
देश में प्रदूषण का गणित तेजी से बदल रहा है। हालात यह हैं कि आज देश के पांच शहरों में वायु गुणवत्ता बेहद खराब है। वहीं कल देश में एक भी शहर ऐसा नहीं था जहां वायु गुणवत्ता 'बेहद खराब' रही हो।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा 15 मई 2025 को जारी आंकड़ों के मुताबिक देश में खराब हवा वाले शहरों का आंकड़ा भी बढ़कर 14 पर पहुंच गया था, जो कल महज तीन दर्ज किया गया था। मतलब की कल से देश में खराब हवा वाले शहरों की गिनती में 366 फीसदी का उछाल आया है।
रुझानों से पता चला है कि आज राजस्थान के झुंझुनूं में वायु गुणवत्ता सबसे खराब रही, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई 337 तक पहुंच गया। गुरूग्राम जो आज दूसरे स्थान पर है, वहां भी एक्यूआई 316 दर्ज किया गया है।
कमोबेश ऐसी ही स्थिति नागौर और मेरठ की भी है, जो आज प्रदूषण के मामले में तीसरे और चौथे स्थान पर रहे। नागौर में जहां एक्यूआई 315 दर्ज किया गया, वहीं मेरठ में भी इसने 313 के स्तर को छू लिया है। पांचवें स्थान पर रहे सीकर में भी स्थिति कोई खास बेहतर नहीं, जहां सूचकांक बढ़कर 312 तक पहुंच गया है।
इसी तरह प्रदूषण के मामले में आज बुलन्दशहर छठे स्थान पर है, जहां एक्यूआई 295 दर्ज किया गया है। राजधानी दिल्ली जहां कई दिनों से वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में थी वहां 157 अंकों के उछाल के साथ एक्यूआई 292 तक पहुंच गया। मतलब की दिल्ली में भी वायु गुणवत्ता खराब हो चुकी है। इसी तरह बद्दी (280), गाजियाबाद (278) और नोएडा (276) भी देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल हैं।
आंकड़ों के मुताबिक आज देश के 14 शहरों में हवा खराब है। इन शहरों में हापुड, खुर्जा, मुजफ्फरनगर, नोएडा, और टोंक भी शामिल हैं। कल से देखें तो देश में खराब हवा वाले शहरों की गिनती में 366 फीसदी का उछाल आया है। कुल मिलकर कहें तो इन शहरों की हवा इस कदर जहरीली हो चुकी है कि वो लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है।
वहीं दूसरी तरफ देश में मदिकेरी की हवा सबसे साफ रही, जहां एक्यूआई 21 दर्ज किया गया है। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर झुंझुनूं की तुलना मदिकेरी से करें तो वहां स्थिति 15 गुणा खराब है। मदिकेरी की तरह ही आज देश के 28 अन्य शहरों में हवा साफ है।
इन शहरों में बेलगाम, भिलाई, चामराजनगर, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दावनगेरे, डिंडीगुल, हुबली, इंदौर, जलगांव, कटिहार, किशनगंज, मदिकेरी, मदुरै, मैसूर, नगांव, नागपट्टिनम, नांदेड़, पूर्णिया, रामनाथपुरम, सांगली आदि शहर शामिल हैं। चिंता की बात यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 31 फीसदी की गिरावट आई है।
आंकड़ों के मुताबिक अहमदाबाद सहित देश के आज 109 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक दर्ज की गई। इन शहरों में गांधीनगर, गंगटोक, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, हल्दिया, हावड़ा, हैदराबाद, जबलपुर, जैसलमेर, जालौर, झालावाड़, झांसी, कडपा, कलबुर्गी, कांचीपुरम, कोहिमा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोप्पल, कोटा, लातूर, महाड, मैहर, मालेगांव, मंडीदीप, मंगुराहा, मिलुपारा, मीरा-भायंदर, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नागपुर, नलबाड़ी, नंदेसरी, नासिक, नयागढ़, ऊटी, पिंपरी-चिंचवाड, प्रतापगढ़, पुदुचेरी, पुणे, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रतलाम, सागर, सहरसा, सतना, शिलांग आदि शामिल हैं।
साफ हवा वाले शहरों की तरह ही देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में भी गिरावट आई है, जो चार फीसदी से अधिक है।
देश में अजमेर सहित 61 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इनमें भरतपुर, भोपाल, बीकानेर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, छपरा, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, दौसा, देहरादून, धनबाद, धौलपुर, दुर्गापुर, फिरोजाबाद, गया, गोरखपुर, ग्वालियर, हाजीपुर, हनुमानगढ़, इंफाल, जयपुर, जालंधर, जोधपुर, कल्याण, कानपुर, करौली, कटनी, क्योंझर आदि शामिल हैं।
