
अगरतला के प्रदूषण में कल से भारी गिरावट आई है, जो बेहद हैरान कर देने वाली है। कल जहां अगरतला में वायु गुणवत्ता 'बेहद खराब' थी वो आज सीधे 'साफ' हो गई है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 25 अप्रैल 2025 को जारी आंकड़ों के मुताबिक अगरतला में आज जो वायु गुणवत्ता सूचकांक 28 दर्ज किया गया है, वो कल 339 रिकॉर्ड किया गया था। मतलब की कल से इसमें 301 अंकों का सुधार आया है।
रुझानों पर नजर डालें तो आज देश में उत्तर प्रदेश के बागपत शहर की हवा सबसे खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 289 दर्ज किया गया है। वहीं 265 अंकों के साथ कुंजेमुरा दूसरे जबकि मुजफ्फरनगर (260) तीसरे स्थान पर है।
राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो कल से प्रदूषण में अच्छा-खासा इजाफा हुआ है। दिल्ली में 31 अंकों के उछाल के साथ सूचकांक 258 पर पहुंच गया है। हालांकि दिल्ली की वायु गुणवत्ता अभी भी 'खराब' बनी हुई है।
गाजियाबाद में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जहां एक्यूआई 250 रिकॉर्ड किया गया है। प्रदूषण के मामले में आज गाजियाबाद पांचवें स्थान पर है। इसी तरह हनुमानगढ़ (240) छठे, जबकि मेरठ (240) सातवें स्थान पर है। देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में आज बारबिल, हाजीपुर, और बिलीपाड़ा भी शामिल हैं।
आंकड़ों के मुताबिक आज देश में 15 शहरों की हवा 'खराब' है। इन शहरों में नोएडा, भिवाड़ी, बुलन्दशहर, ग्रेटर नोएडा और नयागढ़ भी शामिल हैं। चिंता की बात यह है कि कल से देश में 'खराब' हवा वाले शहरों की गिनती में 50 फीसदी का इजाफा हुआ है।
वहीं दूसरी तरफ देश में श्री विजया पुरम की हवा सबसे साफ रही, जहां एक्यूआई 25 दर्ज किया गया है। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर बागपत की तुलना श्री विजया पुरम से करें तो वहां स्थिति करीब 11 गुणा खराब है। श्री विजया पुरम की तरह ही देश के 17 अन्य शहरों में आज हवा साफ है। इन शहरों में अगरतला, बागलकोट, चामराजनगर, गडग, हुबली, कलबुर्गी, मदिकेरी, मीरा-भायंदर, मैसूर, नागपट्टिनम, नाहरलगुन, पालकालाइपेरुर, राजमहेंद्रवरम, रामनाथपुरम आदि शहर शामिल हैं। कल से साफ हवा वाले शहरों की गिनती में पांच फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।
वहीं दूसरी तरफ देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में 15 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है। इसके साथ ही देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती बढ़कर 105 पर पहुंच गई है।
बता दें कि देश में झांसी, कडपा, कल्याण, कांचीपुरम, कन्नूर, करौली, कटिहार, किशनगंज, कोहिमा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, कोप्पल, मदुरै, महाड, मैहर, मालेगांव, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नलबाड़ी, नमक्कल, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, ऊटी, पिंपरी-चिंचवाड, पुदुकोट्टई, रायपुर, राजसमंद, रामनगर, रानीपेट, सागर, सलेम, शिलांग, सिलचर, सिरोही, टेन्सा, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, तिरुपुर, उदयपुर, उज्जैन, उल्हासनगर, वाराणसी आदि शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है।
रुझानों में यह भी सामने आया है कि देश में अहमदाबाद सहित 87 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में चुरू, दमोह, देवास, दुर्गापुर, गांधीनगर, गया, गोरखपुर, गुरूग्राम, ग्वालियर, हापुड, इंफाल, जयपुर, जालंधर, झुंझुनूं, जोधपुर, कानपुर, काशीपुर, कटनी, क्योंझर, खन्ना, खुर्जा, कोरबा, कोटा, लातूर, लखनऊ, लुधियाना, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मंगुराहा, मिलुपारा, मुरादाबाद, मोतिहारी, नागौर, नागपुर, पाली आदि शामिल हैं।
कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में करीब 15 फीसदी की गिरावट आई है।
आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि देश के जहां महज आठ फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं 45 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं, जबकि करीब 47 फीसदी शहरों में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 225 में से महज 18 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। 105 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 24 अप्रैल 2025 को यह आंकड़ा 91 दर्ज किया गया था।
87 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में बागपत (289) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 300 के करीब पहुंच गया। कल अगरतला में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब एक्यूआई 339 रिकॉर्ड किया गया।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में इजाफा हुआ है। इसके साथ ही 31 अंकों के उछाल के साथ दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 258 पर पहुंच गया। हालांकि दिल्ली में अभी भी वायु गुणवत्ता खराब श्रेणी में बनी हुई है। आज एक बार फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं।
गौरतलब है कि पिछले तीन महीनों जनवरी, फरवरी और मार्च 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।
आंकड़ों के अनुसार प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज दिल्ली चौथे स्थान पर है, वहीं कुंजेमुरा (265) दूसरे, जबकि मुजफ्फरनगर (260) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 126, गाजियाबाद में 250, गुवाहाटी में 93, गुरूग्राम में 135, नोएडा में 220, ग्रेटर नोएडा में 210 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 68 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक’ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 154, चेन्नई में 57, चंडीगढ़ में 100, हैदराबाद में 80, जयपुर में 133 और पटना में 198 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 18 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, बागलकोट, चामराजनगर, गडग, हुबली, कलबुर्गी, मदिकेरी, मीरा-भायंदर, मैसूर, नागपट्टिनम, नाहरलगुन, पालकालाइपेरुर, राजमहेंद्रवरम, रामनाथपुरम, शिवमोगा, शिवसागर, श्री विजया पुरम, वापी शामिल हैं।
वहीं अजमेर, अकोला, अलवर, अमरावती, अमरावती, अनंतपुर, अंकलेश्वर, अरियालूर, बदलापुर, बरेली, बारीपदा, बैरकपुर, बेलापुर, बेंगलुरु, भागलपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवंडी, भुवनेश्वर, बोईसर, बक्सर, ब्यासनगर, चंडीगढ़, चेन्नई, छाल, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, चित्तौड़गढ़, कोयंबटूर, कटक, दावनगेरे, देहरादून, धारवाड़, धौलपुर, डिंडीगुल, डूंगरपुर, एलूर, फिरोजाबाद, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, हल्दिया, होसुर, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जैसलमेर, जलगांव, जालौर, झालावाड़, झांसी, कडपा, कल्याण, कांचीपुरम, कन्नूर, करौली, कटिहार, किशनगंज, कोहिमा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, कोप्पल, मदुरै, महाड, मैहर, मालेगांव, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नलबाड़ी, नमक्कल, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, ऊटी, पिंपरी-चिंचवाड, पुदुकोट्टई, रायपुर, राजसमंद, रामनगर, रानीपेट, सागर, सलेम, शिलांग, सिलचर, सिरोही, टेन्सा, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, तिरुपुर, उदयपुर, उज्जैन, उल्हासनगर, वाराणसी, वातवा, वेल्लोर, विजयवाड़ा, विरार, विरुधुनगर, वृंदावन आदि 105 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।