
देश में कल से प्रदूषण में गिरावट जरूर आई है, लेकिन इसके बावजूद कई शहरों में स्थिति 'बेहद खराब' बनी हुई है। इन शहरों में राजधानी दिल्ली भी शामिल है। दिल्ली में कल से 23 अंकों की गिरावट आई है, लेकिन अभी भी वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 316 पर बना हुआ है।
वहीं देश में अमृतसर की स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 368 दर्ज किया गया। कल के मुकाबले देखें तो अमृतसर की आबोहवा में घुले जहर में 18 अंकों का इजाफा हुआ है।
गौरतलब है कि कल देश में अम्बाला की स्थिति सबसे ज्यादा खराब थी, हालांकि वहां आज 199 अंकों की भारी गिरावट के बाद वायु गुणवत्ता सूचकांक 168 पर पहुंच गया। ताजा आंकड़ों के मुताबिक देश के आठ शहरों में वायु गुणवत्ता 'बेहद खराब' है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 300 के पार है। इन शहरों में अमृतसर, लुधियाना, जींद, श्रीगंगानगर, गाजियाबाद, सिवान, दिल्ली और करनाल शामिल हैं। हालांकि कल से इन शहरों में 33 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा साझा किए आंकड़ों के मुताबिक मुंबई सहित देश के 72 शहरों में वायु गुणवत्ता 'खराब' श्रेणी में बनी हुई है।
इन शहरों में सोनीपत, मेरठ, राजगीर, छपरा, हावड़ा, गोरखपुर, दुर्गापुर, पटना, जलगांव, सिरसा, चंडीगढ़, नांदेड़, मंडीदीप, पिंपरी-चिंचवाड, नोएडा, जालंधर, हापुड, हनुमानगढ़, चरखी दादरी, नासिक, भिवानी, हाजीपुर, कुरूक्षेत्र, दौसा, फतेहाबाद, ग्रेटर नोएडा, जयपुर, सिंगरौली, लखनऊ, पटियाला, बीकानेर, कोलकाता, बुलन्दशहर, परभनी, जोधपुर, मानेसर, तालचेर, आसनसोल, मुजफ्फरनगर, भरतपुर, बहादुरगढ़, उल्हासनगर, ठाणे, भिवाड़ी, सवाई माधोपुर, हिसार, काशीपुर, विरार, यमुनानगर, नगांव, देहरादून, मीरा-भायंदर, बागपत, कैथल, बिलीपाड़ा, महाड, सूरत, बेलापुर, ग्वालियर, बेगूसराय, गुरूग्राम, पुणे, हल्दिया, कानपुर, अमरावती, चुरू, नागौर, मंडी गोबिंदगढ़, अकोला, लातूर और सीकर शामिल हैं।
हालांकि कल से देश में 'खराब' वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में भी 16 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है। ऐसे में देश में खराब और 'बेहद खराब' वायु गुणवत्ता वाले शहरों में गिरावट का मतलब है कि स्थिति में धीरे-धीरे सुधार आ रहा है।
वहीं दूसरी तरफ देश के 20 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'बेहतर' दर्ज किया गया। इन शहरों में गंगटोक, कारवार, कोलार, कोप्पल, मदिकेरी, मदुरै, नयागढ़, पालकालाइपेरुर, रामनाथपुरम, सिलचर आदि शामिल थे। हालांकि कल से देश में बेहतर वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में 150 फीसदी का इजाफा हुआ है।
आंकड़ों के मुताबिक देश में आइजोल सहित 61 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक बना हुआ है। इन शहरों में पूर्णिया, राजसमंद, रामनगर, सलेम, सांगली, सतना, शिवमोगा, सिलीगुड़ी, सिरोही, शिवसागर, सुआकाती, टेन्सा, तिरुपति, तिरुपुर, विजयपुरा, विजयवाड़ा आदि शहर शामिल थे। वहीं कल के मुकाबले देखें तो देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में 17 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।
देश में दिल्ली के पड़ोसी शहर फरीदाबाद की बात करें तो वहां कल से प्रदूषण में अच्छी-खासी गिरावट आई है, जहां 36 अंक गिरावट वायु गुणवत्ता सूचकांक 166 पर पहुंच गया है। मतलब की फरीदाबाद में प्रदूषण 'खराब' से 'मध्यम' स्तर पर पहुंच गया है। फरीदाबाद की तरह ही देश के 107 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम बना हुआ है।
