई है।
रुझानों में यह भी सामने आया है कि अमृतसर सहित देश के 114 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है। इन शहरों में मैसूर, नगांव, नमक्कल, नांदेड़, नासिक, परभनी, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, प्रयागराज, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनगर, रानीपेट, ऋषिकेश, समस्तीपुर, सांगली, सासाराम, सतना, शिलांग, सिलचर, सिरोही, शिवसागर, श्री विजया पुरम, सूरत, टेन्सा, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुमाला, तिरुपुर, टोंक, उज्जैन, वापी, वाराणसी, वातवा, वेल्लोर, विरार, विरुधुनगर, विशाखापत्तनम आदि शामिल हैं।
साफ हवा वाले शहरों की तरह ही देश में सन्तोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में भी करीब छह फीसदी की गिरावट आई है।
विश्लेषण से पता चला है कि देश के 11 फीसदी से अधिक शहरों में हवा साफ है, जबकि करीब 52 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है। वहीं दूसरी तरफ देश के करीब 37 फीसदी शहरों में प्रदूषण से हालात चिंताजनक हैं।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 220 में से महज 25 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 114 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 14 अप्रैल 2025 को यह आंकड़ा 121 दर्ज किया गया था।
76 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में बर्नीहाट (305) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 310 के करीब पहुंच गया। वहीं कल गुरूग्राम में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब एक्यूआई 314 रिकॉर्ड किया गया था।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में गिरावट आई है। इसके साथ ही 14 अंकों के सुधार के साथ दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 180 पर पहुंच गया। मतलब कि दिल्ली में वायु गुणवत्ता अभी भी मध्यम श्रेणी में बनी हुई है। वहीं आज एक बार फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं।
गौरतलब है कि पिछले तीन महीनों जनवरी, फरवरी और मार्च 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।
आंकड़ों के अनुसार प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज दौसा चौथे स्थान पर है, वहीं गुरूग्राम (236) दूसरे, जबकि सवाई माधोपुर (224) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 149, गाजियाबाद में 159, गुवाहाटी में 116, हापुड में 99, नोएडा में 131, ग्रेटर नोएडा में 152 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 77 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक’ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 110, चेन्नई में 47, चंडीगढ़ में 106, हैदराबाद में 81, जयपुर में 115 और पटना में 79 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 25 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल, अरियालूर, बागलकोट, बेलगाम, चामराजनगर, चेन्नई, कुड्डालोर, गया, कलबुर्गी, कटिहार, कोप्पल, मैहर, मंगलौर, मुंगेर, नागपट्टिनम, नयागढ़, पालकालाइपेरुर, पुदुचेरी, रामनाथपुरम, रूपनगर, सागर, शिवमोगा, तालचेर, तिरुचिरापल्ली, तिरुनेलवेली शामिल हैं।
वहीं अगरतला, आगरा, अकोला, अलवर, अमरावती, अमृतसर, अंगुल, अंकलेश्वर, अररिया, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बालासोर, बरेली, बैरकपुर, बठिंडा, बेलापुर, बेंगलुरु, बेतिया, भागलपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भुवनेश्वर, बिलासपुर, बिलीपाड़ा, बोईसर, ब्रजराजनगर, ब्यासनगर, चेंगलपट्टू, छाल, चिकबलपुर, चित्तूर, कोयंबटूर, कटक, दमोह, देवास, धारवाड़, धौलपुर, धुले, डिंडीगुल, एलूर, फिरोजाबाद, गडग, गांधीनगर, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, हाजीपुर, हल्दिया, हापुड, होसुर, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जलना, झांसी, कडपा, कल्याण, कांचीपुरम, कानपुर, करूर, काशीपुर, क्योंझर, किशनगंज, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, मदुरै, मंगुराहा, मिलुपारा, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंबई, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नगांव, नमक्कल, नांदेड़, नासिक, परभनी, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, प्रयागराज, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनगर, रानीपेट, ऋषिकेश, समस्तीपुर, सांगली, सासाराम, सतना, शिलांग, सिलचर, सिरोही, शिवसागर, श्री विजया पुरम, सूरत, टेन्सा, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुमाला, तिरुपुर, टोंक, उज्जैन, वापी, वाराणसी, वातवा, वेल्लोर, विरार, विरुधुनगर, विशाखापत्तनम, वृंदावन आदि 114 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।
