देश के 69 फीसदी शहरों में साफ है हवा, वहीं मंडी गोबिंदगढ़ में प्रदूषण से दमघोंटू हैं हालात

देश में मंडी गोबिंदगढ़ में प्रदूषण का स्तर अभी भी दमघोंटू बना हुआ है। वहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 216 दर्ज किया गया है, जो देश के अन्य शहरों की तुलना में कहीं ज्यादा है
फोटो: आईस्टॉक
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देश में भारी बारिश के साथ-साथ प्रदूषण में भी गिरावट देखने को मिली है। हालांकि इसके बावजूद मंडी गोबिंदगढ़ में प्रदूषण का स्तर अभी भी दमघोंटू बना हुआ है। आंकड़ों के मुताबिक वहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 216 दर्ज किया गया है, जो देश के अन्य शहरों की तुलना में कहीं ज्यादा है।

यहां तक की दिल्ली से तुलना करें तो मंडी गोबिंदगढ़ में वायु गुणवत्ता करीब तीन गुणा खराब है। वहीं देश के सबसे साफ शहर रहे आइजोल की तुलना में वहां प्रदूषण करीब 20 गुणा है। वहीं देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों की बात करें तो उनमें मंडी गोबिंदगढ़ के साथ धनबाद, रूपनगर, ग्रेटर नोएडा, चित्तूर, भिवानी, इम्फाल, विशाखापत्तनम, भिवाड़ी, और चेन्नई शामिल थे।

राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर गौर करें तो वहां कल से प्रदूषण के स्तर में बढ़ोतरी हुई है। बता दें कि दिल्ली में वायु गुणवत्त्ता सूचकांक 11 अंकों के उछाल के साथ 75 पर पहुंच गया है।

हालांकि अभी भी दिल्ली की वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है, जोकि राहत की बात है। वहीं दूसरी तरफ फरीदाबाद की वायु गुणवत्ता में 27 अंकों का सुधार आया है, जिसके बाद वहां एक्यूआई घटकर 58 पर पहुंच गया है। वहां वायु गुणवत्ता मध्यम बनी हुई है।

आंकड़ों पर नजर डालें तो देश के चार शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम स्तर पर है। इन शहरों में चित्तूर, धनबाद, ग्रेटर नोएडा, और रूपनगर शामिल हैं। कल की तुलना में देखें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में करीब-करीब 56 फीसदी की गिरावट आई है।

वहीं इसके विपरीत देश के 155 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर बना हुआ है। कल से तुलना करें तो देश में बेहतर वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में 40 फीसदी का इजाफा दर्ज किया गया है।

इन शहरों में ​​गांधीनगर, गंगटोक, गया, गोरखपुर, हल्दिया, हनुमानगढ़, हापुड, हसन, हावेरी, हिसार, हावड़ा, हुबली, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जालंधर, जलगांव, जलना, जालौर, झांसी, जोधपुर, कडप्पा, कैथल, कलबुर्गी, कल्याण, करनाल, कारवार, काशीपुर, कटनी, कोहिमा, कोलार, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, कोप्पल, कोरबा, कोटा, कुंजेमुरा, कुरूक्षेत्र, लातूर, लखनऊ, मदिकेरी, महाड, मालेगांव, मंडीदीप, मांडीखेड़ा, मैंगलोर, मेरठ, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंबई, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नागांव, नागौर, नागपुर, नाहरलागुन, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, पालकलीपेरुर, पलवल, पंचकुला, परभनी, पटियाला, पटना, पिंपरी-चिंचवाड़, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, आदि शहर शामिल हैं।

दूसरी तरफ पिछले 24 घंटों में सन्तोषजनक हवा वाले शहरों की संख्या में 34 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है, जिसके बाद इन शहरों की संख्या घटकर 65 पर पहुंच गई है। इन शहरों में ग्वालियर, इम्फाल, जयपुर, जैसलमेर, झुंझुनू, जींद, कानपुर, खन्ना, खुर्जा, लुधियाना, मानेसर, नलबाड़ी, नारनौल, नोएडा, पाली, पानीपत, पुदुचेरी, पुणे, रोहतक, सिलचर, सिंगरौली, सिरसा, शिवसागर आदि शहर शामिल थे। कुल मिलकर देखें तो देश में कल से वायु गुणवत्ता में सुधार आया है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 02 अगस्त 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 225 में से 155 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 65 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 01 अगस्त 2024 यह आंकड़ा 99 दर्ज किया गया था। चार शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।

