
राजस्थान के श्रीगंगानगर में वायु गुणवत्ता सूचकांक 306 तक पहुंच गया है, जो बेहद खराब श्रेणी में आता है। यहां की हवा में ओजोन के महीन कण हावी हैं, जो स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हैं।
प्रदूषण का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन की सुरक्षित सीमा से 410 फीसदी अधिक है, जिससे लोगों की सेहत पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है।
कल श्रीगंगानगर में वायु गुणवत्ता का स्तर 124 दर्ज किया गया था। मतलब कि कल से वहां प्रदूषण में 182 अंकों का भारी उछाल आया है।
आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि आज देश के जहां 31.2 फीसदी शहरों में हवा साफ है। चिंता की बात यह है कि आज देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में करीब सात फीसदी की गिरावट आई है।
वहीं 57 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि दूसरी तरफ करीब 12 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं। मतलब की देश के ज्यादातर शहरों में आज भी हवा संतोषजनक है।
प्रदूषण के मामले में आज राजस्थान के श्रीगंगानगर की स्थिति सबसे खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 306 दर्ज किया गया। मतलब की वहां वायु गुणवत्ता बेहद खराब श्रेणी में पहुंच गई है। आज श्रीगंगानगर की हवा में ओजोन के महीन कण हावी रहे। वहां फिजाओं में घुला जहर इतना ज्यादा है कि वो लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है।
श्रीगंगानगर में प्रदूषण की स्थिति किस कदर खराब है, इसी बात से समझा जा सकता है कि वहां प्रदूषण का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी सुरक्षित सीमा से 410 फीसदी अधिक है।
गौरतलब है कि कल श्रीगंगानगर में वायु गुणवत्ता का स्तर 124 दर्ज किया गया था। मतलब कि कल से वहां प्रदूषण में 182 अंकों का भारी उछाल आया है।
कल देश में नंदेसरी की हवा सबसे खराब थी। जब वहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 211 दर्ज किया गया था, जो आज 27 अंकों के सुधार के साथ घटकर 184 पर पहुंच गया है। मतलब कि नंदेसरी में एक ही दिन में वायु गुणवत्ता खराब से मध्यम श्रेणी में पहुंच गई है।
दूसरी तरफ आज एक बार फिर देश में शिलांग की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 10 रिकॉर्ड किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर श्रीगंगानगर की तुलना शिलांग से करें तो वहां स्थिति 30 गुणा खराब है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 24 सितम्बर 2025 को जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि आज देश के जहां 31.2 फीसदी शहरों में हवा साफ है। चिंता की बात यह है कि आज देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में करीब सात फीसदी की गिरावट आई है।
वहीं 57 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि दूसरी तरफ करीब 12 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं। मतलब की देश के ज्यादातर शहरों में आज भी हवा संतोषजनक है।
राजधानी दिल्ली की बात करें तो वहां कल से प्रदूषण में गिरावट आई है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक घटकर 120 पर पहुंच गया। हालांकि वहां अभी भी वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। बता दें कि दिल्ली में प्रदूषण का स्तर सुरक्षित सीमा से 700 फीसदी अधिक है।
आंकड़ों में यह भी सामने आया है कि आज प्रदूषित शहरों में बिहार का औरंगाबाद दूसरे स्थान पर है, जहां एक्यूआई 229 दर्ज किया गया। मतलब की वहां हवा 'खराब' बनी हुई है। इसी तरह 185 अंकों के साथ गुम्मिडिपूंडी तीसरे जबकि नंदेसरी (184) चौथे स्थान पर है। बद्दी (172) और काशीपुर (163) में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो आज प्रदूषित शहरों की लिस्ट में पांचवें और छठे स्थान पर हैं।
ग्रेटर नोएडा में भी स्थिति कोई खास अच्छी नहीं, जो आज 161 अंकों के साथ प्रदूषित शहरों में सातवें पायदान पर है। इसी तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में आज मंडी गोबिंदगढ़ (147), बुलन्दशहर (145) और गाजियाबाद (143) भी शामिल हैं।
विश्लेषण से यह भी पता चला है कि आज जहां औरंगाबाद (बिहार), गुम्मिडिपूंडी, नंदेसरी, मंडी गोबिंदगढ़, भिवाड़ी, लखनऊ, दिल्ली, समस्तीपुर आदि शहरों की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) हावी हैं। वहीं बद्दी, काशीपुर, ग्रेटर नोएडा, बुलन्दशहर, गाजियाबाद, नोएडा, सिवान, धौलपुर, राउरकेला, मुरादाबाद, मेरठ, मैहर, गुरूग्राम, हापुड, टोंक, दौसा, वापी आदि में पीएम10 से स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।
इन शहरों के विपरीत आज दश के 69 शहरों में हवा साफ है। इन शहरों में दुर्गापुर, गंगटोक, गया, हल्दिया, हावेरी, हुबली, इंदौर, जलगांव, कलबुर्गी, करूर, क्योंझर, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, महाड, मीरा-भायंदर, मुंबई, मुंगेर, मैसूर, नाहरलगुन, नलबाड़ी, नासिक, नयागढ़, पालकालाइपेरुर, पेरुंदुरई, पुडुकोट्टई, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनाथपुरम, सहरसा, शिलांग, सिलचर, शिवसागर, सोलापुर आदि शामिल हैं।
चिंता की बात यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में करीब सात फीसदी की गिरावट आई है।
वहीं दूसरी तरफ आज देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में करीब छह फीसदी का इजाफा हुआ है। इसके साथ ही देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती बढ़कर 126 पर पहुंच गई।
