सांसों को मिली राहत: 2025 में पहली बार दिल्ली में इतनी साफ हुई हवा

दूसरी तरफ देश में जालौर की हवा सबसे प्रदूषित हैं, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 354 रिकॉर्ड क्या गया है
दिल्ली के कनॉट प्लेस का दृश्य। फोटो: विकास चौधरी
दिल्ली के कनॉट प्लेस का दृश्य। फोटो: विकास चौधरी
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देश में आगे बढ़ते मानसून के साथ-साथ प्रदूषण में भी गिरावट आ रही है। ऐसा ही कुछ दिल्ली में भी देखने को मिला जब 2025 में पहली बार दिल्ली में हवा इतनी साफ दर्ज हुई।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा 18 जून 2025 को जारी आंकड़ों के विश्लेषण में सामने आया है कि आज दिल्ली की वायु गुणवत्ता 23 अंकों के सुधार के साथ संतोषजनक स्तर पर पहुंच गया। इस दौरान वायु गुणवत्ता सूचकांक 81 दर्ज किया गया। बता दें कि इससे पहले 15 और 16 मार्च 2025 को दिल्ली में वायु गुणवत्ता संतोषजनक दर्ज की गई थी।

रुझानों पर नजर डालें तो आज देश के जहां 51 फीसदी से अधिक शहरों में हवा साफ है। वहीं करीब 46 फीसदी में स्थिति संतोषजनक है। दूसरी तरफ देश के चार फीसदी से भी कम शहरों में हालात चिंताजनक हैं।

वहीं दूसरी तरफ देश में राजस्थान के जालौर की स्थिति सबसे खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 354 तक पहुंच गया। मतलब कि जालौर की हवा में घुला जहर लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है।

बता दें कि जालौर की हवा में ओजोन हावी है। वहीं प्रदूषण के मामले में आज बांसवाड़ा (190) दूसरे जबकि खुर्जा (174) तीसरे स्थान पर है। इसी तरह देश में बद्दी, विशाखापत्तनम, श्री गंगानगर, और इंफाल में स्थिति चिंताजनक है।

आज जहां बांसवाड़ा की हवा में प्रदूषण के महीन कण पीएम2.5 हावी है। वहीं खुर्जा, बद्दी, विशाखापत्तनम, श्री गंगानगर आदि शहरों में पीएम10 से स्थिति चिंताजनक है।

वहीं आज एक बार फिर देश में आइजोल की हवा सबसे साफ रही, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 7 दर्ज किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर जालौर की तुलना आइजोल से करें तो वहां स्थिति करीब 50 गुणा बेहतर है।

आइजोल की तरह ही देश में 109 अन्य शहरों में हवा साफ है। इन शहरों में प्रतापगढ़, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, पुणे, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनगर, सलेम, सांगली, सवाई माधोपुर, शिलांग, शिवमोगा, सीकर, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिंगरौली, सिरोही, शिवसागर, टेन्सा, ठाणे, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुमाला, तिरुनेलवेली, तिरुपति, तिरुपुर, तुमकुरु, तुमिडीह, उदयपुर, वाराणसी, वातवा, वेल्लोर, विजयपुरा, विरुधुनगर, वृंदावन आदि शामिल हैं।

राहत की खबर यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में करीब सात फीसदी का इजाफा हुआ है।

आंकड़ों के मुताबिक देश में एलूर सहित छोटे-बड़े 99 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है।

इन शहरों में भोपाल, भुवनेश्वर, बीदर, बीकानेर, ब्यासनगर, बर्नीहाट, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चेन्नई, चित्तूर, दौसा, धनबाद, धौलपुर, धुले, एलूर, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, हाजीपुर, हनुमानगढ़, होसुर, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, झालावाड़, झुंझुनूं, कडपा, कल्याण, कानपुर, कटिहार, कटनी आदि शामिल हैं। साफ हवा वाले शहरों की तरह ही देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में भी चार फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

वहीं दूसरी तरफ आज देश के महज छह शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में बद्दी, बांसवाड़ा, इंफाल, खुर्जा, श्री गंगानगर, विशाखापत्तनम शामिल हैं। कल से देखें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 70 फीसदी की गिरावट आई है।