दूसरे शहरों की तुलना में मंडी गोबिंदगढ़ (216) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 250 के करीब पहुंच गया है। यदि दिल्ली (75) की बात करें तो वहां वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' श्रेणी में बनी हुई है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स में कल से 11अंकों की इजाफा हुआ है।

दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 58, गाजियाबाद में 70, गुरुग्राम में 76, नोएडा में 57, ग्रेटर नोएडा में 110 पर पहुंच गया है।

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 32 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'बेहतर' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 37, चेन्नई में 89, चंडीगढ़ में 53, हैदराबाद में 45, जयपुर में 52 और पटना में 39 दर्ज किया गया।

इन शहरों की हवा रही सबसे साफ

देश के जिन 155 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आगरा, अहमदाबाद, आइजोल, अजमेर, अकोला, अमरावती, अमरावती, अंकलेश्वर, अरियालुर, आसनसोल, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बद्दी, बदलापुर, बहादुरगढ़, बांसवाड़ा, बरेली, बारीपदा, बाड़मेर, बैरकपुर, बेलापुर, बेंगलुरु, भरतपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवंडी, भोपाल, भुवनेश्वर, बिलासपुर, ब्रजराजनगर, बुलन्दशहर, बक्सर, ब्यासनगर, चामराजनगर, चंद्रपुर, चरखी दादरी, छाल, चिक्कबल्लापुर, चिक्कमगलुरु, कोयंबटूर, कुड्डालोर, कटक, दमोह, दावनगेरे, देहरादून, देवास, धारूहेड़ा, धुले, एलूर, फिरोजाबाद, गडग, ​​गांधीनगर, गंगटोक, गया, गोरखपुर, हल्दिया, हनुमानगढ़, हापुड, हसन, हावेरी, हिसार, हावड़ा, हुबली, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जालंधर, जलगांव, जलना, जालौर, झांसी, जोधपुर, कडप्पा, कैथल, कलबुर्गी, कल्याण, करनाल, कारवार, काशीपुर, कटनी, कोहिमा, कोलार, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, कोप्पल, कोरबा, कोटा, कुंजेमुरा, कुरूक्षेत्र, लातूर, लखनऊ, मदिकेरी, महाड, मालेगांव, मंडीदीप, मांडीखेड़ा, मैंगलोर, मेरठ, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंबई, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नागांव, नागौर, नागपुर, नाहरलागुन, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, पालकलीपेरुर, पलवल, पंचकुला, परभनी, पटियाला, पटना, पिंपरी-चिंचवाड़, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रामनगर, रामनाथपुरम, रतलाम, ऋषिकेश, राउरकेला, सागर, सांगली, सासाराम, सतना, शिलांग, शिवमोगा, सीकर, सिलीगुड़ी, सोनीपत, सुआकाती, टेंसा, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरूपति, तुमकुरु, उडुपी, वाराणसी, विजयपुरा, विजयवाड़ा, विरुधुनगर, वृन्दावन, यमुनानगर शामिल रहे।

वहीं अहमदनगर, अलवर, अंबाला, अमृतसर, बागलकोट, बागपत, बालासोर, बल्लबगढ़, बारां, बारबिल, भिवाड़ी, भिवानी, बीदर, बीकानेर, बिलीपाड़ा, बोईसर, चंडीगढ़, चेन्नई, चित्तौड़गढ़, चुरू, दौसा, दिल्ली, धारवाड़, धौलपुर, डूंगरपुर, दुर्गापुर, फरीदाबाद, गाजियाबाद, गुम्मिडीपूंडी, गुरुग्राम, गुवाहाटी, ग्वालियर, इम्फाल, जयपुर, जैसलमेर, झुंझुनू, जींद, कानपुर, खन्ना, खुर्जा, लुधियाना, मानेसर, नलबाड़ी, नारनौल, नोएडा, पाली, पानीपत, पुदुचेरी, पुणे, रोहतक, सिलचर, सिंगरौली, सिरसा, शिवसागर, सोलापुर, सूरत, तालचेर, टोंक, उदयपुर, उज्जैन, उल्हासनगर, वापी, वातवा, विरार, विशाखापत्तनम आदि 65 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

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