देश के जिन शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है, उनमें कटक, दमोह, देहरादून, देवास, धनबाद, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गोरखपुर, गुवाहाटी, ग्वालियर, हाजीपुर, हनुमानगढ़, होसुर, हावड़ा, हैदराबाद, जबलपुर, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलना, जालौर, झालावाड़, झांसी, झुंझुनूं, जोधपुर, कडपा, कल्याण, कन्नूर, कानपुर, करौली, कटिहार, कटनी, खन्ना, खुर्जा, कोहिमा, कोटा, मालेगांव, मंडीदीप, मंगलौर, मंगुराहा, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागौर, नागपुर, नांदेड़, नवी मुंबई, पाली, पंचगांव, परभनी शामिल हैं।
इन शहरों के विपरीत आज देश के 24 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में बद्दी, भिवाड़ी, बुलन्दशहर, दौसा, दिल्ली, धौलपुर, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, गुरूग्राम, हापुड, काशीपुर, लखनऊ, मैहर, मंडी गोबिंदगढ़, मेरठ, मुरादाबाद, नंदेसरी, नोएडा, राउरकेला, समस्तीपुर, सिवान, टोंक, वापी शामिल हैं।
राहत की खबर यह है कि कल से देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 29 फीसदी से अधिक की गिरावट आई है।
क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 221 में से 69 (-6.8 फीसदी) शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) है। 126 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) रिकॉर्ड किया गया, गौरतलब है कि 23 सितम्बर 2025 को यह आंकड़ा 119 दर्ज किया गया था।
24 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में श्रीगंगानगर (306) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 310 के करीब पहुंच गया। कल नंदेसरी में वायु गुणवत्ता सूचकांक 211 रिकॉर्ड किया गया था।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में गिरावट आई है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक छह अंकों की गिरावट के साथ घटकर 120 पर पहुंच गया। मलतब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता आज भी मध्यम श्रेणी में बनी हुई है। वहीं आज फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं।
गौरतलब है कि पिछले दो-तीन महीनों में जून, जुलाई और अगस्त के दौरान दिल्ली की वायु गुणवत्ता ज्यादातर दिन संतोषजनक रही। वहीं जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।
प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज नंदेसरी चौथे स्थान पर है, वहीं औरंगाबाद (बिहार) (229) दूसरे, जबकि गुम्मिडिपूंडी (185) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 88, गाजियाबाद में 143, गुवाहाटी में 52, गुरूग्राम में 107, नोएडा में 126, ग्रेटर नोएडा में 161 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 49 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘बेहतर‘ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 128, चेन्नई में 73, चंडीगढ़ में 68, हैदराबाद में 65, जयपुर में 91 और पटना में 63 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 69 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, अमरावती (आंध्रप्रदेश), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बागलकोट, बालासोर, बारबिल, बारीपदा, बैरकपुर, बेगूसराय, बेलापुर, भुवनेश्वर, बोईसर, ब्रजराजनगर, चामराजनगर, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कोयंबटूर, दावनगेरे, धुले, डिंडीगुल, डूंगरपुर, दुर्गापुर, गंगटोक, गया, हल्दिया, हावेरी, हुबली, इंदौर, जलगांव, कलबुर्गी, करूर, क्योंझर, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, महाड, मीरा-भायंदर, मुंबई, मुंगेर, मैसूर, नाहरलगुन, नलबाड़ी, नासिक, नयागढ़, पालकालाइपेरुर, पेरुंदुरई, पुडुकोट्टई, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनाथपुरम, सहरसा, शिलांग, सिलचर, शिवसागर, सोलापुर, सुआकाती, तालचेर, टेन्सा, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, तिरुनेलवेली, तिरुपुर, विरार, यादगीर शामिल हैं।
वहीं आगरा, अहमदाबाद, अहमदनगर, अजमेर, अकोला, अलवर, अमरावती (महाराष्ट्र), अमृतसर, अनंतपुर, अंगुल, अंकलेश्वर, अररिया, अरियालूर, आरा, आसनसोल, बदलापुर, बागपत, बांसवाड़ा, बारां, बरेली, बाड़मेर, बठिंडा, बेंगलुरु, बेतिया, भागलपुर, भरतपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवंडी, भोपाल, बिहार शरीफ, बीकानेर, बिलासपुर, बिलीपाड़ा, बूंदी, बक्सर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चेंगलपट्टू, चेन्नई, छपरा, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, चुरू, कुड्डालोर, कटक, दमोह, देहरादून, देवास, धनबाद, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गोरखपुर, गुवाहाटी, ग्वालियर, हाजीपुर, हनुमानगढ़, होसुर, हावड़ा, हैदराबाद, जबलपुर, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलना, जालौर, झालावाड़, झांसी, झुंझुनूं, जोधपुर, कडपा, कल्याण, कन्नूर, कानपुर, करौली, कटिहार, कटनी, खन्ना, खुर्जा, कोहिमा, कोटा, मालेगांव, मंडीदीप, मंगलौर, मंगुराहा, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागौर, नागपुर, नांदेड़, नवी मुंबई, पाली, पंचगांव, परभनी, पटियाला, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुणे, राजसमंद, रतलाम, ऋषिकेश, रूपनगर, सागर, सांगली, सासाराम, सतना, सवाई माधोपुर, शिवमोगा, सीकर, सिलीगुड़ी, सिरोही, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तुमिडीह, उदयपुर, उल्हासनगर, वाराणसी, वातवा, विशाखापत्तनम, वृंदावन आदि 126 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।