
देश में प्रदूषण का ग्राफ हर दिन बदलता रहता है, जहां कल हनुमानगढ़ की हवा सबसे खराब थी। वहीं केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 28 अप्रैल 2025 को जारी आंकड़ों के मुताबिक आज गुरूग्राम की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 295 दर्ज किया गया है। इस दौरान गुरूग्राम में ओजोन हावी रहा।
हालांकि बता दें कि कल सबसे ज्यादा प्रदूषित शहर रहे हनुमानगढ़ के आंकड़े आज जारी नहीं किए गए हैं।
वहीं राजधानी दिल्ली आज प्रदूषण के मामले में दूसरे स्थान पर है, जहां एक्यूआई 266 रिकॉर्ड किया गया है। दिल्ली की हवा में कल की तरह आज भी प्रदूषण के महीन कण पीएम10 हावी है। कमोबेश ऐसी ही स्थिती भिवाड़ी की है जो देश का तीसरा सबसे प्रदूषित शहर है। भिवाड़ी में वायु गुणवत्ता सूचकांक 257 दर्ज किया गया है।
वहीं बद्दी (247) चौथे, जबकि झुंझुनूं (237) पांचवें स्थान पर है। इसी तरह छठे स्थान पर मौजूद अगरतला में भी वायु गुणवत्ता खराब है। इन तीनों शहरों में ओजोन का स्तर तय मानकों से कहीं ज्यादा बना हुआ है।
देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों की लिस्ट में बठिंडा (228) सातवें जबकि गाजियाबाद (223) आठवें स्थान पर बना हुआ है। इन दोनों शहरों में पीएम2.5 हावी है। इसी तरह काशीपुर (221) और नोएडा (209) में भी हवा 'खराब' है, यह दोनों शहर नौवें और दसवें स्थान पर हैं।
रुझानों पर नजर डालें तो देश के दस शहरों में हवा आज भी खराब है। इन शहरों की गिनती में कल से कोई बदलाव नहीं हुआ है और स्थिति जस की तस बनी हुई है।
दूसरी तरफ मदिकेरी की हवा सबसे साफ है, जहां एक्यूआई 22 दर्ज किया गया। हालांकि बता दें कि मदिकेरी की हवा भी विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा तय मानकों पर खरी नहीं है।
वहीं देश के सबसे प्रदूषित शहर गुरूग्राम की तुलना मदिकेरी से करें तो वहां स्थिति 12 गुणा ज्यादा खराब है।
मदिकेरी की तरह ही देश के 32 अन्य शहरों में हवा साफ है। इन शहरों में चेन्नई, चिकबलपुर, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दमोह, गुवाहाटी, हुबली, कलबुर्गी, मदिकेरी, मदुरै, मुजफ्फरपुर, नगांव, पालकालाइपेरुर, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनाथपुरम, सिलचर आदि शामिल हैं। अच्छी खबर यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 32 फीसदी का इजाफा हुआ है।
आंकड़ों के मुताबिक देश में गोरखपुर सहित 87 शहरों की वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है। इन शहरों में झांसी, कडपा, कल्याण, कन्नूर, कटनी, कोहिमा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोप्पल, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, लुधियाना, महाड, मुंबई, मैसूर, नागपुर, नांदेड़, नवी मुंबई, नयागढ़, परभनी, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, प्रयागराज, रायरंगपुर, राजसमंद, ऋषिकेश, सागर, सलेम, सासाराम, शिवमोगा, सिंगरौली, सिरोही, शिवसागर, सिवान, सोलापुर आदि शामिल हैं।
चिंता की बात यह है कि कल से देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में 13 फीसदी की गिरावट आई है।
इसी तरह देश में अहमदाबाद सहित छोटे बड़े 63 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में दर्ज की गई।
इन शहरों में छपरा, चित्तौड़गढ़, चुरू, दौसा, देहरादून, देवास, धनबाद, डूंगरपुर, दुर्गापुर, गांधीनगर, ग्रेटर नोएडा, ग्वालियर, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलना, जालौर, जोधपुर, कानपुर, करौली, क्योंझर, खन्ना, खुर्जा, कोटा, लखनऊ, मालेगांव, मंडीदीप, मेरठ, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, नागौर, नासिक, पाली, पटियाला, पीथमपुर, प्रतापगढ़, पुणे, रतलाम, राउरकेला, सवाई माधोपुर, सीकर, श्रीगंगानगर आदि शामिल हैं।
कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 20 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है। विश्लेषण से पता चला है कि देश के जहां 17 फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं 38 फीसदी में हालात चिंताजनक बने हुए है। 45 फीसदी शहरों में स्थिति संतोषजनक है।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 193 में से 33 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। 87 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 27 अप्रैल 2025 को यह आंकड़ा 100 दर्ज किया गया था।
63 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।दूसरे शहरों की तुलना में गुरूग्राम (295) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 300 के करीब पहुंच गया। कल हनुमानगढ़ में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब एक्यूआई 380 रिकॉर्ड किया गया।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में इजाफा हुआ है। इसके साथ ही 20 अंकों के उछाल के साथ दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 266 पर पहुंच गया। हालांकि दिल्ली में वायु गुणवत्ता खराब श्रेणी में बनी हुई है। वहीं आज एक बार फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं।
गौरतलब है कि पिछले तीन महीनों जनवरी, फरवरी और मार्च 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।
आंकड़ों के अनुसार प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज बद्दी चौथे स्थान पर है, वहीं दिल्ली (266) दूसरे, जबकि भिवाड़ी (257) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 151, गाजियाबाद में 223, गुवाहाटी में 49, गुरूग्राम में 295, नोएडा में 209, ग्रेटर नोएडा में 178 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 86 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक’ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 179, चेन्नई में 35, चंडीगढ़ में 139, हैदराबाद में 66, जयपुर में 168 और पटना में 70 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 33 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल, आरा, बागलकोट, भिलाई, चामराजनगर, चेन्नई, चिकबलपुर, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दमोह, गुवाहाटी, हुबली, कलबुर्गी, मदिकेरी, मदुरै, मुजफ्फरपुर, नगांव, पालकालाइपेरुर, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनाथपुरम, सिलचर, सिलीगुड़ी, श्री विजया पुरम, सूरत, तंजावुर, तिरुमाला, तिरुनेलवेली, वापी, वेल्लोर, वृंदावन शामिल हैं।
वहीं आगरा, अकोला, अलवर, अमरावती, अंकलेश्वर, अरियालूर, बदलापुर, बरेली, बारीपदा, बैरकपुर, बेलापुर, बेंगलुरु, भागलपुर, भिवंडी, भुवनेश्वर, बोईसर, ब्रजराजनगर, बक्सर, बर्नीहाट, चंद्रपुर, चेंगलपट्टू, चित्तूर, कटक, दावनगेरे, धौलपुर, डिंडीगुल, एलूर, फिरोजाबाद, गया, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, हल्दिया, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जलगांव, झालावाड़, झांसी, कडपा, कल्याण, कन्नूर, कटनी, कोहिमा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोप्पल, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, लुधियाना, महाड, मुंबई, मैसूर, नागपुर, नांदेड़, नवी मुंबई, नयागढ़, परभनी, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, प्रयागराज, रायरंगपुर, राजसमंद, ऋषिकेश, सागर, सलेम, सासाराम, शिवमोगा, सिंगरौली, सिरोही, शिवसागर, सिवान, सोलापुर, टेन्सा, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, तिरुचिरापल्ली, तिरुपति, तिरुपुर, उदयपुर, उज्जैन, वाराणसी, वातवा, विजयवाड़ा, विरार, विशाखापत्तनम आदि 87 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।