प्रदूषण में हर दिन उठा पटक का दौर जारी है। आज सभी शहरों में बर्नीहाट की हवा सबसे ज्यादा खराब है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 15 अप्रैल 2025 को जारी आंकड़ों के मुताबिक मेघालय के इस शहर में वायु गुणवत्ता सूचकांक 305 दर्ज किया गया है। इस दौरान बर्नीहाट की हवा में प्रदूषण के महीन कण पीएम2.5 हावी रहे।
वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी मानकों के लिहाज से देखें तो बर्नीहाट में वायु गुणवत्ता 19 गुणा खराब है।
कल प्रदूषण में अव्वल रहा गुरुग्राम आज दूसरे स्थान पर है, जहां कल से वायु गुणवत्ता में अच्छा खासा सुधार देखने को मिला है। गुरुग्राम में 78 अंकों के सुधार के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक 236 पर पहुंच गया है।
सवाई माधोपुर (224) तीसरे, जबकि दौसा (214) चौथे स्थान पर है। हनुमानगढ़ में भी वायु गुणवत्ता खराब बनी हुई है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 205 रिकॉर्ड किया गया है। बता दें कि आज हनुमानगढ़ प्रदूषित शहरों की लिस्ट में पांचवें स्थान पर है।
इसी तरह पाली (198) छठे, जबकि करौली (193) सातवें स्थान पर है। भिवाड़ी में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जहां एक्यूआई 192 रिकॉर्ड किया गया है। देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों की लिस्ट में आज नागौर और बागपत भी शामिल हैं।
आंकड़ों पर नजर डालें तो आज देश के चार शहरों में हवा खराब रही।
राजधानी दिल्ली की बात करें तो कल से प्रदूषण में गिरावट आई है। हालांकि इसके बावजूद वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में बनी हुई है। दिल्ली में एक्यूआई 180 दर्ज किया गया।
दिल्ली की तरह ही देश के छोटे बड़े 76 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में चुरू, देहरादून, डूंगरपुर, दुर्गापुर, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुवाहाटी, ग्वालियर, हावड़ा, इंफाल, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, जोधपुर, करौली, कटनी, खन्ना, खुर्जा, कोरबा, कोटा, लातूर, लखनऊ, लुधियाना, मदिकेरी, महाड, मालेगांव, मंडीदीप, मेरठ, मुजफ्फरनगर, नागौर, नागपुर, नलबाड़ी, नवी मुंबई आदि शामिल हैं।
कल से देखें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 10 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।
वहीं दूसरी तरफ देश में रूपनगर की हवा सबसे साफ रही, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 15 दर्ज किया गया है। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर बर्नीहाट की तुलना रूपनगर से करें तो वहां स्थिति 20 गुणा खराब है।
रूपनगर की तरह ही देश के 25 शहरों में हवा साफ है। इन शहरों में कटिहार, कोप्पल, मैहर, मंगलौर, मुंगेर, नागपट्टिनम, नयागढ़, पालकालाइपेरुर, पुदुचेरी, रामनाथपुरम, रूपनगर, सागर, शिवमोगा, तालचेर, तिरुचिरापल्ली आदि शामिल हैं। चिंता की बात यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 11 फीसदी की गिरावट आई है।
रुझानों में यह भी सामने आया है कि अमृतसर सहित देश के 114 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है। इन शहरों में मैसूर, नगांव, नमक्कल, नांदेड़, नासिक, परभनी, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, प्रयागराज, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनगर, रानीपेट, ऋषिकेश, समस्तीपुर, सांगली, सासाराम, सतना, शिलांग, सिलचर, सिरोही, शिवसागर, श्री विजया पुरम, सूरत, टेन्सा, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुमाला, तिरुपुर, टोंक, उज्जैन, वापी, वाराणसी, वातवा, वेल्लोर, विरार, विरुधुनगर, विशाखापत्तनम आदि शामिल हैं।
