59 फीसदी शहरों में हवा साफ, विशाखापत्तनम में मानकों से 187 फीसदी अधिक प्रदूषण

विशाखापत्तनम की हवा सबसे प्रदूषित, मदिकेरी में 16 दर्ज किया गया एक्यूआई
59 फीसदी शहरों में हवा साफ, विशाखापत्तनम में मानकों से 187 फीसदी अधिक प्रदूषण
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Summary
  • केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, देश के 59% शहरों में हवा साफ है, जबकि विशाखापत्तनम में प्रदूषण का स्तर मानकों से 187% अधिक है।

  • विशाखापत्तनम की हवा में पीएम10 कणों की अधिकता है, जिससे वहां की वायु गुणवत्ता सबसे खराब है।

  • वहीं, मदिकेरी की हवा सबसे साफ है, जहां एक्यूआई 16 दर्ज किया गया।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 04 सितम्बर 2025 को जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि आज देश के जहां करीब 59 फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं 37 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि दूसरी तरफ 4 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं। मतलब की देश के ज्यादातर शहरों में आज भी हवा साफ है।

देश के सभी शहरों में आज विशाखापत्तनम की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 129 दर्ज किया गया। इस दौरान आंध्र प्रदेश के इस शहर की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम10) हावी रहे। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी मानकों के लिहाज से देखें तो वहां प्रदूषण का स्तर सुरक्षित सीमा से 187 फीसदी अधिक है। मतलब की वहां की हवा में घुला जहर लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है।

गौरतलब है कि कल विशाखापत्तनम में वायु गुणवत्ता सूचकांक 122 रिकॉर्ड किया गया था, मतलब की कल से वहां प्रदूषण में 7 अंको का इजाफा हुआ है।

दूसरी तरफ आज देश में मदिकेरी की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 16 रिकॉर्ड किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर विशाखापत्तनम की तुलना मदिकेरी से करें तो वहां स्थिति आठ गुणा खराब है।

आंकड़ों के मुताबिक कल गुम्मिडिपूंडी में प्रदूषण से स्थिति सबसे ज्यादा खराब थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 123 तक पहुंच गया। हालांकि आज वहां वायु गुणवत्ता में 22 अंकों का सुधार आया है।

इसी तरह प्रदूषण के मामले में आज कांचीपुरम (125) दूसरे जबकि राजसमंद (121) तीसरे स्थान पर है। 115 अंकों के साथ श्रीगंगानगर भी देश के सबसे प्रदूषित शहरों में आज चौथे स्थान पर है। जैसलमेर में भी स्थिति कोई खास अच्छी नहीं, जहां एक्यूआई 108 दर्ज किया गया। वहीं बीकानेर, 107 अंकों के साथ छठे स्थान पर है। इसी तरह देश के सबसे प्रदूषित शहरों में धनबाद (104), हावेरी (102) और गुम्मिडिपूंडी (101) भी शामिल हैं।

रुझानों से पता चला है कि आज कांचीपुरम, श्रीगंगानगर आदि की हवा में प्रदूषण के महीन कण यानी पीएम2.5 हावी हैं। वहीं विशाखापत्तनम, जैसलमेर, बीकानेर, गुम्मिडिपूंडी आदि की हवा पीएम10 से चिंताजनक है। इसी तरह देश के कुछ शहरों में ओजोन तो कुछ में कार्बन और एसओ2 हावी है।

वहीं दूसरी तरफ आज देश में देहरादून सहित 131 शहरों में हवा साफ है। इन शहरों में इंदौर, जबलपुर, जलगांव, झालावाड़, झांसी, जोधपुर, जोरापोखर, कानपुर, करौली, करूर, काशीपुर, कटनी, क्योंझर, खन्ना, खुर्जा, किशनगंज, कोल्हापुर, कोप्पल, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, महाड, मंगलौर, मंगुराहा, मेरठ, मीरा-भायंदर, मुंगेर, मुजफ्फरनगर, मैसूर, नगांव, नागपट्टिनम, नागौर, नागपुर, नाहरलगुन, नमक्कल, नवी मुंबई, नयागढ़, नोएडा, ऊटी, पाली आदि शामिल हैं।

हालांकि कल से तुलना करें तो देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में मामूली गिरावट आई है।

आंकड़ों में यह भी सामने आया है कि आज देश में छोटे-बड़े 83 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है। इन शहरों में बर्नीहाट, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चेन्नई, चित्तूर, चुरू, कोयंबटूर, दिल्ली, धुले, एलूर, गांधीनगर, गया, गाजियाबाद, गोरखपुर, ग्रेटर नोएडा, ग्वालियर, हाजीपुर, हनुमानगढ़, हैदराबाद, जयपुर, जालंधर, जालौर, झुंझुनूं, कडपा, कलबुर्गी, कन्नूर, कटिहार, कोलकाता, कोल्लम, कोटा, लखनऊ, लुधियाना, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मुरादाबाद, मुंबई, मुजफ्फरपुर, नलबाड़ी, नांदेड़, नासिक, परभनी, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, पुणे, राजमहेंद्रवरम, रूपनगर, सागर, सलेम, समस्तीपुर शामिल हैं।