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 216 में से 110 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। 99 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 17 जून 2025 को यह आंकड़ा 95 दर्ज किया गया था।

6 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में जालौर (354) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 300 के करीब पहुंच गया। कल श्रीगंगानगर में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब सूचकांक 276 रिकॉर्ड किया गया।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 23 अंकों की गिरावट आई है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक सुधरकर 81 पर पहुंच गया। मतलब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी से संतोषजनक हो गई है। वहीं आज फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं। 

गौरतलब है कि पिछले चार महीनों जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।

आंकड़ों के अनुसार प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज बद्दी चौथे स्थान पर है, वहीं बांसवाड़ा (190) दूसरे, जबकि खुर्जा (174) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 49, गाजियाबाद में 92, गुवाहाटी में 83, हल्दिया में 30, नोएडा में 78, ग्रेटर नोएडा में 72 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘बेहतर’ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 92, चेन्नई में 68, चंडीगढ़ में 57, हैदराबाद में 67, जयपुर में 61 और पटना में 57 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 110 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आगरा, अहमदाबाद, आइजोल, अमरावती (महाराष्ट्र), आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बागलकोट, बालासोर, बारबिल, बारीपदा, बेलापुर, भरतपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवंडी, बिलासपुर, बिलीपाड़ा, बोईसर, बुलन्दशहर, बूंदी, चामराजनगर, चेंगलपट्टू, छाल, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, चुरू, कोयंबटूर, कुड्डालोर, कटक, दमोह, दावनगेरे, देहरादून, डिंडीगुल, डूंगरपुर, दुर्गापुर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गया, गोरखपुर, ग्वालियर, हल्दिया, हावड़ा, हुबली, जलगांव, जोधपुर, कलबुर्गी, कन्नूर, करौली, करूर, काशीपुर, क्योंझर, किशनगंज, कोल्हापुर, कोलकाता, कुंजेमुरा, मदिकेरी, मदुरै, महाड, मंडीदीप, मीरा-भायंदर, मोतिहारी, मुंबई, मुंगेर, मैसूर, नागपट्टिनम, नागौर, नांदेड़, नवी मुंबई, पालकालाइपेरुर, पेरुंदुरई, पिंपरी-चिंचवाड, प्रतापगढ़, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, पुणे, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनगर, सलेम, सांगली, सवाई माधोपुर, शिलांग, शिवमोगा, सीकर, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिंगरौली, सिरोही, शिवसागर, टेन्सा, ठाणे, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुमाला, तिरुनेलवेली, तिरुपति, तिरुपुर, तुमकुरु, तुमिडीह, उदयपुर, वाराणसी, वातवा, वेल्लोर, विजयपुरा, विरुधुनगर, वृंदावन, यादगीर शामिल हैं।

वहीं अहमदनगर, अजमेर, अकोला, अलवर, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अमृतसर, अनंतपुर, अंगुल, अंकलेश्वर, अरियालूर, बदलापुर, बागपत, बारां, बरेली, बाड़मेर, बैरकपुर, बठिंडा, बेगूसराय, बेंगलुरु, भागलपुर, भिवाड़ी, भोपाल, भुवनेश्वर, बीदर, बीकानेर, ब्यासनगर, बर्नीहाट, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चेन्नई, चित्तूर, दौसा, दिल्ली, धनबाद, धौलपुर, धुले, एलूर, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, हाजीपुर, हनुमानगढ़, होसुर, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, झालावाड़, झुंझुनूं, कडपा, कल्याण, कानपुर, कटिहार, कटनी, खन्ना, कोहिमा, कोल्लम, कोप्पल, कोरबा, कोटा, लातूर, लखनऊ, लुधियाना, मालेगांव, मेरठ, मिलुपारा, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागपुर, नलबाड़ी, नासिक, नोएडा, पाली, पटियाला, पटना, पीथमपुर, प्रयागराज, राजसमंद, रामनाथपुरम, रानीपेट, रतलाम, सागर, समस्तीपुर, सासाराम, सतना, सोलापुर, सुआकाती, सूरत, थूथुकुडी, टोंक, उल्हासनगर, वापी, विजयवाड़ा, विरार आदि 99 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

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