
देश में आज एक बार फिर गुरूग्राम की हवा सबसे ज्यादा खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 305 तक पहुंच गया। हरियाणा के इस शहर की हवा में इस दौरान ओजोन के महीन कण हावी रहे।
विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा मानकों के लिहाज से देखें तो गुरूग्राम में प्रदूषण का स्तर 400 फीसदी अधिक है। मतलब की वहां हवा में घुला जहर लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है। गौरतलब है कि कल भी प्रदूषण से गुरूग्राम की स्थिति सबसे खराब थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 185 तक पहुंच गया था। हालांकि आज 120 अंकों के उछाल के साथ वहां प्रदूषण का स्तर बढ़कर बेहद खराब स्थिति में पहुंच गया है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 16 अगस्त को जारी आंकड़ों से पता चला है कि देश के जहां 57 फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं 37 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि दूसरी तरफ 5.4 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं।
रुझानों से पता चला है कि आज प्रदूषण के मामले में धौलपुर (168) दूसरे जबकि बिहार के औरंगाबाद (145) में तीसरे स्थान पर है।
बर्नीहाट में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जहां एक्यूआई 145 दर्ज किया गया है। गुम्मिडिपूंडी में भी स्थिति चिंताजनक बनी हुई है, जो आज 120 अंकों के साथ पांचवें स्थान पर है। वहीं दिल्ली 118 अंकों के साथ आज छठे पायदान पर है। इसी तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में झांसी (118), छपरा (114), ग्रेटर नोएडा (114) और गाजियाबाद (112) भी शामिल हैं।
विश्लेषण से पता चला है कि आज धौलपुर, बर्नीहाट, गुम्मिडिपूंडी, झांसी, गाजियाबाद आदि शहरों की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) हावी थे। वहीं औरंगाबाद (बिहार), ग्रेटर नोएडा, बीकानेर, रूपनगर आदि में पीएम10 से स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।
दूसरी तरफ आज देश में शिलांग की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 10 रिकॉर्ड किया गया है। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर गुरूग्राम की तुलना शिलांग से करें तो वहां स्थिति 29 गुणा खराब है।
शिलांग की तरह ही आज देश के 128 शहरों की हवा साफ है। इन शहरों में कटक, दमोह, दावनगेरे, देहरादून, देवास, धुले, डिंडीगुल, डूंगरपुर, दुर्गापुर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गंगटोक, गया, गुवाहाटी, हल्दिया, हावड़ा, इंदौर, जबलपुर, झालावाड़, कडपा, कलबुर्गी, कल्याण, कानपुर, करौली, करूर, कटनी, कोप्पल, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, लुधियाना, मदिकेरी, मदुरै, महाड, मैहर, मालेगांव आदि शामिल हैं।
चिंता की बात यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में पांच फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।
रुझानों से यह भी पता चला है कि आज देश में आगरा सहित छोटे-बड़े 83 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है। इन शहरों में हैदराबाद, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, जालौर, झुंझुनूं, जोधपुर, जोरापोखर, कांचीपुरम, कन्नूर, काशीपुर, कटिहार, क्योंझर, खन्ना, खुर्जा, किशनगंज, कोहिमा, कोलकाता, कोल्लम, कोटा, लखनऊ, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मंगलौर, मेरठ, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नागौर आदि शामिल हैं।
साफ हवा वाले शहरों की तरह ही आज देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में भी करीब चार फीसदी की गिरावट आई है।
राजधानी दिल्ली की बात करें तो कल से प्रदूषण में इजाफा हुआ है, जहां 41 अंकों के उछाल के साथ एक्यूआई बढ़कर 118 पर पहुंच गया।
राजधानी दिल्ली की तरह ही आज देश के 11 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में औरंगाबाद (बिहार), बीकानेर, बर्नीहाट, छपरा, धौलपुर, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, झांसी, रूपनगर आदि शामिल हैं। कल से देखें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में करीब 38 फीसदी का इजाफा हुआ है।
क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 223 में से 128 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) है। 83 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) रिकॉर्ड किया गया, गौरतलब है कि 15 अगस्त 2025 को यह आंकड़ा 86 दर्ज किया गया था।
