एयर क्वालिटी ट्रैकर: प्रदूषण में अव्वल भिवाड़ी, दिल्ली में भी 300 के करीब पहुंचा एक्यूआई

कल से देखें तो देश में खराब हवा वाले शहरों की गिनती में करीब पांच फीसदी का इजाफा हुआ है
एयर क्वालिटी ट्रैकर: प्रदूषण में अव्वल भिवाड़ी, दिल्ली में भी 300 के करीब पहुंचा एक्यूआई
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प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का सिलसिला लगातार जारी है। आज 12 फरवरी 2025 को देश के जहां महज चार फीसदी शहरों में हवा साफ रही। वहीं दूसरी तरफ देश के करीब 68 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक बने हुए हैं।

इन शहरों में भिवाड़ी की स्थिति सबसे ज्यादा खराब रही, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 327 रिकॉर्ड किया गया है। गौरतलब है कि कल बर्नीहाट में स्थिति सबसे ज्यादा खराब थी, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 351 रिकॉर्ड किया गया।

प्रदूषण के मामले में आज तालचेर दूसरे स्थान पर रहा, जहां एक्यूआई 324 रिकॉर्ड किया गया। इसी तरह कुंजेमुरा तीसरे स्थान पर है, जहां सूचकांक 314 दर्ज किया गया है। इन तीनों ही शहरों में वायु गुणवत्ता 'बेहद खराब' बनी हुई है।

राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो कल से प्रदूषण के स्तर में 22 अंकों का इजाफा हुआ है, जिसके साथ ही वहां एक्यूआई बढ़कर 293 तक पहुंच गया है। फरीदाबाद में भी ऐसी ही स्थिति है जहां कल से प्रदूषण के स्तर में 27 अंकों का इजाफा हुआ है। हालांकि वहां अभी भी वायु गुणवत्ता मध्यम स्तर पर बनी हुई है।

दिल्ली की तरह ही देश के 22 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता 'खराब' बनी हुई है। इन शहरों में अहमदनगर, अररिया, आसनसोल, बक्सर, चरखी दादरी, दौसा, दिल्ली, दुर्गापुर, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, गुरूग्राम, गुवाहाटी, हाजीपुर, मंडीदीप, मुजफ्फरपुर, नगांव, नलबाड़ी, पटना, रतलाम, राउरकेला, सवाई माधोपुर, सिलीगुड़ी, वापी शामिल हैं।

कल से देखें तो देश में खराब हवा वाले शहरों की गिनती में करीब पांच फीसदी का इजाफा हुआ है।

वहीं दूसरी तरफ देश में तिरुनेलवेली की हवा सबसे साफ रही, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 32 रिकॉर्ड किया गया है। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर भिवाड़ी से तुलना करें तो तिरुनेलवेली की हवा नौ गुणा साफ है।

तिरुनेलवेली की तरह ही देश के आठ अन्य शहरों में हवा साफ बनी हुई है। इन शहरों में चामराजनगर, चिक्कामगलुरु, गडग, झांसी, कांचीपुरम, कोलार, मैहर, थूथुकुडी, तिरुनेलवेली, आदि शामिल हैं। हालांकि कल से तुलना करें तो देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 18 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।

रुझानों के मुताबिक देश में आगरा सहित 67 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक दर्ज की गई है। इन शहरों में ऊटी, पालकालाइपेरुर, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, राजसमंद, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, सागर, शिवमोगा, सिलचर, सिरोही, शिवसागर, सूरत, ठाणे, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, उदयपुर, वाराणसी आदि शामिल हैं।

कल से तुलना करें तो देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में 22 फीसदी का इजाफा हुआ है।

इसी तरह देश में अहमदाबाद सहित 134  शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में बनी हुई है। कल से देखें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में करीब दो फीसदी का इजाफा हुआ है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 11 फरवरी 2025 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 236 में से महज 9 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 67 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 10 फरवरी 2025 को यह आंकड़ा 55 दर्ज किया गया।