कल से देखें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में भी तीन फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।
मतलब की कुल मिलाकर देश में जहां एक तरह साफ और संतोषजनक हवा वाले शहरों में गिरावट आई है। वहीं दूसरी तरफ खराब और बेहद खराब हवा वाले शहरों के आंकड़े में इजाफा हुआ है, जोकि एक चिंताजनक प्रवत्ति को दर्शाता है।
विश्लेषण में भी सामने आया है कि आज देश के जहां महज 13 फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं चिंताजनक हवा वाले शहरों की गिनती बढ़कर 37 फीसदी के करीब पहुंच गई है। दूसरी तरफ देश में आधे शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 218 में से 29 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। 109 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 14 मई 2025 को यह आंकड़ा 114 दर्ज किया गया था।
61 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में झुंझुनूं (337) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 350 के करीब पहुंच गया। कल अगरतला में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब सूचकांक 232 रिकॉर्ड किया गया।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में अच्छा खासा उछाल आया है। इसके साथ ही 157 अंकों की बढ़ोतरी के साथ दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 292 पर पहुंच गया। मतलब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता मध्यम से खराब श्रेणी में पहुंच गई है। वहीं आज एक बार फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं।
गौरतलब है कि पिछले चार महीनों जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।
आंकड़ों के अनुसार प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज मेरठ चौथे स्थान पर है, वहीं गुरूग्राम (316) दूसरे, जबकि नागौर (315) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 130, गाजियाबाद में 278, गुवाहाटी में 54, गुरूग्राम में 316, नोएडा में 276, ग्रेटर नोएडा में 246 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 90 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक’ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 192, चेन्नई में 66, चंडीगढ़ में 200, हैदराबाद में 69, जयपुर में 168 और पटना में 123 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 29 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अकोला, बेलगाम, भिलाई, चामराजनगर, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दावनगेरे, डिंडीगुल, हुबली, इंदौर, जलगांव, कटिहार, किशनगंज, मदिकेरी, मदुरै, मैसूर, नगांव, नागपट्टिनम, नांदेड़, पूर्णिया, रामनाथपुरम, सांगली, सिलचर, सिलीगुड़ी, शिवसागर, सूरत, तिरुनेलवेली, विजयपुरा, विरुधुनगर शामिल हैं।
वहीं अहमदाबाद, अहमदनगर, आइजोल, अलवर, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अमरावती (महाराष्ट्र), अनंतपुर, अंगुल, अंकलेश्वर, अररिया, अरियालूर, औरंगाबाद महाराष्ट्र), बदलापुर, बालासोर, बारीपदा, बैरकपुर, बेलापुर, बेंगलुरु, भागलपुर, भीलवाड़ा, भिवंडी, भुवनेश्वर, बिलासपुर, बिलीपाड़ा, बोईसर, ब्रजराजनगर, बक्सर, ब्यासनगर, चेंगलपट्टू, चेन्नई, छाल, चिकबलपुर, कटक, दमोह, देवास, धुले, डूंगरपुर, गांधीनगर, गंगटोक, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, हल्दिया, हावड़ा, हैदराबाद, जबलपुर, जैसलमेर, जालौर, झालावाड़, झांसी, कडपा, कलबुर्गी, कांचीपुरम, कोहिमा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोप्पल, कोटा, लातूर, महाड, मैहर, मालेगांव, मंडीदीप, मंगुराहा, मिलुपारा, मीरा-भायंदर, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नागपुर, नलबाड़ी, नंदेसरी, नासिक, नयागढ़, ऊटी, पिंपरी-चिंचवाड, प्रतापगढ़, पुदुचेरी, पुणे, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रतलाम, सागर, सहरसा, सतना, शिलांग, शिवमोगा, सिरोही, सोलापुर, श्री विजया पुरम, तालचेर, टेन्सा, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, तिरुपति, तिरुपुर, उदयपुर, उल्हासनगर, वापी, वाराणसी, वातवा, वेल्लोर, विजयवाड़ा, विरार आदि 109 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।