11 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में गुरूग्राम (305) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 310 के करीब पहुंच गया। कल गुरूग्राम में वायु गुणवत्ता सूचकांक 185 रिकॉर्ड किया गया।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में इजाफा हुआ है। इसके साथ ही 41 अंकों के उछाल के साथ दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 118 पर पहुंच गया। मलतब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता आज संतोषजनक से मध्यम श्रेणी में पहुंच गई है। वहीं आज फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं।
गौरतलब है कि पिछले चार महीनों जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।
प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज बर्नीहाट चौथे स्थान पर है, वहीं धौलपुर (168) दूसरे, जबकि औरंगाबाद (बिहार) (145) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 59, गाजियाबाद में 112, गुवाहाटी में 48, गुरूग्राम में 305, नोएडा में 91, ग्रेटर नोएडा में 114 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 38 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘बेहतर‘ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 52, चेन्नई में 70, चंडीगढ़ में 47, हैदराबाद में 56, जयपुर में 62 और पटना में 52 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 128 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, अहमदाबाद, अहमदनगर, अकोला, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अमरावती (महाराष्ट्र), अरियालूर, आरा, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बागलकोट, बालासोर, बारां, बारबिल, बारीपदा, बैरकपुर, बेगूसराय, बेलापुर, बेंगलुरु, भरतपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवंडी, भोपाल, बिलासपुर, बिलीपाड़ा, बोईसर, बूंदी, चामराजनगर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, चित्तौड़गढ़, कोयंबटूर, कुड्डालोर, कटक, दमोह, दावनगेरे, देहरादून, देवास, धुले, डिंडीगुल, डूंगरपुर, दुर्गापुर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गंगटोक, गया, गुवाहाटी, हल्दिया, हावड़ा, इंदौर, जबलपुर, झालावाड़, कडपा, कलबुर्गी, कल्याण, कानपुर, करौली, करूर, कटनी, कोप्पल, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, लुधियाना, मदिकेरी, मदुरै, महाड, मैहर, मालेगांव, मंगुराहा, मीरा-भायंदर, मुंबई, मुंगेर, मैसूर, नागपट्टिनम, नागपुर, नाहरलगुन, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, पालकालाइपेरुर, पंचगांव, पटियाला, पेरुंदुरई, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, पुणे, पूर्णिया, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनाथपुरम, रानीपेट, रतलाम, ऋषिकेश, राउरकेला, सागर, सांगली, शिलांग, शिवमोगा, सीकर, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिरोही, शिवसागर, सोलापुर, सुआकाती, सूरत, टेन्सा, ठाणे, तंजावुर, थूथुकुडी, तिरुमाला, तिरुनेलवेली, तिरुपुर, तुमिडीह, उदयपुर, वाराणसी, वेल्लोर, विजयपुरा, विरार, विरुधुनगर, यादगीर शामिल हैं।
वहीं आगरा, अजमेर, अमृतसर, अनंतपुर, अंगुल, अंकलेश्वर, अररिया, आसनसोल, बद्दी, बागपत, बरेली, बाड़मेर, बेतिया, भागलपुर, भिवाड़ी, भुवनेश्वर, बिहार शरीफ, ब्रजराजनगर, बुलन्दशहर, बक्सर, चेंगलपट्टू, चेन्नई, चित्तूर, चुरू, धारवाड़, एलूर, ग्वालियर, हाजीपुर, हनुमानगढ़, हापुड, हैदराबाद, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, जालौर, झुंझुनूं, जोधपुर, जोरापोखर, कांचीपुरम, कन्नूर, काशीपुर, कटिहार, क्योंझर, खन्ना, खुर्जा, किशनगंज, कोहिमा, कोलकाता, कोल्लम, कोटा, लखनऊ, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मंगलौर, मेरठ, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नागौर, नलबाड़ी, नांदेड़, नोएडा, पाली, परभनी, पटना, प्रयागराज, राजसमंद, सहरसा, सासाराम, सवाई माधोपुर, श्रीगंगानगर, तिरुवनंतपुरम, तिरुचिरापल्ली, तिरुपति, टोंक, उल्हासनगर, वापी, वातवा, विजयवाड़ा, विशाखापत्तनम, वृंदावन आदि 83 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।