साफ हवा वाले शहरों की तरह ही देश में सन्तोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में भी करीब छह फीसदी की गिरावट आई है।
विश्लेषण से पता चला है कि देश के 11 फीसदी से अधिक शहरों में हवा साफ है, जबकि करीब 52 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है। वहीं दूसरी तरफ देश के करीब 37 फीसदी शहरों में प्रदूषण से हालात चिंताजनक हैं।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 220 में से महज 25 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 114 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 14 अप्रैल 2025 को यह आंकड़ा 121 दर्ज किया गया था।
76 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में बर्नीहाट (305) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 310 के करीब पहुंच गया। वहीं कल गुरूग्राम में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब एक्यूआई 314 रिकॉर्ड किया गया था।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में गिरावट आई है। इसके साथ ही 14 अंकों के सुधार के साथ दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 180 पर पहुंच गया। मतलब कि दिल्ली में वायु गुणवत्ता अभी भी मध्यम श्रेणी में बनी हुई है। वहीं आज एक बार फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं।
गौरतलब है कि पिछले तीन महीनों जनवरी, फरवरी और मार्च 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।
आंकड़ों के अनुसार प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज दौसा चौथे स्थान पर है, वहीं गुरूग्राम (236) दूसरे, जबकि सवाई माधोपुर (224) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 149, गाजियाबाद में 159, गुवाहाटी में 116, हापुड में 99, नोएडा में 131, ग्रेटर नोएडा में 152 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 77 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक’ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 110, चेन्नई में 47, चंडीगढ़ में 106, हैदराबाद में 81, जयपुर में 115 और पटना में 79 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 25 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल, अरियालूर, बागलकोट, बेलगाम, चामराजनगर, चेन्नई, कुड्डालोर, गया, कलबुर्गी, कटिहार, कोप्पल, मैहर, मंगलौर, मुंगेर, नागपट्टिनम, नयागढ़, पालकालाइपेरुर, पुदुचेरी, रामनाथपुरम, रूपनगर, सागर, शिवमोगा, तालचेर, तिरुचिरापल्ली, तिरुनेलवेली शामिल हैं।
वहीं अगरतला, आगरा, अकोला, अलवर, अमरावती, अमृतसर, अंगुल, अंकलेश्वर, अररिया, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बालासोर, बरेली, बैरकपुर, बठिंडा, बेलापुर, बेंगलुरु, बेतिया, भागलपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भुवनेश्वर, बिलासपुर, बिलीपाड़ा, बोईसर, ब्रजराजनगर, ब्यासनगर, चेंगलपट्टू, छाल, चिकबलपुर, चित्तूर, कोयंबटूर, कटक, दमोह, देवास, धारवाड़, धौलपुर, धुले, डिंडीगुल, एलूर, फिरोजाबाद, गडग, गांधीनगर, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, हाजीपुर, हल्दिया, हापुड, होसुर, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जलना, झांसी, कडपा, कल्याण, कांचीपुरम, कानपुर, करूर, काशीपुर, क्योंझर, किशनगंज, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, मदुरै, मंगुराहा, मिलुपारा, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंबई, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नगांव, नमक्कल, नांदेड़, नासिक, परभनी, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, प्रयागराज, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनगर, रानीपेट, ऋषिकेश, समस्तीपुर, सांगली, सासाराम, सतना, शिलांग, सिलचर, सिरोही, शिवसागर, श्री विजया पुरम, सूरत, टेन्सा, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुमाला, तिरुपुर, टोंक, उज्जैन, वापी, वाराणसी, वातवा, वेल्लोर, विरार, विरुधुनगर, विशाखापत्तनम, वृंदावन आदि 114 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।