134 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में भिवाड़ी (327) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां आज एक्यूआई 340 के करीब पहुंच गया। वहीं कल बर्नीहाट में हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 351 दर्ज किया गया था।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 22 अंकों का भारी इजाफा हुआ है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर बढ़कर 293 पर पहुंच गया, मतलब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता ‘खराब' स्तर पर बनी हुई है।

गौरतलब है कि जनवरी 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली में हवा जहरीली न हो। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया था।

देखा जाए तो देश में प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। प्रदूषण के मामले में आज दिल्ली चौथे स्थान पर है, वहीं भिवाड़ी (327) दूसरे, जबकि तालचेर (324) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो फरीदाबाद में इंडेक्स 191, गाजियाबाद में 194, गुरुग्राम में 237, नोएडा में 177, ग्रेटर नोएडा में 222 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 115 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 156, चेन्नई में 103, चंडीगढ़ में 173, हैदराबाद में 98, जयपुर में 188 और पटना में 206 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 9 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें चामराजनगर, चिक्कामगलुरु, गडग, झांसी, कांचीपुरम, कोलार, मैहर, थूथुकुडी, तिरुनेलवेली शामिल हैं।

वहीं आगरा, आइजोल, अजमेर, अकोला, अलवर, अमरावती, अनंतपुर, अरियालूर, बद्दी, बदलापुर, बरेली, बेंगलुरु, भागलपुर, भिलाई, भुवनेश्वर, बिलासपुर, चेंगलपट्टू, छपरा, चिकबलपुर, चित्तूर, कुड्डालोर, कटक, दावनगेरे, देहरादून, धारवाड़, धुले, फिरोजाबाद, हसन, हुबली, हैदराबाद, जबलपुर, कडपा, कलबुर्गी, कल्याण, कन्नूर, करूर, कटिहार, खन्ना, कोलकाता, मदिकेरी, मदुरै, मुरादाबाद, मैसूर, नागपट्टिनम, नाहरलगुन, ऊटी, पालकालाइपेरुर, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, राजसमंद, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, सागर, शिवमोगा, सिलचर, सिरोही, शिवसागर, सूरत, ठाणे, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, उदयपुर, वाराणसी, विजयवाड़ा आदि 67 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का सिलसिला लगातार जारी है। आज 12 फरवरी 2025 को देश के जहां महज चार फीसदी शहरों में हवा साफ रही। वहीं दूसरी तरफ देश के करीब 68 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक बने हुए हैं।

इन शहरों में भिवाड़ी की स्थिति सबसे ज्यादा खराब रही, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 327 रिकॉर्ड किया गया है। गौरतलब है कि कल बर्नीहाट में स्थिति सबसे ज्यादा खराब थी, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 351 रिकॉर्ड किया गया।

प्रदूषण के मामले में आज तालचेर दूसरे स्थान पर रहा, जहां एक्यूआई 324 रिकॉर्ड किया गया। इसी तरह कुंजेमुरा तीसरे स्थान पर है, जहां सूचकांक 314 दर्ज किया गया है। इन तीनों ही शहरों में वायु गुणवत्ता 'बेहद खराब' बनी हुई है।

राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो कल से प्रदूषण के स्तर में 22 अंकों का इजाफा हुआ है, जिसके साथ ही वहां एक्यूआई बढ़कर 293 तक पहुंच गया है। फरीदाबाद में भी ऐसी ही स्थिति है जहां कल से प्रदूषण के स्तर में 27 अंकों का इजाफा हुआ है। हालांकि वहां अभी भी वायु गुणवत्ता मध्यम स्तर पर बनी हुई है।

दिल्ली की तरह ही देश के 22 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता 'खराब' बनी हुई है। इन शहरों में अहमदनगर, अररिया, आसनसोल, बक्सर, चरखी दादरी, दौसा, दिल्ली, दुर्गापुर, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, गुरूग्राम, गुवाहाटी, हाजीपुर, मंडीदीप, मुजफ्फरपुर, नगांव, नलबाड़ी, पटना, रतलाम, राउरकेला, सवाई माधोपुर, सिलीगुड़ी, वापी शामिल हैं।