इन शहरों में अगरतला, आगरा, अहमदाबाद, अहमदनगर, अजमेर, अम्बाला, अंगुल, अंकलेश्वर, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बद्दी, बदलापुर, बालासोर, बल्लभगढ़, बांसवाड़ा, बारां, बारबिल, बरेली, बाड़मेर, बैरकपुर, बठिंडा, बेंगलुरु, बेतिया, भागलपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवंडी, भोपाल, भुवनेश्वर, बिहारशरीफ, बिलासपुर, बोईसर, बूंदी, बक्सर, ब्यासनगर, बर्नीहाट, चंद्रपुर, चिकबलपुर, चित्तौड़गढ़, कुड्डालोर, कटक, दावनगेरे, देवास, धारूहेड़ा, धौलपुर, धुले, फरीदाबाद, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गया, गुवाहाटी, हावेरी, हैदराबाद, इंफाल, इंदौर, जबलपुर, जैसलमेर, जलना, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, कल्याण, कांचीपुरम, करौली, कटनी, खन्ना, खुर्जा, कोल्हापुर, कोटा, मालेगांव, मंगुराहा, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नागपुर, नलबाड़ी, नारनौल, नवी मुंबई, पाली, पलवल, पंचकुला, पानीपत, प्रतापगढ़, प्रयागराज, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, रानीपेट, रतलाम, ऋषिकेश, रोहतक, राउरकेला, रूपनगर, सागर, सहरसा, सासाराम, सोलापुर, टोंक, तुमकुरु, उदयपुर, उज्जैन, वापी, वाराणसी, वातवा, वेल्लोर, विशाखापत्तनम, वृंदावन शामिल हैं।
कुल मिलाकर देखें तो देश के सात फीसदी से कुछ अधिक शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर है। वहीं करीब 23 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक है, जबकि देश के 70 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक बने हुए हैं।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 02 नवंबर 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 269 में से 20 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 61 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि एक नवंबर 2024 यह आंकड़ा 52 दर्ज किया गया था। 108 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।
दूसरे शहरों की तुलना में अमृतसर (368) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 400 के करीब पहुंच गया है। वहीं कल अम्बाला में स्थिति सबसे ज्यादा खराब थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 367 तक पहुंच गया था। वहीं आज दिल्ली प्रदूषण के मामले में छठे स्थान पर है। जहां एक्यूआई 316 दर्ज किया गया। इसी तरह लुधियाना (339), जींद (337), श्रीगंगानगर (333), गाजियाबाद (330), सिवान (317) और करनाल (303) में भी स्थिति 'बेहद खराब' बनी हुई है।
गौरतलब है कि कल से दिल्ली के प्रदूषण में 23 अंकों की गिरावट आई है। इसके बाद वहां एक्यूआई 316 रिकॉर्ड किया गया। मतलब की हवा 'बेहद खराब' बनी हुई है। दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 166, गाजियाबाद में 330, गुरुग्राम में 209, नोएडा में 269, ग्रेटर नोएडा में 250 पर पहुंच गया है।
देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 208 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘खराब’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 245, चेन्नई में 71, चंडीगढ़ में 277, हैदराबाद में 117, जयपुर में 248 और पटना में 282 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 20 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अरियालूर, दमोह, गडग, गंगटोक, कारवार, कोलार, कोप्पल, मदिकेरी, मदुरै, नयागढ़, पालकालाइपेरुर, रामनाथपुरम, सिलचर, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुनेलवेली, उडुपी शामिल रहे।
वहीं आइजोल, अलवर, अमरावती, अनंतपुर, अररिया, आरा, बागलकोट, बारीपदा, बेलगाम, बीदर, ब्रजराजनगर, चामराजनगर, चेंगलपट्टू, चेन्नई, छाल, चिक्कामगलुरु, चित्तूर, कोयंबटूर, धारवाड़, डिंडीगुल, डूंगरपुर, गुम्मिडिपूंडी, हसन, हुबली, झांसी, कलबुर्गी, करूर, कटिहार, क्योंझर, किशनगंज, कोहिमा, कोल्लम, कोरबा, कुंजेमुरा, मैहर, मांडीखेड़ा, मंगलौर, मिलुपारा, मैसूर, नाहरलगुन, ऊटी, पीथमपुर, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, पूर्णिया, राजसमंद, रामनगर, सलेम, सांगली, सतना, शिवमोगा, सिलीगुड़ी, सिरोही, शिवसागर, सुआकाती, टेन्सा, तिरुपति, तिरुपुर, विजयपुरा, विजयवाड़ा, यादगीर आदि 61 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।