राहत की खबर यह है कि कल से देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में 22 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

इन शहरों के उलट आज देश के नौ शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में बीकानेर, धनबाद, गुम्मिडिपूंडी, हावेरी, जैसलमेर, कांचीपुरम, राजसमंद, श्रीगंगानगर, विशाखापत्तनम शामिल हैं। कल से देखें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में करीब 50 फीसदी की गिरावट आई है।

क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 223 में से 131 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) है। 83 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) रिकॉर्ड किया गया, गौरतलब है कि 03 सितम्बर 2025 को यह आंकड़ा 68 दर्ज किया गया था।

9 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में विशाखापत्तनम (129) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 130 के करीब पहुंच गया। कल गुम्मिडिपूंडी में वायु गुणवत्ता सूचकांक 123 रिकॉर्ड किया गया।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में इजाफा हुआ है। इसके साथ दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 58 पर पहुंच गया। मलतब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता संतोषजनक श्रेणी में बनी हुई है। वहीं आज फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं। 

गौरतलब है कि पिछले दो-तीन महीनों में जून, जुलाई और अगस्त के दौरान दिल्ली की वायु गुणवत्ता ज्यादातर दिन संतोषजनक रही। वहीं जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।

प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज श्रीगंगानगर चौथे स्थान पर है, वहीं कांचीपुरम (125) दूसरे, जबकि राजसमंद (121) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 40, गाजियाबाद में 54, गुवाहाटी में 48, गुरूग्राम में 45, नोएडा में 112, ग्रेटर नोएडा में 42 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 56 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक‘ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 52, चेन्नई में 64, चंडीगढ़ में 52, हैदराबाद में 81, जयपुर में 57 और पटना में 55 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 131 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, अकोला, अमरावती (महाराष्ट्र), अमृतसर, आरा, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बागलकोट, बालासोर, बारां, बारबिल, बरेली, बैरकपुर, बेगूसराय, बेलापुर, बेंगलुरु, बेतिया, भरतपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भोपाल, भुवनेश्वर, बिलासपुर, बिलीपाड़ा, बूंदी, चामराजनगर, चेंगलपट्टू, छाल, चिकबलपुर, कुड्डालोर, कटक, दमोह, दौसा, दावनगेरे, देहरादून, देवास, डिंडीगुल, डूंगरपुर, दुर्गापुर, फिरोजाबाद, गंगटोक, गुरूग्राम, गुवाहाटी, हल्दिया, हापुड, होसुर, हावड़ा, हुबली, इंदौर, जबलपुर, जलगांव, झालावाड़, झांसी, जोधपुर, जोरापोखर, कानपुर, करौली, करूर, काशीपुर, कटनी, क्योंझर, खन्ना, खुर्जा, किशनगंज, कोल्हापुर, कोप्पल, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, महाड, मंगलौर, मंगुराहा, मेरठ, मीरा-भायंदर, मुंगेर, मुजफ्फरनगर, मैसूर, नगांव, नागपट्टिनम, नागौर, नागपुर, नाहरलगुन, नमक्कल, नवी मुंबई, नयागढ़, नोएडा, ऊटी, पाली, पालकालाइपेरुर, पंचगांव, पेरुंदुरई, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुडुकोट्टई, पूर्णिया, रायपुर, रायरंगपुर, रामनाथपुरम, रतलाम, राउरकेला, सहरसा, सांगली, सासाराम, शिवमोगा, सीकर, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिरोही, शिवसागर, सुआकाती, सूरत, टेन्सा, तंजावुर, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, तिरुनेलवेली, तिरुपुर, टोंक, तुमिडीह, उदयपुर, वाराणसी, वेल्लोर, विजयपुरा, विरार, विरुधुनगर, वृंदावन, यादगीर शामिल हैं।

वहीं आगरा, अहमदाबाद, अहमदनगर, अजमेर, अलवर, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अनंतपुर, अंगुल, अंकलेश्वर, अरियालूर, बद्दी, बदलापुर, बठिंडा, भागलपुर, भिवाड़ी, भिवंडी, बिहार शरीफ, बोईसर, ब्रजराजनगर, बुलन्दशहर, बक्सर, ब्यासनगर, बर्नीहाट, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चेन्नई, चित्तूर, चुरू, कोयंबटूर, दिल्ली, धुले, एलूर, गांधीनगर, गया, गाजियाबाद, गोरखपुर, ग्रेटर नोएडा, ग्वालियर, हाजीपुर, हनुमानगढ़, हैदराबाद, जयपुर, जालंधर, जालौर, झुंझुनूं, कडपा, कलबुर्गी, कन्नूर, कटिहार, कोलकाता, कोल्लम, कोटा, लखनऊ, लुधियाना, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मुरादाबाद, मुंबई, मुजफ्फरपुर, नलबाड़ी, नांदेड़, नासिक, परभनी, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, पुणे, राजमहेंद्रवरम, रूपनगर, सागर, सलेम, समस्तीपुर, सतना, सवाई माधोपुर, सिंगरौली, सिवान, सोलापुर, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, उल्हासनगर, वापी, विजयवाड़ा आदि 83 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

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