कल से देखें तो देश में खराब हवा वाले शहरों की गिनती में करीब पांच फीसदी का इजाफा हुआ है।

वहीं दूसरी तरफ देश में तिरुनेलवेली की हवा सबसे साफ रही, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 32 रिकॉर्ड किया गया है। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर भिवाड़ी से तुलना करें तो तिरुनेलवेली की हवा नौ गुणा साफ है।

तिरुनेलवेली की तरह ही देश के आठ अन्य शहरों में हवा साफ बनी हुई है। इन शहरों में चामराजनगर, चिक्कामगलुरु, गडग, झांसी, कांचीपुरम, कोलार, मैहर, थूथुकुडी, तिरुनेलवेली, आदि शामिल हैं। हालांकि कल से तुलना करें तो देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 18 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।

रुझानों के मुताबिक देश में आगरा सहित 67 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक दर्ज की गई है। इन शहरों में ऊटी, पालकालाइपेरुर, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, राजसमंद, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, सागर, शिवमोगा, सिलचर, सिरोही, शिवसागर, सूरत, ठाणे, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, उदयपुर, वाराणसी आदि शामिल हैं।

कल से तुलना करें तो देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में 22 फीसदी का इजाफा हुआ है।

इसी तरह देश में अहमदाबाद सहित 134  शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में बनी हुई है। कल से देखें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में करीब दो फीसदी का इजाफा हुआ है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 11 फरवरी 2025 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 236 में से महज 9 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 67 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 10 फरवरी 2025 को यह आंकड़ा 55 दर्ज किया गया।

134 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में भिवाड़ी (327) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां आज एक्यूआई 340 के करीब पहुंच गया। वहीं कल बर्नीहाट में हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 351 दर्ज किया गया था।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 22 अंकों का भारी इजाफा हुआ है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर बढ़कर 293 पर पहुंच गया, मतलब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता ‘खराब' स्तर पर बनी हुई है।

गौरतलब है कि जनवरी 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली में हवा जहरीली न हो। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया था।

देखा जाए तो देश में प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। प्रदूषण के मामले में आज दिल्ली चौथे स्थान पर है, वहीं भिवाड़ी (327) दूसरे, जबकि तालचेर (324) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो फरीदाबाद में इंडेक्स 191, गाजियाबाद में 194, गुरुग्राम में 237, नोएडा में 177, ग्रेटर नोएडा में 222 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 115 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 156, चेन्नई में 103, चंडीगढ़ में 173, हैदराबाद में 98, जयपुर में 188 और पटना में 206 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 9 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें चामराजनगर, चिक्कामगलुरु, गडग, झांसी, कांचीपुरम, कोलार, मैहर, थूथुकुडी, तिरुनेलवेली शामिल हैं।

वहीं आगरा, आइजोल, अजमेर, अकोला, अलवर, अमरावती, अनंतपुर, अरियालूर, बद्दी, बदलापुर, बरेली, बेंगलुरु, भागलपुर, भिलाई, भुवनेश्वर, बिलासपुर, चेंगलपट्टू, छपरा, चिकबलपुर, चित्तूर, कुड्डालोर, कटक, दावनगेरे, देहरादून, धारवाड़, धुले, फिरोजाबाद, हसन, हुबली, हैदराबाद, जबलपुर, कडपा, कलबुर्गी, कल्याण, कन्नूर, करूर, कटिहार, खन्ना, कोलकाता, मदिकेरी, मदुरै, मुरादाबाद, मैसूर, नागपट्टिनम, नाहरलगुन, ऊटी, पालकालाइपेरुर, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, राजसमंद, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, सागर, शिवमोगा, सिलचर, सिरोही, शिवसागर, सूरत, ठाणे, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, उदयपुर, वाराणसी, विजयवाड़ा आदि 67 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

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